Friday, July 3, 2020

एक खतरनाक यात्रा mountain lappord Mahendra के संग भाग-6 का अगला अध्याय

Ek yatra khajane ki khoje



             ताम्बाखानी गुफा का रहस्य



नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं।


जैसा कि दोस्तों कल आपलोगो ने पढ़ा कि कैसे  भालुओं ने हम पर  हमला कर दिया  । और बड़े बड़े पत्थर हम पर फेंकने लगे थे । और मामा जी के घोड़े को  पकड़ कर  उसे मारने की कोशिश करने लगें थे और उसे घसीटते हुए घने जंगल की ओर ले जाने की कोशिश करने लगें थे  लेकिन मामा जी अपने घोड़े की लगाम को कसके पकड़े हुए थे । जिससे की भालू घोड़े को अपनी ओर टान नहीं पा रहा था कि तभी अचानक मैं देखता हूं एक दुसरा भालू मामा जी पर हमला कर दिया था और एक बड़ा सा पत्थर उठा कर  मामा के सर पर पटकने वाला था । कि तभी मैं उछल कर   उस भालू के ऊपर कुद पड़ा और उसे उठा कर  उफनते नदी में फेंक दिया। और फिर जिस भालू ने घोड़े को पकड़ रखा था  उस पर हम सभी लोग एक साथ हमला कर दिया और उसे मार भगाया । लेकिन तब तक  उसने घोड़े को काफी घायल कर दिया था । जिसके कारण घोड़े से काफी खुन बहनें लगा था । अभी हम घोड़े की जख्म को देख ही रहे थे कि  तभी हमने देखा कि कुछ लोग मसाल लेकर हमारी ओर आ रहे थे  यह देखकर हम सभी सावधान हो गये और सतर्क होकर  उनके पास आने का इंतजार करने लगे ।  और हमारे पास जो मसाले थी उसे बुझा दिया ताकि वे लोग हमें देख ना पाए । और पास आते ही हम उन पर हमला कर देंगे  और हम सभी यह सब सोच ही रहें थे कि तभी उनकी आवाजें सुनाई देने लगी ।ध्यान से सुनने पर    लगा जैसे वे लोग हमें ही पुकारा रहे थे । और पास आने पर  उनकी आवाजें  स्पष्ट सुनाई देने लगी । वे लोग हमें ही पुकार रहें थे । फिर भी हम सभी सतर्क ही रहें हों सकता है यह उनकी चाल हों । हमे अपनी जाल में फंसाने का । इसलिए हम सभी और भी सतर्क होकर  उनके और भी पास आने का इंतजार करने लगे । शायद वे लोग समझ  चुके थे कि हम सभी सतर्क हो चुके हैं । और वे लोग भी सावधानी पूर्वक आगे बढ़ते हुए  हमें आवाज देने लगें और हवा में एक विशेष प्रकार का  तीर छोड़ा  जो एक तेज़ प्रकाश के साथ हमारे राज्य का एक विशेष प्रकार के  चिन्ह को प्रदर्शित करने लगा । और पुरा का पुरा आकाश तेज़ रोशनी में प्रकाशमय हों गया । जिससे हम पुरी तरह आश्वस्त हो गये कि ये हमारे ही सैनिक है और ये  हमे खोजने आये हुए हैं । अतः हमने भी   उन्हें आवाज देकर अपने पास बुलाया  और वे लोग दौड़कर हमारे पास आ गये  । महाराज की जय हो  हमे छमा करे  । महारानी जी ने हमे आपको ढुंढने के लिए भेजा था । तभी घायल घोड़े को देखकर सेनापति जी बोलते हैं कि महाराजा कही आप पर भालुओं का झुंड ने हमला तो नहीं कर दिया था । क्योंकि यह भालुओं का झुंड कई दिनों से यहां पर घात लगाकर लोगों पर हमला कर रहे थे । और कई नगर वासियों को घायल कर दिया था । वे जब भी अपने जानवरों को लेकर इस ओर आते थे ।। और पालतू पशुओं को मारकर खा जाते थे । और जब हम इनका  शिकार करने आते  थे तो पता नहीं  भालुओं का झुंड कहा गायब हो जाता था । और सभी परेशान लौट जाते थे । और हमारे जाते ही इनका आतंक फिर से शुरू हो जाता था । तभी अजय भाई बोलते हैं कि सेनापति जी अब घबड़ाने की बात नहीं है हमने भालुओं को मार भगाया है और उनके मुखिया को मारकर नदी में फेंक दिया है  अब वे कभी भी हमारे इलाके में नजर नहीं आयेंगे। ंंऔर न हमारे गांव वालों पर और नहीं उनके पालतू पशुओं पर हमला करेंगे । ।






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              English translate
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Secret of Tambakhani Cave




 Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.



 As friends yesterday, you read how bears have attacked us.  And big stones were thrown at us.  And Mama ji started trying to kill him by grabbing the horse and dragging him towards the dense forest but Mama ji was holding his horse's rein tightly.  So that the bear was not able to taunt the horse that suddenly I see a second bear attacked Mama ji and was about to pick up a big stone and hit the head of the maternal uncle.  That is when I jumped and jumped on the bear and picked it up and threw it into the swollen river.  And then the bear who held the horse attacked all of us together and drove him away.  But by then he had injured the horse heavily.  Due to which the horse had a lot of blood sisters.  We were just looking at the wound of the horse when we saw that some people were coming towards us with the spice, seeing that we all became alert and alert and started waiting for them to come.  And extinguished the spices we had so that those people could not see us.  And as soon as we get closer, we will attack them and we all were thinking that only then their voices started being heard. Hearing carefully, they felt like they were calling us.  And on approaching, their voices were heard clearly.  They were calling on us.  Nevertheless, we all should be cautious, this may be their trick.  To trap us.  So we all became more alert and waited for them to come closer.  Perhaps those people understood that we have all become cautious.  And those people also proceeded cautiously and started giving us a voice and released a special kind of arrow in the air which with a strong light began to display a special kind of symbol of our kingdom.  And the whole sky of Pura became bright in bright light.  Through which we were completely convinced that he is our only soldier and he has come to search for us.  So we too called them to their voices and they came running to us.  Hail to the King, forgive me.  Her Majesty sent us to find you.  At that time, seeing the injured horse, the commander said that Maharaja had attacked you by a flock of bears.  Because these herds of bears had been ambushing here for many days and attacking people.  And injured many townspeople.  Whenever he used to come to this side with his animals.  And used to kill and eat domesticated animals.  And when we came to hunt them, we do not know where the herd of bears would disappear.  And everyone used to return upset.  And their terror used to start again as soon as we left.  Then Ajay Bhai says that the commander is no longer a matter of panic, we have killed the bears and killed their chief in the river and now they will never be seen in our area.  Neither will we attack our villagers nor their domestic animals.  .




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            और हम सभी लोग बातें ही  कर रहे थे कि तभी मुसलाधार वर्षा शुरू हो जाती है  और नदी और भयंकर रूप धारण कर लेती हैं । और ऐसा लगने लगता है मानो  प्रलय का समय आ गया हों । हम तेजी से   राजमहल की ओर बढ़ने लगते हैं । और जल्द ही हम सभी उस विशाल पुल के पास पहुंच जाते हैं । और वहां की भयंकर स्थिति देखकर हमारा भी मन कांप गया । उस झरने की विकराल रूप देखकर । और मानों  लग रहा था पानी की वेग से पुल अब टुटा की तब  टुटा क्योंकि पानी  पुल के काफी ऊपर से बह रहा था ।  यानी पुरा का पुरा पुल डुब चुका था ।ं और इस समय उस पार जाना  अपने जान को खतरे में डालने जैसा था ।  तभी हमें देखकर  पुल के रक्षक  जो पुल की रक्षा के लिए तैनात थे  वे हमारे पास आ जाते हैं । वे इस समय ऊंचे जगह पर शरण लिए हुए थे ।  हमारे पास आते ही वे वोलते हैं महाराज की जय हो  इस समय पुल के उस पार जाना खतरे से खाली नहीं है   । आप कुछ समय यही पर रुक जाइए  जब तक पानी का वेग कम नहीं हों जाता है । और हम सभी पुल के पास से हटकर  ऊंचे जगह पर शरण ले लेते हैं  जहां से राजमहल  स्पष्ट  दिख रहा था  ।  तभी हमारे सेनापति  दुरबीन ले आते हैं  और बोलते हैं आप इस दुरबीन से  राजमहल की गतिविधियों को देख सकते हैं।   और फिर पिता श्री दुरबीन को अपने हाथों में लेकर  राजमहल की ओर देखने लगते हैं  तभी और मन ही मन मुस्कुराने लगते हैं । यह  सब देखकर हम सोचने लगते हैं  कि  पिता श्री मुस्करा क्यो रहे हैं तभी पिता श्री  वह दुरबीन  हमे थमा देते हैं  और बोलते हैं कि देख लो मैं क्यो मुस्करा रहा हूं ।  और मैं दुरबीन से राजमहल की ओर देखने लगता हूं तो देखता हूं कि उधर से माता श्री हमे  दुरबीन के द्वारा देख रही है  और मैं खुशी से झूम उठता हूं और दुरबिन को अपने भाइयों को दे देता हूं और वे भी एक एक कर अपने अपने माता-पिता को देख कर खुशी से झूम उठते हैं । और हम सभी लोग वर्षा रूकने का इंतजार करने लगते हैं ।





