Thursday, July 2, 2020

एक खतरनाक यात्रा mountain lappord Mahendra के संग

Ek yatra khajane ki khoje



              ताम्बाखानी गुफा का रहस्य
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नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं। जैसा कि दोस्तों कल आपलोगो ने पढ़ा कि कैसे मेरे और बाबा के घमासान युद्ध जारी था और हम दोनों में से कोई हारने को तैयार नहीं था । और एक-दूसरे पर वार पर वार किये जा रहें थे  । और लड़ते लड़ते कब सुबह से शाम हो गया पता ही नहीं चला । और लड़ते लड़ते अचानक बिजली कौंधती हैं और हम दोनों की तलवारें आपस में टकराने से चकनाचूर हो हों जाती हैं और हम दोनों निहत्थे हों जातें हैं । तभी बाबा की मुख से आवाज आती हैं अलख निरंजन , अलख निरंजन   और वह खड़े होकर मुस्कुराते हुए बोलते हैं बच्चों मैं तुमसे खुश हूं   । तुम लोग अपने परीक्षा में सफल हुए और अब  तुम लोग दण्डक वन जाने के लिए बिल्कुल तैयार हो ।  तभी मै बोलता हूं रूकिए बाबा आपको कैसे पता कि  हमलोग  दण्डक वन की यात्रा पर निकलने वाले हैं और यहां पर हमारी परीक्षा हों रही थी । तभी बाबा बोलते हैं  गुफा की पश्चिमी मुहाने पर देखो  तुम्हारे पिता श्री और मामा जी बैठे हुए हैं और हम दोनों की  युद्ध कला को देख रहे थे ।   तो हमने देखा कि सही में  गुफा की पश्चिमी मुहाने पर  पिता श्री और मामा जी अपने सैनिकों के साथ बैठक कर हमारी द्वंद्व युद्ध को देख रहे थे । परंतु यह कैसे हो हैं कि हमारी नजर पिता श्री पर नहीं गया ।  हम सभी अचंभित थे तभी पिता श्री और मामा जी हमारी ओर आने लगे ।  और हम लोगों के पास आते ही   बाबा जी को दण्डवत करते हैं । और बाबा जी उन्हें आशीर्वाद देते हैं आयुष्मान भव: और बोलते हैं  सभी राजकुमार बहुत बहादुर हैं  अतः मैं इन्हें विशेष तलवारें भेंट करूंगा जिसे मैंने लोक कल्याण के लिए तपस्या कर भोलेनाथ शिव शंकर से प्राप्त की थी । और जब तक ये तलवारें इनके पास रहेगी   तब तक इन्हें कोई दुश्मन नहीं हरा पायेगा । और बाबा ध्यानमुर्दा में बैठे कर कुछ मंत्रो का जाप करने लगते हैं और कुछ ही छनो में उनके हाथों में  सात तलवारें प्रकट होती हैं । और फिर मंत्रो के उच्चारण द्वारा उन तलवारों को हमे प्रदान करते हैं  फिर भी एक तलवार बाबा के पास बच जाता है   और हम सभी सोचने लगते हैं इस तलवार को बाबा किसे प्रदान करेंगे ।




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Secret of Tambakhani Cave

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 Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.  As friends yesterday, you read how the war of war between me and Baba was going on and neither of us was ready to lose.  And were being attacked on each other.  And when fighting, it was not known from morning to evening.  And while fighting, suddenly the lightning flashes and the swords of both of us get smashed by colliding with each other and we both become unarmed.  That's why Baba's voice comes from Alakh Niranjan, Alakh Niranjan and he stands up and says smiling children, I am happy with you.  You succeeded in your exam and now you are ready to go to Dandak forest.  That's why I say stop Baba, how do you know that we are going to visit Dandak forest and we were being tested here.  Then Baba says, Look at the western mouth of the cave, your father Shri and maternal uncle are sitting and we were looking at the martial arts of both of us.  So we saw that Father Shri and maternal uncle were meeting with their soldiers at the western mouth of the cave and watching our duel war.  But how are we that our eyes did not go on Father Shree.  We were all taken aback when Father Sri and maternal uncle started coming towards us.  And as soon as we come to people, we worship Baba ji.  And Baba ji blesses him Ayushman Bhav: and says all the princes are very brave, so I will offer them special swords which I received from Bholenath Shiv Shankar by doing penance for public welfare.  And as long as these swords remain with them, no enemy will beat them.  And Baba starts reciting some mantras by sitting in the meditation and seven swords appear in his hands in a few days.  And then with the chanting of mantras we provide those swords, yet a sword survives to Baba and we all start thinking to whom Baba will give this sword.



