Thursday, June 25, 2020

एक खतरनाक यात्रा mountain lappord Mahendra के संग भाग 6- अगला अध्याय

Ek yatra khajane ki khoje





          ताम्बाखानी गुफा का रहस्य
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   नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं । जैसा कि दोस्तों आप लोगों ने पिछले अध्याय में पढ़ा कि कैसे मैं अतित के सपने में खोया हुआ था कि तभी पुष्पांजलि जी की आबाज सुनाई देती हैं कि चलें हमलोग महल में वहां पर सभी लोग हमारा  राह देख रहे होंगे।  और हम सभी लोग महल की ओर बढ़ने लगते हैं ।   दोस्तों  आगे आगे हम चल रहे थे और पिछे पिछे हमारी सेना कदम से कदम ताल मिलाते हुए आगे बढ़ रही थी । उनके भारी जुतों की आवाज से मानो लग रही थी कि भुचाल आ गई हों । और पुल थर थर कांप रही थी । मानो अब गीरी की तब गीरी  । लेकिन भाईयों यह सिर्फ एक पुल ही नहीं थी बल्कि एक महा विशालकाय पुल थी  । और  इस पुल को बनाने वाले लोग भी इस पौराणिक पुल की ही तरह महान इंजिनियर होगें । तभी तो इतना शानदार निर्माण कर पाये होंगे । तभी राजा भाई मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए कहता है  कि भाई हम सभी लोग तो यहां पर आकर एक तरह से पिछले जन्म में वापस आ गये हैं । और शायद महल में पहुंचने के बाद  हमारे धर्म पत्नियों की ही तरह हमारे माता-पिता भी  जीवित होंगे ।  तों हमारे इस जन्म के माता-पिता का क्या होगा जो हमारे इंतजार में घर पर  परेशान होंगी । क्योंकि हमे घर से निकले हुए महिनों बित गया है ।  पिता जी गुस्से से लाल हो रहें होंगे । और लाठी लेकर हमलोगो का इंतजार कर रहे होंगे । हमारी बातें सुन कर बबली भाभी बोलती हैं  कि पापा तो मुझे घर में ही नहीं घुसने नहीं देंगे । और जब उन्हें पता चलेगा कि हम दोनों पिछले जन्म के पति पत्नी है तो मजा आ जायेगा । और जब मैं उन्हें अपने पिछले जन्म कि कहानी सुनाऊंगी तो वे लोग अचम्भित हों जाएंगे ।कि कैसे मैं महासंग्राम में युद्ध करते हुए एक महान योद्धा की तरह  ब्रह्मास्त्र के द्वारा अपने पति देव के साथ साथ वीरगति को प्राप्त हो गई थी । तभी टिंकू भाई बोलता है कि वो सब तो ठीक है भाभी जी  लेकिन अभी तो वे लोग परेशान ही हों रहें होंगे । और तो और वे लोग पुलिस में रिपोर्ट दर्ज भी करबा दिया होगा कि हम सभी लोग पहाड़ों में कहीं खो गये हैं । तभी संतोष भाई बोलते हैं कि और तो और अभी तक तो हमारी खोज में पर्वतारोहीयो का दल भी निकल पड़ा होगा हमारी खोज खबर लेने । तभी अखिलेश भाई बोलते हैं कि लेकिन वे लोग यहां तक पहुंच ही नहीं पायेंगे । और हम सभी लोग बातें करते करते महल के दरवाजे पर कब पहुंच गये पता ही नहीं चला क्योंकि हम सभी लोग बातें करने में ध्यानमग्न थे। कि तभी भोपूओ एक प्रकार का बाजा  और नगाड़ों की आवाज ने हमारा ध्यान तोड़ दिया  । इन नगाड़ों की आवाज सुनकर ऐसा लग रहा था कि कि मानों हम किसी महासंग्राम के लिए प्रस्थान कर रहे हों । और तभी महल का दरवाजा खुलता है और हम पर फुलों की वर्षा होने लगती हैं और शंखों की ध्वनी पुरे वातावरण को गुंजायमान किये हुए थी  । और महल के अंदर की ओर जाने वाली रास्ते के दोनों ओर  वहां की जनता हमारी उदघोष कर रही थी। और उनकी पलके हमे देखने के लिए उतावले हुए जा रही थी । 