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 And all of us were talking that only then the torrential rain starts and the river takes a terrible form.  And it seems as if the time of judgment has come.  We start moving fast towards the palace.  And soon we all reach near that huge bridge.  And we were also shaken by seeing the terrible situation there.  Seeing that monstrous form of the waterfall.  And it seemed as if the bridge was broken due to the velocity of water because the water was flowing from the top of the bridge.  That is, the whole bridge of Pura had sunk. And going across it at this time was like risking your life.  Seeing us, the guards of the bridge who were deployed to protect the bridge come to us.  They had taken refuge in a high place at this time.  As soon as we come to them, they say, Hail Maharaj, going across the bridge at this time is not empty of danger.  You stay here for some time until the velocity of water decreases.  And we all move away from the bridge and take refuge in a higher place from where the palace was clearly visible.  That is when our commander brings the telescope and says that you can see the activities of the palace with this telescope.  And then the father takes Mr. Durbin in his hands and looks towards the palace, and only then he starts smiling.  Seeing all this, we start thinking that why is the father Mr. Muskara, then the father Mr. Hand give us that telescope and he says, "See why I am smiling."  And when I start looking at the palace from Durbin, I see that the mother is watching us from there through Durbin and I happily wakes up and give Durbin to my brothers and they too, one by one, their mother.  Seeing the father, he wakes up happily.  And we all start waiting for the rain to stop.





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   चुकी दोस्तों वर्षा हो रही थी   इसलिए हमें ठंड भी लग रही थी  इसलिए हम सभी सैनिकों के छावनी में बने कोठरी के अंदर चलें जातें हैं जहां पर हर तरह की व्यवस्था थी । अंदर में आग भी जल रही थी  जिससे कोठरी  अंदर से अच्छी तरह से गरम थी । और हम सभी आग के चारों ओर बैठ जाते हैं और दण्डक वन जाने की योजना बनाने लगते हैं  कि तभी  रसोईया हमारे लिए गरम गरम काढ़ा लें कर आ जाता हैं  जिसे हम सभी पी कर फिर से तरो ताज़ा हो जातें हैं ।  


  धन्यवाद दोस्तों आगे कि वृतांत मैं कल सुनाऊंगा । क्योंकि आगे कहानी में मजा आने वाला है।



  धन्यवाद दोस्तों


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English translate
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The old friends were raining, so we were feeling cold, so we all go inside the closet in the camp of the soldiers where there was every kind of arrangement.  A fire was also burning inside, so that the closet was well heated from the inside.  And we all sit around the fire and start making plans to go to Dandak forest that only then the kitchen or take a hot hot decoction for us, which we all drink and get refreshed again.



 Thank you guys, I will narrate the episode tomorrow.  Because there is going to be fun in the story ahead.




 Thanks guys
 
















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Thursday, July 2, 2020

एक खतरनाक यात्रा mountain lappord Mahendra के संग

Ek yatra khajane ki khoje



              ताम्बाखानी गुफा का रहस्य
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नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं। जैसा कि दोस्तों कल आपलोगो ने पढ़ा कि कैसे मेरे और बाबा के घमासान युद्ध जारी था और हम दोनों में से कोई हारने को तैयार नहीं था । और एक-दूसरे पर वार पर वार किये जा रहें थे  । और लड़ते लड़ते कब सुबह से शाम हो गया पता ही नहीं चला । और लड़ते लड़ते अचानक बिजली कौंधती हैं और हम दोनों की तलवारें आपस में टकराने से चकनाचूर हो हों जाती हैं और हम दोनों निहत्थे हों जातें हैं । तभी बाबा की मुख से आवाज आती हैं अलख निरंजन , अलख निरंजन   और वह खड़े होकर मुस्कुराते हुए बोलते हैं बच्चों मैं तुमसे खुश हूं   । तुम लोग अपने परीक्षा में सफल हुए और अब  तुम लोग दण्डक वन जाने के लिए बिल्कुल तैयार हो ।  तभी मै बोलता हूं रूकिए बाबा आपको कैसे पता कि  हमलोग  दण्डक वन की यात्रा पर निकलने वाले हैं और यहां पर हमारी परीक्षा हों रही थी । तभी बाबा बोलते हैं  गुफा की पश्चिमी मुहाने पर देखो  तुम्हारे पिता श्री और मामा जी बैठे हुए हैं और हम दोनों की  युद्ध कला को देख रहे थे ।   तो हमने देखा कि सही में  गुफा की पश्चिमी मुहाने पर  पिता श्री और मामा जी अपने सैनिकों के साथ बैठक कर हमारी द्वंद्व युद्ध को देख रहे थे । परंतु यह कैसे हो हैं कि हमारी नजर पिता श्री पर नहीं गया ।  हम सभी अचंभित थे तभी पिता श्री और मामा जी हमारी ओर आने लगे ।  और हम लोगों के पास आते ही   बाबा जी को दण्डवत करते हैं । और बाबा जी उन्हें आशीर्वाद देते हैं आयुष्मान भव: और बोलते हैं  सभी राजकुमार बहुत बहादुर हैं  अतः मैं इन्हें विशेष तलवारें भेंट करूंगा जिसे मैंने लोक कल्याण के लिए तपस्या कर भोलेनाथ शिव शंकर से प्राप्त की थी । और जब तक ये तलवारें इनके पास रहेगी   तब तक इन्हें कोई दुश्मन नहीं हरा पायेगा । और बाबा ध्यानमुर्दा में बैठे कर कुछ मंत्रो का जाप करने लगते हैं और कुछ ही छनो में उनके हाथों में  सात तलवारें प्रकट होती हैं । और फिर मंत्रो के उच्चारण द्वारा उन तलवारों को हमे प्रदान करते हैं  फिर भी एक तलवार बाबा के पास बच जाता है   और हम सभी सोचने लगते हैं इस तलवार को बाबा किसे प्रदान करेंगे ।




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Secret of Tambakhani Cave

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 Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.  As friends yesterday, you read how the war of war between me and Baba was going on and neither of us was ready to lose.  And were being attacked on each other.  And when fighting, it was not known from morning to evening.  And while fighting, suddenly the lightning flashes and the swords of both of us get smashed by colliding with each other and we both become unarmed.  That's why Baba's voice comes from Alakh Niranjan, Alakh Niranjan and he stands up and says smiling children, I am happy with you.  You succeeded in your exam and now you are ready to go to Dandak forest.  That's why I say stop Baba, how do you know that we are going to visit Dandak forest and we were being tested here.  Then Baba says, Look at the western mouth of the cave, your father Shri and maternal uncle are sitting and we were looking at the martial arts of both of us.  So we saw that Father Shri and maternal uncle were meeting with their soldiers at the western mouth of the cave and watching our duel war.  But how are we that our eyes did not go on Father Shree.  We were all taken aback when Father Sri and maternal uncle started coming towards us.  And as soon as we come to people, we worship Baba ji.  And Baba ji blesses him Ayushman Bhav: and says all the princes are very brave, so I will offer them special swords which I received from Bholenath Shiv Shankar by doing penance for public welfare.  And as long as these swords remain with them, no enemy will beat them.  And Baba starts reciting some mantras by sitting in the meditation and seven swords appear in his hands in a few days.  And then with the chanting of mantras we provide those swords, yet a sword survives to Baba and we all start thinking to whom Baba will give this sword.



