Tuesday, January 19, 2021

एक यात्रा तमिलनाडु के ममल्लापूरम में मौजूद शोर मंदिर की A visit to the Shore Temple in Mamallapuram, Tamil Nadu Bharat varsh

Ek yatra khajane ki khoje






                                  शोर मंदिर
                                 _________
                                
                             Shore Temple
                            ______'_________










                     शोर मंदिर का विहंगम दृश्य
                    _______________________
              Bird's eye view of Shore Temple
             _________________________________

                    









 नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। दोस्तों आज मैं आप लोगों को लेकर चल रहा हूं तमिलनाडु के एक छोटे से खुबसूरत शहर ममल्लापूरम की जहां हम देखेंगे बहुत ही खूबसूरत मंदिर शोर मंदिर को जो अपने अद्भुत स्थापत्यकला के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। 



      




                   शोर मंदिर
                   ममल्लापूरम
                    तमिलनाडु
                     भारत वर्ष
 _________________________________

   नमस्कार दोस्तों दुनिया की सबसे बड़ी समुद्र तट की खाड़ी में से एक बंगाल की खाड़ी में स्थित है एक अद्भुत मंदिर जोकि ग्रेनाइट पत्थर से निर्मित है। जो अपने अद्भुत स्थापत्य कला और निर्माण शैली के कारण विश्व विख्यात है। जो क स्थानीय रूप से अलाइव- को - कोविल के नाम से जाना जाता है दोस्त हो या हमारे देश भारत वर्ष के दक्षिणी भाग में स्थित प्राचीनतम संरचनात्मक पत्थर के मंदिरों में से एक है। दोस्तों मंदिर के अंदर बाबा भोलेनाथ शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं।दोस्तों साथ ही साथ भगवान विष्णु को समर्पित एक मंदिर एवं माता दुर्गा का एक छोटा सा नक्काशीदार मंदिर स्थित है जहां पर एक शेर की मूर्ति भी मौजूद है। 







                                 अद्भुत कलाकृतियां
                                  ________________
                                     Amazing art
                                     _____________






 दोस्तों इस मंदिर का निर्माण उस समय के मशहूर पल्लव महाराज नरसिंह वर्मन द्वितीय राजा सिम्हा के संरक्षण में किया गया था। जिनक राज्यारोहण
 700 ईसवी में हुआ था और लगभग 20 वर्षों तक इस राज्य पर शासन किया था।













 दोस्तों आइए चलते हैं मामल्लपुरम की यात्रा पर जिसे हम सभी महाबलीपुरम के नाम से भी जानते हैं।दोस्तों यह भारत के प्रारंभिक काल के दौरान एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था और मशहूर पल्लव शासकों के संरक्षण में कलात्मक निर्माण गतिविधियों के लिए प्रमुख केंद्र भी। दोस्तों एक महान पल्लव योद्धा जिसने लगभग 38 वर्षों तक जिसकी शुरुआत 630 ईस्वी में हुई थी। जिन्होंने मामल्लपुरम में बड़ी संख्या में राकॅ -कट स्मारकों का निर्माण करवाया जिनमें मंदिर , अखंड मंदिर और सभी बड़ी  मुुुुर्तियां  शामिल हैं  जो कि संपूर्ण रूप से पत्थरों से निर्मित है वो भी मजबूत   ग्रेनाइट पत्थरों से। दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि  पल्लव राजा शिव के बहुत बड़े भक्त 
हुआ करतें थे । एवं साथ ही साथ उन्होंने जैन धर्म के मंदिरों अपने आराध्य देवी देवताओं के मंदिरों का निर्माण बहुत बड़ी संख्या में करवाया था। यानी दोस्तों देखा जाए तो पल्लव शासक विशेष रूप से उस दौरान बढ़ते भक्ति आंदोलनों से बहुत ही ज्यादा प्रभावित थे।








                                 मंदिर प्रांगण
                                  _________
                           Temple courtyard
                           ___________________







