Ek yatra khajane ki khoje
प्राचीन विद्या शंकर मंदिर कि यात्रा पर
_______________________________
नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं।
श्रृंगेरी कि यात्रा पर, यात्रियों को विद्या शंकर मंदिर को जाने 'की सिफारिश करते हैं' जो विद्याशंकारा के लिए समर्पित है। इस तीर्थ स्थल का निर्माण 1338 ई. में विद्यारान्य, नाम के एक ऋषि द्वारा किया गया था जो विजयनगर साम्राज्य, के संस्थापकों के लिए संरक्षक थे और 14 वीं सदी में यहाँ रहते थे।यह मंदिर द्रविड़, चालुक्य, दक्षिणी भारतीय और विजयनगर स्थापत्य शैली को दर्शाता है। पर्यटक कई शिलालेख देख सकते हैं जो विजयनगर साम्राज्य के योगदान को दर्शाती है।
इस आयताकार मंदिर में 12 खंभे शामिल हैं जो कि राशि चक्र के खंभे के रूप में प्रसिद्ध हैं। इन सभी स्तंभों बारह राशियों की नक्काशियों प्रदर्शित किये गए हैं, जिनकी रूपरेखा खगोलीय अवधारणाओं को विचार में रखकर किए गए थे। इन पर सौर चिन्ह बनें हुए हैं । हर सुबह जब सूर्य की किरणें मंदिर में प्रवेश करती हैं तो वे वर्ष के वर्तमान मास का संकेत देने वाले एक विशेष स्तम्भ से टकराती हैं....
है ना आश्चर्य...
एक गर्भाग्रिहा, जहां देवी दुर्गा और भगवान विद्या गणेश की मूर्तियों को देखा जा सकता है, मंदिर में मौजूद है। इसके अलावा, भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान महेश्वर की मूर्तियां, उनके पत्नियों की मूर्तियों के साथ गर्भाग्रिहा में देखे जा सकता है।
मंदिर के केन्द्रीय छत कि एक अन्य प्रमुख विशेषता यह है कि इस्पे सुंदर वास्तुकला प्रदर्शित कि गयी है। इस स्थल पर छते ढालवां मोड़ा के लिए जाने जाते है। मंदिर के तहखाने में भगवान शिव, भगवान विष्णु, दसावतार, शंमुखा, देवी काली और विभिन्न प्रकार के जानवरों के सुंदर आंकड़े स्थापित किये गये हैं। यह मंदिर विद्यातिर्था रथोत्सव के उत्सव के लिए जाना जाता है जो कि कार्तिक शुक्ल पक्ष के दौरान आयोजित किया जाता है।
कहां जाता है कि आगे चलकर इसी साम्राज्य में कृष्णदेव राय राजा बना और उसकी महानता, शौर्य, पौरूष, औजस्व और पराक्रम का अंदाज हम बाबर की आत्मकथा से लगा लगा सकते हैं ।
16 वीं शताब्दी में जब बाबर भारत आया तो वो लिखता हैं "इस समय भारत में 2 काफिर रियासतें हैं और 5 मुस्लिम रियासतें हैं, इनमें सबसे शक्तिशाली दक्षिण का राजा कृष्णदेव राय हैं और उसे हरा करने योग्य शक्ति मुझमें नहीं है"
इस कथन से बाबर की विवश्ता और बेबसी दोनों का पता चलता हैं।
और ध्यान रखिएगा... ये मध्यकालीन भारत की बात हैं, जिस समय इस्लामिक शक्ति अपने चर्म पर थी।
लेकिन... इसके बाद भी कुछ लोग हिंदू संस्कृति का और हिन्दू सभ्यता का उपहास उड़ाते हैं... वो सभी दुरात्मा बस ये बता दे कि और किस धर्म में हिन्दू (सनातन) धर्म से अधिक करूणा, दया, शौर्य, साहस, पराक्रम, औजस्व और कर्तव्यपरायणता रही हैं।
धन्यवाद दोस्तों
माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा
____________________________________________________
English translate
_________________
Visit of ancient Vidya Shankar temple
_______________________________
Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.
On the journey to Sringeri, travelers recommend 'going' to the Vidya Shankar temple which is dedicated to Vidyashankara. This pilgrimage site was built in 1338 AD by a sage named Vidyaranya, a patron to the founders of the Vijayanagara Empire, and lived here in the 14th century. Shows. Tourists can see many inscriptions that show the contribution of the Vijayanagara Empire.
This rectangular temple consists of 12 pillars which are famous as the pillars of the zodiac. All these pillars are displayed carvings of twelve zodiac signs, which were designed keeping in mind the astronomical concepts. There are solar signs on them. Every morning when the rays of the sun enter the temple, they collide with a special pillar indicating the current month of the year….
No wonder…
A garbhagriha, where idols of Goddess Durga and Lord Vidya Ganesha can be seen, is present in the temple. Also, idols of Lord Brahma, Lord Vishnu and Lord Maheshwara, along with the idols of their wives can be seen in Garbhagriha.
Another prominent feature of the central roof of the temple is that it has beautiful architecture displayed. This site is known for Chhata Dhawan Moda. Beautiful figures of Lord Shiva, Lord Vishnu, Dasavatara, Shanmukha, Devi Kali and various types of animals are installed in the basement of the temple. This temple is known for the celebration of Vidyatirtha Rathotsava which is held during Kartik Shukla Paksha.
Where does it go that later in this kingdom, Krishnadeva Raya became the king and we can guess his greatness, valor, valor, courage and might from the autobiography of Babur.
When Babur came to India in the 16th century, he writes "India currently has 2 Kafir princely states and 5 Muslim princely states, among them the most powerful king of the south is Krishnadeva Raya and I do not have the power to defeat it".
This statement reveals both Babur's authority and helplessness.
And take care ... This is the talk of medieval India, at which time Islamic power was at its talon.
But ... Even after this, some people ridicule Hindu culture and Hindu civilization ... All those misdeeds just tell that and in which religion more compassion than Hindu (Sanatan) religion, mercy, valor, courage, valor , Has been virtuous and dutiful.
Thanks guys
Mountain Leopard Mahendra