Friday, June 26, 2020

एक खतरनाक यात्रा mountain lappord Mahendra के संग भाग -6 का अगला अध्याय

Ek yatra khajane ki khoje



                           ताम्बाखानी गुफा का रहस्य
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नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं  जैसा कि दोस्तों कल आप लोगों ने पिछले अध्याय में पढ़ा कि कैसे हम सभी लोग  गमगीन माहौल में  सदियों से बिछड़े अपने पिछले जन्म के संगे संबंधियों से  मिलने के बाद हमारे आंखों के आंसुओं का सैलाब रूकने को नहीं रूक रही थी । और हम सभी लोग एक दूसरे की आंसुओं को पोछ रहें थे । और वहां के रहने वाले लोगों का भी यही हाल था  । वे सभी भी अपने आंसुओं को रोक नहीं पा रहे थे। उनके आंखों से भी आंसुओं के सैलाब बह रहें थे । और सभी लोग हमें घेरे हुए थे  । और सभी लोग हमसे बातें करना चाहते थे । और सभी लोग मिलकर हमे अपने कंधे पर उठा लिए थे ।हमारा जयघोष करने लगे थे । तभी महाराज की कड़कदार आवाज सुनाई देती हैं । और सभी लोग उनकी ओर देखने लगते हैं । और फिर वे बोलते हैं कि हमारे बच्चों को कंधे पर पर ही उठाये रखो गे आपलोग की आरती भी उतारोगे । और फिर वे महारानी जी को संबोधित करते हुए बोलते हैं कि महारानी जी आप सबसे पहले  हमारी बहुओं और बेटो का आरती  उतारिए और इन्हें महल के अंदर ले चलिए । थक गए होंगे ये लोग । क्योंकि बहुत ही लम्बा सफर तय कर के आ रहें हैं ये लोग ।  उनकी बातें सुनकर मां और बड़ी मां ने हम सब कि आरती उतारी और तिलक लगाकर हमारे लिए स्वागत गीत गाई गई। और फिर क़िले के दरवाजे से लेकर  हमारे महल के दरवाजे तक बांस का बना हुआ दौरा  रखा गया । जिसमें हमे पांव रखकर महल में पहुंचना था । ंऔर  यह प्रक्रिया होने से पहले  एक बड़ा सा थाल या फिर जिसे परात कहते हैं जो कि पितल का बना होता है लाया गया । जिसमें लाल रंग भरा हुआ था । और सबसे पहले पुष्पांजलि जी और उनकी बहनों की पैरों को रंगा गया । क्योंकि वे लोग इस राजघराने की बहूएं थी और और हम सभी की धर्म पत्नियां   उनके पैरों को रंगने के  बहुत ही खूबसूरत सा दिखने वाले चुनरियों को उनके सर पर रखा गया । जिससे वे सभी बहनें नई नवेली दुल्हन की तरह दिखने लगी । बहुत ही खूबसूरत लग रही थी वे ।  पता है दोस्तों आप लोगों को बांस की टोकरियों इस तरह सजा कर रखा गया था कि हम सभी एक साथ महल के अंदर पहुंचते ।  तभी बड़ी मां बोलती हैं बेटी सबसे पहले आपलोग  पितल के लोटे में रखें हुए चावल को अपने दाहिने पैर के अंगूठे से नीचे गिरा दिजिए और अपने पैरों को  टोकरी में रखेंगे और आप लोग अपनी  पत्नियों के पिछे पिछे आगे बढ़ेंगे  । और फिर उनके चुनरियों के साथ हमारे  शेरवानी के दुपट्टे के साथ बांध दिया गया । और फिर हम अपनी पत्नियों के पिछे पिछे टोकरियों में पैर रखते हुए आगे बढ़ने लगे ।  और महलों के छतों में मौजूद नर और नारियां हम फुलों की वर्षा करने लगे । और हमारे लिए झुम झुम कर ढोल और मंजिरो और नगाड़ों के साथ स्वागत गीत गाने गाने लगे ।क्या बताऊं दोस्तो इस समय पुरा का पुरा माहौल खुशियों से भरा हुआ था ।।





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English translate
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Secret of Tambakhani Cave

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 Hello friends, I am a mountain leopard Mahendra, a warm welcome to all of you, as friends, you read in the last chapter, how we all have tears of our eyes after meeting with relatives of our previous birth, who have been separated for centuries in an inconsiderate atmosphere.  The flood of water was not stopping.  And we were all wiping each other's tears.  And the people living there had the same condition.  Not all of them could stop their tears.  There was a flow of tears from his eyes as well.  And all the people surrounded us.  And everybody wanted to talk to us.  And all the people together had lifted us on their shoulders. We started crying.  Then the loud voice of Maharaj is heard.  And everybody starts looking at them.  And then they say that keep our children on your shoulder, you will also perform aarti for your people.  And then, while addressing Maharanji, he says that Maharanji, you should first perform the aarti of our daughters-in-law and beto and take them inside the palace.  These people must be tired.  Because these people are coming after traveling a long way.  Hearing their talk, mother and elder mother performed the aarti of all of us and sung a welcome song for us by applying tilak.  And then a tour made of bamboo was placed from the door of the fort to the door of our palace.  In which we had to reach the palace with our feet.  And before this process was done, a big plate or what is called parat which was made of bile was brought.  Which was filled with red color.  And the first wreath was painted on the feet of Ji and his sisters.  Because they were the daughters-in-law of this royal family, and the religious wives of all of us, very beautiful looks of their feet were painted on their heads.  Due to which all those sisters started looking like new fledgling brides.  She looked very beautiful.  You know friends, you were decorated with bamboo baskets in such a way that we would all reach inside the palace together.  Then the elder mother says, daughter, first of all, you put the rice in the pit of lotus, drop it down with your right toe and put your feet in the basket and you will move forward behind your wives.  And then tied them with our sherwani dupatta.  And then we started moving forward with our wives in the baskets.  And the males and females present in the roofs of palaces, we started showering flowers.  And for us Jhum Jhum Kar Dhol and Manjiro and welcome songs with Nagadas began to sing. What can I tell friends? The whole atmosphere of Pura was full of joy at this time.