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                         अभी हम लोग सोच ही रहें थे इस बारे में कि तभी बाबा बोलते हैं एक और वलशाली योद्धा हैं जो कि तुम्हारे मामा श्री हैं धर्म वीर  ये भी तुम्हारे साथ जायेंगे दण्डक वन  तुम्हारी सहायता के लिए । इसलिए यह तलवार मैं इन्हें सौंप रहा हूं ।  और बच्चों इन तलवारों को  हमेशा लोगों की मदद करने मे ही करना  अन्यथा तलवारें अपने आप गायब हो जायेंगी ।   अच्छा महाराज मैं अब चलता हूं मेरा समाधी का समय है चुका है । और राजकुमारों के दण्डक वन जाने की तैयारी शुरू कर दें । और यह बोलकर बाबा अंतर्ध्यान हो जातें हैं ।  और हम सभी लोग राजमहल की ओर निकल पड़ते हैं । और जैसे ही हम गुफा से बाहर आते हैं  गुफा भी हमारे आंखों के सामने से ओझल हो जाता है ।  तभी  अजय भाई बोलने लगते हैं  कि अरे  गुफा कहा गायब हो गया ।  और आश्चर्य होकर इधर-उधर देखने लगता है कि तभी तभी पिता श्री बोलते हैं कि   गुफा कहीं नहीं गायब हुआ है वह अपने जगह पर ही हैं  थोड़ी आगे जाकर देखो वह तुम्हें दिखाईं देने लगेगा  । और जैसे ही हम थोड़ी आगे बढ़ कर देखते हैं तो हमें गुफा दिखाई पड़ने लगता है और जैसे ही हम थोड़ी आगे बढ़ते हैं वह हमारे आंखों के सामने से ओझल हो जाता है । तभी पिता श्री बोलते हैं  यही  गुफा हमारा छुपा हुआ  सैन्य ठिकाना है   यही पर हमारे सैनिकों को  प्रशिक्षित किया जाता है जिसे तुम लोगों ने अपनी सुझबुझ से  खोज लिया था ।  अन्यथा यहां  पहली बार में पहुंचना  असंभव है  क्योंकि  मैं  और मेरे भाई लोग भी पहली बार में पहुंच नहीं पाये थे । जब हम सभी लोग तुम्हारी उम्र में प्रशिक्षण ले रहे थे ।  और तुम लोगों के दादा श्री महाराज थे । और हम सभी राजकुमार थे ।  


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Now we were just thinking about that only then Baba speaks another powerful warrior who is your maternal uncle Shri Dharm Veer. He will also go with you Dandak forest to help you.  So I am handing this sword to them.  And children always use these swords to help people, otherwise the swords will disappear on their own.  Ok Maharaj, now I go, my Samadhi time is over.  And start preparing the princes to go to Dandak forest.  And Baba gets angry by saying this.  And we all start towards the palace.  And as soon as we come out of the cave, the cave also disappears before our eyes.  Then Ajay bhai starts saying that hey cave disappeared.  And start to look here and there by surprise that only then Father Shree says that the cave has not disappeared anywhere. He is at his place and go a little further and he will start to see you.  And as soon as we look a little further, we start seeing a cave and as we move a little, it disappears from our eyes.  That is when Father Shri says that this cave is our hidden military base, on which our soldiers are trained, which you guys discovered by your suggestion.  Otherwise it is impossible to reach here in the first place, because my brother and I also could not reach the first time.  When all of us were training at your age.  And your grandfather was Mr. Maharaj.  And we were all princes.


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  दोस्तों  बातें करते करते हम सभी राजमहल की ओर आगे बढ़ रहें थे  । चुकी रात हो चुकी थी  इसलिए घोर अंधेरा था चारों ओर रास्ता बड़ी मुश्किल से दिखाई पड़ रहा था इसलिए एक जगह रुक कर हमलोगो ने मसाले जला ली और आगे बढ़ने का फैसला लिया । और नदी के किनारे किनारे हम सभी आगे बढ़ने लगे । चुंकि बरसात का मौसम था  इसलिए नदी अपने उफान थीं और बहुत ही भयंकर तरीके से गर्जना करते हुए अपनी वेग में वह रही थी । भगवान की कृपा थी कि इस समय  वर्षा रूकी हुई थी । लेकिन रास्ता बहुत ही खराब हो चुका था  जिससे घोड़ों को आगे बढ़ने में काफी परेशानी हो रही थी । अतः हम सभी घोड़ों के पिठ से नीचे उतरकर पैदल ही चलना शुरू कर देते हैं   आगे आगे महाराज चल रहें थे और मैं एकदम  उनके पिछे था   और मामा जी सबसे पिछे  क्योंकि  सैनिकों को  गुफा में ही रूकने का आदेश दे दिया गया था । इसलिए इस समय हम सिर्फ आठ लोग ही थे ।  और हमे राजमहल में पहुंचना जरूरी था क्योंकि माताएं हमारी राह देख रही थी । इसलिए भरी बरसात में भी राजमहल के लिए निकल पड़े थे । हर तरह की मुसीबतों को झेलते हुए । आगे बढ़े जा रहे थे  कि तभी  पीछे वाले घोड़े ने हिनहिनाना शुरू कर दिया  जिसे मामा जी ने पकड़ रखा था । और जैसे ही हम पिछे मुडकर देखते हैं   हम सभी  हड़बड़ा जाते हैं क्योंकि एक बहुत ही बड़ा  भालु ने हमला कर दिया था और सिर्फ एक भालु नहीं भालुओं का पुरा परिवार था। जिन्होंने हमें चारों ओर से घेर लिया था । और हम पर बड़े बड़े पत्थर  उठा कर फेंकने लगे  । 

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          English translate
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While talking, all of us were moving towards the palace.  It was late night, so it was very dark, the way around it was hardly visible, so after stopping at one place, we burned the spices and decided to go ahead.  And we all started moving along the banks of the river.  Since it was the rainy season, the river was in its ebb and she roared in her velocity, roaring horribly.  God was pleased that the rain had stopped at this time.  But the path was very bad due to which the horses were having difficulty in moving.  So all of us get down from the horse seat and start walking on the same side, the Maharaj was walking ahead and I was right behind him and Mama ji was the last because the soldiers were ordered to stay in the cave itself.  So at this time we were only eight people.  And we needed to reach the palace because the mothers were looking for us.  That is why we left for the palace even in the rainy season.  Facing all kinds of troubles.  They were moving forward when the horse behind it started humming which was held by Mama ji.  And as soon as we had been attacked by see us all rush because a very large bear populations Mudkr behind and only complete family of bear populations are not bears.  Who surrounded us all around.  And started throwing big stones at us.

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 धन्यवाद दोस्तों आगे कि वृतांत मैं कल सुनाऊंगा क्योंकि हमारे सामने एक  नया मुसीबत आ खड़ा हुआ था । क्योंकि हम सभी लोग  भालुओं के अचानक हमले से  हड़बड़ा गये थे ।   और हमे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें ।

           धन्यवाद दोस्तों

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Thank you guys, I will narrate the incident tomorrow because a new problem was encountered in front of us.  Because we were all shocked by the sudden attack of bears.  And we did not understand what to do.


 Thanks guys





Wednesday, July 1, 2020

एक खतरनाक यात्रा mountain lappord Mahendra के संग भाग-6 का अगला अध्याय

Ek yatra khajane ki khoje




              ताम्बाखानी गुफा का रहस्य
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नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं । 

