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Friday, September 2, 2022

एक यात्रा - नर्मदा नदी घाटी के उस उस अनसुलझे रहस्य को जानने की ? क्या नर्मदा घाटी के मानवों के संपर्क में थे परग्रही यानी एलियन।A Journey - To know that unsolved mystery of Narmada river valley? Were the aliens in contact with the humans of the Narmada Valley?

Ek yatra khajane ki khoje

































   एक यात्रा  -  नर्मदा नदी घाटी के उस अनसुलझे रहस्य को जानने की  ?   क्या नर्मदा घाटी में एलियन यानी परग्रहियों का आना जाना था। क्या नर्मदा घाटी के मानवों के संपर्क में थे परग्रही यानी एलियन  ?










    नर्मदा घाटी के अनसुलझे रहस्य  ?

  नमस्कार दोस्तों हमारे यात्रा ब्लॉग में आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन है आइए दोस्तों चलते हैं रहस्यमई नर्मदा नदी घाटी की यात्रा पर।

        दोस्तों हमारे भारतवर्ष में मौजूद नर्मदा नदी घाटी के इतिहास को देखा जाए तो पुरातनकाल से लेकर आज तक रहस्यों से ही भरा रहा है। 
                             क्यों कि दोस्तों हम नर्मदा घाटी को जितना समझने की कोशिश करते हैं उससे ज्यादा नये नये परश्न मन में उभरने लगते हैं? और हम नर्मदा घाटी के अनन्त रहस्यों में खो जाते हैं।
         दोस्तों क्या आप को पता है जब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग वालों ने नर्मदा घाटी को खंगाला तो क्या मिला ? दोस्तों उन्हें गुफाओं में आदिमानवों द्वारा बनाए गए वे रहस्यमई शैलचित्र जिनमें दुसरे ग्रहों के मानव यानी एलियन मौजूद थे मिले। जो चीख चीख कर इशारा कर रहे थे कि नर्मदा के रहने वाले मानव जाति परग्रहियों के संपर्क में थे।

            दोस्तों अब सवाल उठता है कि क्या नर्मदा नदी घाटी ही मानव जाति का उत्पत्ति  स्थल रहा है? 

         दोस्तों सवाल इसलिए उठता है कि अलग अलग काल के क्यों मिल रहे है आदिमानवों द्वारा बनाए गए परग्रहियों के शैल चित्र ? 













🔶  दोस्तों क्या इस ब्रह्माण्ड में हमारे अलावा भी एलियन या परग्रही मौजूद हैं।


  आईए दोस्तों चलते हैं धरती के पुरातन इतिहास की ओर। 

  दोस्तों जैसा कि आपको पता ही होगा कि भारत ही नहीं बल्कि आदिमानवों द्वारा बनाए गए शैल चित्रों की अनेकों श्रृंखलाएं विश्व भर से प्राप्त हुई हैं। दोस्तों इन शैल चित्रों में  रंग और रंगों में उन्नति और उनका अधीक समय तक टिके रहने की प्रतिस्पर्धाएं हजारों वर्षों से शामिल रहीं हैं।

      दोस्तों जैसे जैसे मानवता का विकास हुआ वैसे वैसे मानवों द्वारा भी चित्रों को बनाने की कला और भी अधिक विकसित होती गई। और हम आधुनिक मानव भी शुरूआत से ही आदिमानवों द्वारा बनाए गए शैल चित्रों का अध्ययन करते रहे हैं।

      दोस्तों संसार में सबसे प्राचीन शैल चित्रों की  मौजूदगी पियोलेथिक युग की गुफा की दीवारों पर उत्कीर्ण हैं। दोस्तों इन गुफाओं की दीवारों पर आदिमानवों के हाथों की छापें और लहराती हुई अंगुलियों के शैल चित्र शोधकर्ताओं को अपनी ओर आकर्षित करती रही हैं। दोस्तों कालांतर में इन शैल चित्रों को गीली मिट्टी से दबा दिया गया था।












             दोस्तों आप देखोगे कि आरंभिक पाषाण युग के बने शैल चित्रों के रंग और रूप में सादगी और काफी समानताएं नज़र आतीं हैं। 
               दोस्तों आप देखोगे कि अधिकतर राॅक पेंटिंग्स में विभिन्न जानवरों की रूपरेखा मौजूद हैं दोस्तों इन शैल चित्रों में चमकीले लाल रंग , पिला रंग , गोल धब्बा से पुरी तरह रंगा हुआ है । दोस्तों आश्चर्य चकित कर देने वाला रहस्य यह हैं कि आज भी इन गुफाओं में आदिमानवों द्वारा जलाएं गये आग की  धुंआ की कालिख हजारों साल बीत जाने के बाद भी गुफा की दीवारों पर बरकरार हैं।
   
             दोस्तों सत्य यही है कि मानव विकास के आरंभिक दौर में आदिमानवों को चित्र कला के बारे में कुछ भी पता नहीं था। अतः वे अपने कालखंड में जो देखते थे उसे वे उसी रूप में बना देते थे । यानी जो घटनाएं उनके सामने घटती थी वे उन्हें गुफाओं में चित्रों के रूप में बना देते थे।

