Friday, January 15, 2021

एक यात्रा महारानी भाग्यवती के द्वारा अपने पति महाराज संग्राम सिंह की याद में बनवाये गए रहस्यमई और अलौकिक मंदिर की - ग्राम साॅका , नरसिंह गढ़ वन्य अभ्यारण मध्य प्रदेश भारत A visit to the mysterious and supernatural temple built by Queen Bhagyavati in memory of her husband Maharaj Sangram Singh - Village Saka, Narsingh Garh Wildlife Sanctuary Madhya Pradesh India

Ek yatra khajane ki khoje 


  





        16 वी 17 वीं शताब्दी  केेेेे दौरान महारानी भाग्यवती द्वारा 
                                बनवाया गया मंदिर
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By Maharani Bhagyavati during the 16th to 17th centuries

 Temple built
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नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं मध्य प्रदेश की एक छोटे से गांव जो पार्वती नदी के किनारे और नरसिंह गढ़ वन्य जीव अभयारण्य में स्थित है और यहीं पर मौजूद है एक अलौकिक मंदिर जिससे एक पत्नी ने अपने पति के याद में बनबाया था। सदियों पहले।






 दोस्तों प्रत्येक वर्ष यहां पर माघ महीने में एक मेले का आयोजन किया जाता है। जो इस क्षेत्र में बहुत ही प्रसिद्ध है।दोस्तों यह मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध है इस क्षेत्र के लोगों में परंतु बाहरी लोगों को इस मंदिर के बारे में कोई जानकारी नहीं है। यह 16 वी  ,17 वीं शताब्दी में उस समय के और उस क्षेत्र के तत्कालीन सम्राट संग्राम सिंह की याद में उनकी धर्मपत्नी महारानी भाग्यवती द्वारा बनवाया गया था।दोस्तों माना जाता है कि राजा संग्राम सिंह की मृत्यु मुगल सैनिकों से लड़ते वक्त हुई थी जिनकी याद में महारानी ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। दोस्तों यह अद्भुत एवं अलौकिक प्रेम की अनमोल धरोहर है जिसे एक पतिव्रता पत्नी ने अपने सबसे कीमती रत्न यानी अपने सबसे प्रिय वस्तु अपने प्राणों से भी प्यारे पति की याद में बनवाया था। जो अब तक बाहरी लोगों के नजरों से ओझल था दोस्तों इसे अब राज्य सरकार द्वारा संरक्षित कर दिया गया है।





                             खूबसूरत कलाकृतियां
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                            Beautiful artifacts
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 दोस्तों जैसे ही आप इस मंदिर प्रांगण में प्रवेश करोगे आप अचंभित हो जाओगे क्योंकि आपके सामने होगा मालवा और राजस्थानी प्रभाव को दर्शाता हुआ बहुत ही खूबसूरत कलाकृतियां।दोस्तों दीवारों पर बहुत ही सुंदर चित्रों को उकेरा गया है एवं बहुत ही सुंदर और नक्काशीदार पत्थरों और ईंटों का इस्तेमाल इस मंदिर के निर्माण में किया गया है।दोस्तों यह मंदिर मध्य प्रदेश के घने जंगलों में स्थित 35 वे वन्य जीव अभ्यारण में स्थित है।इस अभ्यारण्य को हम सभी नरसिंहगढ़ वन्य जीव अभ्यारण के नाम से जानते हैं। दोस्तों नरसिंहगढ़ वन जीव अभ्यारण ने को 1978 में स्थापित किया गया था।दोस्तों यह क्षेत्र यानी यह अभयारण्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण राजगढ़ जिले के सबसे खूबसूरत जगहों में से एक जाना जाता है।   दोस्तों आपको जानकर यह आश्चर्य होगा कि यह क्षेत्र  "मालवा के कश्मीर "  के रूप में प्रसिद्ध है।  और दोस्तों ऊपर से इन जंगलों में स्थित यह अद्भुत मंदिर इस क्षेत्र में चार चांद लगा देती है। 