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 English translate
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Secret of Tambakhani Cave

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 Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.  As you guys read in the last chapter, how I was lost in Atit's dream that when Pushpanjali Ji's voice is heard, let's go to the palace where everyone will be looking at us.  And we all start moving towards the palace.  Friends, we were moving forward and behind us, our army was advancing in step.  It was as if the sound of his heavy shoes seemed to have made the movements.  And the bridge was trembling.  It is as if it is a fall of giri.  But ladies, it was not just a bridge but a great giant bridge.  And the people who build this bridge will be great engineers just like this mythical bridge.  Only then would you have been able to make such a magnificent construction.  Then the king puts his hand on my shoulder and says that brother, all of us have come here and have come back in a previous way.  And perhaps after reaching the palace, our parents will be alive like our religious wives.  So what will happen to our birth parents who will be upset at home waiting for us.  Because we have spent months coming out of the house.  Father must be turning red with anger.  And we will be waiting for people with sticks.  Babli sister-in-law, after listening to our words, says that my father will not let me enter the house.  And when they know that both of us are husband and wife of previous birth, then it will be fun.  And when I tell them the story of my previous birth, they will be amazed. How I, like a great warrior, had received Veeragati along with my husband Dev by fighting Brahmastra while fighting in Mahasangram.  That's why Tinku Bhai says that all is fine, sister-in-law, but now those people must be getting upset.  Moreover, those people would have even lodged a police report that all of us have been lost somewhere in the mountains.  That is why Santosh Bhai says that even then, in our search, a team of mountaineers has also left to seek our news.  Then Akhilesh Bhai says that but those people will not be able to reach here.  And we all did not know when we reached the palace door while talking because we all were meditative in talking.  That is when a kind of musical instrument and the sound of drums broke our attention.  Hearing the sound of these drums, it seemed as if we were leaving for a mahanagram.  And then the door of the palace opens and we start to see the rain of flowers and the sound of conchs resonating the entire atmosphere.  And on both sides of the path leading to the inside of the palace, the people there were raising our voice.  And their eyelashes were raring to see us.



 

तभी हमारी नजर बड़े से दरवाज़े के नीचे जाती हैं  वहां पर महाराज और महारानी स्वयं आरती की थाल लिए हुए खड़ी थी हमारी स्वागत करने के लिए और सबसे अचंभित करने वाली बात थी कि वे सभी बिल्कुल वैसे ही दिख रहे थे । जैसा कि इस जन्म में हमारे मम्मी पापा थे । बिल्कुल वैसे ही कद काठी के हम सब हैरान थे अचंभित थे लेकिन खुश भी थे । और सोच रहे थे कि हमारे माता-पिता यहां है तो घर पर कौन हैं । और यहां पर हमारे सामने  राजा महाराजाओं के पोशाक में हमारे माता-पिता ही होंगे।   क्योंकि लगातार उनके आंखों से आंसुओं की धारा बहे जा रही थी । और तभी महारानी जी जो कि मां की जैसी ही थी दौड़ कर मेरे गले लग गई ।  कहां चला गया था मेरा बेटा  अपनी मां को छोड़कर   मेरी तो आंखें ही पथरा गई थी  तुम लोगों की राह देखते देखते  । और तुम्हारी बड़ी मां और चाची ताई तों तुम्हरा
 और तुम्हारे भाईयों के इंतजार में  पागल सी हो गई है ।कि तुम लोग कब लौट के आओगे और तुम लोगों के इंतजार में कई सदियां बीत गई  । अरे बच्चों तुम लोग वहां क्या कर रहे  जाकर अपनी  अपनी मां के गले लग जाओ  देखो वे कैसे रो रही हैं और सभी दौड़कर  राजा  टिंकू संतोष अजय और अखिलेश भाई  अपनी अपनी मां के गले लग जाते हैं  । बिल्कुल लग ही नहीं रहा था कि इस जन्म कि मां और पिछले जन्म कि मां में कोई फर्क था ।लग रहा था दोनों एक जान दो शरीर है । फर्क बस इतना सा था कि वे घर पर हैं  और ये इस लोक में । 



