Friday, September 3, 2021

एक यात्रा अद्भुत अलौकिक श्री वैष्णव परम्परा के अग्रणी संत स्वामी रामानुजाचार्य का पध्मासनस्थ भौतिक शरीर विगत 878 सालों से संरक्षित रखा जा रहा है।- श्रीरंगनाथ स्वामी मंदिर - तिरुचिरापल्ली ,श्रीरंगम , तमिलनाडु भारतA Journey to the wonderful supernatural The Padmasanastha physical body of Swami Ramanujacharya, a pioneer of the Sri Vaishnava tradition, is being preserved for the past 878 years. - Sriranganatha Swamy Temple - Tiruchirappalli, Srirangam, Tamil Nadu India.

Ek yatra khajane ki khoje



 




  महान संत रामानुजाचार्य का संरक्षित शरीर
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      नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं  तमिलनाडु स्थित श्रीरंगनाथ स्वामी मंदिर जहां मौजूद है भारत के सबसे महान संत का मृत भौतिक शरीर संरक्षित अवस्था में। दोस्तों जिनके दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है।तो आइए दोस्तों चलते हैं श्री रंगनाथस्वामी मंदिर की यात्रा पर जो तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली के श्रीरंगम में मौजूद है।

           श्री रंगनाथ स्वमी मंदिर

          तिरुचिरापल्ली , श्रीरंगम

                 तमिलनाडु

                  भारतवर्ष








 नमस्कार दोस्तों जैसा कि आप सभी को पता है कि पूरी दुनिया के लोग मिस्र देश की प्राचीन राजाओं के मृत शरीर यानी जिसे हम सभी "ममी" के नाम से जानते हैं और साथ ही भारत के गोवा राज्य में "सेंटजेवियर" के संरक्षित शरीर को देख हैरान होते हैं।

              लेकिन दोस्तों दुर्भाग्यवश बहुत ही कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि मिस्र के राजाओं के मृत शरीर जिस वस्त्र से लपेटे जाते थे वह वस्त्र जिसे मस्लीन कहा जाता है भारतवर्ष से ही आयातित होते थे।जिनका उपयोग मिस्र के लोग अपने मृत राजाओं के शरीर को लपेटने में क्या करते थे। यानी दोस्तों ममीफाइड करने में , और साथ ही इन कपड़ों पर विभिन्न प्रकार के जड़ी बूटियों का लेपन का भी उपयोग किया जाता था जो संभवत भारत से आयातित होते थे।

                 दोस्तों भारतवर्ष के राज्य तमिलनाडु का जिला तिरुचिरापल्ली के श्रीरंगम स्थित पवित्र श्री रंगनाथस्वामी मंदिर जिसे भारतवर्ष के सबसे बड़े मंदिर परिसर होने का गौरव प्राप्त है। और दोस्तों यही पर मौजूद है भारत के प्राचीनतम संरक्षित शरीर ।







                     दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि विशिष्ट द्वैत दर्शन के महान आचार्य और श्री वैष्णव परंपरा के अग्रणी संत स्वामी रामानुजाचार्य का पद्मासन भौतिक शरीर विगत 878 सालों से संरक्षित रखा जा रहा है। जो अपने आप में अद्भुत और अलौकिक है दोस्तों।दोस्तों महान संत के शरीर को सन 1137 से अब तक सुरक्षित रखा जा रहा है यानी मिस्र देश की ममी की तरह।

           दोस्तों सबसे आश्चर्यचकित करने वाली बात यह है कि भारत के इस महान संत के भौतिक शरीर का साक्षात दर्शन करने के लिए मंदिर प्रांगण में ही रखा हुआ है जिसे भक्तगण आसानी से देख सकते हैं।

           दोस्तों प्रसिद्ध श्री रंगनाथस्वामी मंदिर के पांचवे परिक्रमा पथ पर स्थित श्री रामानुज मंदिर के दक्षिण पश्चिम कोने पर यह भौतिक शरीर संरक्षित है।







                       दोस्तों महान संत रामानुजाचार्य 120 वर्ष तक जीवित रहे थे। दोस्तों सन 1137 ईस्वी में उन्होंने पद्मासन अवस्था में ही समाधि ले ली थी।

                 दोस्तों स्वयं श्री रंगनाथस्वामी जी के आदेश से उसी अवस्था में संत रामानुजाचार्य के शिष्यों ने उनके भौतिक शरीर को संरक्षित  रख लिया था।दोस्तों आश्चर्यजनक रूप से इस संरक्षित शरीर में आंखें , नाखून आदि स्पष्ट दिखाई देती है। दोस्तों सड़न से बचने के लिए इस शरीर पर रोजाना किसी भी प्रकार का अभिषेक नहीं किया जाता है ।दोस्तों केवल वर्ष में दो बार विभिन्न प्रकार के जड़ी-बूटियों से इस शरीर को साफ किया जाता है और उसी समय उस भौतिक शरीर पर चंदन और केसर का लेपन किया जाता है। ताकि शरीर सुरक्षित रह सके।