जैसा कि दोस्तों कल आपलोगो ने पढ़ा कि कैसे मेरे ंंऔर  उस चमत्कारी  गुफा में मौजूद  पहलवान जैसे दिखने वाले  साधु बाबा के साथ द्वंद्व युद्ध होने वाला था । दोस्तों  बाबा को देखकर  जो  ताल पे ताल ठोके जा रहे थे  और गुस्से में उनकी आंखें  लाल लाल नज़र आ रही थी  बिल्कुल ज्वालामुखी की तरह ।  और तभी गरजते हुए बाबा बोलते हैं तुम मे से कौन लड़ने के लिए तैयार है मेरे साथ जल्दी बताओ नहीं तो मैं भष्म कर दुंगा तुम सबको ।  तभी अखिलेश गरजते हुए बोलता है  बाबा आप गुस्से में लाल मत हो हमने कोई गुनाह नहीं किया है और ना ही कोई पाप किया है हमने तो सिर्फ अपने आराध्य देव शिव शंकर भोलेनाथ की पूजा की है । जिसके लिए आप हमें दंड देने के लिए उतावले हो रहे हैं  । मैं चाहु तो एक घुसे में पताल लोक पहुंच दु । लेकिन मैं ऐसा नहीं करुंगा । क्योंकि आप मेरे पिता श्री के मित्र हैं । अखिलेश की बात सुनकर बाबा और भी गुस्से से सातवें आसमान में पहुंच जाते हैं तभी मैं उनका गुस्सा शांत करतें हुए बोलता हूं  बाबा मैं आप से द्वंद्व युद्ध करने के लिए तैयार हूं और यह हममें सबसे छोटा है इसलिए इसे माफ़ कर दें । महामुर्ख  जा मैं तुझे माफ़ कर देता हूं  तुम्हारे बड़े भाई के कहने पर ।ं और मैं भी अखिलेश को समझाता हूं कि भाई तु शांत हो जा । मैं बाबा जी को देख लेता हूं तुम एकदम शांत हो जा और राजा भाई से बोलता हूं भाई तू अखिलेश को संभाल । मैं जा रहा हूं बाबा से द्वंद्व युद्ध करने । तभी संतोष भाई बोलते हैं भाई जरा संभल कर मुझे तो यह कोई मायाबी राक्षस लगता है । तुम कहो तो मैं अभी इसका काम तमाम कर दूं । तभी टिंकू और अजय आप लोग सोच क्या रहे हैं हम आभी इनका सर धड़ से अलग कर देते हैं । नहीं भाईयों आप लोग रूक जाओ । बाबा ने मुझे द्वंद्व युद्ध के लिए ललकारा है  इसलिए मैं इनसे द्वंद्व युद्ध लड़ूंगा ।  और इनको हराऊंगा। और आपलोग बैठ कर हमारी द्वंद्व को देखें ।  अभी  हम बात ही कर रहे थे  बाबा एक बार फिर गरजते हुए बोलते हैं क्या हुआ बच्चों डर गये क्या   । तों मैं गरजते हुए बोलता हूं हम डरने वालों में से नहीं है  हम योद्धा है  योद्धा आप को पता नहीं है दुश्मन हमारे नाम से ही कांपते हैं । परंतु हम आपका सम्मान करते हैं क्योंकि कि आप एक संन्यासी हैं और हम सन्यासीयो से युद्ध नहीं करते हैं  लेकिन मैं आज आप से युद्ध करूंगा। 


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                    English translate
         

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Ek yatra khajane ki khoje





 Secret of Tambakhani Cave

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 Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.


 As friends yesterday, you read how a duel was going to happen with me and the wrestler-like monk Baba present in that miraculous cave.  Seeing friends Baba, who were being beaten to the beat and angry, their eyes looked red red like a volcano.  And then the thundering baba says, which one of you is ready to fight, tell me quickly or else I will burn you all.  That is why Akhilesh speaks thundering Baba, do not be angry red, we have not committed any crime nor have we committed any sin, we have only worshiped our adorable Lord Shiva Shankar Bholenath.  For which you are rash to punish us.  If I want to reach Patal Lok in a hurry.  But I will not do it.  Because you are a friend of my father Shri.  After listening to Akhilesh, Baba reaches the seventh sky with more anger, then I speak to calm his anger, Baba, I am ready to fight a duel with you and this is the youngest among us, so forgive it.  Mahamurkh ji, I forgive you at the behest of your elder brother. And I also convince Akhilesh that brother you should calm down.  I see Baba ji, you become very calm and you say to the king, brother, please take care of Akhilesh.  I am going to fight with Baba.  That's why Santhosh Bhai says, brother, I think it is a magic monster, after being careful.  If you say that, I will do all this work now.  That's why Tinku and Ajay, what are you guys thinking, we just cut them off the head.  No, brothers, you guys stop.  Baba challenged me to a duel war, so I will fight a duel war with him.  And I will beat them.  And you sit and watch our duality.  While we were still talking, Baba once again roared and said, "What happened, are the children scared?"  So I say thundering, we are not among those who are afraid, we are warriors, warriors you do not know. Enemies tremble in our name only.  But we respect you because you are a monk and we do not fight with monks but I will fight with you today.



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         मेरी बात सुनकर बाबा जी गुस्से में बोलते हैं तो फिर आ जाओ अखाड़े में । और मैं भी गुस्से में सांप की तरह फुफकारते हुए  अखाड़े में कुद जाता हूं । बाबा जी से दो दो हाथ करने के लिए  । तभी राजा भाई चिल्ला के बोलते हैं अपनी तलवार ले लो  और मैं उछल कर अपनी हाथो से तलवार पकड़ लिया और बाबा से हमारी युद्ध शुरू हो जाती हैं  तभी बाबा जी अपनी तलवार को जमीन में गाड़ देते हैं और निहत्थे हों जातें हैं तो मैं भी अपनी तलवार को जमीन में गाड़ देता हूं और निहत्थे होकर  बाबा से लड़ने लगता हूं । और मैंने बाबा को उठाकर दुर फेंक दिया और वे सिधे जाकर शिवलिंग से टकरा जाते हैं और वे फिर भयंकर गर्जना करते हुए मेरे और आगे बढ़ते हैं और फिर वे मेरे छाती पर एक मुक्का मारते हैं और फिर मैं उड़ता हुआ दुर जाकर एक चट्टान से टकरा जाता हूं जिससे वह चट्टान टुकड़े टुकड़े में बदल जाता है । और फिर मैं गुस्से में भर कर चट्टान के उपर से ही बाबा के उपर छलांग लगा देता हूं और बाबा के उपर जोरदार मुस्सक से प्रहार करता हूं जिससे बाबा ज़मीन के अंदर धंसते चले जाते हैं । और मैं जोर दार ठहाका लगाने लगता हूं  जिससे पुरा वातावरण गुंजने लगता है । कि तभी बाबा अचानक धरती को फाड़कर बाहर निकल आते हैं और  मुझे उठाकर दुर पहाड़ों के उपर पटक देते हैं जिससे पुरा का पुरा पहाड़ टुटकर मेंरे उपर गिर जाता हैं और मैं पहाड़ के नीचे दब जाता हूं  और बाबा जोर जोर से ठहाके लगाने लगते हैं ।  और मेरे भाईयो की ओर देखने लगते हैं  अलख निरंजन मैं अब तुम सबको भष्म कर दुंगा ।  जिससे मेरे भाईयो की गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाता है और वे लोग बाबा को मारने के लिए दौड़ पड़ते हैं कि तभी  धरती कांपने लगती हैं और मैं  पहाड़ों को चिरकर उनके सामने आ खड़ा होता हुं और बोलता हूं रुक जाओ भाईयों मैं अभी जिंदा हुं ।  और बाबा की ओर दौड़ लगा देता हूं और यह सब देखकर बाबा मेरी ओर दौड़ लगा देते हैं । और हम दोनों मे जोरदार टक्कर होती हैं जिससे हम दोनों दुर अपने अपने तलवारों के पास जाकर गिरते हैं । और फिर हम दोनों अपनी अपनी तलवारों को बाहर निकाल लेते हैं और एक-दूसरे पर वार करने लगते हैं  और जैसे जैसे हमारी तलवारें आपस में टकराती थी । वैसे वैसे बिजलियां कड़कने लगती थी । दोस्तों क्या बताऊं बहुत ही भयंकर युद्ध हो रहा था । और कोई भी हार नहीं मान रहा था। 






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                  English translate
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 Baba ji speaks angrily after listening to me, then come back to the arena.  And I also jump into the arena, hissing like an angry snake.  Two hands to Baba Ji.  Then Raja Bhai shouted, take your sword and I leaped and grabbed the sword with my hands and our war with Baba starts, only then Baba ji bury his sword in the ground and become unarmed, then I too  I bury the sword in the ground and start fighting Baba unarmed.  And I pick up Baba and throw it away and they go straight into the Shivlinga and they then go ahead with me roaring fiercely and then they hit a punch on my chest and then I go flying and hit a rock.  So that it turns into a piece of rock.  And then in a fit of rage, I leap over Baba from the top of the rock and hit him with a loud grin which causes Baba to sink inside the ground.  And I start laughing loudly, which makes the whole environment resonate.  That is when Baba suddenly comes out after tearing the earth and picks me up and bangs him on top of the mountains so that the whole mountain of Pura falls down on me and I get buried under the mountain and Baba starts laughing loudly.  And look at my brothers, Alakh Niranjan, I will devour you all now.  Due to which the anger of my brothers reaches the seventh sky and they run to kill Baba, when the earth starts shivering and I stand in front of them by cutting the mountains and say stop, brothers, I am still alive.  And I run towards Baba and seeing this, Baba runs towards me.  And both of us have a strong collision, due to which we both fall near our swords.  And then we both take out our swords and start attacking each other and as our swords collide.  By the way, the lightning began to crack.  What to tell friends, a very fierce war was taking place.  And nobody was giving up.
 