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Then our eyes go under the big door, where the Maharaj and the Empress were standing there with aarti on their own to welcome us and the most surprising thing was that they all looked exactly the same.  As our parents were in this birth.  In the same way, we were all surprised by the height of the saddle, were surprised but also happy.  And wondering if our parents are here then who are at home.  And here in front of us will be our parents in the dress of the King Maharajas.  Because the stream of tears was continuously flowing from his eyes.  And then the Queen, who was like a mother, ran and hugged me.  Where did my son leave his mother, my eyes were stoned, looking at you guys.  And your elder mother and aunt Tai Tong are yours



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 And you have become mad in waiting for your brothers. When will you return and many people have passed in waiting for you.  Hey children, what are you doing there and get hugged by your mother, see how she is crying, and all running, Raja Tinku Santhosh Ajay and Akhilesh Bhai hug their mother.  There was no feeling that there was any difference between the mother of this birth and the mother of the previous birth. It seemed that both are one life and two bodies.  The only difference was that they are at home and in this world.



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  की  तभी  एक संन्यासी जैसा युवक हमारे पास आता है। अरे वाह इसे  तो मैं पहचानता हूं  यह तो हमारा बचपन का दोस्त और महान् योद्धा   भोजपती हैं  जो अपने हाथों में  तलवार लेकर आया था । और घुटनों पर बैठ कर मुझसे बोला मेरे दोस्त   यह तलवार  सदियों से तुम्हरा इंतजार कर रहा था  । अब आप आ गये हैं तो आप अपने इस महान तलवार को धारण कर लिजिए । क्योंकि कि इसकी शक्ति अपरम्पार हैं  । और आप सभी ने इन तलवारों को स्वयं माता शक्ति के  हाथों से प्राप्त किया है । इसलिए इन तलवारों को आप ही लोग धारण कर सकते हैं।  जय माता शक्ति।  और फिर मंत्र उच्चारण के द्वारा उन तलवारों को हमे सौप देता है । और मैं उसे अपने गले से लगा   लेता हूं   और बहुत देर तक हम सभी गले लगे रहते क्योंकि मिले भी तो हम है सदियों बाद। तभी  राजा भाई की मम्मी की आवाज ने हमारा ध्यान  उनकी ओर खिचता है  वो बोल रही थी कि मेरे बच्चों सिर्फ अपने दोस्तों के गले लगोगे अपनी मां की नहीं। और बाहें फैला कर हमे अपने पास बुलाने लगी। और दौड़कर हम सभी अपने बड़ी मां के गले लग गये। 

दोस्तों क्या बताऊं बहुत ही  गमगीन माहौल था सभी लोग एक एक करके हमें गले लगा रहे थे । और उनके आंखों से आंसुओं की धारा बह रही थी । और हम भी अपने आप को रोक नहीं पा रहे थे और हमारे आंखों से भी आंसुओं की धारा बह रही थी ।  

धन्यवाद दोस्तों आगे कि वृतांत मैं कल सुनाऊंगा  । इस समय मेरे पास शब्द नहीं है वर्णन करने के लिए ।  


धन्यवाद दोस्तों

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4

 That is when a young man like a monk comes to us.  Oh wow, I recognize this is our childhood friend and great warrior Bhojpati who brought a sword in his hands.  And sitting on my knees said to me my friend this sword was waiting for you for centuries.  Now that you have come, then you should carry this great sword of your own.  Because its power is infinite.  And all of you have received these swords from the hands of Mother Power yourself.  Therefore, you can bear these swords.  Jai Mata Shakti.  And then chants those swords to us by chanting the mantra.  And I hug him with my neck and we all kept hugging for a long time because we have met after centuries.  That's when the voice of Raja Bhai's mother caught our attention, she was saying that my children will only embrace their friends and not their mother's.  And spread out arms and started calling us with him.  And we all hugged our elder mother after running.


 Friends, tell me it was a very warm atmosphere, everybody was embracing us one by one.  And a stream of tears was flowing from their eyes.  And we too could not stop ourselves and tears were flowing from our eyes.


 Thank you guys, I will narrate the episode tomorrow.  At this time I do not have the words to describe it.



 Thanks guys

 

Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

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