   दोस्तों अब सवाल उठता है कि आदिमानवों ने ऐसे चित्रों को क्यों बनाया जिनका संबंध उनके दैनिक जीवन से मेल नहीं खाता था ? 
                       क्योंकि दोस्तों ये वो विवादित चित्र है जो परग्रहियों यानी एलियन के है जिसमें UFO 👾  के चित्र भी शामिल हैं जिन्हें आज भी विश्व के अनेक क्षेत्रों में देखें जाने का दावा किया जाता रहा है। 

                    दोस्तों विकास के विभिन्न चरणों  में  पाएं गये शैल चित्रों को निर्धारित करके विशेषज्ञों ने शोधकर्ताओं ने देखा कि समय के साथ साथ शैल चित्रों में कैसे कैसे बदलाव आ गये । क्यों कि दोस्तों सरल द्विआयामी छवियों से शुरू होकर सूदूर अतीत के कलाकारों ने अपनी रचनाओं में और अधिक विवरणात्मक सुधार किया था एवं समय के साथ साथ उनके द्वारा छाया और मात्राएं जोड़कर उन्होंने अपने कौशल में काफी सुधार किया था।

  दोस्तों शोधकर्ताओं द्वारा गुफाओं के अध्ययन में आधुनिक स्कैनर का उपयोग उन सभी रहस्यों का उजागर कर दिया है। यानी दोस्तों आधुनिक यंत्रों द्वारा अतीत गहराइयों में जाने पर  शैल चित्रों से यहीं पता चलता है कि उन मानवों का संपर्क परग्रहियों यानी एलियनो से जरूर हुआ था।  












  
🔶 दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि संसार की सबसे प्राचीन गुफा चित्र  L- कैस्टिलो स्पेन में मौजूद हैं दोस्तों उस गुफा में आदिमानवों के हथेलियों की छापें और लहराती उंगलियों के निशान मौजूद हैं।

🔶 दोस्तों जैसा कि आपको मालूम ही होगा वैज्ञानिक शोधकार्य के लिए अब पारंपरिक C-14 की जगह अब यूरेनियम रेडियो धर्मी ने ले ली है जिससे कि अब और अधिक स्पष्ट जानकारी प्राप्त हो जाती हैं।
🔶 दोस्तों आपको जानकर हैरानी होगी कि स्पेन के L-  कैस्टिलो गुफाओं में जो शैल चित्र मौजूद हैं उनके बारे में माना जाता था कि आधुनिक मानव होमोसिपियन्स  ने बनाया था , लेकिन अब आधुनिक खोज के द्वारा यह पता चला है कि इन शैल चित्रों को निएंडरथल मानवों ने बनाया था।

    दोस्तों भारतवर्ष के छत्तीसगढ़ प्रदेश के कांकेर जिले के चश्मा क्षेत्र में 10000 वर्ष प्राचीन राॅक पेंटिंग्स मिलें हैं। दोस्तों साथ ही गोटिटोला और चंदेली गुफाओं और पहाड़ियों पर मौजूद शैल चित्रों में हैरान कर देने वाले एलियनो और उनके उड़नतश्तरीयां यानी UFO  के चित्र बनें हुए हैं। 













      दोस्तों छत्तीसगढ़ के पुरातत्व विभाग वाले  NASA  और ISRO की मदद ले रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि क्या कभी आदिमानवों का टकराव एलियनो से हुआ था।   
          दोस्तों पुरातत्वविदों के अनुसार इस क्षेत्र में किसी समय परग्रहियों और धरती के आदिमानवों का आपस में मिलन जरुर हुआ होगा जिनकी गवाही आज ये राॅक पेंटिंग्स दें रही है। दोस्तों क्योंकि  मध्यपाषाण युगीन मानव  देखी गई  वस्तुओं और दैनिक जीवन के चित्रों को पत्थरों पर उकेर दिया करते थे। क्योंकि दोस्तों खाली समय में आदिमानव ऐसा किया करते थे शायद यही मानव विकास क्रम का हिस्सा रहा हों।

        दोस्तों राॅक पेंटिंग्स में UFO  ऐसे मानवों के चित्रों को उकेरना जिनके हाथों में यंत्र है और जो एस्ट्रोनॉट जैसे कवच धारण किए हुए हैं उनके सिर पर एंटेना है दोस्तों चित्रों को देखकर लगता नहीं है कि यह उन आदिमानवों के दैनिक जीवन की क्रिया कलापों का हिस्सा रहा होगा।

दोस्तों हजारों हजार साल बाद भी शैल चित्रों के रंगों में फीकापन नहीं आया है जो हैरान करने वाली बात है। 

🔶  दोस्तों नर्मदा घाटी क्षेत्र में एक बहुत ही पौराणिक और प्रसिद्ध कहानी प्रचलित हैं । दोस्तों इस क्षेत्र के निवासियों का धारणा है कि खुले आसमान से एक गोल चक्करी आतीं हैं और वह जमीन को नहीं छुता है क्योंकि एक बहुत तेज रोशनी उसको ऊपर उठाकर रखतीं हैं और उनमें से बड़ी बड़ी आंखों वाले और बड़े बड़े कान वाले लोग बाहर निकलते है और ये अद्भुत प्राणी पृथ्वी पर थोड़ी देर विचरण करने के बाद अपने गोल चक्करी में गायब हो जातें हैं। दोस्तों यह प्रचलित कहानी पीढ़ी दर पीढ़ी चलीं आ रही हैं।











