Monday, July 6, 2020

एक खतरनाक यात्रा mountain lappord Mahendra के संग भाग-6 का अगला अध्याय

Ek yatra khajane ki khoje




  • ताम्बाखानी गुफा का रहस्य

नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं।
  

जैसा कि दोस्तों कल आपलोगो ने पढ़ा कि कैसे हम सभी  तहखाने के अंदर मौजूद नदी को पार करके भुलभुलैया के पास पहुंच चुके थे । जहां पर हमे अपने पुरखों के द्वारा लड़े गये युद्ध की निशानी देखने को मिली ।करता बताऊं दोस्तो बहुत भयावह नजारा था यहां पर चारों ओर मानवों के कंकाल ही नज़र आ रहे थे । और हम सभी उन्हीं कंकालों के बीच से होकर हम सभी भुलभुलैया के मुहाने तक पहुंच  थे । और अब हमें इन्हीं भुलभुलईयो से होकर  सुरंग के मुहाने तक पहुंचना था ।
 पर समस्या यह थी कि अगर हम सभी इन भुलभुलइयो में भटक गये तो कभी बाहर नहीं निकल पायेंगे और हमारी कंकाले भी  इन्हीं भुलभुलईयो  में कहीं पड़ा मिलेगा।  तभी पिता श्री बोलते हैं कि कोई भी अलग अलग नहीं  नहीं होगा  हम सभी साथ साथ चलेंगे ताकि हम सभी एक दूसरे से बिछड़े नहीं।  और फिर हम सभी उस नक्शे को ध्यान से देखने लगें   जो उस  भुलभुलइयो का बना हुआ था  और उस नक्शे में हमें शिव लिंग स्पष्ट रूप से दिख रहा था  लेकिन स्पष्ट नहीं हो पा रहा था कि वह भुलभुलैया के किस भाग में मौजूद हैं । अतः दोस्तों हम सभी देर ना करते हुए भुलभुलैया में प्रवेश कर जाते हैं  एक अंजान  सा दिखने वाला सुरंग के मुहाने की तलाश में और उस अद्भुत शिवलिंग की खोज में जिसकी पूजा हमारे पुरखे किया करते थे ।  हम जैसे जैसे भुलभुलैया के अंदर जा रहे थे। हमारे दिल की धड़कन बढ़ती जा रही थी  कि कहीं हम आपस में एक दूसरे से बिछड़ न जाते इसलिए हम सभी साथ साथ चल रहे थे । सबसे आगे मैं चल रहा था और सबसे पिछे राजा भाई ।  लगता है जैसे सदियों से इन गुफानुमा भुलभुलैया में कोई नहीं आया था  ।हर तरफ़ मकड़ियों का जाला और मरे हुए जानवरों के अवशेष पड़े
 हुए थे ।हम बीच बीच में नक्शा को देखते हुए आगे बढ़ते जा रहे थे। कि तभी हमें किसी जानवर की गुर्राने की आवाज सुनाई देती है जो तेजी से हमारी ओर बढ़ र‌ही थी ।  अतः हम सभी सावधान हो गऐ और हाथों में तलवार लेकर उस जानवर के पास आने का इंतजार करने लगे । तभी मामा श्री बोलते हैं जो भी जानवर है काफी बड़ा है और गुस्से में है  तभी अखिलेश भाई बोलते हैं कि जो भी हो  आज तो मैं उसे छोड़ने वाला नहीं हूं आज तो मैं उसका शिकार करके ही रहुंगा। अभी हम सभी बात ही कर रहे थे कि सामने से एक बहुत बड़ा  मगरमच्छ आता हुआ दिखाई पड़ा जो बहुत ही गुस्से में था और सिधे हम पर हमला करने वाला था  । लेकिन हम सब सावधान थे । जैसे ही उसने हम पर हमला किया वैसे ही अखिलेश और अजय ने उसके मुंह में जलती हुई मशाल डाल दिया । जिससे मगरमच्छ डर कर नदी की भागना शुरू कर दिया ।  बहुत ही अजीब सा मगरमच्छ था  लगभग 20फुट लम्बा और शरीर का रंग लाल था  जो इतनी अंधेरे में भी चमक रहा था ।  तभी पिता श्री बोलते हैं कि मैंने अपने जिंदगी में कभी ऐसा मगरमच्छ नहीं देखा था । अद्भुत था चलो जान बची हमारी । तभी राजा भाई बोलते हैं  देखो भाइयों मगरमच्छ जिस ओर से आया था  और उसके रेंगने से जमीन में निशान बन गया है  वह जहां से भी आया था वहां जरूर  पानी और किचड़ होगा तभी तो जमीन पर निशान बन गया है । शायद वहां पर शिव लिंग भी होगा । चलो हम इसी निशान का पिछा करते हैं हो सकता हैं शायद हम सब शिव लिंग तक पहुंच जाएं। तभी मामा जी बोलते हैं ठीक है चलो उस निशान का पिछा करते हैं और हम सभी मगरमच्छ के द्वारा बनें निशान का पिछा करते हुए आगे बढ़ने लगते हैं 





