Friday, January 29, 2021

यात्रा विजय मंदिर विदिशा मध्य प्रदेश भारतवर्ष की दोस्तों इस मंदिर को भी सोमनाथ मंदिर की तरह क्रूर और अत्याचारी मुस्लिम आक्रमणकारियों ने कई बार तोड़ा था और अंत में औरंगजेब ने इस मंदिर को तोपों से उड़ा दिया था। Yatra Vijay Mandir Vidisha Madhya Pradesh Friends of Bharatvarsha This temple, like the Somnath temple, was broken many times by cruel and tyrannical Muslim invaders and finally Aurangzeb blew this temple with cannons.

Ek yatra khajane ki khoje







                          विजय मंदिर के खंडहर
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                         Ruins of Vijay Temple
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                      विजय मंदिर

        विदिशा मध्य प्रदेश

             भारतवर्ष


 



 नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗 आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आज मैं आप सभी लोगों को लेकर चल रहा हूं मध्य प्रदेश की यात्रा पर जहां हम एक ऐसे मंदिर की यात्रा पर पहुंचेंगे जिसे बाहरी आक्रमणकारियों ने बार-बार थोड़ा और नुकसान पहुंचाया  और यहां तक कि हमारे इस धरोहर को अपना पहचान भी देने की कोशिश की लेकिन वह अपने मंसूबे में कभी कामयाब नहीं हो पाए । दोस्तों आज भी यह मंदिर अपना अस्तित्व बनाए हुए हैं खंडहरों के रूप में। दोस्तों यह मंदिर है विजय मंदिर जो अपने अद्भुत निर्माण शैली के लिए विश्व विख्यात है।








     
            अपनी भव्यता को दिखाता खंडहरों के रूप में मौजूद मंदिर
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  Temples in the form of ruins showing their grandeur
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 दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस मंदिर के नाम पर ही विदिशा का नाम "भेलसा "रखा गया है या "भेलसा" के नाम से मशहूर हुआ है। दोस्तों सर्वप्रथम इस मंदिर के बारे में विश्व को अरब के इतिहासकार अलबरूनी के ऐतिहासिक स्रोतों से पता चला जो भारत में अरब के क्रूर आक्रमणकारी महमूद गजनी के साथ सन् 1024 ई. में भारत आया था।दोस्तों आपको जानकर यह आश्चर्य होगा कि यह मंदिर अपने समय काल में देश के विशालतम मंदिरों में से एक था। दोस्तों हमारे साहित्यिक स्रोत बताते हैं कि यह मंदिर आधा मील लंबा और आधा मील चौड़ा था एवं इसकी  ऊंचाई 105 गज थी  । जिससे मंदिर का कलश और ध्वज दूर से ही दिखाई पड़ते थे। दोस्तों इसकी भव्यता एवं सुंदरता को देखकर ही मुस्लिम आक्रमणकारियों को चिढ़ होती थी।जिस कारण से अत्याचारी आक्रमणकारियों ने हमारे इस भव्य मंदिर को लूटा और तोड़ दिया।









  यानी देखा जाए तो दोस्तों यह मंदिर अपनी विशालता एवं विश्व विख्यात होने के कारण हमेशा से क्रूर अत्याचारी मुस्लिम शासकों के आंखों का कांटा बना रहा और उन्होंने इसे कई बार लूटा और तोड़ा।









     
      विजय मंदिर की खूबसूरत अवशेष पत्थरों के रूप में
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     Beautiful remnants of Vijay temple in the form of stones

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 दोस्तों मंदिर की वास्तुकला एवं मूर्तियों की बनावट देखने से पता चलता है कि यह 10वीं एवं 12वीं सदी में इस क्षेत्र के प्रसिद्ध हिंदू शासकों के द्वारा इस मंदिर का पुनर्निर्माण  करवाया गया था ।दोस्तों ऐतिहासिक स्रोत बताते हैं कि इस मंदिर पर मुस्लिम शासकों का आक्रमण परमार काल में ही शुरू हो गया था। दोस्त और सबसे पहला आक्रमण इस मंदिर पर दिल्ली के गुलाम वंश के शासक इल्तुतमिश ने सन् 1233 ईस्वी में किया था। इसने मंदिर के साथ-साथ पूरे नगर को लूटा और बर्बाद कर दिया था। दोस्तों इसके बाद पुनः एक और आक्रमणकारी जिसे हम सभी मलिक काफूर के नाम से जानते हैं जो मुस्लिम शासक अलाउद्दीन खिलजी का एक मंत्री था जिसने सन् 1459 ईस्वी में इस मंदिर पर आक्रमण किया और बुरी तरह से लूटा और साथ ही साथ यहां स्थापित 8 फुट की ऊंची अष्टधातु की प्रतिमा को दिल्ली ले जाकर बदायूं दरवाजे की मस्जिद की सीढ़ियों में जुड़वा दिया था। दोस्तों यह जानकर आपको दुःख होगा कि आज भी भारत की इस अस्मिता को आक्रमणकारियों के वंशजों द्वारा पैरों तले रौंदा जा रहा है । 