🔶  दोस्तों आपको जानकारी के लिए बता दूं कि आज से 49000 हजार वर्ष पहले अफ्रीका में शिबुड़ की गुफा में दुध के साथ गेरूआ रंग मिलाकर पत्थरों पर चित्रकारी की जाती थी । 
              जबकि 250000 वर्ष पहले के शैल चित्रों में केवल गेरूआ रंग का उपयोग किया गया है यानी  लगभग 49000 हजार वर्ष पहले अफ्रीका में पशुपालन की शुरुआत हो चुकी थी। ये नये शोधों से पता चला है दोस्तों। 


🔶 दोस्तों कई बार एक ही चट्टानों पर शोधकर्ताओं को विभिन्न सहस्त्राब्दियों के बने शैल चित्रों का जमावड़ा मिला है जो अलग अलग कालों में बनाए गए थे। दोस्तों प्राचीन समय में एक ही प्रकृति और उससे संबंधित सार्वभौमिक ज्ञान सर्वत्र मौजूद था।

     दोस्तों विशेष रूप से ऐसे मानव  जिनके सर से प्रकाश का उत्सर्जन हों रहा है। दोस्तों इस प्रकार के शैल चित्रों की पहली छवियां माउंट हुआन  चीन में मिलीं थीं। दोस्तों इन शैल चित्रों की आयु 47000 हजार वर्ष है दोस्तों ये उन शैल चित्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो परग्रहियों से मानवों के संपर्क को दर्शाता है।















🔶 दोस्तों इसी प्रकार ब्राजील के सेरा द केपीहारा में इसी प्रकार के शैल चित्र पाएं गये है। इनकी आयु 20900 वर्ष पुरानी है दोस्तों ख़ास बात यह है कि इसी प्रकार के शैल चित्र भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में भी पाएं गये है जिनकी आयु मात्र 10000 हजार वर्ष है इन शैल चित्रों में काफी समानताएं हैं। इसी प्रकार इटली के केमिनो घाटी क्षेत्र में भी शैल चित्र पाएं गये है।

🔶 दोस्तों इन शैल चित्रों में एक ऊंचे सिंहासन पर बैठे परग्रही एलियन कवच धारण किए हुए हाथों में एक उपकरण लिए हुए है। जो कि छड़ी नुमा हैं और दोस्तों उसके आसपास उसी जैसे और भी एलियन खड़े हैं और वो उनसे दूर बैठे मानवों को कुछ निर्देश दें रहा है। दोस्तों उनकी बैठक से कुछ ही दुरी पर गोल चक्करी नुमा तेज़ रोशनी वाली एक विशाल वस्तु मौजूद हैं जो जमीन को नहीं छू रहीं हैं दोस्तों यह शैल चित्र उज़्बेकिस्तान के नबोयी शहर से 18 किलोमीटर दूर पश्चिम में एक गुफा में मौजूद हैं।













🔶 दोस्तों ओगा रुस के कैव बेसवा नोसा में पेट्रग्लिस नामक एक प्रसिद्ध जगह है दोस्तों इसकी लंबाई ढ़ाई किलोमीटर है यह क्षेत्र ज़मीन को दो भागों में बांट रही हैं दोस्तों माना जाता है कि यहां पर कभी माना जाता है कि एलियनो का स्पेस सेंटर था जो अब बर्बाद हो चुकी है यहां पर अब केवल जमीन पर दरार रह गई हैं। दोस्तों इस दरार के एक किलोमीटर वर्ग क्षेत्र में किसी भी प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक यंत्र काम करना बंद कर देता है । साथ ही दोस्तों सारे नेविगेशन सिस्टम बंद हो जातें हैं।

🔶 दोस्तों भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के सिरपुर क्षेत्र में अमेरिका के वैज्ञानिकों का एक दल यहां शोध करने आईं हुईं थीं। दोस्तों भारत के जाने माने पुरातत्ववेत्ता पदमश्री डॉ अरुण शर्मा के नेतृत्व में इस दल ने  26000 हजार वर्ष पुरानी मिट्टी के खिलौने खोजें थे। आश्चर्य करने वाली बात यह थी दोस्तों ये खिलौने परग्रहियों और और उनके यानो के थे। दोस्तों जैसा कि यहां पर मौजूद शैल चित्रों में एलियनो और उनके UFO   दर्शाया गया है।

     दोस्तों इसी प्रकार रायसेन के पास मिले शैल चित्रों के आधार पर दावा किया गया है कि नर्मदा नदी घाटी में एलियनो का आवागमन हुआ करता था।

    दोस्तों इसलिए नर्मदा नदी घटी विश्व भर के वैज्ञानिकों को अपनी ओर आकर्षित करती रही हैं। क्योंकि यहां पर परग्रहियों से लेकर डायनासोर के अण्डे व विशालकाय कंकाल मिलते रहे हैं।









🔶 दोस्तों अब सवाल उठता है कि पाषाणयुगीन मानवों ने आख़िर 
 ऐसे  शैल चित्र क्यों बनाये थे ?