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 धन्यवाद दोस्तों आगे कि वृतांत मैं कल सुनाऊंगा क्योंकि आगे कि कहानी में एक नाटकीय मोड़ आने वाला है । जबकि मेरे और बाबा जी के बिच भयंकर युद्ध जारी है ।

          धन्यवाद दोस्तों


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English translate
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Thank you guys, I will narrate the episode tomorrow because the story is going to have a dramatic twist.  While fierce war between me and Baba Ji continues.


 Thanks guys

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Tuesday, June 30, 2020

एक खतरनाक यात्रा mountain lappord Mahendra के संग भाग-6 का अगला अध्याय

Ek yatra khajane ki khoje



                ताम्बाखानी गुफा का रहस्य
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        नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं । 
                                 जैसा कि दोस्तों कल आपलोगो ने पढ़ा  कि कैसे सुबह सुबह पिता श्री हमारे कमरे में आ धमकते हैं  और सिर्फ अखिलेश को छोड़कर सभी लोग उठ चुके थे यानी अखिलेश की तों बैंड बाजा बजने वाला था ।  मामा जी पहले से ही तैयार थे  । और हम भी जल्दी जल्दी तैयार हो चुके थे । पिता श्री जैसे ही कमरे में प्रवेश करते हैं  उनकी नजर  अखिलेश के उपर पड़ती है जो चादर ओढ़े आराम से सोया हुआ था । यह देख कर पिता श्री गुस्से से आग बबूला हो गये । और टिंकू से बोलते हैं  जाओ एक घड़ा पानी लेकर आओ  और इस निक्कमे के उपर डालो अभी तक सोया हुआ है  
और पिता श्री हमारी ओर देखने लगे  और इसी दरम्यान अखिलेश मौका देखकर   चुपके से स्नान घर में घुस जाता है  तभी मामा जी बोलते हैं जरा पिछे घुम के तों देखिए  और पापा  पिछे घुमते हैं तो देखते हैं कि अखिलेश है ही नहीं अरे यह बदमाश कहा गया । तभी पांच मिनट के अंदर अखिलेश तैयार होकर स्नान घर से बाहर आ जाता हैं  और बोलता है  मैं तैयार हूं चले प्रशिक्षण शिविर में व्यायाम करने । और सभी हंसने लगते हैं  क्योंकि वह सबका दुलारा जो था ।   और फिर हम सभी लोग  अस्तबल में आ जाते हैं और अपने अपने घोड़े पर बैठ कर प्रशिक्षण शिविर कि ओर निकल पड़ते हैं ।
                            हमारा प्रशिक्षण शिविर    नगर के बाहर और उस विशाल पुल के उस पार   उस चमत्कारी और रहस्यमई  झरना के उपर वाले पहाड़ी पर बना हुआ था  । जहां पर आम लोगों को पहुचना नामुमकिन था  ।  और जैसे ही हम पुल को पार करते हैं  मुसलाधार वर्षा शुरू हो जाती हैं  तभी पिता श्री अपने घोड़े को एक चाबुक मारते हैं और उनका घोड़ा हवा की तरह बातें करने लगती हैं और  हमसे बहुत आगे निकल जाते हैं  और पिछे पिछे मामा जी भी और हम पिछे छुट जाते हैं  तभी जोरदार बिजली चमकती हैं  और बड़ी बड़ी चट्टानें हम पर गिरने लगती हैं  तभी मैं चिल्ला कर बोलता हूं भागों और अपनी अपनी जान बचाओ और हम भी अपने घोड़े को ज़ोरदार चाबुक लगाते हैं और हमारे घोड़े हबा की  तरह दौड़ने लगते हैं । और प्रशिक्षण शिविर की ओर बढ़ने लगते हैं लेकिन रास्ते में पिता श्री और मामा जी कहीं नहीं दिख रहें थे  शायद वे लोग हमसे पहले शिविर में पहुंच गए होंगे। लेकिन  हमलोग रास्ता भटक चुके थे  क्योंकि कि वर्षा इतनी तेज हो रही थी कि हमें कुछ नहीं दिख रहा था  हम सिर्फ भागे जा रहे थे और शिविर की ओर जाने वाले रास्ते को छोड़कर किसी और रास्ते में निकल चुके थे । 






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      Secret of Tambakhani Cave

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 Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.

 As friends yesterday, you read how Father Shree used to threaten us in our room in the morning and everyone except for Akhilesh had got up, ie Akhilesh's band was going to play Baja.  Mama ji was already ready.  And we were also ready early.  As soon as Father Shree enters the room, his eyes are on Akhilesh, who was sleeping comfortably in a bed sheet.  On seeing this, the father Mr. Anger became furious.  And speak to Tinku, go bring a pot of water and pour it over this Nikkeme is still asleep

 And Father Shri started looking at us and in the meantime, Akhilesh sneaks into the bath house by seeing the opportunity, then the maternal uncle says, just look at the back of the roam and the father walks backwards, then see if Akhilesh is there or not, he is said to be a crook.  .  Then, within five minutes, Akhilesh comes out of the bathing house ready and says I am ready to go to training camp.  And everyone starts laughing because he was the one who loved everyone.  And then we all come to the stables and sit on our own horses and start towards the training camp.

 Our training camp was built on the hill above the miraculous and mysterious waterfall outside the city and across the huge bridge.  Where it was impossible to reach the common people.  And as soon as we cross the bridge, the torrential rains begin, only when Father Shri whips his horse with a whip and his horse starts talking like the wind and goes ahead of us and the last uncle too and we  The last ones are left when the lightning flashes and the big rocks fall on us, then I speak and shout the parts and save our lives and we also whip our horse vigorously and our horses start running like haba.  And start towards the training camp but on the way father and uncle were nowhere to be seen, they may have reached the camp before us.  But we had lost our way because the rain was getting so strong that we could not see anything, we were just running and left the path leading to the camp.                                                                                                                                   
                                                                                   
   तभी हमें एक गुफा दिखाई पड़ती हैं और  हम सभी तेज़ वर्षा से बचने के लिए  उस गुफा के अंदर चलें जातें है  और गुफा के अंदर पहुंचते ही सबसे पहले हम अपने घोड़ों को एक जगह बांध देते हैं  तभी राजा भाई बोलते हैं कि गुफा काफी बड़ा है चलों अंदर चलकर देखते हैं अंदर में क्या है ।  और हम सभी लोग राजा भाई के पिछे पिछे अंदर की ओर चल पड़ते हैं और हम सभी लोग 100 कदम ही चले थे कि तभी हमें अचानक  पानी की तेज आवाज सुनाई पड़ती हैं मानों कोई बहुत बड़ा झरना बह रहा हों और हम तेजी से उस आबाज की ओर बढ़ने लगते हैं ।   और अचानक हमारी होश उड़ जाती हैं  हमारे सामने एक विशाल झरना बह रह था और इस विशाल झरने की। सिधे आकाश से गिर रही थी  और सबसे आश्चर्य चकित करने वाली बात थी  । झरने के नीचे स्थापित  विशाल शिवलिंग । और आकाश से गिरने वाला पानी सिधे शिवलिंग पर गिर रहा था । दोस्तों बहुत ही सुंदर दृश्य प्रस्तुत हों रहा था । एक और बात गौर करने वाली थी कि यहां हर तरह छोटे बड़े शिवलिंग मौजूद थे । बहुत ही मनोरम दृश्य था मानों जैसे हम शिव लोक में पहुंच गए हैं ।।  तभी हम सभी को को स्नान करने का मन हुआ  और शिवलिंग देखकर   भगवान भोलेनाथ शिव शंकर की पूजा करने का मन होने लगा ।  तों हम सभी भाई कपड़े उतार कर सबसे पहले  झरने के नीचे स्नान करने लगें  । और स्नान करने के बाद हम सभी भाई गुफा  में उगे  सुंदर सुंदर     फूलों को तोड़कर ले आये और  उस प्रकाशमयी शिव लिंग के चारों ओर बैठकर पुजा करने लगें । और जैसे ही हम लोगों ने शिवलिंग पर बेलपत्र और पुष्प अर्पित किए  वैसे गुस्से से दहाड़ने की आवाज सुनाई पड़ने लगी और पैरों को पटकते हुए  एक साधु बाबा हमारी ओर आते हुए दिखे । जो किसी पहलवान से कम नजर नही आ रहें थे । वे गरजते हुए हमसे बोल रहे थे  किसकी हिम्मत हुई जो हमारे द्वारा स्थापित हमारे अराध्य देव की शिवलिंग की पूजा करने की हिम्मत हुई है ।  पास अते ही हम  सभी खड़े होकर उनको दण्डवत करने लगते हैं  प्रणाम गुरु देव  हमसे कोई गलती हो गई हों तो हमें माफ़ कर दिजिए।  तभी बाबा बोलते हैं तुम लोग कौन हों और तुम लोगों की हिम्मत कैसे हुई इस शिवलिंग की पूजा करने की मैं तुम सभी को भष्म कर दुंगा ।  तभी राजा भाई बोलते हैं क्षमा करें गुरु देव  हम इस  राज्य के महाराज कृष्ण प्रताप  शिव शंकर प्रताप और उनके छोटे भाइयों के पुत्र हैं ।  और पिता श्री का नाम सुनते ही उनका गुस्सा थोड़ा शांत होता हैं । अच्छा तुम हमारे मित्र के बेटे हों फिर भी तुम लोगों ने गलती की है अब तुम में से एक को मेरे साथ द्वंद्व युद्ध करना और मुझे हराना होगा । तभी मैं तुम सब को क्षमा  करूंगा।  उनकी बातें सुन कर सभी लोग मुझे देखने लगते हैं ।