 दोस्तों इसी प्रकार मांडू के मुस्लिम शासक महमूद खिलजी ने भी सन् 1459 ईस्वी में इस मंदिर पर आक्रमण करके लूटा - खसौटा और अंत में सन् 1682 ईस्वी में सबसे  क्रूर अत्याचारी मुस्लिम शासक औरंगजेब ने इस मंदिर को तोपों से उड़वा दिया । मंदिर के खूबसूरत शिखरों को तोड़वा डाला और मंदिर के अष्टकोणीय भाग को चतुष्कोणीय  बनवा दिया। और साथ ही साथ मंदिर के अवशेषों से दो  मिनार बनवा दिया और उसे एक मस्जिद का रूप दे दिया ।





                                मंदिर के खूबसूरत स्तंभ
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                    Beautiful pillars of the temple
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 दोस्तों आप आज भी मंदिर के पार्श्व भाग में तोप के गोलो के निशान स्पष्ट रूप से देख सकते हो। दोस्तों ऐतिहासिक स्रोत बताते हैं कि अत्याचारी औरंगजेब के मरने के बाद मंदिर में मौजूद खंडित मूर्तियों की फिर से पूजा की जाने लगी। दोस्तों सन 1760 ईस्वी में पेशवा महाराज ने अत्याचारियों द्वारा बनवाए गए मस्जिद के स्वरूप को नष्ट कर दिया गया। और इस क्षेत्र में रहने वाले भोई  जाति के लोगों को माता के इस मंदिर में पूजा करने को कहा जो आज भी इस मंदिर में पूजा पाठ करते हैं।











 दोस्तों यह विजय मंदिर आज भी अपने अस्तित्व को खंडहरों के रूप में संजोए हुए हैं और अपने स्वर्णिम इतिहास की व्याख्यान कर रही है।







                  मंदिर परिसर में स्थित खूबसूरत बावड़ी
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                   Beautiful stepwell located in the temple complex
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                   धन्यवाद दोस्तों

              माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗









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            English translate
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               Vijay Temple
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         Vidisha Madhya Pradesh

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                      India
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 Hello friends, I am a mountain leopard Mahendra 🧗 I heartily congratulate all of you guys, today I am taking you all on a journey to Madhya Pradesh where we will visit a temple which is repeatedly damaged by external invaders  Transported and even tried to give his identity to this heritage of ours but he never succeeded in his plan.  Friends, even today this temple continues to exist as ruins.  Friends, this temple is Vijay Mandir which is world famous for its amazing construction style.








 Friends, you will be surprised to know that Vidisha is named after this temple "Bhelsa" or famously known as "Bhelsa".  Friends, the world first came to know about this temple from the historical sources of Arab historian Alberuni who came to India in 1024 AD with the brutal invader of Arab, Mahmud Ghazni. Friends, you will be surprised to know that this temple in its time  The period was one of the largest temples in the country.  Friends, our literary sources state that this temple was half a mile long and half a mile wide and its height was 105 yards.  Due to which the urn and flag of the temple were visible from a distance.  Friends, seeing the grandeur and beauty of it, the Muslim invaders were irritated due to which the tyrannical invaders looted and broke our grand temple.












 That is, friends, because of its vastness and world renown, this temple has always been a thorn in the eyes of the cruel tyrannical Muslim rulers and they looted and broke it many times.













 The architecture and sculpture of the Friends temple shows that this temple was rebuilt in the 10th and 12th centuries by the famous Hindu rulers of the region. Two historical sources suggest that the invasion of the Muslim rulers on this temple is permissible.  It had started in the era itself.  Friend and the first invasion of this temple was made by Iltutmish, the ruler of Delhi's slave dynasty in 1233 AD.  It looted and ruined the temple as well as the entire city.  Friends after this, again another invader whom we all know as Malik Kafur who was a minister of Muslim ruler Alauddin Khilji who attacked this temple in 1459 AD and looted it badly and at the same time established 8 feet here.  After taking the high octagonal statue to Delhi, it was added to the stairs of the mosque of Badaun Darwaza.  Friends, you will be sad to know that even today the identity of India is being trampled under foot by the descendants of the invaders.











 Friends, similarly, the Muslim ruler of Mandu, Mahmud Khilji, attacked and looted the temple in 1459 AD, and finally in 1682 AD, the most cruel tyrannical Muslim ruler Aurangzeb set the temple ablaze with cannons.  Torn down the beautiful peaks of the temple and made the octagonal part of the temple quadrangular.  And at the same time built two minars from the remnants of the temple and gave it the form of a mosque.












 Friends, you can still clearly see the marks of cannon balls in the lateral part of the temple.  Friends, historical sources suggest that after the death of the tyrannical Aurangzeb, the fragmented idols in the temple began to be worshiped again.  Friends, in 1760 AD, Peshwa Maharaj destroyed the form of mosque built by the oppressors.  And people of Bhoi caste living in this area asked to worship in this temple of Mother who still worship in this temple.
















 Friends, this Vijay temple still cherishes its existence as ruins and is lecturing its golden history.












 Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra 🧗🧗









                       Mountain lappord Mahendra
                                     🧗🧗



  




 




 




Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...