Monday, June 7, 2021

एक यात्रा भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित देवबलोदा महादेव की जिसे छ:मासी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है जो अपने अद्भुत वास्तुकला के लिए विश्व प्रसिद्ध है।-भिलाई ,देवबलोदा छत्तीसगढ़, भारत A visit to Devbaloda Mahadev, also known as Chhamasi Temple, located in the state of Chhattisgarh, India, which is world famous for its amazing architecture. - Bhilai, Devbaloda Chhattisgarh, India.

Ek yatra khajane ki khoje


























 
 नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूंदोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं छत्तीसगढ़ के सुदूर "देवबलोदा"  शहर की यात्रा पर। जहां हम देखेंगे अति प्राचीन शिव मंदिर को जो अपने अद्भुत वास्तु शैली के कारण खजुराहो की याद दिला देती है। दोस्तों यह मंदिर "छः मासी" मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।








 
         छः मासी शिव मंदिर

         देवबलोदा , छत्तीसगढ़ 

                 भारतवर्ष

  नमस्कार दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं छत्तीसगढ़ राज्य के एक सुदूर शहर देवबलोदा की यात्रा पर जहां हम एक अनोखे शिव धाम की दर्शन करेंगे , जो अपने वास्तुकला के लिए विश्व प्रसिद्ध है। साथ ही दोस्तों इस मंदिर को देखने खजुराहो मंदिर की याद आ जाती है। दोस्तों इस प्राचीन शिव धाम को छ:मासी मंदिर भी कहा जाता है।
             दोस्तों इस प्राचीन मंदिर का निर्माण कलचुरी काल में किया गया था । दोस्तों इस समय यह प्राचीन मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के तहत संरक्षित स्मारक घोषित किया हुआ है।

                 दोस्तों महाशिवरात्रि के दौरान इस प्राचीन मंदिर में तीर्थ यात्रियों की काफी भीड़ जमा होती है ।दोस्तों मंदिर परिसर में एक छोटा मेला का भी आयोजन होता है। जहां काफी संख्या में आसपास के गांव वाले मेले का आनंद उठाने आते हैं और साथ ही मंदिर में मौजूद शिवलिंग का दर्शन कर भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।


















      [ मंदिर से जुड़ी प्रचलित  ]                        दंतकथा
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 दोस्तों दंत कथाओं के अनुसार माना जाता है कि जो मूर्तिकार इस मंदिर का निर्माण कर रहा था ।वह अपने कार्य में इतना तल्लीन हो गया था , कि उसे अपने कपड़ों और शरीर का परवाह ही नहीं रहा था।अतः वह मंदिर के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए दिन रात काम करते हुए वह एकदम नग्न हो गया था।दोस्तों माना जाता है कि प्रतिदिन उसकी पत्नी उसके लिए भोजन लेकर आती थी ।लेकिन दोस्तों एक दिन किसी कारणवश उसकी बहन भोजन लेकर आ गई ।दोस्तों अचानक अपनी बहन को सामने देख वे दोनों इतनी ज्यादा शर्मिंदा हो गए हैं कि वे दोनों खुद को छिपाने के लिए मंदिर के पास ही स्थित तालाब में कूद गए।दोस्तों माना जाता है कि यह सब देख कर उसकी बहन भी मंदिर के पास ही मौजूद दूसरे तालाब में कूद गई थी। दोस्तों आज भी दोनों तालाब या पवित्र कुंड मंदिर परिसर में ही मौजूद हैं। दोस्तों स्थानीय लोग तालाब को कसारा तालाब के नाम से पुकारते हैं दोस्तों तालाब के पास ही एक अजीब सा पत्थर मौजूद है जो देखने में एकदम कलश यानी मिट्टी के घड़ा के समान लगता है। दोस्तों स्थानीय लोग बताते हैं कि यह वही कलश है। जिसे मूर्तिकार की बहन लेकर आई थी , पानी भरने के लिए जो उस कांड के बाद पत्थर के रूप में बदल गया था।