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 English translate


 Secret of Tambakhani Cave


 Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.




 As friends yesterday, you read how all of us had crossed the river inside the cellar and reached near the maze.  Where we got to see the sign of war fought by our forefathers. Telling friends, there was a very frightening sight here, only the skeletons of humans were seen all around.  And we all reached the mouth of the labyrinth through the same skeletons.  And now we had to reach the mouth of the tunnel through these same faults.

 But the problem was that if all of us wandered in these forgetfulness, we would never get out and our skeletons would also be found somewhere in these forgetfulness.  Then Father Shri says that no one will be different, we will all walk together so that we are not separated from each other.  And then we all start to look carefully at the map which was made of that forgetfulness and in that map we could clearly see the Shiva Linga but it was not clear in which part of the forgetfulness it is present.  So friends, all of us, without delay, enter the labyrinth in search of a strange looking tunnel and in search of the wonderful Shivalinga that our ancestors worshiped.  As we were going inside the labyrinth.  Our heartbeat was increasing so that we would not get separated from each other, so we were all walking together.  At the forefront, I was walking and the last king brother.  It seems as if no one has come to these cave maze for centuries. The spider web and the remains of dead animals are everywhere.

 We were moving forward looking at the map in between.  That is when we hear the growling of an animal that was fast moving towards us.  So we all became cautious and started waiting for the animal to come to us with a sword in our hands.  Then uncle Mama speaks whatever animal is very big and angry, then brother Akhilesh says that whatever happens today, I am not going to leave him, today I will remain hunting him.  All of us were just talking that a huge crocodile was seen coming from the front, which was very angry and was going to attack us directly.  But we were all careful.  Akhilesh and Ajay put a burning torch in his mouth as soon as he attacked us.  Due to which the crocodile started running away from the river.  There was a very strange crocodile about 20 feet long and the body color was red, which was shining even in such darkness.  Then Father Shri says that I had never seen such a crocodile in my life.  Our life was amazing.  That is why the king says that brother, look at the brothers from which the crocodile came and because of its crawling, there has been a scar in the ground, wherever it came from, there will definitely be water and mud.  Perhaps there will also be a Shiva Linga.  Let us follow this trail, maybe we all reach the Shiva linga.  That's when Mama ji says, okay let's follow that trail and we all start following the trail made by crocodiles.



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 अभी हम सभी थोड़ी दूर ही आगे बढ़े थे कि हमें  कल कल बहते हुए पानी की आवाज सुनाई देने लगती हैं  जिससे हम सभी उत्सुकता पूर्वक तेजी से आगे बढ़ने लगते हैं  और अचानक आगे रास्ता बंद हो जाता है और हम सभी सर पकड़ कर बैठ जाते हैं  क्योंकि पानी बहने की आवाज दिवाल के उस पार से आ रही थी । अब हमें वापस वहीं पर जाना होगा जहां से हम चले थे । थोड़ी देर आराम करने के बाद हम सभी वापस वहीं लौट आए जहां पर हमारा मगरमच्छ से मुठभेड़ हुआ था ।   और हम सभी चारों ओर देखने लगें की अब क्या किया जाए क्योंकि हम सभी बीचों-बीच खड़े  और हमारे चारों ओर  दस रास्ते बनें हुए थे  जिसमें से एक रास्ता वह था  जिससे हम अंदर आये थे लेकिन वह कौन सा था हमे पता नहीं चल पा रहा था । यानी हम सभी इन भुलभुलइयो के जाल में फस चुके थे।  अतः हम सभी परेशान होकर वहीं पर बैठ जाते हैं   चुकी गुफा के अंदर काफी ठंड लग रही थी इसलिए हमने सोचा क्यो नहीं आग जला लिया जाए ताकि ठंड से राहत मिल सके ।    हम सोच ही रहें थे कि तभी अजय और अखिलेश लकड़ियों का गट्ठर लेकर आ जाते हैं तभी पिता श्री बोलते तुम्हें लकड़ियां कहा मिल गई । पिता श्री काफी लकड़ियां पड़
 हुई हैं पास में वही से उठाकर ले आये है। काफी ठंड लग रही है पहले आग जलाते हैं और फिर बाद में ठंडे दिमाग से सोचते हैं बाहर कैसे निकला जाए। और फिर आग जला लिया जाता है और हम सभी आग के चारों ओर बैठ जाते हैं जिससे हमें ठंड से राहत मिलने लगती है । तभी हम सभी एक साथ खुशी से उछल पड़ते हैं और एक साथ बोलते हैं मिल गया रास्ता  सुरंग के मुहाने तक पहुंचने का  और बाहर निकलने का  तभी पिता श्री बोलते हैं कैसे?   