                  दोस्तों इस प्रकार के परग्रही प्राणियों के शैल चित्रों की एक श्रृंखला पुरे विश्व में मौजूद हैं जो 50000 साल से लेकर 10000 साल तक के हैं जिनका सीधा संबंध परग्रही एलियनो से हैं जिनका संपर्क आदिमानवों से हुआ था।

      दोस्तों रायसेन के फुलवारी घाटी , नर्मदा घाटी  , सोनभद्र इन सभी क्षेत्रों में वृहत पैमाने पर शैल चित्रों के मिलने का संभावना है। 










🔶 दोस्तों कुछ दशक पूर्व जियोलाजिस्ट  अरूण सोनकिया ने  नर्मदा घाटी के हथनानारा गांव से एक मानव कंकाल ख़ोज निकाला था । दोस्तों  C-14  के अनुसार यह कंकाल 3 लाख 50 हजार वर्ष पुराना था। दोस्तों इसी प्रकार भारतीय पुरातत्व विभाग और NASA  ने बस्तर जिले के एक गुफा में 10000 साल पुरानी शैल चित्र ख़ोज निकालें थे। और इनको पुख्ता सबूत माना गया था क्योंकि ये सभी UFO  और एलियन के सुस्पष्ट शैल चित्र थे। 

🔶 दोस्तों परग्रहियों के धरती पर स्पेस सेंटर और रूकने के जगह भी मौजूद थे कालान्तर में। जैसे कि आज वर्तमान समय में अजंता एलोरा मंदिर के नीचे अंडरग्राउंड गुफाओं में दिखता है। दोस्तों जिसकी कटिंग मानों किसी अदभुत और अलौकिक यंत्रों से की गई हों।











🔶 दोस्तों कैलाश मंदिर आपको आश्चर्यों से भर देगा क्योंकि दोस्तों मंदिर का निर्माण कार्य ऊपर से नीचे की ओर किया गया है लेकिन आश्चर्यचकित करने वाली बात यह है कि निर्माण कार्य के दौरान निकलने वालें वेस्ट मैटेरियल आखीरकार गये कहां ? दोस्तों सैकड़ों किलोमीटर दूर दूर तक वे नज़र नहीं आते हैं।

🔶 दोस्तों केरल के महाबलीपुरम के राजा  हुआ करतें थे। दोस्तों यहां उनके समय के अतिप्राचीन मंदिर है जिसका शिखर इस प्रकार बना हुआ है मानों वह कोई राकेट लांचर हों। दोस्तों इसे परफेक्स होल भी कहा जाता है।










       दोस्तों यह तय कर पाना मुश्किल हो रहा है कि क्या कभी इस धरती पर मानव जाति को बसाने और निर्माण कार्य सिखाने वाले लोग परग्रही एलियन थे। 


  दोस्तों मुझे महान् भौतिक वैज्ञानिक प्रोफेसर जॉन हाकिंस वह चेतावनी याद आ गई  जिसमें वह कह रहे थे कि पृथ्वी वासियों को ब्रह्माण्ड में नई जगह की तलाश शुरू कर देनी चाहिए क्योंकि अब एलियनो से हमारी मुलाकात साधारण या दोस्ताना नहीं होगी । और उनके आगे हमारी सारी टेक्नोलॉजी धरी की धरी रह जाएगी। 

     धन्यवाद दोस्तों आज के लिए बस इतना ही। 









 

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      English Translat   
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A Journey - To know that unsolved mystery of Narmada river valley?  Was there the arrival of aliens i.e. aliens in Narmada Valley?  Were the aliens in contact with the humans of the Narmada Valley?








 
  Unsolved Mysteries of Narmada Valley?



   Hello friends, a warm welcome to all of you in our travel blog, let's go on a journey to the mysterious Narmada river valley.


 Friends, if we look at the history of Narmada river valley present in our India, it has been full of mysteries from ancient times till today.









 Because friends, as much as we try to understand the Narmada valley, more new questions start emerging in our mind?  And we get lost in the eternal mysteries of the Narmada Valley.

 Friends, do you know what did the people of the Archaeological Survey of India find when they explored the Narmada Valley?  Friends, they found those mysterious rock paintings made by primitive humans in caves in which humans of other planets i.e. aliens were present.  Those who were screaming and indicating that the human race living in Narmada was in contact with the aliens.


 Friends, now the question arises whether the Narmada river valley has been the place of origin of mankind?


 Friends, the question arises because why are the rock paintings of aliens made by primitive humans from different periods? 










🔶  Friends, are there aliens or aliens in this universe other than us?


 Come friends, let's go to the ancient history of the earth.


 Friends, as you must be aware that not only India but many series of rock paintings made by primitive humans have been received from all over the world. Friends, in these rock paintings, competitions for the advancement of colors and colors and their longevity have been involved for thousands of years.









 Friends, as humanity developed, in the same way the art of making pictures by humans also developed more and more. And we modern humans have also been studying rock paintings made by primitive humans from the very beginning.


