Wednesday, March 3, 2021

भारत वर्ष की सबसे प्राचीन नटराज की प्रतिमा - उड़िसा भारत वर्ष Statue of the oldest Nataraja of India - Odisha India .

Ek yatra khajane ki khoje














                       प्राचीन प्रतिमा भगवान नटराज की
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  नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आप सभी जो यह प्रतिमा देख रहे हैं यह भारत वर्ष की सबसे प्राचीन नटराज की प्रतिमा है ।










 दोस्तों माना जाता है कि यह भारत वर्ष की सबसे प्राचीन भगवान शिव की नटराज रूप वालीं प्रतिमा है  जिसे चौथी शताब्दी के आसपास निर्माण किया गया था । दोस्तों  प्रतिमा के नीचे नागा वंश के महाराजा सत्रुभंजा का 13 पंक्तियों का  शिलालेख  के रूप में उल्लेखित किया गया है जिसमें पाटलिपुत्र और  तटीय राज्य उड़िसा में विदेशी मूल के  कुषाण शासकों और मुरूंडा शासकों के साथ कई विजयी लड़ाईयां लड़ी थी ।इन सब बातों का शिलालेख में उल्लेख किया गया है । साथ ही साथ यह शिलालेख बताता है कि उसके सम्राज्य की सीमा  पूरब में गुहाटी से लेकर  पश्चिम में  संगाला यानी  हिमाचल प्रदेश तक था । 









दोस्तों इसी शिलालेख में उल्लेख है कि उसने अपने साम्राज्य के  धार्मिक और आध्यात्मिक  स्थलों को खुले दिल से मुक्तदान किया था । दोस्तों सत्रुभंजा की  राज्य की राजधानी "आसनपत"  उड़ीसा के क्योंझर जिले में स्थित थी । दोस्तों यह प्राचीन भगवान शिव की नटराज  अवस्था वाली प्रतिमा हमारे पूर्वजों की अनमोल धरोहर है ।






                  धन्यवाद दोस्तों

              माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗

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            English translate
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                    Ancient Statue of Lord Nataraja
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  Hello friends, I am a mountain leopard Mahendra, a warm greetings to all of you guys, all of you who are seeing this statue, it is the oldest Nataraja statue of the year India.










 Friends, it is believed that this is the Nataraja form of the oldest Lord Shiva of India, which was built around the fourth century.  Under the Friends statue, Maharaja Satubhanja of the Naga dynasty is mentioned in a 13-line inscription in which several victorious battles were fought with the Kushan rulers of foreign origin and the Murunda rulers in Pataliputra and the coastal state of Orissa.  Has been mentioned.  At the same time, this inscription states that the extent of his empire ranged from Guhati in the east to Sangala in the west i.e. Himachal Pradesh.







 Friends, it is mentioned in this inscription that he liberated the religious and spiritual sites of his empire with an open heart.  Friends, the state capital of Sasrubhanja "Asanpat" was located in Keonjhar district of Odisha.  Friends, this ancient Nataraja statue of Lord Shiva is a precious heritage of our ancestors.







 Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra                           🧗🧗















 

Ek yatra khajane ki khoje me

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