  दोस्तों आपको पता ही नहीं होगा कि मंदिर निर्माण कला को दो भागों में विभाजित किया गया है जैसे  "नागरा" या उत्तर कालीन भारतीय शैली और " द्रविडियन "या दक्षिण भारतीय निर्माण शैली ।दोस्तों नागरा और द्रविड़ दोनों ही शैलियों में पूरे भारतवर्ष में मंदिरों का निर्माण किया गया है। दोस्तों प्रारंभिक भारतीय वास्तुकला का विकास लकड़ी और लकड़ी की संरचनाओं से लेकर गुफा मंदिर तक के निर्माण को दर्शाता है। दोस्तों आपने देखा ही होगा की गुफा मंदिरों को चट्टानों और पहाड़ियों को खोदकर बनाया गया था। परंतु इससे पहले उनकी योजना और अलंकरण स्पष्ट रूप से लकड़ी की संरचनाओं पर प्रयोग करके किया गया होगा।तभी जाकर गुफा मंदिरों का निर्माण बड़े पैमाने पर किया गया होगा तभी तो निर्माणकर्ताओं ने बड़े ही बेहतरीन तरीके से इन पत्थरों को ऊपर से नीचे तक काटकर मंदिरों का निर्माण किया।












 दोस्तों इसी प्रकार देखा जाए तो शोर मंदिर पत्थरों से बना एक बहुत ही सुंदर संरचना है जो कि प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले ग्रेनाइट पत्थरों पर बना हुआ है। दोस्तों जब आप यहां आओगे तो देखोगे कि तीन अलग-अलग मंदिर हैं जिसमें से दो भगवान शिव को समर्पित है और एक भगवान विष्णु को दोस्तों विष्णु मंदिर तीनों मंदिरों में सबसे प्राचीन और सबसे छोटा है।






                                शेर की अद्भुत मुर्ति 
                               _______________
                              Amazing lion idol
                              __________________





 दोस्तों मंदिर का प्रवेश द्वार पश्चिम की ओर है जो छोटे शिव मंदिर के सामने हैं दोस्तों प्रवेश द्वार से जैसे ही आप अंदर जाओगे तो देखो कि छोटा विष्णु मंदिर दोनों शिव मंदिर के बीच में स्थित है। जो दोनों मंदिरों को आपस में जोड़ता है और जैसे ही आप अंदर पहुंचे हुए तो आप देखोगे कि भगवान विष्णु की एक विशाल सोई हुई अवस्था में प्रतिमा स्थापित है  जो बहुत ही अलौकिक महसूस होता है दोस्तों मंदिर की दीवारों पर भगवान कृष्ण की लीलाओं को दर्शाया गया है।दोस्तों विष्णु मंदिर की ही तरह दोनों शिव मंदिरों में भी दीवारों की अंदरूनी एवं बाहरी भाग में समृद्ध मूर्ति कलाओं को चित्रित किया गया है दोस्तों मंदिर के पिछली दीवार पर माता पार्वती और उनके पुत्र स्कंध के साथ-साथ भगवान शिव की नक्काशीदार मूर्ति बनी हुई है। एवं मंडप के भीतरी दीवारों पर ब्रह्मा जी और भगवान विष्णु के चित्र बने हुए हैं और गर्भ ग्रह की बाहरी दीवारों में उत्तर की ओर भगवान शिव की मूर्तियों के साथ-साथ माता दुर्गा की मूर्तियां बनी हुई है।















  दोस्तों मंदिर अपने अद्भुत मूर्ति कला को दर्शाता हुआ सदियों से अपना प्रतिनिधित्व कर रहा है दोस्तों आप देखोगे कि बड़े शिव मंदिर के प्रवेश द्वार पर बैठे बाबा नंदी भगवान शिव का प्रतिनिधित्व कर रहे है। 





         भगवान विष्णु की अलौकिक मूर्ति सोई हुई अवस्था में
           _________________________________________
           A supernatural idol of Lord Vishnu in a sleeping state
 _________________________________________________





 दोस्तों शोर मंदिर अपने वास्तुकला के महत्व के कारण बहुत ही प्रसिद्ध है जो परिपक्व द्रविड़ निर्माण कला के सभी तत्वों को प्रदर्शित कर रहा है दोस्तों यह मंदिर शिव एवं भगवान विष्णु दोनों के लिए समर्पित पवित्र  स्थानों में से एक है। दोस्तों माना जाता है कि प्राचीन समय में समुंद्र में नाविक दूर से ही मंदिर के शिखर को देख लेते थे और वह समझ जाते थे कि वे तट के नजदीक पहुंच गए हैं दोस्तों एक प्रकार से देखा जाए तो यह महान मंदिर पल्लव राजाओं के प्रभुत्व का भी प्रतिनिधित्व  करते हैं ।
                








                धन्यवाद दोस्तों

              माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗

__________________________________

             English translate
       ______________________







                            अद्भुत मूर्तियां भगवान की
                             ______________________
                             Amazing idols of god
                              _____________________









Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.  Friends, today I am taking you all to Mamallapuram, a small beautiful city in Tamil Nadu where we will see the very beautiful temple Shore Temple which is world famous for its amazing architecture.










