Thursday, March 18, 2021

अति प्राचीन पुरातात्विक खोज - शिवलिंग Ancient Antiquarian Discovery - Shivling

Ek yatra khajane ki khoje















         हड़प्पा कालीन स्थल कालीबंगा से प्राप्त शिवलिंग , शिवलिंग एक योनि पीठ पर स्थापित है 
 The Shivalinga obtained from the Harappan site Kalibanga, the Shivlinga is installed on a vaginal back.
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    नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं।दोस्तों आज का मेरा ब्लॉग थोड़ा हटकर है जो भगवान शिव को समर्पित है शायद आप सभी लोगों को पसंद आए।



         
 सन 1940 में पुरातत्वविद डॉक्टर एम एस वत्स द्वारा हड़प्पा से खोजा गया शिवलिंग।
 Shivalinga discovered from Harappa in 1940 by archaeologist Dr. MS Vats.
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    अति प्राचीन पुरातात्विक खोज                     शिवलिंग
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  नमस्कार दोस्तों जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि भगवान शिव शंकर कोई एक हिंदू देव मात्र नहीं है। क्योंकि दोस्तों हमारे पवित्र धर्मग्रंथों में भगवान शिव को समस्त ब्रह्मांड का उर्जा माना गया है। दोस्तों यही कारण है कि शिव , धर्म ,जाति , लिंग और क्षेत्र के भेदों से परे हैं शिव , सबके हैं और संपूर्ण जगत शिव का है।











दोस्तों जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि भगवान शिव शंकर को प्रतीक रूप में लिंग में प्रतिस्थापित किया जाता है और हम सभी सनातन धर्मी इसी रूप में इन्हें पूजते हैं जैसा कि दोस्तों आप सभी को मालूम होगा की शिवलिंग प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनों प्रकार के होते हैं। दोस्तों शिवलिंग की उत्पत्ति और प्राप्ति के सवाल पर हमें कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिल पाता है दोस्तों जैसा कि हम सभी जानते हैं कि अर्थवेद से प्रारंभ होकर लिंग पुराण और रामायण , महाभारत आदि पवित्र हिंदू धर्म ग्रंथों में शिवलिंग पूजन के प्रमाण मौजूद हैं।  





         हड़प्पा कालीन अति प्राचीन शिवलिंग 
               Harappan  Shivling










दोस्तों पुरातात्विक साक्ष्यों या प्रमाणों की बात करें तो भारतवर्ष की प्राचीनतम ज्ञात मानव सभ्यता यानी सिंधु घाटी सभ्यता से ही शिवलिंग मिलने प्रारंभ हो जाते हैं।यानी देखा जाए तो अति प्राचीन सिंधु सभ्यता के लोग भी भगवान शिव की पूजा शिवलिंग के रूप में किया करते थे। और आगे चलकर प्राचीन सेंधव सभ्यता के लोगों ने भी इसी पूजा पद्धति को जारी रखा जो आज वर्तमान में भी निरंतर जारी है , भगवान शिव को उनके प्रतिक शिवलिंग के रूप में पूजना ।




दोस्तों जैसा कि आप सभी लोगों ने पढ़ा होगा कि गुप्त काल में हिंदू मंदिरों के विकास के युग के प्रारंभ होने के साथ ही शिवलिंग भी कलात्मक रूप में विकसित होने लग गए थे।दोस्तों उस काल में शिवलिंग पर शिव की मुखाकृति उकेरी जाने लगी थी , और दोस्तों यही प्रक्रिया लिंगो पर बाद में पूर्ण प्रतिमा उकेरे जाने तक विकसित हुई। क्योंकि दोस्तों एकमुखी , चतुर्मुखी , अष्टमुखी शिवलिंग आज भी गुप्त काल के उस स्वर्णिम युग के संदेशवाहक के रूप में यत्र तत्र देखने को मिल जाते हैं। यद्यपि दोस्तों गुप्त शासक वैष्णव मत के अनुयाई थे किंतु फिर भी गुप्त काल में भगवान शिव , माता पार्वती , माता गौरी , भगवान गणेश , भगवान कार्तिकेय , नंदी बाबा  आदि के अनेक सुंदर साहब प्रतिमाएं बनाई गई थी।





           हड़प्पाकालीन पशुपति सील -योग मुद्रा में बैठे पशुपति और उनके समीप विचरण करते पशु ।
  
Harappan Pashupati Seal - Pashupati sitting in yoga pose and animals roaming near him.
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दोस्तों आगे चलकर यानी गुप्तकाल के बाद में अनेकों राजवंशों ने शैल  संप्रदाय को राज्याश्रय  दिया और संपूर्ण भारतवर्ष में अनेकों शिवालयों का निर्माण किया गया जिनमें शिवलिंग को मंदिर के मुख्य गर्भ गृह में स्थापित किया जाता था। दोस्तों चंदेल काल में निर्मित खजुराहो का कंदारिया महादेव मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। दोस्तों 11 वीं - 12 वीं सदी में मालवा के परमार राजाओं ने भी अनेक सुंदर शिवालयों का निर्माण करवाया।इसी प्रकार उत्तर का सोमनाथ कहे जाने वाले भोजेश्वर शिव मंदिर में स्थापित शिवलिंग संसार के सबसे बड़े शिवलिंगों में से एक है ।दोस्तों भारत के अतिरिक्त समूचे दक्षिण एशिया और सुदूर पूर्व के देशों में जैसे इंडोनेशिया , जापान , वियतनाम , कंबोडिया , सिलोन , जावा , सुमात्रा आदि में भी शिवालय एवं शिवलिंगों की स्थापना की गई थी। 















यानी दोस्तों देखा जाए तो भगवान शिव की पूजा शिवलिंग के रूप में की जाने की पद्धति अति प्राचीन से भी प्राचीन है।।



                           वियतनाम से प्राप्त शिवलिंग
                    Shivling received from Vietnam











                 धन्यवाद दोस्तों


               माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗
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               English translate
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 Hello friends I heartily congratulate all of you mountain leopard Mahendra. Friends today my blog is a little different which is dedicated to Lord Shiva, maybe you all like it.