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                         अभी हम लोग सोच ही रहें थे इस बारे में कि तभी बाबा बोलते हैं एक और वलशाली योद्धा हैं जो कि तुम्हारे मामा श्री हैं धर्म वीर  ये भी तुम्हारे साथ जायेंगे दण्डक वन  तुम्हारी सहायता के लिए । इसलिए यह तलवार मैं इन्हें सौंप रहा हूं ।  और बच्चों इन तलवारों को  हमेशा लोगों की मदद करने मे ही करना  अन्यथा तलवारें अपने आप गायब हो जायेंगी ।   अच्छा महाराज मैं अब चलता हूं मेरा समाधी का समय है चुका है । और राजकुमारों के दण्डक वन जाने की तैयारी शुरू कर दें । और यह बोलकर बाबा अंतर्ध्यान हो जातें हैं ।  और हम सभी लोग राजमहल की ओर निकल पड़ते हैं । और जैसे ही हम गुफा से बाहर आते हैं  गुफा भी हमारे आंखों के सामने से ओझल हो जाता है ।  तभी  अजय भाई बोलने लगते हैं  कि अरे  गुफा कहा गायब हो गया ।  और आश्चर्य होकर इधर-उधर देखने लगता है कि तभी तभी पिता श्री बोलते हैं कि   गुफा कहीं नहीं गायब हुआ है वह अपने जगह पर ही हैं  थोड़ी आगे जाकर देखो वह तुम्हें दिखाईं देने लगेगा  । और जैसे ही हम थोड़ी आगे बढ़ कर देखते हैं तो हमें गुफा दिखाई पड़ने लगता है और जैसे ही हम थोड़ी आगे बढ़ते हैं वह हमारे आंखों के सामने से ओझल हो जाता है । तभी पिता श्री बोलते हैं  यही  गुफा हमारा छुपा हुआ  सैन्य ठिकाना है   यही पर हमारे सैनिकों को  प्रशिक्षित किया जाता है जिसे तुम लोगों ने अपनी सुझबुझ से  खोज लिया था ।  अन्यथा यहां  पहली बार में पहुंचना  असंभव है  क्योंकि  मैं  और मेरे भाई लोग भी पहली बार में पहुंच नहीं पाये थे । जब हम सभी लोग तुम्हारी उम्र में प्रशिक्षण ले रहे थे ।  और तुम लोगों के दादा श्री महाराज थे । और हम सभी राजकुमार थे ।  


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Now we were just thinking about that only then Baba speaks another powerful warrior who is your maternal uncle Shri Dharm Veer. He will also go with you Dandak forest to help you.  So I am handing this sword to them.  And children always use these swords to help people, otherwise the swords will disappear on their own.  Ok Maharaj, now I go, my Samadhi time is over.  And start preparing the princes to go to Dandak forest.  And Baba gets angry by saying this.  And we all start towards the palace.  And as soon as we come out of the cave, the cave also disappears before our eyes.  Then Ajay bhai starts saying that hey cave disappeared.  And start to look here and there by surprise that only then Father Shree says that the cave has not disappeared anywhere. He is at his place and go a little further and he will start to see you.  And as soon as we look a little further, we start seeing a cave and as we move a little, it disappears from our eyes.  That is when Father Shri says that this cave is our hidden military base, on which our soldiers are trained, which you guys discovered by your suggestion.  Otherwise it is impossible to reach here in the first place, because my brother and I also could not reach the first time.  When all of us were training at your age.  And your grandfather was Mr. Maharaj.  And we were all princes.


