Sunday, June 28, 2020

एक यात्रा खजाने की खोज में mountain lappord Mahendraके संग भाग-6 का अगला अध्याय

Ek yatra khajane ki khoje




                  ताम्बाखानी गुफा का रहस्य
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नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों को हार्दिक अभिनन्दन करता हूं ।



जैसा कि दोस्तों कल आपलोगो ने पढ़ा कि कैसे मैं अपने अतित के सपने में खोया हुआ हुं और अतित की घटनाएं चलचित्र की भांति मेरे आंखों के सामने घटित हो रही थी । जिसे मैं आप लोगों के लिए सजीव वर्णन कर रहा हूं ।  दोस्तों जैसा कि आप लोगों ने पढ़ा कि कैसे हमारे दण्डक वन में शिकार खेलने जाने की बात सुनकर  हमारी माताएं  भड़क जाती हैं  । और हम माताओं के पिछे पिछे रसोईघर की ओर चल पड़ते हैं । जहां पर  सभी लोग हमारा पहले से ही इंतज़ार कर रहे होते हैं । और हम सभी भी अपने अपने जगहों पर  बैठ जाते हैं । और माताएं खाना परोसने के लिए   जहां खाना पक रहा होता हैं वहां चलीं जाती हैं  माहौल एकदम शांत था जैसे कोई तुफ़ान आने वाला हों  । हम सभी चुपचाप बैठे हुए थे कोई कुछ नहीं बोल रहा था  और सभी खाने का इंतजार कर रहे थे । और एक दूसरे को देख रहे थे और आंखों  आंखों में ही इशारा कर रहे थे  कि क्या हुआ आप लोगों की माताएं गुस्से में है क्या । तभी राजा भाई बोलते हैं हां पिताजी हमारे दण्डक वन जाने की बात सुनकर   वह बहुत गुस्से में है और बोल रही थी कि हमें किसी भी हालत में दण्डक वन नहीं जाने देंगी । हम सभी बातें कर ही रहे थे कि तभी माताएं  खाना लेकर आ जाती हैं  और सबसे पहले हमें खाना परोसती हैं  और  पिताजी जी को खाना देते हुए बोलतीं हैं  कि आप लोगों को जरा सा भी  माया है कि नहीं आप लोगों को अपने बच्चों को कोई भेजता है क्या  दण्डक वन जैसे  खतरनाक जंगलों में  । जहां से कोई आज तक बच के आ पाया है  सिवाय आप सभी भाईयों को छोड़कर ।हम अपने बच्चों की जान जोखिम में नहीं डालेंगे । और इन्हें कभी नहीं जाने देंगे दण्डक वन की यात्रा पर और अगर ये जायेंगे तो हम भी साथ जायेंगे। नहीं तो हम अपने बच्चों को नहीं जाने देंगे । तभी बड़े पापा बोलते हैं कि आप लोग डरते क्यो हो । हमारे बच्चे कोई मामूली  राजकुमार नहीं है  वे लोग मां काली के भक्त  हैं और इस महानतम योद्धाओं में मे से एक है और मां काली ने स्वंय वरदान दिया है  वे हमेशा हमारे बच्चों की रक्षा करेंगी।  और बहुत सारे अस्त्र शस्त्र भी वरदान मे दिये हैं लोक कल्याण के लिए ।  और हमारे बच्चे दण्डक वन  राक्षसों का सफाया कर के लोगों का कल्याण करने के लिए ही जा रहे हैं । तभी माता श्री बोलती हैं कि क्या लोगे के कल्याण के लिए हमारे बच्चों ने ही जन्म लिया है और वैसे भी  जब आप लोग गये थे दण्डक वन  तो आप लोगों को आने में दो वर्ष लग गए थे । और इन दो वर्षों में  हमने कितने कष्ट सहे थे जो हम ही जानते हैं  और आज फिर हमारे बच्चों को भी मुसीबत में डाला जा रहा है। और फिर वे रोने लगते हैं और पिता श्री उनको  समझाने में लग जाते हैं । और हमलोग खाना खाने में व्यस्त हो जाते हैं । तभी अखिलेश के पिताजी यानी हमलोगो के छोटे चाचा श्री बोलते हैं  मजाक मजाक में  अरे भाभी जी  जाने दिजिए हमारे बच्चों को  ये लोग सिर्फ दण्डक वन ही नहीं  बल्कि  दण्डक वन के उत्तरी छोर पर स्थित रूप नगर भी जायेंगे  पता है भाभी जी वहां की कन्याये बहुत ही सुंदर होती हैं ।  हमारे बच्चे वहां से आपलोगो के लिए  बहुये  लायेंगे। सुंदर सुंदर सी बहुये  । तभी छोटी चाची गुस्सा के बोलती हैं आप को तो सिर्फ बहुओं की ही पड़
 हुई हैं  और सभी लोग ठहाके ्् लगा कर हंसने लगते हैं । 





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Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.