 Friends, the presence of the oldest rock paintings in the world are engraved on the cave walls of the Paleolithic era. Friends, the handprints of primitive humans on the walls of these caves and the rock paintings of waving fingers have been attracting researchers towards them. Friends, these rock paintings were later buried with wet soil.


 Friends, you will see that there are simplicity and many similarities in the color and form of rock paintings made of early stone age.

 Friends, you will see that most of the rock paintings have the outlines of various animals, friends, these rock paintings are completely colored with bright red color, yellow color, round spots. Friends, the surprising secret is that even today the soot of the smoke of the fire lit by the primitive humans in these caves remains intact on the walls of the cave even after thousands of years. 









Friends, the truth is that in the early stages of human development, primitive humans did not know anything about painting. Therefore, what they saw in their time period, they used to make it in that form. That is, the events that happened in front of them made them in the form of paintings in caves.


 Friends, now the question arises that why did the primitive humans make such pictures whose relation did not match with their daily life?

 Because friends, this is the disputed picture that belongs to the aliens, which also includes the pictures of UFO , which are claimed to be seen in many areas of the world even today.


 Friends, by determining the rock paintings found in different stages of development, the researchers saw how the rock paintings changed over time. Because friends, starting with simple two-dimensional images, artists of the distant past had made more descriptive improvements to their compositions, and over time they had greatly improved their skills by adding shadows and volumes to them.


 Friends, the use of modern scanners in the study of caves by researchers has exposed all those mysteries. That is, friends, on going into the depths of the past by modern instruments, it is revealed from the rock paintings here that those humans had definitely had contact with aliens ie aliens.


🔶  Friends, you will be surprised to know that the world's oldest cave paintings are present in L-Castillo Spain, friends, the impressions of the palms of primitive humans and wavy fingerprints are present in that cave.













🔶   Friends, as you must know, for scientific research, now the traditional C-14 has been replaced by Uranium Radio Righteous, so that now more clear information is obtained.

🔶  Friends, you will be surprised to know that the rock paintings present in the L-  Castillo Caves of Spain were believed to have been made by modern humans Homosippians, but now through modern discovery it has been found that these rock paintings were made by Neanderthal humans.  created.

      Friends, 10,000 years old rock paintings have been found in Chashma area of ​​Kanker district of Chhattisgarh state of India.  Friends, as well as the rock paintings on the Gotitola and Chandeli caves and hills, there are pictures of astonishing aliens and their flying saucers i.e. UFO's.










 Friends, the Archaeological Department of Chhattisgarh is taking the help of NASA and ISRO so that it can be found out whether there was ever a collision of primitive humans with aliens.

 Friends, according to archaeologists, there must have been a meeting of aliens and the primitive humans of the earth at some point in this area, whose testimony is being given by these rock paintings today.  Friends, because the Mesolithic people used to carve pictures of seen objects and daily life on stones.  Because friends, primitive humans used to do this in their spare time, perhaps this may have been a part of human evolution.


 Friends, in rock paintings, UFOs engraved pictures of such humans who have instruments in their hands and those who are wearing armor like astronauts, they have antennas on their heads.  Will happen.


 Friends, even after thousands of years, the colors of rock paintings have not faded, which is surprising.











    🔶   Friends, a very mythical and famous story is prevalent in the Narmada Valley region.  Friends, the residents of this area have a belief that a roundabout comes from the open sky and it does not touch the ground because a very strong light keeps it up and people with big eyes and big ears come out of them.  And these wonderful creatures, after wandering for a while on the earth, disappear in their circular motion.  Friends, this popular story is being passed down from generation to generation.

🔶     Friends, let me tell you for information that 49000 thousand years ago in Africa, painting was done on stones by mixing ocher color with milk in the cave of Shibud.

 Whereas only ocher color has been used in the rock paintings of 250000 years ago i.e. about 49000 thousand years ago animal husbandry had started in Africa. This new research has revealed, friends.









🔶     Friends, many times researchers have found a collection of rock paintings made of different millennia on the same rocks which were made in different periods. Friends, in ancient times only one nature and universal knowledge related to it was present everywhere.


 Friends, especially such human beings, whose head is emitting light. Friends, the first images of such rock paintings were found in Mount Huan, China. Friends, the age of these rock paintings is 47000 thousand years, friends, they represent those rock paintings which shows the contact of humans with aliens.


🔶   Friends, similar rock paintings have been found in Serra de Capihara, Brazil. Their age is 20900 years old, friends, the special thing is that similar rock paintings have also been found in Chhattisgarh state of India, whose age is only 10000 thousand years, there are many similarities in these rock paintings. Similarly, rock paintings have also been found in the Camino Valley region of Italy.











🔶   Friends, in these rock paintings, alien aliens sitting on a high throne are holding a tool in their hands wearing armor. Those who are like sticks and friends are standing around him like other aliens and he is giving some instructions to the humans sitting away from them. Friends, just a short distance from their meeting, there is a huge circular shaped object with bright light which is not touching the ground, friends, these rock paintings are present in a cave 18 km west of Naboyi city of Uzbekistan.


🔶   Friends, there is a famous place called Petraglis in Kav Besava Nosa of Oga Rus. Friends, its length is two and a half kilometers, this area is dividing the land into two parts. Friends, it is believed that here it is believed that there was a space center of Aliano which is now ruined. It is done, now only cracks are left on the ground. Friends, in one kilometer square area of ​​this crack, any type of electronic device stops working. Also friends, all the navigation systems are turned off.