         दोस्तों जब आप इस मंदिर की यात्रा पर आओगे तो देखोगे कि मंदिर कब मंडप आज भी अधूरा है शायद यह वही कारण रहा होगा जिसके कारण मंदिर का मंडप आज तक नहीं बन पाया होगा।

















        दोस्तों स्थानीय लोगों का मानना है कि मंदिर परिसर में मौजूद तालाब या कुंड के अंदर एक गुप्त सुरंग मौजूद है जो काफी दूर मौजूद छत्तीसगढ़ के ही एक पुराने शहर "आरंग" कस्बा में मौजूद एक मंदिर के पास निकलता है। दोस्तों लोग बताते हैं कि मूर्तिकार ने जब तालाब में छलांग लगाई तो उसे वह सुरंग मिल गई , और वह सुरंग के रास्ते "आरंग" कस्बा जा पहुंचा जहां वह पत्थर की मूर्ति बन गया।दोस्तों माना जाता है कि आज उसी स्थान पर "भानदेव" का मंदिर बना हुआ है।
           दोस्तों मंदिर परिसर में मौजूद पवित्र कुंड के बगल में ही 23 सीढ़ियां और 2 प्राचीन कुएं में मौजूद हैं।दोस्तों माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण मात्र 6 महीने में किया गया था इसलिए इसे छ: मासी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

















        (  वास्तुकला )
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 दोस्तों यह प्राचीन मंदिर पूर्व मुखी है दोस्तों इस मंदिर के निर्माण में बलुआ पत्थरों का उपयोग किया गया है दोस्तों मंदिर  में एक गर्भ गृह मौजूद है जो एक मंडप से जुड़ा हुआ है। मंडप नक्काशीदार खंभों से युक्त है। जो नागर वास्तुशैली को दर्शाता है।

        दोस्तों गर्भ गृह में डेढ़ फीट ऊंचे शिवलिंग स्थापित है।दोस्तों गर्भ गृह के अंदर अद्भुत रूप से शैव द्वारपालों द्वारा संरक्षित एक अत्यधिक अलंकृत प्रवेश द्वार के माध्यम से पहुंचा जाता है।साथ ही में दोस्तों गर्भ गृह के अंदर माता पार्वती , भगवान गणेश और हनुमान जी की भी मूर्ति स्थापित है। दोस्तों मंडप में स्थित स्तंभों को भैरव की छवियों से अलंकृत किया गया है।साथ ही साथ भगवान विष्णु , देवी दुर्गा ,भगवान शिव शंभू , संगीतकारों , नर्तक - नर्तकियों  को भी बहुत ही सुंदर तरीके से स्तंभों पर उकेरा गया है।दोस्तों मंदिर की बाहरी दीवारों पर शिकार , शिकारियों और सांडों की लड़ाईयों को बहुत ही अद्भुत तरीके से चित्रित किया गया है।

          दोस्तों मंदिर के सामने ही नंदी बाबा मौजूद हैं।

















         (  आवागमन )
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 दोस्तों यह प्राचीन मंदिर ट्रेन और सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

 सड़क मार्ग  -     दोस्तों यह प्राचीन मंदिर राष्ट्रीय राजमार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।जो राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा   अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। जो राजधानी रायपुर से 20 किलोमीटर की दूरी पर और  भिलाई नगर से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
 
 रेलमार्ग  - दोस्तों देवबलोदा चरौदा रेलवे स्टेशन मंदिर के पास ही स्थित है । जहां सभी जगह से आने वाली ट्रेनें रूकती है।

 हवाई मार्ग  -  दोस्तों निकटतम हवाई अड्डा स्वामी विवेकानंद हवाई  अड्डा रायपुर में स्थित है।








            धन्यवाद दोस्तों

     माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗
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      English translate 
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   Hello friends, I am Mountain Leopard Mahendra, I warmly greet all of you, friends, on today's journey, I am taking you on a journey to the remote "Devbaloda" city of Chhattisgarh.  Where we will see the very ancient Shiva temple which reminds of Khajuraho due to its amazing architectural style.  Friends, this temple is also known as "Chha Masi" temple.


