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  दोस्तों  बातें करते करते हम सभी राजमहल की ओर आगे बढ़ रहें थे  । चुकी रात हो चुकी थी  इसलिए घोर अंधेरा था चारों ओर रास्ता बड़ी मुश्किल से दिखाई पड़ रहा था इसलिए एक जगह रुक कर हमलोगो ने मसाले जला ली और आगे बढ़ने का फैसला लिया । और नदी के किनारे किनारे हम सभी आगे बढ़ने लगे । चुंकि बरसात का मौसम था  इसलिए नदी अपने उफान थीं और बहुत ही भयंकर तरीके से गर्जना करते हुए अपनी वेग में वह रही थी । भगवान की कृपा थी कि इस समय  वर्षा रूकी हुई थी । लेकिन रास्ता बहुत ही खराब हो चुका था  जिससे घोड़ों को आगे बढ़ने में काफी परेशानी हो रही थी । अतः हम सभी घोड़ों के पिठ से नीचे उतरकर पैदल ही चलना शुरू कर देते हैं   आगे आगे महाराज चल रहें थे और मैं एकदम  उनके पिछे था   और मामा जी सबसे पिछे  क्योंकि  सैनिकों को  गुफा में ही रूकने का आदेश दे दिया गया था । इसलिए इस समय हम सिर्फ आठ लोग ही थे ।  और हमे राजमहल में पहुंचना जरूरी था क्योंकि माताएं हमारी राह देख रही थी । इसलिए भरी बरसात में भी राजमहल के लिए निकल पड़े थे । हर तरह की मुसीबतों को झेलते हुए । आगे बढ़े जा रहे थे  कि तभी  पीछे वाले घोड़े ने हिनहिनाना शुरू कर दिया  जिसे मामा जी ने पकड़ रखा था । और जैसे ही हम पिछे मुडकर देखते हैं   हम सभी  हड़बड़ा जाते हैं क्योंकि एक बहुत ही बड़ा  भालु ने हमला कर दिया था और सिर्फ एक भालु नहीं भालुओं का पुरा परिवार था। जिन्होंने हमें चारों ओर से घेर लिया था । और हम पर बड़े बड़े पत्थर  उठा कर फेंकने लगे  । 

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While talking, all of us were moving towards the palace.  It was late night, so it was very dark, the way around it was hardly visible, so after stopping at one place, we burned the spices and decided to go ahead.  And we all started moving along the banks of the river.  Since it was the rainy season, the river was in its ebb and she roared in her velocity, roaring horribly.  God was pleased that the rain had stopped at this time.  But the path was very bad due to which the horses were having difficulty in moving.  So all of us get down from the horse seat and start walking on the same side, the Maharaj was walking ahead and I was right behind him and Mama ji was the last because the soldiers were ordered to stay in the cave itself.  So at this time we were only eight people.  And we needed to reach the palace because the mothers were looking for us.  That is why we left for the palace even in the rainy season.  Facing all kinds of troubles.  They were moving forward when the horse behind it started humming which was held by Mama ji.  And as soon as we had been attacked by see us all rush because a very large bear populations Mudkr behind and only complete family of bear populations are not bears.  Who surrounded us all around.  And started throwing big stones at us.

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 धन्यवाद दोस्तों आगे कि वृतांत मैं कल सुनाऊंगा क्योंकि हमारे सामने एक  नया मुसीबत आ खड़ा हुआ था । क्योंकि हम सभी लोग  भालुओं के अचानक हमले से  हड़बड़ा गये थे ।   और हमे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें ।

           धन्यवाद दोस्तों

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   English translate
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Thank you guys, I will narrate the incident tomorrow because a new problem was encountered in front of us.  Because we were all shocked by the sudden attack of bears.  And we did not understand what to do.


 Thanks guys





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एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

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