🔶   Friends, a team of American scientists had come here to do research in Sirpur area of ​​Chhattisgarh state of India. Friends, under the leadership of India's famous archaeologist Padmashree Dr. Arun Sharma, this team had discovered 26000 thousand years old clay toys. The surprising thing was that these toys belonged to the aliens and their vehicles. Friends, as shown in the rock paintings here, aliens and their UFOs.


 Similarly, on the basis of rock paintings found near Raisen, it has been claimed that there used to be movement of aliens in the Narmada river valley.


 Friends, this is why the river Narmada has been attracting scientists from all over the world. Because from aliens to dinosaur eggs and giant skeletons have been found here.











🔶   Friends, now the question arises that stone age humans have finally

 Why were such rock paintings made?


 Friends, a series of rock paintings of these types of alien creatures are present all over the world, which are from 50000 years to 10000 years, which are directly related to alien aliens who had contact with primitive humans.


 Friends, there is a possibility of getting large scale rock paintings in the Phulwari valley, Narmada valley, Sonbhadra of Raisen in all these areas.











🔶   Friends, a few decades ago, the geologist, Arun Sonakia, had discovered a human skeleton from the village of Hathnara in the Narmada Valley.  According to friends, C-14, this skeleton was 3 lakh 50 thousand years old.  Friends, in the same way, the Archaeological Department of India and NASA had discovered 10000 years old rock paintings in a cave in Bastar district.  And these were considered strong evidence because they were all clear rock paintings of UFOs and aliens.

🔶   Friends, space centers and places of stay were also present on the earth of the aliens, over a period of time. As seen today in the underground caves below the Ajanta Ellora temple. Friends, whose cutting has been done as if with some amazing and supernatural instruments.











🔶  Friends, the Kailash temple will fill you with surprises because friends, the construction work of the temple has been done from top to bottom, but the surprising thing is that where did the waste material released during the construction work finally go? Friends, they are not visible even hundreds of kilometers away.

 🔶   Friends used to be the kings of Mahabalipuram in Kerala. Friends, here is the ancient temple of their time, whose peak is made in such a way that it is a rocket launcher. Guys it's perfect











  Friends, it is becoming difficult to decide whether the people who once settled the human race on this earth and taught construction work were alien aliens.

   Friends, I remembered the great physicist Professor John Hawking's warning in which he was saying that the people of the earth should start looking for a new place in the universe because now our meeting with aliens will not be normal or friendly. And in front of them all our technology will remain grounded.

    Thanks guys that's all for today.







































Tuesday, July 5, 2022

एक यात्रा - रामराजा मंदिर ओरछा मध्यप्रदेश भारतA Tour - Ramraja Temple Orchha Madhya Pradesh India.

Ek yatra khajane ki khoje










     नमस्कार दोस्तों मै पर्वतारोही महेंद्र कुमार आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आज कि यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं एक ऐसे अनोखे मंदिर कि यात्रा जहां प्रभू श्री राम राजा के रूप में विराजमान हैं अपने बाल स्वरूप में । 


            रामराजा मंदिर

            ओरछा मध्यप्रदेश

                 भारतवर्ष









 दोस्तों ओरछा भारत के मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में स्थित एक प्राचीन ऐतिहासिक नगरी हैं। इसकी स्थापना रूद्र प्रताप सिंह द्वारा अपने राज्य की राजधानी के रूप में सन् 1501 के आस पास किसी समय में की थी । 

        दोस्तों ओरछा बुंदेलखंड में बेतवा नदी के किनारे बसा हुआ हुआ है। दोस्तों यह टीकमगढ़ से 80 किलोमीटर दूर और उत्तर प्रदेश राज्य के झांसी से 15 किलोमीटर दूर स्थित है और दोस्तों यही पर मौजूद हैं भगवान श्री राम की अनोखी राम राजा मंदिर जहां भगवान श्री राम अपने बाल्यकाल में मौजूद हैं।








              रामराजा मंदिर

 दोस्तों  भगवान् श्री राम का ओरछा में 400 वर्ष पहले राज्याभिषेक हुआ था और उसके बाद से वर्तमान में आज तक यहां भगवान श्री राम को राजा के रूप में पूजा जाता है। दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह मंदिर  सम्पूर्ण विश्व का एकमात्र ऐसा अद्भुत मंदिर है जहां भगवान श्री राम का राजा के रूप में पूजा जाता है।






   दोस्तों रामराजा के अयोध्या से ओरछा आने की एक अत्यंत ही सुंदर कथा है।


    दोस्तों कहा जाता है कि 500 वर्ष पहले एक दिन ओरछा  नरेश महाराज मधुकर शाह ने अपनी धर्मपत्नी गणेश कुंवर से भगवान कृष्ण के उपासना के इरादे से वृंदावन चलने को कहा। लेकिन दोस्तों रानी प्रभु श्री राम की अनन्य भक्त थी अतः उन्होंने  वृंदावन चलने से मना कर दिया। इससे क्रोध में आकर राजा ने यह कहा कि तुम इतनी राम भक्त हो तो जाकर अपने राम को ओरछा लें कर  आओ।