 दोस्तों चांदनी रात में इस अलौकिक मंदिर में रुकना एक अलग ही अनुभूति प्रदान करती है। दोस्तों चांद की रोशनी जब इन कलाकृतियों पर पड़ती हैं तो मानो वे सजीव यानी वे गहरी नींद्रा से जाग उठती हैं और उस कालखंड के बिते हुए इतिहास चलचित्र के भांति तैरने लगती हैं मानों हम स्वयं उस बिते हुए अतित में पहुंच गए हों  । राज - रानी की मधुर आवाजें , घोड़े - हाथियों और सैनिकों की चलने की आवाजें कानों में मधुर रस की भांति घुलने लगती हैं ,  साथ ही साथ दोस्तों जंगल में चलने वाली ठंडी हवाएं शरीर के रोम रोम में एक  रोमांच पैदा कर देती हैं।






                        युद्ध को दर्शाती मूर्तियां
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                             War sculptures
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 दोस्तों यहां मौजूद रूहानी शक्तियां आप को मदहोश कर देगी इस खूबसूरत पल को अपने अंदर महसूस करने में। दोस्तों ऐसा लगता है कि मानो स्वर्ग से परियां उतर आई हो इस खूबसूरत मंदिर के प्रांगण में और प्रेम में पागल अपने पति की याद में एक पत्नी की प्रेम गाथा को बहुत ही रुहानियत तरीके से आपके सामने पेश कर रही हो। जो आप को मजबूर कर देती है इस प्रेम मंदिर में रुकने पर।दोस्तों क्या बताऊं मैं व्याख्यान नहीं कर सकता हूं अपने इस अनुभव को की रात से सुबह कैसे बीत जाता है पता ही नहीं चल पाता है ।







 दोस्तों इस अभयारण्य के बीच में एक झील स्थित है जो  चिड़खो झील  के नाम से प्रसिद्ध है दोस्तों प्राचीन काल में इस क्षेत्र के राजा , महाराजा शिकार खेलने आते थे इस अभयारण्य में एवं झील में स्नान आदि किया करते थे। परंतु दोस्तों वह बीते हुए कल की बातें हैं। अब तो वर्तमान समय में यह झील पर्यटकों का पसंदीदा जगह बना हुआ है। और साथ ही साथ प्रवासी पक्षियों का भी जो काफी दूर दूर का सफर करके इस झील में पहुंचते हैं प्रवास करने और साथ ही साथ प्रजनन भी करते हैं ।और उनके बच्चे जब बड़े हो जाते हैं तब वे अपने मूल स्थान की ओर अपने बच्चों को लेकर उड़ जाते हैं।



              कहानियों को दर्शाती बहुत ही खूबसूरत मूर्तियां
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          Very beautiful sculptures depicting stories
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 दोस्तों मध्य प्रदेश की राज्य पक्षी " दूधराज "
 जिसे हम सभी  " सुल्तान बुलबुल "  के नाम से भी जानते हैं इसी अभयारण्य में पाए जाते हैं।एवं हमारे राष्ट्रीय पक्षी मोर भी इस अभयारण्य में बहुत बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। दोस्तों अभयारण्य के मयूर पार्क क्षेत्र में बड़ी संख्या में जंगली जानवर पाए जाते हैं साथ ही साथ बड़ी संख्या में सांभर , चीतल  एवं नीलगाय पाए जाते हैं। जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।









दोस्तों साका गांव में स्थित यह अलौकिक मंदिर एवं नरसिंहगढ़ वन्यजीव अभयारण्य भोपाल से 90 किलोमीटर , इंदौर से 221 किलोमीटर एवं राजस्थान के कोटा से 278 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 
                        दोस्तों हम जैसे घुमक्कड़ यात्रियों या कहे तो खोजकर्ताओं ने इस खोई कोई विरासत को लोगों को सामने लाने का बीड़ा उठाया है ताकि इस अद्भुत और अलौकिक अपने पूर्वजों की विरासत को संरक्षित किया जा सके और संसार को दिखा सके कि हमारी विरासत कितनी उच्च कोटि की थी ।अतः आप सभी से इस मंदिर की यात्रा पर जरूर आएं और अपनी विरासत को देखकर गौरवान्वित महसूस करें। 










                  धन्यवाद दोस्तों

         
         माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗

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               English translate
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                    बीते हुए कल को दर्शाती है मूर्तियां
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  Hello friends, I heartily greet all of you mountain lepards Mahendra, Friends, today I am taking you on a journey of a small village in Madhya Pradesh situated on the banks of Parvati River and in the Narsingh Garh Wildlife Sanctuary and present here  There is a supernatural temple built by a wife in memory of her husband.  Centuries ago.