      धन्यवाद दोस्तों आगे कि वृतांत मैं कल सुनाऊंगा क्योंकि आगे बहुत ही रोमांचक मुकाबला होने वाला था मेरे और बाबा के बिच।



         धन्यवाद दोस्तों



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English translate
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      Then we see a cave and we all go inside that cave to avoid the heavy rains and first we tie our horses to a place as soon as we reach the cave, then Raja Bhai says that the cave is very big  Let's go inside and see what is inside.  And all of us walk backwards behind Raja Bhai and we all walked 100 steps only when suddenly we hear a loud sound of water as if a big waterfall is flowing and we are fast  They move forward.  And suddenly our senses fly away. A huge waterfall was flowing in front of us and this huge waterfall.  It was falling straight from the sky and the most surprising thing was astonishing.  The huge Shivalinga installed under the waterfall.  And the water falling from the sky was falling directly on the Shivling.  Friends were presenting very beautiful scenes.  Another thing to note was that small and large Shivling was present here.  It was a very panoramic view as if we have reached the Shiva world.  Then we all felt like bathing and seeing Shivalinga, started feeling like worshiping Lord Bholenath Shiva Shankar.  So all of us brothers take off their clothes and start bathing under the waterfall.  And after bathing, all of us brothers brought the beautiful flowers that had grown in the cave, and started sitting around that luminous Shiva Linga and worshiped.  And as soon as we offered bell-leaf and flower on the Shivling, the sound of roaring with anger began to be heard and a sadhu Baba was seen coming towards us, with his feet slammed.  Who could not look less than any wrestler.  They were roaring and speaking to us, who dared to worship the lingam of our Lord Aradhya established by us.  As soon as we all stand up and start worshiping them, Pranam Guru, please forgive us if you have made any mistake.  Then Baba speaks about who you are and how dare you people to worship this Shivling, I will devour all of you.  That's why Raja Bhai speaks sorry, Guru Dev. We are the sons of Krishna Pratap, Shiv Shankar Pratap and his younger brothers.  And on hearing father's name, his anger gets a bit quiet.  Well you are the son of our friend, yet you have made a mistake, now one of you will have to fight a duel with me and defeat me.  Then I will forgive all of you.  After listening to them, everyone starts seeing me.



 Thank you guys, I will narrate the incident tomorrow because a very exciting contest was going to take place between me and Baba.




 Thanks guys
 










                 
                  

Monday, June 29, 2020

एक खतरनाक यात्रा mountain lappord Mahendra के संग भाग-6 का अगला अध्याय

Ek yatra khajane ki khoje




                    ताम्बाखानी गुफा का रहस्य
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नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं ।


            जैसा कि दोस्तों आप लोगों ने पिछले अध्याय में पढ़ा कि कैसे हमारे मामा जी के आने के बाद  पिता श्री ने उन्हें भी हमारे साथ दण्डक वन जाने की फ़रमान सुना देते हैं  जिससे हमारे माता श्री और भड़क जाती है । और दहाड़े मारकर रोने लगती हैं और बोलती है कि हमारे बच्चों के साथ साथ हमारे भाई को भी ख़तरे में डालने की सोच लिया है महाराज ने लेकिन हम ऐसा हरगिज नहीं होने देंगे । हम आज ही अपने बच्चों को लेकर अपने पिता जी घर चली जाउंगी ।  तभी महाराज बोलते हैं कि भाग्यवान आप समझ क्यो नही रहें हैं  यह यात्रा ही हमारे बच्चों का भविष्य तय करेगा । तभी मैं बोलता हूं  मां हमें जाने दो ना दण्डक वन अब तो मामा जी भी हमारे साथ जा रहे हैं । तभी मां मुझे बोलती हैं कि तुम तों चुप ही रहो  नहीं तो मैं तुम्हारा खाना पीना बंद कर दुंगी बड़ा आया है दण्डक वन जाने वाला । मां को इस तरह डांटते देखकर भाईयों को बड़ी हंसी आ रही थी । तभी अखिलेश बोलता है कि बड़ी मां मैं तो पहले से ही मना कर रहा था कि हमें दण्डक वन नहीं जाना है  लेकिन भईया हैं कि मानते ही नहीं है    ।        
                   
                 और तभी  वातावरण में  अलख निरंजन की आवाज सुनाई देती हैं और हमारे सामने  वही चमत्कारी बाबा प्रकट होते हैं जिनसे हम पहले भी मिल चुके थे ।  और बाबा इस समय अचानक आ जाने से सभी लोग आश्चर्य चकित थे क्योंकि बाबा जब भी आते थे कोई न कोई कारण जरूर होता था ।  अतः हम सभी लोग खाना छोड़ कर बाबा जी को दण्डवत करने लगते हैं और बाबा हमें दिर्घायु होने का आशीर्वाद देते हैं । और फिर उन्हें आदर पूर्वक आसन पर बैठाया जाता है । और फिर माताये  उनकी चरन को धोती हैं ।   और बाबा जी उन्हें सौभाग्यशाली होने का आशीर्वाद देते हैं । ंऔर बाबा जी को भोजन कराया जाता है ।  तभी पिता श्री बोलते हैं कि आप सही समय पर आये है  बाबा अब आप ही हमारी  समस्याओं को सुलझाने में मदद कर सकते हैं । तभी बाबा बोलते हैं   हमे सब पताहै बच्चों   आप लोगों के समस्या का समाधान जरूर होगा । इसलिए तो हम आये है । बेटी आपलोग परेशान मत हो और अपने बच्चों को दण्डक वन की यात्रा पर जरूर जाने  दिजिए  ताकि ये लोग  दण्डक वन में रहने वाले  आदमखोर  राक्षसों का सफाया कर । दण्डक वन के आसपास रहने वाले लोगों की मदद कर सके ।  और यह कार्य बहुत ही जरूरी है अन्यथा प्रकृति का संतुलन बिगड़ जायेगा । क्योंकि वे लोग और भी बहुत शक्तिशाली होते जा रहे ।  इसलिए उनका  वन करना बहुत जरूरी हो गया है । और इस कार्य को सिर्फ  इन्ही राजकुमारों के द्वारा संम्पन हों सकता है क्योंकि इस समय दुनिया में इनके जैसा वलशाली योद्धा कोई और नहीं है ।इनका जन्म ही संसार की भलाई के लिए हुआ है ।   इनकी यह यात्रा  युज्ञो युज्ञो के लिए कल्याणकारी सिद्ध होगा । अतः इनकी दण्डक वन की यात्रा नहीं रोकी जानी चाहिए । 





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                    English translate
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Secret of Tambakhani Cave

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 Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.