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English translate


All of us had just moved a little further that we could hear the sound of running water from yesterday, due to which we all started moving eagerly fast and suddenly the path closed and we all sat down holding our heads.  Because the sound of flowing water was coming from the other side of the wall.  Now we have to go back to where we went.  After resting for a while, we all returned back to where we had encountered the crocodile.  And let us all start to see what to do now because we were all standing in the middle and there were ten paths around us, out of which one way was the one we came in but which was it we could not know.  Was.  That is, all of us had fallen into the trap of these forgetfulness.  So we all sit there after getting upset and it was very cold inside the cave, so we thought that the fire should not be lit to get relief from the cold.  We were thinking that only when Ajay and Akhilesh bring a bundle of wood, when you speak father, you have been told to say wood.  Father mr

 She has got her picked up nearby.  It is quite cold, first let's light a fire and then later think with a cool mind how to get out.  And then the fire is lit and we all sit around the fire, which gives us relief from the cold.  That is when we all jump together happily and speak together, we have found a way to reach the mouth of the tunnel and get out only then how does Father Shri speak?




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  चलिए पिता श्री सबसे पहले मैं नक्शा दिखात हूं। इस नक्शा में आपको कुछ असाधारण सा कुछ दिख रहा है  नहीं ना लेकिन मुझे दिख रहा है   हम सभी अभी जहां बैठे हैं वह जगह नक्शा में यहां पर हैं  देखिए इसके चारों ओर दस रास्ते हैं और हम यहां बीचों-बीच बैठे हुए हैं और बनें इन दो रास्तों में असाधारण रूप से तीर के निशान इस तरह बनें हुए हैं  जैसे हबा बह रही हों । और अभी देखिए  आग जलाने से जो धुआं उठ रहा है     वह   इस रास्ते से बाहर निकल रहा है और ठिक उसके सामने वाले रास्ते से हवा आ रही है और आग की लपटों को उस रास्ते की ओर धकेल रही हैं जिस ओर से धुआं बाहर निकल रहा है  और हम सभी खुशी से झूम उठे । और देर ना करते हुए  सबसे पहले उन दोनों रास्तों पर  चिन्ह बना दिया जिस ओर हवा आ रही थी और जिस रास्ते हवा निकल रही थी । उसके बाद जल्दी जल्दी हमने आग बुझाई और चल पड़े उस रास्ते पर जिस ओर से धुआं बाहर निकल रहा था। सुरंग की मुहाने और शिव लिंग की खोज में। 






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  English translate                               


Let me be the father, first I show the map.  In this map you don't see anything extraordinary, but I can see that where we all are sitting, the place is here in the map. See there are ten ways around it and we are sitting here in the middle and become  The two paths are exceptionally made of arrow marks as if the haba is flowing.  And now see that the smoke coming out of the fire is coming out of this path and the wind is coming out of the path in front of it and pushing the flames towards the way from which the smoke is coming out  And we all woke up happily.  And while not delaying, first of all, made a sign on both the paths where the wind was coming and the way the air was coming out.  After that we quickly extinguished the fire and walked on the path from which smoke was coming out.  In search of the mouth of the tunnel and the Shiva Linga.



 धन्यवाद दोस्तों आगे कि वृतांत मैं कल सुनाऊंगा क्योंकि आगे कहानी में   काफी रोमांचक पल आने वाला है।


           धन्यवाद दोस्तों
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English translate
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Thank you guys, I will narrate the incident tomorrow because a very exciting moment is coming in the story ahead.



 Thanks guys

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Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

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