 Friends, a fair is organized here every year in the month of Magha.  Which is very famous in this area. Friends, this temple is very famous among the people of this region but outsiders have no information about this temple.  It was built in the 16th, 17th century by his wife Maharani Bhagyavati in memory of the then emperor Sangram Singh of that region. Friends are believed to have died while fighting Mughal soldiers.  This temple was built by the Queen in the year.  Friends, this is a precious heritage of wonderful and supernatural love, which was made by a loving wife in memory of her most precious gem, her most beloved object, even with her life.  Friends, which were hitherto lost from the eyes of outsiders, it has now been protected by the state government.



             देवकन्याओं और देवी देवताओं को दर्शाती मूर्तियां
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       Statues depicting Devakanya and Goddesses
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 Friends, as soon as you enter this temple courtyard you will be astonished because you will have in front of you beautiful paintings depicting the Malwa and Rajasthani influence. Two beautiful paintings are engraved on the two walls and very beautiful and carved stones and bricks.  Has been used in the construction of this temple. Friends, this temple is located in the 35th Wildlife Sanctuary located in the dense forests of Madhya Pradesh. This sanctuary is known as Narsinghgarh Wildlife Sanctuary.  Friends Narsinghgarh Wildlife Sanctuary was established in 1978. Friends, this region i.e. this sanctuary is known to be one of the most beautiful places in Rajgarh district due to its natural beauty.  Friends, you will be surprised to know that this region is famous as "Kashmir of Malwa".  And friends, this wonderful temple situated in these forests from above adds four moons to this region.










 Friends, staying in this supernatural temple on the moonlit night gives a different feeling.  Friends, when the light of the moon falls on these artifacts, it is as if they wake up from the deep, deep sleep and float like the history movie of that time period, as if we ourselves have reached that spent time.  The sweet sounds of the Raj-queen, the sound of horse-elephants and soldiers walking in the ears dissolve like sweet juices, as well as the cool winds that blow in the friends forest make the body a thrill in Rome.





         भगवान गणेश और राम सीता लक्ष्मण को दर्शाती मूर्तियां
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         Statues depicting Lord Ganesha and Rama Sita Lakshman
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 Friends, the spiritual powers present here will drown you in feeling this beautiful moment inside you.  Friends, it seems as if a fairy has descended from heaven, presenting the love saga of a wife to you in a beautiful way in the courtyard of this beautiful temple and in the memory of her husband who is madly in love.  Which compels you to stay in this love temple. What to tell friends, I cannot lecture how my experience is passed from night to morning.










 Friends, a lake is situated in the middle of this sanctuary, which is famous as the Chidkho lake. In ancient times, the king of this region, the Maharaja used to come to play hunting in this sanctuary and used to bathe in the lake.  But friends, that is a thing of the past.  Now in the present time this lake remains a favorite place of tourists.  And also the migratory birds that travel far and wide to reach this lake, they migrate as well as breed. And when their children grow up they take their children to their native place.  Fly away.









 Friends "Dudhraj", the state bird of Madhya Pradesh

 Which we all know by the name of "Sultan Bulbul" are also found in this sanctuary. And our national bird peacock is also found in large number in this sanctuary.  A large number of wild animals are found in the Mayur Park area of ​​the Friends sanctuary, as well as a large number of sambar, chital and nilgai.  Which attract tourists.









 This supernatural temple and Narsinghgarh Wildlife Sanctuary located in Friends Saka village is 90 km from Bhopal, 221 km from Indore and 278 km from Kota in Rajasthan.

 Friends like us nomadic travelers or, say, explorers have pioneered to bring this lost heritage to the people to preserve this wonderful and supernatural heritage of their ancestors and show the world how highly our heritage was  Therefore, definitely visit all of you on a visit to this temple and feel proud to see your heritage.



                                     चिड़खो झील
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                                    Chirkho Lake
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              Thanks guys




 Mountain Leopard Mahendra 🧗🧗




                                     प्रवेश द्वार
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                                     Entry Gate
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