        दोस्तों इस मंदिर प्रांगण में संत रामानुजाचार्य द्वारा इस्तेमाल किया हुआ एक बॉक्स आज भी मंदिर के अंदर रखा हुआ है जिसे देखा जा सकता है।








           दोस्तों उल्लेखनीय बात यह है कि इस पावन और पवित्र स्थान का गोवा या मिश्र जैसा कोई प्रचार-प्रसार नहीं किया जाता है।
                 दोस्तों उनके शरीर को एक मूर्ति में संरक्षित रखा गया है और आज भी भक्तों के दर्शन के लिए खुला है दोस्तों आश्चर्य करने वाली बात यह है कि आज भी इस पवित्र मृत भौतिक शरीर के नाखून बढ़ रहे हैं। जिसे देखकर यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं के मन अलौकिकता से आनंदित हो उठती है।





    
दोस्तों अद्भुत और अलौकिक है भारतीय संस्कृति के ध्वजवाहक यानी हमारे पूर्वज जिनकी संरचनाएं जो आज भी विश्व को अचंभित कर देती है।


                     धन्यवाद दोस्तों

             माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗







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              English translate
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 Preserved body of great saint Ramanujacharya
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 Hello friends, I am Mountain Leopard Mahendra, warm greetings to all of you, friends, I am taking you on today's journey, Sriranganatha Swamy Temple in Tamil Nadu, where the dead physical body of India's greatest saint is present in a preserved condition.  Friends, whose mere darshan fulfills the wishes of the devotees. So friends, let's go on a visit to Sri Ranganathaswamy Temple which is present in Srirangam, Tiruchirappalli, Tamil Nadu.


 Sri Ranganatha Swami Temple


 Tiruchirappalli, Srirangam


 Tamil Nadu


 Bharatvarsh











 Hello friends, as you all know that people from all over the world see the dead body of the ancient kings of Egypt, which we all know as "Mummy" as well as the preserved body of "Saint Xavier" in the state of Goa, India.  are surprised.


 But friends, unfortunately very few people are aware that the cloth with which the dead bodies of the Egyptian kings were wrapped, the cloth called muslin was imported from India itself.  What did you do to wrap it?  That is, in mummifying friends, as well as various types of herbs were also used on these clothes which were probably imported from India.


 Friends, the holy Sri Ranganathaswamy temple located at Srirangam in Tiruchirappalli district of Tamil Nadu state of India, which has the distinction of being the largest temple complex in India.  And friends, here is the oldest preserved body of India.










 Friends, you will be surprised to know that the Padmasan physical body of Swami Ramanujacharya, a great teacher of specific duality philosophy and a pioneer of Sri Vaishnava tradition, is being preserved for the last 878 years.  Which is wonderful and supernatural in itself, friends. Friends, the body of the great saint is being kept safe since 1137, that is, like the mummy of the country of Egypt.


 Friends, the most surprising thing is that to see the physical body of this great saint of India, the temple is kept in the courtyard itself, which the devotees can easily see.


 Friends, this physical body is preserved at the south-west corner of Sri Ramanuja Temple, located on the fifth parikrama path of the famous Sri Ranganathaswamy temple.

 Friends, the great saint Ramanujacharya lived for 120 years.  Friends, in 1137 AD, he took samadhi in the state of Padmasan.











 Friends, on the orders of Sri Ranganathaswamy ji himself, the disciples of Sant Ramanujacharya had preserved his physical body in the same condition. Friends, surprisingly, eyes, nails etc. are clearly visible in this preserved body.  Friends, to avoid decomposition any kind of Abhishek is not done on this body daily. Friends, this body is cleaned with different types of herbs only twice a year and at the same time sandalwood and saffron are applied on that physical body.  coating is done.  in order to keep the body safe.


 Friends, in this temple courtyard, a box used by Saint Ramanujacharya is still kept inside the temple which can be seen.










 Friends, the remarkable thing is that this holy and holy place is not promoted like Goa or Egypt.

 Friends, his body has been preserved in an idol and is still open for devotees to see. Friends, the surprising thing is that even today the nails of this sacred dead physical body are growing.  Seeing which the mind of the devotees who come here gets blissful with supernatural.




 Friends, wonderful and supernatural are the flag bearers of Indian culture i.e. our ancestors whose structures which still amaze the world.



 thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra🧗🧗














          Mountain Leopard                             Mahendra 🧗🧗

















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