 Ancient archaeological discovery shivlinga

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 Hello friends as you all know that Lord Shiva Shankar is not just a Hindu god.  Because friends, in our holy scriptures, Lord Shiva is considered the energy of the entire universe.  Friends, this is the reason that Shiva is beyond the distinctions of religion, caste, gender and region, Shiva belongs to everyone and the whole world belongs to Shiva.




 
                एक मुखी शिवलिंग छठी से सातवीं सदी गुप्त काल
                One Mukhi Shivling Sixth to Seventh Century Gupta Period
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 Friends, as you all know that Lord Shiva Shankar is substituted in the linga as a symbol and we all worship him in the same way as friends all of you will know that Shivling is both natural and man-made.  Occur.  Friends, we do not get any clear answer on the question of origin and attainment of Shivling. Friends, as we all know that there is evidence of Shivling worship in the sacred Hindu religion texts like Linga Purana and Ramayana, Mahabharata, starting from Arthaveda.











 Friends, if you talk about archaeological evidence or evidences, then the Shivalinga starts from the oldest known human civilization of India i.e. the Indus Valley Civilization.  .  And later, people of ancient rock civilization continued this same method of worship, which continues even today, worshiping Lord Shiva as their counterpart Shivalinga.










         माय सन वियतनाम से उत्खनन में प्राप्त एक विशाल शिवलिंग लगभग 10वीं से 11वीं सदी ईसवी।
  A large Shivalinga excavated from My Sun Vietnam dating from about 10th to 11th century AD.
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 Friends, as all of you must have read that with the beginning of the era of the development of Hindu temples in the Gupta period, Shivling also started to develop in artistic form. In that period, the face of Shiva was engraved on the Shivling,  And friends, this process evolved until the full statue was carved on the lingo later.  Because friends, Ekamukhi, Chaturmukhi, Ashtamukhi Shivling, are still seen as a messenger of that golden age of Gupta period.  Although friends were followers of Gupta ruler Vaishnavism, yet many beautiful saab idols of Lord Shiva, Mata Parvati, Mata Gauri, Lord Ganesha, Lord Kartikeya, Nandi Baba etc. were built in Gupta period.








 Friends later, in the post-Gupta period, many dynasties ruled the Shaila sect and many pagoda were built all over India in which the Shivalinga was installed in the main sanctum sanctorum of the temple.  Friends, Kandariya Mahadev Temple of Khajuraho built in Chandel period is world famous.  Friends, the Parmar kings of Malwa also built many beautiful pagoda in the 11th - 12th century. Similarly, the Shivalinga established in the Bhojeshwar Shiva temple called Somnath in the north is one of the largest Shivalingas in the world.  Pagoda and Shivalingas were also established in South Asia and Far East countries such as Indonesia, Japan, Vietnam, Cambodia, Ceylon, Java, Sumatra etc.





                        मध्यप्रदेश के सतना जिले में स्थित भूभरा के शिवालय में स्थापित छठी से सातवीं शताब्दी का अति सुंदर मुखलिंग।
 Exquisite Mukhling of sixth to seventh century established in Bhubhra's pagoda located in Satna district of Madhya Pradesh.
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 That is, if you see friends, the method of worshiping Lord Shiva in the form of Shivalinga is even more ancient than the oldest.









 Thanks guys



 Mountain Leopard Mahendra                            🧗🧗



            नीलकंठेश्वर शिव मंदिर उदयपुर -विदिशा 12वी से 13 वी सदी में निर्मित। 

 Neelkantheshwar Shiva Temple Udaipur - Vidisha Built in 12th to 13th century.
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          अति प्राचीन भगवान शिव की शैल चित्र
 Rock figure of the very ancient Lord Shiva
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                बूंदी राजस्थान से खोजा गया एक गुप्तकालीन एकमुखी शिवलिंग।

 A Gupta Shiva lingam dating back to Bundi Rajasthan.
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    पूरे भारतवर्ष में 12 स्थानों पर ज्योतिर्लिंग स्थापित है जिनमें उज्जैन के महाकालेश्वर शिवलिंग अति प्रसिद्ध है उज्जैन के प्राचीन महाकाल मंदिर को क्रूर आक्रमणकारी सुल्तान इल्तुतमिश ने नष्ट कर दिया था वर्तमान में मंदिर मराठाकालीन है।

 Jyotirlinga is established in 12 places throughout India, in which Mahakaleshwar Shivling of Ujjain is very famous. The ancient Mahakal temple of Ujjain was destroyed by the brutal invader Sultan Iltutmish. Currently the temple is Maratha.
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                     मंदसौर मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर में स्थापित अष्ट मुखी शिवलिंग गुप्त काल।

Ashta Mukhi Shivling Gupta period established in the famous Pashupatinath temple of Mandsaur Madhya Pradesh
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                गुप्तकालीन एक मुखी शिवलिंग उदयगिरी की गुफाएं मध्य प्रदेश पांचवी से लेकर छठी शताब्दी के बीच।
 The caves of Udayagiri, a mukhi Shivling in Gupta period, Madhya Pradesh between the fifth to the sixth century.

















 



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