 As you guys read in the previous chapter, after our maternal uncle came in, Father Shri also told him the order to go to Dandak forest with us, which provoked our mother Shri further.  And starts crying in broad roar and says that along with our children, our brother has also thought of putting his brother in danger but Maharaj has not allowed us to do so.  We will go to my father's house today with our children.  Then Maharaj says that why you are not lucky, this journey will determine the future of our children.  That is when I say, mother let us go or not let us go.  Then mother tells me that you should not remain silent otherwise, I have stopped drinking your food and it has come big to go to Dandak forest.  Seeing the mother scolded like this, the brothers were having a great laugh.  Then Akhilesh says that I was already refusing to say that we do not have to go to Dandak forest, but I have not accepted it.



 And then the voice of Alakh Niranjan is heard in the environment and the same miraculous Baba appears in front of us, whom we had met earlier also.  And when Baba came suddenly at this time, everyone was surprised because whenever Baba came, there was definitely some reason.  Therefore, all of us leave the food and start worshiping Baba Ji and Baba blesses us for being long-term.  And then they are respectfully seated on the pedestal.  And then the mothers wash their charan.  And Baba ji blesses them to be fortunate.  And Baba ji is served food.  That is when Father Shri says that you have come at the right time, Baba, now you can help solve our problems.  Then Baba says, we all know, children, there will definitely be a solution to your problem.  That is why we have come.  Daughter, you do not get upset and let your children go on a trip to Dandak forest so that these people can wipe out the man-eating demons living in Dandak forest.  Could help people living around Dandak forest.  And this work is very important, otherwise the balance of nature will be disturbed.  Because those people are becoming more powerful.  Therefore it has become very important to forestall them.  And this work can only be done by these princes because at this time there is no other warrior like him in the world. He was born for the good of the world.  His journey will prove to be beneficial for the warriors.  Therefore, their journey to Dandak forest should not be stopped.


 ___________________________________________________  माताएं आप लोग चिंता ना करें  मैं अदृश्य रूप से  इनके साथ ही रहुंगा और हर कदम पर इनकी रक्षा करुंगा ।  महाराज इनकी जाने की तैयारी शुरू की जाए । और मुझे अब जाने की आज्ञा दी जाएं । अलख निरंजन अलख निरंजन  और  बाबा  अदृश्य हो जातें हैं । और   फिर हम सभी लोग  बैठकखाने में आ जाते हैं । और सभी लोग बैठ जाते हैं और माता श्री  अपना सर पकड़ कर  बैठ जाती हैं क्योंकि हमे गुरु देव से भी आज्ञा मिल गया था  दण्डक वन जाने की । और  गुरुदेव की बातें काटी नहीं जा सकती थी । इसलिए माताएं धर्म संकट में पड़ गई थी । और वे पिता श्री को भी कुछ नहीं कह सकतीं थीं । और सब लोग बहुत दुःखी हो गई थी । और किसी से कुछ बात नहीं कर रही थी ।  तब पिता श्री मामा जी के कानों में कहते हैं कि अब आप ही समझाएं अपनी बहनों को  ।  तब मामा जी अपनी बहनों को समझते हुए बोलते हैं कि दीदी हमे तो एक दिन जाना ही था दण्डक वन की खतरनाक यात्रा पर  और अगर हम नहीं जायेंगे तो महाराज को  दुसरी बार दण्डक वन की यात्रा पर जाना पड़ेगा । क्योंकि राक्षसों का अत्याचार काफी बढ़ गया है  और पता है दीदी अगर महाराज दण्डक वन की यात्रा पर जायेंगे तो सारा संसार हम पर हंसेगा और सभी लोग बोलेंगे की जवान और शक्तिशाली बेटों को रहते हुए  महाराज को स्वयं   जाना पड़ा  । अतः खुशी खुशी हमें जाने की आज्ञा दे दो ताकि हम सभी  विजेताओं की तरह वापस आ सके । मामा जी की बातें सुनकर  मां तैयार हो जाती हैं और बोलती है  ठीक है अभी काफी रात हो चुकी है  अतः हम सभी लोग लोग सोने चलते हैं  क्योंकि बच्चों को सुबह सुबह प्रशिक्षण शिविर में जाना है   । और सभी लोग अपने अपने कमरों में सोने चले जाते हैं । और हम सब बहुत खुश थे मां की तरफ से भी दण्डक वन जाने की आज्ञा मिल गई थी । एवं मामा जी भी हमारे कमरे में ही सोने आये थे अतः मामा जी जी से बाते करते करते कब नींद आ गई पता ही नहीं चला।




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              English translate
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Mothers, you guys do not worry, I will remain with them invisibly and will protect them at every step.  Preparations should be started to go to His Highness.  And let me go now.  Alakh Niranjan Alakh Niranjan and Baba disappear.  And then we all come to the meeting hall.  And all the people sit down and Mother Shri holds her head and sits down because we also got the permission from Guru Dev to go to Dandak forest.  And Gurudev's words could not be cut off.  Therefore, the mothers got into religion.  And she could not say anything to father Shree.  And everyone was very sad.  And she was not talking to anyone.  Then the father says in Shri Mama ji's ears that now you should explain it to your sisters.  Then Mama Ji understood his sisters and said that Didi, we had to go one day on a dangerous journey to Dandak forest and if we do not go, then Maharaj will have to go to Dandak forest for another time.  Because the tyranny of the demons has increased greatly and it is known that if Didi Maharaj will go on a journey to Dandak forest, then the whole world will laugh at us and all the people will say that the Maharaj himself had to go while the young and powerful sons lived.  So happily let us go so that we can all come back like winners.  After listening to Mama ji's mother, the mother gets ready and says that it is already too late, so we all go to sleep because the children have to go to training camp in the morning.  And all the people go to sleep in their respective rooms.  And we were all very happy that the mother had also received permission to go to Dandak forest.  And Mama ji also came to sleep in our room, so it was not known when Mama ji was talking about sleeping.

 और फिर अचानक सुबह कैसे हो गया पता ही नहीं चला ।  और सबसे पहले मामा जी उठ चुुुकेे थे   और हमें उठाते हुए बोलेे जल्दी से तैयार हो जाओ  हमे  प्रशिक्षण शिविर में जाना है प्रशिक्षण लेने तभी अजय भाई बोलते अरे   मामा  जी थोड़ी देर और सोने दिजिए ना।
और तभी पिता श्री की आवाज सुनाई देती हैं और हम सभी लोग हड़बड़ा कर उठ जाते हैं और तैयार होने के लिए इधर उधर भागने लगते हैं । 

धन्यवाद दोस्तों आगे कि वृतांत मैं कल सुनाऊंगा ।


धन्यवाद दोस्तों




____________________________________________________ English translate
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And then suddenly did not know how it happened in the morning.  First and foremost Mama ji was up and picking us up, he said, get ready quickly. We have to go to training camp. Ajay bhai speak, O Mama ji, give me a little more sleep.

 And then the voice of Father Shri is heard and all of us get up in a hurry and start running around to get ready.


 Thank you guys, I will narrate the episode tomorrow.



 Thanks guys

Sunday, June 28, 2020

एक यात्रा खजाने की खोज में mountain lappord Mahendraके संग भाग-6 का अगला अध्याय

Ek yatra khajane ki khoje




                  ताम्बाखानी गुफा का रहस्य
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नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों को हार्दिक अभिनन्दन करता हूं ।