      दोस्तों इसके बाद रानी  अयोध्या पहुंच कर सरयू नदी के किनारे लक्षमण क़िले के पास अपनी कुटिया बनाकर प्रभु श्री राम की आराधना शुरू कर दी।

      दोस्तों आपको पता है  इन्हीं दिनों संत शिरोमणि तुलसी दास भी अयोध्या में प्रभु श्री राम की साधना कर रहे थे । दोस्तों कहा जाता है कि तुलसी दास से आशीर्वाद प्राप्त कर रानी की अराधना दृढ़ से दृढतर होती गई। लेकिन दोस्तों रानी को कई महीनों तक  प्रभु श्री राम की दर्शन नहीं हुए। अंततः दोस्तों वह निराश होकर अपने प्राण त्यागने सरयू नदी की अथाह जलराशि में कूद पड़ी । लेकिन दोस्तों प्रभू की माया अपरम्पार होती है दोस्तों यहीं जल की अतल गहराइयों में उन्हें प्रभू श्री राम के दर्शन प्राप्त हुएं।









             दोस्तों रानी ने प्रभू श्री राम को अपना मंतव्य बताया जिसे सुनकर प्रभू श्री राम ने ओरछा चलना स्वीकार कर लिया किन्तु प्रभू श्री राम तीन शर्तें रखी। पहली यह कि ओरछा तक कि यात्रा पैदल होगी  , दुसरी शर्त यह कि यात्रा केवल पुष्प नक्षत्र में होगी , और तीसरा शर्त यह था दोस्तों कि  रामलला की मूर्ति जिस स्थान पर रखीं जाएगी वहां से पुनः नहीं उठेगी।

          दोस्तों रानी ने राजा को संदेश भेजा कि वो प्रभू श्री राम को लेकर ओरछा आ रही है दोस्तों यह सुनकर राजा मधुकर शाह ने रामराजा के विग्रह को स्थापित करने केलिए उस जमाने में करोड़ों रुपए की लागत से प्रभू श्री राम के लिए चतुर्भुज मंदिर का निर्माण करवाया।
                दोस्तों जब रानी ओरछा पहुंची तो रात्रि हो जाने की वजह से उन्होंने प्रभु श्री राम की मूर्ति को अपने महल के भोजन कक्ष में रख दिया और यह निश्चित हुआ कि शुभ मुहूर्त में प्रभू श्री राम की मूर्ति को चतुर्भुज मंदिर में स्थापित कर प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।








              लेकिन दोस्तों शर्त के अनुसार प्रभू श्री राम के इस विग्रह ने चतुर्भुज मंदिर जाने से मना कर दिया। 
              दोस्तों कहते हैं कि प्रभू श्री राम यहां अपने बाल स्वरूप में आए और अपनी मां का महल छोड़कर वे मंदिर में कैसे जा सकतें थे। अंत दोस्तों आज भी प्रभू श्री राम इसी रानी महल में विराजमान हैं और उनके लिए बना करोड़ों का चतुर्भुज मंदिर आज भी वीराना पड़ा है। दोस्तों यह मंदिर आज भी मूर्ति विहिन है ।









       दोस्तों यह भी एक संयोग कि बात है कि जिस संवत् 1631 को रामराजा का ओरछा में आगमन हुआ था , उसी दिन संत शिरोमणि तुलसी दास जी द्वारा पवित्र रामचरितमानस का लेखन भी पूर्ण हुआ था।

       दोस्तों एक और अलौकिक कहानी यह है कि जो भगवान श्री राम कि मूर्ति ओरछा में विद्यमान हैं उनके बारे में बताया जाता है कि जब भगवान श्री राम वनवास जा रहें थे तो उन्होंने अपनी एक बाल स्वरूप मूर्ति अपनी माता कौशल्या को दी थी। दोस्तों माता कौशल्या उसी को बाल भोग लगाया करती थीं। और जब भगवान श्री राम अयोध्या लौटे तो माता कौशल्या ने यह मूर्ति सरयू नदी में प्रवाहित कर दीं थीं। दोस्तों यही मूर्ति रानी गणेश कुंवर को  भगवान श्री राम के द्वारा सरयू नदी के मझधार से निकाल कर रानी को दीं गईं थीं।

       दोस्तों यह सम्पूर्ण विश्व का एकमात्र मंदिर है जहां भगवान श्री राम की पूजा राजा के रूप में होती हैं। और सूर्योदय के पूर्व और सूर्यास्त के पश्चात प्रत्येक दिन सलामी दी जाती है। दोस्तों यहां भगवान श्री राम ओरछाधीश के रूप में विराजमान हैं।
   
      दोस्तों रामराजा मंदिर के चारों ओर वीर बजरंगबली का मंदिर है जैसे छड़दारी हनुमानजी , बजरिया के हनुमान जी , लंका हनुमान जी का मंदिर मौजूद हैं जो रामराजा के सुरक्षा चक्र के रूप में चारों तरफ़ है। दोस्तों ओरछा के अन्य बहुमूल्य धरोहरों में लक्ष्मी मंदिर , पंचमुखी महादेव , राधिका बिहारी मंदिर ,राजा महल , राय प्रवीण महल , हरदौल की बैठक , हरदौल की समाधि आदि प्रमुख हैं।   

     धन्यवाद दोस्तों आज के लिए बस इतना ही।

   






 



    









































   English Translat
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 Hello friends, I warmly greet all of you, mountain climber Mahendra Kumar, friends, today I am taking you on this journey to visit such a unique temple where Lord Shri Ram is seated in the form of a king in his child form.








