Saturday, August 1, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग- कैलाश मंदिर महाराष्ट्र भारत। A Journey with Mountain Leopard Mahendra - Kailash Temple Maharashtra India

Ek yatra khajane ki khoje

नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं। दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आप सभी को लेकर चल रहा हूं कैलाश मंदिर महाराष्ट्र की यात्रा पर और कैलाश मंदिर की अनछुई पहलुओं को जानने की कोशिश करेंगे। दोस्तों कैलाश मंदिर बहुत ही अद्भुत और अलौकिक एवं रहस्यमई मंदिर हैं । और इसके नीचे बहुत सी गुफाओं की जाल बिछा हुआ है। जिसकी खोज करनी अभी बाकी है। माना जाता है कि इन गुफाओं में अभी भी  बहुत सारे साधु और संन्यासी  समाधी में लिन हैं। प्राचीन काल से। और सबसे आश्चर्य की बात यह है कि इस मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में कैसे किया गया होगा। और सबसे बड़ी बात यह है कि एक पुरे पहाड़ को उपर से नीचे की ओर काट कर इस मंदिर का निर्माण किया गया है।  अंदाज लगाया जा सकता हैं दोस्तों की उस जमाने की निर्माण कला कितनी उन्नत रही होगी। जो आज की इंजिनियरिंग को फेल कर सकती थी। 🙏🙏

                                 कैलाश मंदिर
                                महाराष्ट्र
                               भारत
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                             कैलाश मंदिर - जिसके आश्चर्यों को मिटाने के लिए दुनियाँ के सात झूठे आश्चर्यों की लिस्ट तैयार की गई ।

जब यह भूखी नंगी दुनियाँ आदमखोरों और लुटेरों की जिंदगी जी रही थी तब हमारे पूर्वजों ने एक पहाड़ को काटकर इस मंदिर का निर्माण कर पूरी दुनियाँ को हैरान कर दिया था ।

अपने आप में अद्वितीय इस मंदिर का निर्माण राष्ट्रकूट वंश के नरेश कृष्ण (प्रथम) ने करावाया था ।

इसका निर्माण के लिए पहाड़ से 40000 हजार टन पत्थर काट कर निकाले गए एक अनुमान के मुताबिक अगर 7000 कारीगर प्रतिदिन मेहनत करें तो लगभग 150 वर्षों में इस मंदिर का निर्माण कर सकेंगे लेकिन इस मंदिर का निर्माण केवल 18 वर्षों में ही कर लिया गया । जरा सोचिए आधुनिक क्रेन और पत्थरों को काटने वाली बड़ी-बड़ी मशीनों की गैर मौजूदगी में ऐसे कौन से उपकरणों का इस्तेमाल किया गया जिनकी वजह से मंदिर निर्माण में इतना कम समय लगा ।

जहाँ दुनियाँ के सारे निर्माण नीचे से ऊपर की ओर पत्थरों को जोड़कर किये गए हैं वहीं इस मंदिर को बनाने के लिए एक विशाल पर्वत को ऊपर से नीचे की ओर काटा गया है ।

आधुनिक समय में एक बिल्डिंग के निर्माण में भी 3D डिजाइन साफ्टवेयर , CAD साफ्टवेयर, और सैकड़ो ड्राइंग्स की मदद से उसके छोटे मॉडल्स बनाकर रिसर्च की जरूरत होती है फिर उस समय हमारे पूर्वजों ने इस मंदिर का निर्माण कैसे सुनिश्चित किया होगा ?

हैरान करने वाली बात है कि पर्वत को काटकर निकाले गए लगभग 40000 टन पत्थर पत्थर आसपास के 50KM के इलाके में भी कहीं नहीं मिलते, आखिर इतनी भारी मात्रा में निकाले गए पत्थरों को किसकी सहायता से और कितनी दूर हटाया गया होगा ।

जरूरी स्थानों पर खंभे, दो निर्माणों के बीच में पुल, मंदिर टावर, महीन डिजाइन वाली खूबसूरत छज्जे, गुप्त अंडरग्राउंड रास्ते, मंदिरों में जाने के लिए सीढ़ियां और पानी को स्टोर करने के लिए नालियाँ, इन सभी का ध्यान पर्वत को ऊपर से नीचे की ओर काटते हुए कैसे रखा गया होगा ?

इस निर्माण को आप कुछ इस तरह से समझ सकते हैं कि जैसे एक मूर्तिकार एक पत्थर को तराशकर मूर्ति का निर्माण करता है वैसे ही हमारे पूर्वजों ने एक पर्वत को तराशकर ही इस मंदिर का निर्माण कर दिया गया ।





              धन्यवाद दोस्तों
    माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा
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Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.  Friends, on today's journey I am taking you all on a visit to Kailash Temple Maharashtra and will try to know the untouched aspects of Kailash Temple.  Friends Kailash Temple is very amazing and supernatural and mysterious temple.  And there are many caves under it.  Which is yet to be discovered  It is believed that there are still many sadhus and ascetics in these caves.  Since ancient times.  And the most surprising is how this temple would have been constructed in ancient times.  And the biggest thing is that this temple has been constructed by cutting an entire mountain from top to bottom.  It can be guessed that the construction art of that era of friends must have been so advanced.  Which could fail today's engineering.  🙏🙏🙏🙏🙏


 Kailash Temple

 Maharashtra

 India

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 Kailash Temple - To remove its wonders, a list of seven false wonders of the world has been prepared.


 When this hungry naked world was leading the life of man-eaters and robbers, our ancestors surprised the whole world by cutting a mountain and building this temple.


 This temple, unique in itself, was built by King Krishna (I) of Rashtrakuta dynasty.


 According to an estimate, if 7000 artisans work hard every day by cutting 40,000 thousand tons of stone from the mountain for its construction, it will be able to build this temple in about 150 years, but this temple was constructed only in 18 years.  Just imagine what such devices were used in the absence of modern cranes and big stone cutting machines, which took so little time to build the temple.


 While all the construction of the world has been done by adding stones from the bottom to the top, a huge mountain has been cut from the top to the bottom to make this temple.


 In modern times, the construction of a building also requires research by making small models with the help of 3D design software, CAD software, and hundreds of drawings, then how would our ancestors have ensured the construction of this temple at that time?


 Surprisingly, about 40000 tonnes of stone cut out of the mountain are not found anywhere in the surrounding area of ​​50KM, after whose help and how far the huge amount of stones removed would have been removed.


 The pillars at important places, the bridge between the two constructions, the temple towers, the finely designed balconies, the secret underground pathways, the stairways to visit the temples and the drains to store the water, all of them focus on the mountain top to bottom.  How would it have been kept cutting?


 You can understand this construction in such a way that this temple was built by our ancestors carving a mountain, just as a sculptor carved a statue by carving a stone.






 Thanks guys

 Mountain Leopard Mahendra





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Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...