जैसा कि दोस्तों कल आपलोगो ने पढ़ा कि कैसे मैं अपने अतित के सपने में खोया हुआ हुं और अतित की घटनाएं चलचित्र की भांति मेरे आंखों के सामने घटित हो रही थी । जिसे मैं आप लोगों के लिए सजीव वर्णन कर रहा हूं ।  दोस्तों जैसा कि आप लोगों ने पढ़ा कि कैसे हमारे दण्डक वन में शिकार खेलने जाने की बात सुनकर  हमारी माताएं  भड़क जाती हैं  । और हम माताओं के पिछे पिछे रसोईघर की ओर चल पड़ते हैं । जहां पर  सभी लोग हमारा पहले से ही इंतज़ार कर रहे होते हैं । और हम सभी भी अपने अपने जगहों पर  बैठ जाते हैं । और माताएं खाना परोसने के लिए   जहां खाना पक रहा होता हैं वहां चलीं जाती हैं  माहौल एकदम शांत था जैसे कोई तुफ़ान आने वाला हों  । हम सभी चुपचाप बैठे हुए थे कोई कुछ नहीं बोल रहा था  और सभी खाने का इंतजार कर रहे थे । और एक दूसरे को देख रहे थे और आंखों  आंखों में ही इशारा कर रहे थे  कि क्या हुआ आप लोगों की माताएं गुस्से में है क्या । तभी राजा भाई बोलते हैं हां पिताजी हमारे दण्डक वन जाने की बात सुनकर   वह बहुत गुस्से में है और बोल रही थी कि हमें किसी भी हालत में दण्डक वन नहीं जाने देंगी । हम सभी बातें कर ही रहे थे कि तभी माताएं  खाना लेकर आ जाती हैं  और सबसे पहले हमें खाना परोसती हैं  और  पिताजी जी को खाना देते हुए बोलतीं हैं  कि आप लोगों को जरा सा भी  माया है कि नहीं आप लोगों को अपने बच्चों को कोई भेजता है क्या  दण्डक वन जैसे  खतरनाक जंगलों में  । जहां से कोई आज तक बच के आ पाया है  सिवाय आप सभी भाईयों को छोड़कर ।हम अपने बच्चों की जान जोखिम में नहीं डालेंगे । और इन्हें कभी नहीं जाने देंगे दण्डक वन की यात्रा पर और अगर ये जायेंगे तो हम भी साथ जायेंगे। नहीं तो हम अपने बच्चों को नहीं जाने देंगे । तभी बड़े पापा बोलते हैं कि आप लोग डरते क्यो हो । हमारे बच्चे कोई मामूली  राजकुमार नहीं है  वे लोग मां काली के भक्त  हैं और इस महानतम योद्धाओं में मे से एक है और मां काली ने स्वंय वरदान दिया है  वे हमेशा हमारे बच्चों की रक्षा करेंगी।  और बहुत सारे अस्त्र शस्त्र भी वरदान मे दिये हैं लोक कल्याण के लिए ।  और हमारे बच्चे दण्डक वन  राक्षसों का सफाया कर के लोगों का कल्याण करने के लिए ही जा रहे हैं । तभी माता श्री बोलती हैं कि क्या लोगे के कल्याण के लिए हमारे बच्चों ने ही जन्म लिया है और वैसे भी  जब आप लोग गये थे दण्डक वन  तो आप लोगों को आने में दो वर्ष लग गए थे । और इन दो वर्षों में  हमने कितने कष्ट सहे थे जो हम ही जानते हैं  और आज फिर हमारे बच्चों को भी मुसीबत में डाला जा रहा है। और फिर वे रोने लगते हैं और पिता श्री उनको  समझाने में लग जाते हैं । और हमलोग खाना खाने में व्यस्त हो जाते हैं । तभी अखिलेश के पिताजी यानी हमलोगो के छोटे चाचा श्री बोलते हैं  मजाक मजाक में  अरे भाभी जी  जाने दिजिए हमारे बच्चों को  ये लोग सिर्फ दण्डक वन ही नहीं  बल्कि  दण्डक वन के उत्तरी छोर पर स्थित रूप नगर भी जायेंगे  पता है भाभी जी वहां की कन्याये बहुत ही सुंदर होती हैं ।  हमारे बच्चे वहां से आपलोगो के लिए  बहुये  लायेंगे। सुंदर सुंदर सी बहुये  । तभी छोटी चाची गुस्सा के बोलती हैं आप को तो सिर्फ बहुओं की ही पड़
 हुई हैं  और सभी लोग ठहाके ्् लगा कर हंसने लगते हैं । 





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Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.




 As friends yesterday, you read how I was lost in my dream of Atith and the events of Atit were happening in front of my eyes like a movie.  Which I am describing lively for you guys.  Friends, as you have read about how our mothers are infuriated by hearing about going hunting in Dandak forest.  And we walk to the kitchen behind the mothers.  Where everyone is already waiting for us.  And we all sit in our own places.  And the mothers go to the place where the food is being cooked to serve, the atmosphere was very calm as if a storm is coming.  We were all sitting quietly, no one was saying anything and all were waiting to eat.  And they were looking at each other and were pointing in their eyes, what happened to the anger of your people?  That's why Raja Bhai says yes, father is very angry after listening to our visit to Dandak forest and was saying that we will not let Dandak forest in any condition.  We were all talking that only then the mothers bring food and first of all serve us food and while giving food to Dad ji, you say that you guys have a little illusion or not you send someone to your children  Is it in dangerous forests like Dandak forest?  Except where everyone has survived till today, except you all brothers. We will not put the lives of our children at risk.  And they will never let them go on the journey to Dandak forest and if they go, we will also go together.  Otherwise we will not let our children go.  Only then, my father says, why are you afraid?  Our children are no ordinary princes. They are the devotees of Mother Kali and one of the greatest warriors and mother Kali has given her own boon. She will always protect our children.  And many weapons are also a boon for public welfare.  And our children are going to the welfare of the people by eliminating the Dandak forest demons.  That is why Mother Shri says that our children have taken birth for the welfare of the people, and anyway when you went to Dandak forest, it took two years for you to come.  And in these two years, we suffered so much that we only know and today our children are also being put in trouble.  And then they start crying and father Sri starts to convince them.  And we get busy eating food.  That is why Akhilesh's father, that is, the younger uncle of Hamalogo, speaks jokingly, "Hey brother-in-law, let our children know that these people will not only visit Dandak forest but also Roop Nagar situated at the northern end of Dandak forest."  It is beautiful.  Our children will bring a large number of people from there.  Beautiful beautiful daughters.  That's when the little auntie speaks angrily, you only need daughters-in-law

 And everyone laughs and laughs




            और हम सभी लोग अभी खाना खा ही रहे थे कि सेनापति जी  का आगमन होता हैं जो कि हमारे  मामा जी भी लगते थे।  मामा जी को देखते ही मां रोने लगती है । मामा जी को पता था कि हम सभी दण्डक वन  जा रहे थे । मामा जी भी अपने बहनों में सबसे छोटे थे ।  और बहनों के दुलारे भी ।  इसलिए मां रो रो कर मामा जी को बोलने लगी  देखो  भाई  तुम्हारे जिजा जी  बच्चों को दण्डक वन के खतरनाक यात्रा पर भेज रहे  और हमारी बात भी नहीं सुन रहे हैं ।  अभी मामा जी कुछ कहते कि तभी पिता श्री ने कहा  अरे साले साहब बैठिए और खाना खाईये ।  और माता श्री से बोलते हैं अरे भाग्यवान रोती क्यो हो  हमारे बच्चे अकेले थोड़े ही जा रहें हैं । इनके साथ तो विश्व के महानतम योद्धाओं में से एक  आपके छोटे भाई और हमारे सेनापति   धर्म वीर जी । इतना सुनते ही  मां और दहाड़े मारकर रोने लगती है ।



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 And all of us were just eating food that the arrival of the commander-in-law, which our maternal uncle also used to look like.  Mother starts crying as soon as she sees maternal uncle.  Mama ji knew that we were all going to Dandak forest.  Mama ji was also the youngest of her sisters.  And the sisters also cherished.  That's why the mother started crying and crying to her uncle, see brother, your brother-in-law is sending children on a dangerous journey to Dandak forest and they are not even listening to us.  Right now Mama ji would say something, that is when Father Shri said, "Oh brother-in-law, sit and eat."  And mother says to Shri Shree, why are we lucky people? Why are our children going a little alone?  With him, one of the greatest warriors of the world, your younger brother and our general Dharm Veer Ji.  On hearing this, the mother starts crying in broad daylight.


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धन्यवाद दोस्तों आगे कि वृतांत मैं कल सुनाऊंगा  क्योंकि इसी  समय  अलख निरंजन की आवाज सुनाई देती हैं  और वहीं चमत्कारी बाबा का आगमन होता हैं । और सभी लोग खाने पर से उठ कर । बाबा जी को  दण्डवत करने लगते हैं   और बाबा जी सभी को आशीर्वाद देते हैं  ।  और आगे क्या होता हैं वह कल बताता हूं दोस्तों ।


धन्यवाद दोस्तों

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Thank you guys, I will narrate the story tomorrow because at this time, the voice of Alakh Niranjan is heard and there is the arrival of the miraculous Baba.  And everybody got up from eating.  Baba starts worshiping Baba ji and Baba ji blesses everyone.  And what happens next, I will tell you tomorrow friends.



 Thanks guys

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Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...