 Ramraja Temple


 Orchha Madhya Pradesh


 Bharatvarsh




 Friends Orchha is an ancient historical city located in Niwari district of Madhya Pradesh, India. It was founded by Rudra Pratap Singh sometime around 1501 as the capital of his kingdom.


 Friends Orchha is situated on the banks of Betwa river in Bundelkhand. Friends, it is located 80 kilometers away from Tikamgarh and 15 kilometers from Jhansi in the state of Uttar Pradesh, and friends, this is the unique Ram Raja temple of Lord Shri Ram, where Lord Shri Ram is present in his childhood.







 Ramraja Temple


 Friends, Lord Shri Ram was coronated 400 years ago in Orchha and since then till today Lord Shri Ram is worshiped here as a king. Friends, you will be surprised to know that this temple is the only wonderful temple in the whole world where Lord Shri Ram is worshiped as a king.











        Friends, there is a very beautiful story of Ramraja coming from Ayodhya to Orchha.



 Friends, it is said that 500 years ago one day Orchhanresh Maharaj Madhukar Shah asked his wife Ganesh Kunwar to go to Vrindavan with the intention of worshiping Lord Krishna.  But friends, Rani was an exclusive devotee of Lord Shri Ram, so she refused to go to Vrindavan.  Angered by this, the king said that if you are such a devotee of Ram, then go and cover your Ram and come.


 Friends, after reaching Ayodhya, the queen started worshiping Lord Shri Ram by making her hut near Lakshman fort on the banks of river Saryu.








 Friends, you know that these days Saint Shiromani Tulsi Das was also doing spiritual practice of Lord Shri Ram in Ayodhya.  Friends, it is said that after receiving blessings from Tulsi Das, the worship of the queen grew stronger and stronger.  But friends Rani did not see Lord Shri Ram for many months.  Eventually friends, she jumped into the bottomless waters of the Sarayu river to give up her life in despair.  But friends, the Maya of the Lord is incomparable, friends, here in the depths of the water, they got the darshan of Lord Shri Ram.










        Friends, Rani told Prabhu Shri Ram her intention, after hearing which Prabhu Shri Ram accepted to walk in Orchha, but Lord Shri Ram kept three conditions.  The first is that the journey up to Orchha will be on foot, the second condition is that the journey will be only in Pushpa Nakshatra, and the third condition was that the idol of Ram Lalla will not rise again from the place where it will be kept.


 Friends, Rani sent a message to the king that she is coming to Orchha with Lord Shri Ram. Friends, hearing this, King Madhukar Shah built a quadrangle temple for Lord Shri Ram at a cost of crores of rupees at that time to establish the Deity of Ramraja.  .

 Friends, when the queen reached Orchha, because it was night, she kept the idol of Lord Shri Ram in the dining room of her palace and it was decided that in the auspicious time, the idol of Lord Shri Ram would be established in the Chaturbhuj temple.  .








 But friends, according to the condition, this Deity of Lord Shri Ram refused to go to the Chaturbhuj temple.

 Friends say that Lord Shri Ram came here in his child form and how could he leave his mother's palace and go to the temple.  Finally friends, even today Lord Shri Ram is seated in this queen's palace and the quadrangle temple built for him has to be deserted even today.  Friends, this temple is still idolless.










       Friends, it is also a matter of coincidence that the Samvat on which Ramraja had arrived in Orchha in 1631, on the same day the writing of the holy Ramcharitmanas by Saint Shiromani Tulsi Das was also completed.


 Friends, another supernatural story is that the idol of Lord Shri Ram who is present in Orchha is told that when Lord Shri Ram was going to exile, he gave one of his childhood idols to his mother Kaushalya.  Friends, mother Kaushalya used to offer child bhog to him.  And when Lord Shri Ram returned to Ayodhya, Mata Kaushalya had immersed this idol in the river Saryu.  Friends, this idol was given to Rani Ganesh Kunwar by Lord Shri Ram from the middle of the river Sarayu and given to the queen.












 Friends, this is the only temple in the whole world where Lord Shri Ram is worshiped in the form of a king.  And salami is given every day before sunrise and after sunset.  Friends, Lord Shri Ram is seated here in the form of Orchhadheesh.



 Friends, around the Ramraja temple, there is a temple of Veer Bajrangbali such as Chaddari Hanumanji, Hanuman of Bajaria, Lanka Hanuman ji's temple is present which is around in the form of protection wheel of Ramraja.  Friends, among other valuable heritage of Orchha, Laxmi Temple, Panchmukhi Mahadev, Radhika Bihari Temple, Raja Mahal, Rai Praveen Mahal, Meeting of Hardaul, Samadhi of Hardaul etc. are prominent.


      Thanks guys that's all for today.


     




















           

Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...