 Shore Temple

 Mamallapuram

 Tamil Nadu

 India year

 _________________________________


 Namaskar Friends, one of the world's largest coastline is located in the Bay of Bengal, a wonderful temple built of granite stone.  Which is world famous due to its amazing architecture and construction style.  Which is locally known as Alive-Ko-Kovil is a friend or one of the oldest structural stone temples located in the southern part of our country India.  Friends are seated inside the temple as Baba Bholenath Shivling. Friends, as well as a temple dedicated to Lord Vishnu and a small carved temple of Mata Durga are situated where a lion statue is also present.





           
 अद्भुत कर देने वाली दृश्य
             ____________________
                Amazing view 
                ________________  









 Friends, this temple was built under the patronage of the then famous Pallava Maharaj Narasimha Varman II King Simha.  Ascension

 It took place in 700 AD and ruled this state for almost 20 years.














 Friends, let's go on a trip to Mamallapuram which we all also know as Mahabalipuram. Friends, it was an important port city during the early period of India and also a major center for artistic construction activities under the patronage of famous Pallava rulers.  Friends, a great Pallava warrior who started in 630 AD for almost 38 years.  Who built a large number of rock-cut monuments in Mamallapuram including temples, monolithic temples and all the large sculptures which are built entirely of stones, also with strong granite stones.  Friends, you will be surprised to know that very big devotees of Pallava king Shiva

 Used to do  And at the same time, he built temples of Jainism in a large number of temples of his deities.  That is, the Pallava rulers were particularly impressed by the growing devotional movements during that time.





           
      भगवान की मूर्ति
                   _____________
                     Idol of god
                    _____________












 Friends you might not know that temple construction art is divided into two parts like "Nagra" or North Carpet Indian style and "Dravidian" or South Indian construction style. Both the Nagara and Dravidian styles of temples are spread all over India.  Has been constructed.  Friends The evolution of early Indian architecture refers to the construction of wood and wood structures from cave temples.  Friends, you must have seen that the cave temples were built by digging rocks and hills.  But before that their plan and ornamentation would have been done clearly using wooden structures. Then the cave temples would have been built on a large scale, then only then the builders cut the stones from top to bottom in the best way.  Built.













 Friends, similarly, the Shore Temple is a very beautiful structure made of stones, which is built on natural granite stones.  Friends, when you come here you will see that there are three different temples out of which two are dedicated to Lord Shiva and one is friends to Lord Vishnu, Vishnu Temple is the oldest and smallest of the three temples.






                  शिव परिवार
                  ____________
                  Shiva Family
                   ______________






 The entrance of the Friends temple is towards the west, which is in front of the small Shiva temple. From the friends entrance, as soon as you go in, see that the small Vishnu temple is located in the middle of both Shiva temples.  Which connects the two temples and as soon as you reach inside, you will see that a huge sleeping idol of Lord Vishnu is installed which feels very supernatural. Friends, Lord Krishna's pastimes are depicted on the walls of the temple.  Like the Friends Vishnu Temple, both the Shiva temples have rich sculptures painted in the inner and outer walls of the walls. Friends, the back wall of the temple has a carved statue of Lord Shiva along with Mata Parvati and her son Skandha.  happened.  And on the inner walls of the mandapa are pictures of Brahma and Lord Vishnu and on the outer walls of the garbha planet, on the north side there are statues of Lord Shiva as well as the idols of Mother Durga.
















 Friends temple depicting its amazing idol art has been representing itself for centuries Friends you will see that Baba Nandi sitting at the entrance of the big Shiva temple is representing Lord Shiva.







             शिव मंदिर का प्रवेश द्वार
           _____________________
          Shiva temple entrance
           ________________________




 Friends Shore Temple is very famous for its architectural importance which is displaying all the elements of mature Dravidian construction art. Friends This temple is one of the holy places dedicated to both Shiva and Lord Vishnu.  Friends, it is believed that in ancient times, seafarers in the sea used to see the shrine of the temple from a distance and they understood that they have reached close to the shore.  Represent.











 Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra 🧗🧗



























  
 

No comments:

Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...