Saturday, June 19, 2021

एक यात्रा एक ऐसे शिव धाम की जहां से कालांतर में शिव परिवार की मूर्तियां स्वयं अदृश्य हो गई है। भारतवर्ष के अद्भुत अलौकिक एकलिंग्वेश्वर महादेव मंदिर जो प्रत्येक वर्ष सिर्फ 1 दिन के लिए महाशिवरात्रि के दिन वक्त गणों के लिए खोला जाता है- जयपुर राजस्थान भारत. A journey to such a Shiva Dham from where the idols of Shiva family themselves have become invisible over time. India's wonderful supernatural Eklingveshwar Mahadev Temple, which is opened for only 1 day every year on the day of Mahashivratri for the time-Jaipur Rajasthan India.

Ek yatra khajane ki khoje





















  नमस्कार दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं भारतवर्ष के मरुस्थल  कहे जाने वाले राजस्थान के जयपुर शहर की यात्रा पर,  जहां हम देखेंगे पूरे भारत के सबसे चमत्कारी शिव मंदिरों में से एक को। जो अपने अलौकिकता के कारण पूरे भारतवर्ष में प्रसिद्ध है। दोस्तों आप यकीन नहीं करोगे इस मंदिर के रहस्य को जिसे आज तक नहीं सुलझाया गया है।
  
 तो आइए दोस्तों चलते हैं एकलिंग्वेश्वर महादेव मंदिर की यात्रा पर।















  एकलिंग्वेश्वर महादेव मंदिर

       जयपुर - राजस्थान

             भारतवर्ष
 दोस्तों प्राचीन एकलिंग्वेश्वर महादेव मंदिर भारतवर्ष के राजस्थान राज्य के जयपुर शहर में स्थित एक प्राचीन शिवालय है। दोस्तों इस प्राचीन शिवालय के भवन यानी मंदिर का निर्माण आमेर जयपुर के "कुशवाहा" राजवंश के महाराजा "सवाई" जयसिंह द्वितीय जी ने अपने देखरेख में करवाया था।
          दोस्तों उस समय के दस्तावेजों में दर्ज है कि मंदिर की नक्काशी जयपुर रियासत काल के प्रसिद्ध वास्तुविद ब्राह्मण विद्याधर जी ने की थी।













☀️ दोस्तों आश्चर्यजनक रूप से यह अलौकिक सिवालय वर्ष में सिर्फ एक ही बार महाशिवरात्रि के दिन खुलता है। ☀️

 दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि हमारे भारतवर्ष के प्राचीन इतिहास और उसकी ऐतिहासिक घटनाओं की अभिव्यक्ति करने वाले अनेकों प्राचीन दिव्य मंदिर मौजूद है। दोस्तों उन्हीं में से एक है जयपुर स्थित अलौकिक एकलिंग्वेश्वर महादेव मंदिर।
          दोस्तों इस प्राचीन मंदिर की दीवारें जहां प्राचीन राजस्थान की गुलाबी नगरी के इतिहास की अनेकों दंतकथाएं अपने अंदर छुपाई हुई है। दोस्तों वही एक और अद्भुत अलौकिकता इसे भारत के अन्य मंदिरों से अलग बनाती है।
                  दोस्तों इस महादेव मंदिर के दरवाजे श्रद्धालुगण के लिए केवल शिवरात्रि के दिन ही खोले जाते हैं दोस्तों एकलिंग्वेश्वर  महादेव को अत्यंत पवित्र और चमत्कारी माना  गया है।दोस्तों ऐतिहासिकता व मान्यताओं के आधार पर कहा जाता है कि यह प्राचीन मंदिर हमारी सोच से भी ज्यादा पुरानी है यानी दोस्तों जयपुर शहर के बसने से हजारों वर्ष पहले ही इस स्थान पर पवित्र शिवलिंग की स्थापना हो चुकी थी।