 Chhas Masi Shiva Temple


 Devbaloda, Chhattisgarh


 Bharatvarsh







 Hello friends, on today's journey, I am taking you on a journey to Devbaloda, a remote city in the state of Chhattisgarh, where we will see a unique Shiva Dham, which is world famous for its architecture.  Also friends, seeing this temple reminds me of Khajuraho temple.  Friends, this ancient Shiva Dham is also called Chhamasi Temple.

 Friends, this ancient temple was built in the Kalachuri period.  Friends, at this time this ancient temple has been declared a protected monument under the Archaeological Survey of India.







 Friends, during Mahashivratri, a large crowd of pilgrims gather in this ancient temple. Friends, a small fair is also organized in the temple premises.  Where a large number of nearby villages come to enjoy the fair as well as get blessings from God by visiting the Shivling present in the temple.
















 [ Previous associated with the temple] 

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 Friends, according to legends, it is believed that the sculptor who was building this temple was so engrossed in his work, that he did not care about his clothes and body. So he completed the construction work of the temple.  He had become completely naked while working day and night to do this. Friends, it is believed that his wife used to bring food for him every day. But friends, one day for some reason his sister came with food. Friends suddenly saw their sister in front.  Both of them have become so embarrassed that they both jumped into the pond located near the temple to hide themselves. Friends, it is believed that seeing all this, his sister also jumped into another pond near the temple.  Friends, even today both the ponds or the holy tank are present in the temple premises only.  Friends, local people call the pond by the name of Kasara Talab. Friends, there is a strange stone near the pond, which looks like a pot of earth.  Friends, local people tell that this is the same Kalash.  Which was brought by the sister of the sculptor, to fill the water which had turned into stone after that incident.


 Friends, when you come to visit this temple, you will see that when the temple pavilion is still incomplete, perhaps this must have been the reason due to which the temple pavilion would not have been built till date.



















 Friends, local people believe that there is a secret tunnel inside the pond or pool present in the temple premises, which comes out near a temple present in "Arang" town, an old city of Chhattisgarh, which is very far away.  Friends, people tell that when the sculptor jumped into the pond, he found that tunnel, and through the tunnel he reached "Arang" town where he became a stone idol. Friends, it is believed that today at the same place "Bhandev"  The temple has been built.

 Friends, there are 23 steps and 2 ancient wells next to the holy pool present in the temple premises. Friends, it is believed that this temple was constructed in just 6 months, hence it is also known as Chha Masi Mandir.  .





















 (  architecture )

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 Friends, this ancient temple is facing east. Friends, sandstone has been used in the construction of this temple. Friends, there is a sanctum sanctorum in the temple which is connected to a mandap.  The mandapa is dotted with carved pillars.  Which shows the Nagara architectural style.







 One and a half feet high Shivling is installed in the sanctum sanctorum. The inside of the sanctum sanctorum is wonderfully accessed through a highly ornate entrance guarded by Shaivite gatekeepers. Also inside the sanctum sanctorum are Mata Parvati, Lord Ganesha and Hanuman  The idol of Ji is also installed.  The pillars located in the Friends Mandap are decorated with the images of Bhairav. As well as Lord Vishnu, Goddess Durga, Lord Shiva Shambhu, musicians, dancers - dancers, have been carved on the pillars in a very beautiful way. Friends, the exterior of the temple.  The battles of hunting, hunters and bulls are depicted in a very wonderful way on the walls.


 Friends, Nandi Baba is present in front of the temple itself.

















 (  Traffic )

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 Friends, this ancient temple is well connected by train and road.


 By Road - Friends This ancient temple is well connected with National Highway. Which is well connected by National Highway.  Which is located at a distance of 20 kilometers from the capital Raipur and 15 kilometers from Bhilai Nagar.









 Railroad - Friends Devbaloda Charoda railway station is located near the temple.  Where trains coming from all the places stop.







 By Air - Friends, the nearest airport is Swami Vivekananda Airport, located in Raipur.








 thanks guys


 Mountain Leopard                Mahendra🧗🧗






























  Mountain Leopard               Mahendra 🧗🧗















Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...