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   दोस्तों   और हम सभी एक एक टोकरियों मैं अपने पैरों को रखते हुए आगे बढ़ते जा रहे हैं बढ़ते जा रहे हैं और लगभग 100 टोकरियों को पार करके   हम सभी महल के दरवाजे पर पहुंच ही गए।  भाइयों क्या बोलु महल का रौनक देखते ही बन रहा था । तभी हमारी नजर  महल के मुख्य दरवाजे पर पड़ती है । और हम सभी   आश्चर्य चकित होकर देखते ही रह जाते हैं वहां पर हमारी बहनें  आप को याद दिला दूं  पिछले जन्म कि    और  जो घर पर थी दोनों एक समान थीं  ।  सिर्फ  स्थान अलग-अलग थे।  और  जिन्दगी एक  परन्तु शरीर दो अलग-अलग जगहों पर मौजूद थी।  दोस्तों कभी कभी तो लगता है जैसे हमलोग गहरी नींद में सोये हुए हैं और सपनों की दुनिया में खोये हुए हैं  । दोस्तों अलग बात यह है कि   इस जिंदगी में   पुष्पांजलि जी हमारे साथ नहीं थी लेकिन इस लोक में आते ही   पुष्पांजलि जी हमारे  जिंदगी में  आ जाती हैं  और हमारी जिंदगी में एक नई उम्मीद लेकर   ।  तभी   हमारी बहनों की आवाज ने हमे उनकी ओर  आकर्षित किया  जो दौड़कर सिढ़ियो से उतर रही थी  और निचे आते ही हमारे गले लग गई ।  और शिकायत करने लगीं हमे छोड़कर कहां चल गये थे भईया । हम हर राखी पुजा पर आपलोगो की राह देखते देखते रहती थी ।  और अंत में अपनी भाभियों को राखी बांध कर  संतोष करके रह जाती थी । और हमे पुरा विश्वास था कि आप सभी एक दिन  वापस जरूर आयेंगे । और आज हम सभी बहनें धन्य हो गई वापस अपने भाइयों को पाकर ।                                         


   



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English translate
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Friends and we all keep moving our feet in each basket, we are moving forward and after crossing 100 baskets we all reached the palace door.  Brothers, Bolu was being built on seeing the beauty of the palace.  That is when our eyes are on the main door of the palace.  And all of us are amazed at the surprise there, let our sisters remind you that both the previous birth and the one at home were identical.  Only the locations were different.  And life was present in one but two different places.  Friends, sometimes it seems like we are fast asleep and lost in the dream world.  Friends, the different thing is that Pushpanjali ji was not with us in this life, but after coming to this world, Pushpanjali ji comes into our life and with a new hope in our life.  Then the voice of our sisters attracted us to those who were running down the stairs and embraced us as soon as they came down.  And started complaining where did we leave us brother?  We used to keep looking at people on every Rakhi Puja.  And in the end, she tied her rakhi to her sisters-in-law and lived with satisfaction.  And we fully believed that all of you would definitely come back one day.  And today all our sisters are blessed after getting their brothers back.

   

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और इसके बाद  हमारी बहनों ने    हमारे माथे पर तिलक लगाकर  अपने भाभियों के साथ हमे महल के अंदर ले गईं । महल के अंदर आते ही   हम पुरी तरह से भावुक हो हों चुके थे क्योंकि यह वही जगह था  जहां हम भाइयों और बहनों के साथ खेला करते थे ।  और सबसे बड़ी बात यह थी महल के दिवारो पर  हमारी बड़ी बड़ी तस्वीरें लगी हुई थी जो बचपन से लेकर जवानी तक के थे ।  इन सबमें सबसे प्यारी तस्वीरें  थी जिसमें हम सभी अपने अपने पिताजी के गोद में बैठे हुए थे और एक तस्वीर में हम सभी भाई बहनें   बड़े पापा  के कंधे पर पर बैठे हुए थे ।  बहुत ही भावुक करने वाला पल था ।  


धन्यवाद दोस्तों आगे कि वृतांत मैं कल सुनाऊंगा ।

           धन्यवाद दोस्तों

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English translate
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And after this our sisters put tilak on our forehead and took us inside the palace with their sisters.  We had become completely emotional as soon as we came inside the palace because it was the place where we used to play with brothers and sisters.  And the biggest thing was that there were big pictures of us on the walls of the palace, which were from childhood to youth.  The most beloved of these was the pictures in which we were all sitting on our father's lap and in one picture all of us siblings were sitting on the shoulder of the elder father.  It was a very emotional moment.



 Thank you guys, I will narrate the episode tomorrow.


 Thanks guys

Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...