 As friends yesterday, you read how I was lost in my dream of Atith and the events of Atit were happening in front of my eyes like a movie.  Which I am describing lively for you guys.  Friends, as you have read about how our mothers are infuriated by hearing about going hunting in Dandak forest.  And we walk to the kitchen behind the mothers.  Where everyone is already waiting for us.  And we all sit in our own places.  And the mothers go to the place where the food is being cooked to serve, the atmosphere was very calm as if a storm is coming.  We were all sitting quietly, no one was saying anything and all were waiting to eat.  And they were looking at each other and were pointing in their eyes, what happened to the anger of your people?  That's why Raja Bhai says yes, father is very angry after listening to our visit to Dandak forest and was saying that we will not let Dandak forest in any condition.  We were all talking that only then the mothers bring food and first of all serve us food and while giving food to Dad ji, you say that you guys have a little illusion or not you send someone to your children  Is it in dangerous forests like Dandak forest?  Except where everyone has survived till today, except you all brothers. We will not put the lives of our children at risk.  And they will never let them go on the journey to Dandak forest and if they go, we will also go together.  Otherwise we will not let our children go.  Only then, my father says, why are you afraid?  Our children are no ordinary princes. They are the devotees of Mother Kali and one of the greatest warriors and mother Kali has given her own boon. She will always protect our children.  And many weapons are also a boon for public welfare.  And our children are going to the welfare of the people by eliminating the Dandak forest demons.  That is why Mother Shri says that our children have taken birth for the welfare of the people, and anyway when you went to Dandak forest, it took two years for you to come.  And in these two years, we suffered so much that we only know and today our children are also being put in trouble.  And then they start crying and father Sri starts to convince them.  And we get busy eating food.  That is why Akhilesh's father, that is, the younger uncle of Hamalogo, speaks jokingly, "Hey brother-in-law, let our children know that these people will not only visit Dandak forest but also Roop Nagar situated at the northern end of Dandak forest."  It is beautiful.  Our children will bring a large number of people from there.  Beautiful beautiful daughters.  That's when the little auntie speaks angrily, you only need daughters-in-law

 And everyone laughs and laughs




            और हम सभी लोग अभी खाना खा ही रहे थे कि सेनापति जी  का आगमन होता हैं जो कि हमारे  मामा जी भी लगते थे।  मामा जी को देखते ही मां रोने लगती है । मामा जी को पता था कि हम सभी दण्डक वन  जा रहे थे । मामा जी भी अपने बहनों में सबसे छोटे थे ।  और बहनों के दुलारे भी ।  इसलिए मां रो रो कर मामा जी को बोलने लगी  देखो  भाई  तुम्हारे जिजा जी  बच्चों को दण्डक वन के खतरनाक यात्रा पर भेज रहे  और हमारी बात भी नहीं सुन रहे हैं ।  अभी मामा जी कुछ कहते कि तभी पिता श्री ने कहा  अरे साले साहब बैठिए और खाना खाईये ।  और माता श्री से बोलते हैं अरे भाग्यवान रोती क्यो हो  हमारे बच्चे अकेले थोड़े ही जा रहें हैं । इनके साथ तो विश्व के महानतम योद्धाओं में से एक  आपके छोटे भाई और हमारे सेनापति   धर्म वीर जी । इतना सुनते ही  मां और दहाड़े मारकर रोने लगती है ।



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4


 And all of us were just eating food that the arrival of the commander-in-law, which our maternal uncle also used to look like.  Mother starts crying as soon as she sees maternal uncle.  Mama ji knew that we were all going to Dandak forest.  Mama ji was also the youngest of her sisters.  And the sisters also cherished.  That's why the mother started crying and crying to her uncle, see brother, your brother-in-law is sending children on a dangerous journey to Dandak forest and they are not even listening to us.  Right now Mama ji would say something, that is when Father Shri said, "Oh brother-in-law, sit and eat."  And mother says to Shri Shree, why are we lucky people? Why are our children going a little alone?  With him, one of the greatest warriors of the world, your younger brother and our general Dharm Veer Ji.  On hearing this, the mother starts crying in broad daylight.


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धन्यवाद दोस्तों आगे कि वृतांत मैं कल सुनाऊंगा  क्योंकि इसी  समय  अलख निरंजन की आवाज सुनाई देती हैं  और वहीं चमत्कारी बाबा का आगमन होता हैं । और सभी लोग खाने पर से उठ कर । बाबा जी को  दण्डवत करने लगते हैं   और बाबा जी सभी को आशीर्वाद देते हैं  ।  और आगे क्या होता हैं वह कल बताता हूं दोस्तों ।


धन्यवाद दोस्तों

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Thank you guys, I will narrate the story tomorrow because at this time, the voice of Alakh Niranjan is heard and there is the arrival of the miraculous Baba.  And everybody got up from eating.  Baba starts worshiping Baba ji and Baba ji blesses everyone.  And what happens next, I will tell you tomorrow friends.



 Thanks guys

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एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

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