 ☀️दोस्तों एकलिंग्वेश्वर मंदिर अपने आप में किसी चमत्कारी घटना से कम नहीं है।☀️
 दोस्तों प्राचीन एक लिंगवे स्वर महादेव मंदिर भगवान भोलेनाथ शिव को समर्पित है दोस्तों जहां मंदिर के गर्भ गृह में भगवान शिव चमत्कारी शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं । वहीं दोस्तों आश्चर्य की बात यह है कि बाबा भोलेनाथ के साथ ना तो माता पार्वती , भगवान गणेश और कार्तिकेय जी     भी नहीं मौजूद है ।
            दोस्तों कहां जाता है कि प्रारंभ में भगवान शिव के साथ शिव परिवार की भी स्थापना की गई थी , लेकिन अद्भुत रूप से कुछ समय बाद शिव परिवार की सभी प्रतिमाएं अपने आप गायब हो गई थी।
        जिसके बाद दोस्तों पुनः एक बार शिव परिवार की स्थापना की गई थी , लेकिन पुनः चमत्कारी रूप से शिव परिवार अदृश्य हो गए थे।दोस्तों कहां जाता है कि इन अलौकिक घटनाओं के बाद फिर से शिव परिवार की मूर्तियों को स्थापित करने का साहस किसी में नहीं हुआ । तब से लेकर आज तक भगवान भोलेनाथ अकेले इस प्राचीन मंदिर में विराजमान हैं।







☀️दोस्तों स्थानीय लोगों से पता चलता है कि यहां रियासत काल में राज परिवार की ओर से पूजा अर्चना की जाती थी। तथा श्रावण माह में रुद्राभिषेक व सहस्त्रघाट का आयोजन किया जाता था दोस्तों आज भी मंदिर की रखरखाव की व्यवस्था जयपुर राज परिवार की तरफ से ही किया जाता है।

बस दोस्तों आज के लिए बस इतना ही।







      धन्यवाद दोस्तों
 
 माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗

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        English translate
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 Hello friends, on today's journey, I am taking you on a journey to the city of Jaipur, Rajasthan, which is called the desert of India, where we will see one of the most miraculous Shiva temples in the whole of India.  Which is famous all over India due to its supernatural.  Friends, you will not believe the mystery of this temple which has not been solved till date.





 So friends, let's go on the journey of Ekalingveshwar Mahadev Temple.





 Eklingveshwar Mahadev Temple


 Jaipur, Rajasthan


 Bharatvarsh






 Friends Ancient Eklingveshwar Mahadev Temple is an ancient pagoda located in Jaipur city of Rajasthan state of India.  Friends, the building of this ancient pagoda i.e. temple was built by Maharaja "Sawai" Jai Singh II of "Kushwaha" dynasty of Amer Jaipur under his supervision.






 Friends, it is recorded in the documents of that time that the carving of the temple was done by Brahmin Vidyadhar ji, a famous architect of the princely state of Jaipur.






 ️ Friends, surprisingly this supernatural pagoda opens only once in a year on the day of Mahashivratri.  ️






 Friends, you will be surprised to know that there are many ancient divine temples expressing the ancient history of our India and its historical events.  Friends, one of them is the supernatural Eklingveshwar Mahadev Temple located in Jaipur.

 Friends, the walls of this ancient temple, where many fables of the history of the pink city of ancient Rajasthan are hidden inside themselves.  Friends, another amazing supernaturality makes it different from other temples of India.

 Friends, the doors of this Mahadev temple are opened for the devotees only on the day of Shivratri. Friends, Eklingveshwar, Mahadev is considered to be extremely holy and miraculous. Friends, it is said on the basis of historicity and beliefs that this ancient temple is older than our thinking.  That is, thousands of years before the settlement of Jaipur city, the holy Shivling was established at this place.








 ️Friends Eklingveshwara temple is no less than a miraculous event in itself.️

 Friends, the ancient one Lingaway Swara Mahadev Temple is dedicated to Lord Bholenath Shiva, where Lord Shiva is seated in the form of a miraculous Shivling in the sanctum sanctorum of the temple.  On the other hand, the surprising thing is that neither Mata Parvati, Lord Ganesha and Kartikeya ji are present with Baba Bholenath and at the same time Baba Nandi is also not present, friends.







 Where does friends go that initially Shiva family was also established with Lord Shiva, but after some time amazingly all the idols of Shiva family disappeared on their own.







 After which friends once again the Shiva family was established, but again miraculously the Shiva family had disappeared. Friends, where does it go that after these supernatural events, no one has the courage to install the idols of Shiva family again.  happen .  Since then till today Lord Bholenath is sitting alone in this ancient temple.








 Friends, it is known from the local people that during the princely period, worship was done on behalf of the royal family.  And in the month of Shravan, Rudrabhishek and Sahastraghat were organized, friends, even today the arrangement for the maintenance of the temple is done by the Jaipur royal family only.






 That's all for today guys.



 thanks guys






 Mountain Leopard               Mahendra 🧗🧗



















 





 

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