Wednesday, April 7, 2021

एक यात्रा ऐरावतेश्वर मंदिर तामिलनाडु की दारासुरम - भारत। A Visit to Airavateshwara Temple Tamil Nadu's Darasuram - India.

Ek yatra khajane ki khoje

















            विश्व प्रसिद्ध प्रथम 3डी तकनीक वाली हाथी और बैल की चित्रकारी एरावतेश्वरा मंदिर।
 World famous first 3D technique elephant and bull painting Eravateshwara Temple.
 














 नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं।दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आप सभी को लेकर चल रहा हूं तमिलनाडु के द्वारा दारासूरम में स्थित एरावतेश्वर मंदिर जो अपने अद्भुत स्थापत्य कला और दीवारों पर की गई चित्रकारी के लिए विश्व प्रसिद्ध है।


                  एरावतेश्वर मंदिर 

                दारासुरम  तमिलनाडु

                        भारतवर्ष









 नमस्कार दोस्तों आज हम एक ऐसे अद्भुत और खूबसूरत मंदिर की यात्रा पर चल रहे हैं जिसका निर्माण राजा राजराजा चोल द्वितीय के द्वारा करवाया गया था।जो अपने अद्भुत स्थापत्य कला और दीवारों पर विशेष प्रकार की बनाई गई मूर्तियों के लिए विश्व प्रसिद्ध है दोस्तों इस मंदिर की सबसे खास और आश्चर्यचकित करने वाली बात यह है कि हमें यही पर चित्रकारी की 3डी तकनीक की पहली प्रमाण देखने को मिलती है। जैसे हमें यहां पर एक ऐसी चित्र या फिर दीवारों पर बनाई गई एक ऐसी मूर्ति जिसे हम सभी को देखने को मिलता है वह है एक बैल और हाथी की 3डी तकनीक में बनाई गई चित्रकारी या मूर्तिकला जो बहुत ही अद्भुत और अलौकिक है। दोस्तों जैसे ही आप दीवार पर बनी इस मूर्ति को देखोगे तो आश्चर्यचकित हो जाओगे क्योंकि जब आप बैल को देखोगे तो लगेगा जैसे या हाथी की मूर्ति है और जैसे ही आप हाथी पर ध्यान दोगे तो लगेगा किया बैल की मूर्ति बनी हुई है । दोस्तों अद्भुत तकनीक के द्वारा बनाया गया चित्र हमारे पूर्वजों की         उच्च    तकनीकी  मूर्तिकला ज्ञान को  दर्शाता है जो संभवतः पहली 3डी तकनीक रही होगी उस जमाने में। दोस्तों ऐतिहासिक स्रोतों से पता चलता है कि राजा राजराजा चोल द्वितीय ने 1146 और 1172 ईसवी के बीच चोल साम्राज्य पर शासन किया था और उसी दरमियान इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था। एवं दोस्तों माना जाता है इनकी की राजधानी गंगापुरी थी , जिसे यहां से प्राप्त शिलालेखों में "गंगाईकोंडा चोलापुरम" के नाम से भी जाना जाता है। दोस्तों साथ ही साथ ऐतिहासिक प्रमाणो में दर्ज है कि इसका नाम उत्तर भारत के सबसे पवित्र नदी देवी गंगा के नाम पर रखा गया था। 









 दोस्तों इस मंदिर की स्थापत्य कला देखते ही बनती है। दोस्तों जब आप इस मंदिर को देखोगे तो बिना आश्चर्यचकित हुए रह ही नहीं सकते हो। दोस्तों यह मंदिर आपको अंदर से झकझोर कर रख देगा कि कैसे हमारे पूर्वजों ने अपने उत्कृष्ट ज्ञान के बल पर इन मंदिरों का निर्माण किया था। दोस्तों  प्राचीन ऐरावतेश्वर मंदिर तमिलनाडु के दारासुरम में स्थित है जो कुंबकोणम के दक्षिण पश्चिम में लगभग 4 किलोमीटर दूर और चेन्नई से 310 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में और चिदंबरम से 90 किलोमीटर दूर स्थित है। दोस्तों यह मंदिर उत्तर पूरब में तंजावुर के प्रसिद्ध बृहदेश्वर मंदिर से लगभग 40 किलोमीटर और गंगाईकोंडा चोलापुरम मंदिर के दक्षिण पश्चिम में लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है। दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह तीनों मंदिर यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल में सूचीबद्ध है।

















               धन्यवाद दोस्तों


        माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗
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              English translate
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 Hello friends I heartily congratulate all of you on the mountain leopard Mahendra. Friends, today I am taking you all to visit the Eravateshwara Temple located in Darasuram by Tamil Nadu for its amazing architecture and painting on the walls of the world.  is famous.



 Eravateshwar Temple


 Darasuram Tamil Nadu


 India
















 Namaskar Friends, today we are going on the journey of a wonderful and beautiful temple which was built by King Rajaraja Chola II, which is world famous for its amazing architecture and special sculptures on the walls.  The most special and surprising thing is that we get the first evidence of the 3D technique of painting on it.  For example, here we have such a picture or a sculpture made on the walls that we all get to see is a 3D technique of sculpture or sculpture of an ox and elephant which is very amazing and supernatural.  Friends, as soon as you see this statue built on the wall, you will be surprised because when you see the bull, it will look like or there is an elephant statue and as soon as you look at the elephant, the bull statue will remain.  Friends, the picture created by amazing technology reflects the high-tech sculptural knowledge of our ancestors, which may have been the first 3D technology in those days.  Friends, historical sources suggest that Raja Rajaraja Chola II ruled the Chola Empire between 1146 and 1172 AD and that the temple was constructed during that period.  He is believed to be friends and his capital was Gangapuri, which is also known as "Gangaikonda Cholapuram" in inscriptions found from here.  Friends as well as historical evidences that it was named after the most sacred river goddess of North India, the Ganges.
















 Friends, the architecture of this temple is made on seeing it.  Friends, when you see this temple, you cannot be surprised without being surprised.  Friends, this temple will shock you from inside how our ancestors built these temples on the strength of their excellent knowledge.  Friends The ancient Airavateshwara temple is located at Darasuram in Tamil Nadu, about 4 km southwest of Kumbakonam and 310 km southwest of Chennai and 90 km from Chidambaram.  Friends, this temple is located about 40 kilometers from the famous Brihadeeswarar temple of Thanjavur in the north east and about 30 kilometers to the southwest of the Gangaikonda Cholapuram temple.  Friends, you will be surprised to know that these three temples are listed in the UNESCO World Heritage Site.



















 Thanks guys



 Mountain Leopard Mahendra                          🧗🧗

















   






    Mountain Leopard Mahendra 🧗🧗































Friday, April 2, 2021

एक यात्रा भारतवर्ष की प्राचीनतम जागृत देवी मंदिर की जहां पहुंच कर सारी की सारी साइंटिफिक गतिविधियां फेल हो जाती है और केवल चलतीं है मां आदिशक्ति काली की अलौकिक गतिविधियां और तों और अलौकिक रुप से भगवान सूर्य की गतिविधियों के साथ-साथ भगवान भोले शंकर की शिवलिंग की रंग भी बदलती रहती है, माता मुंडेश्वरी की प्राचीन मंदिर में - कैमूर , बिहार भारत. A visit to the oldest awakened Devi temple of India, where all the scientific activities fail and only continue, the supernatural activities of Maa Adishakti Kali and the activities of Lord Surya with the supernatural form as well as the Shiva lingam of Lord Bhole Shankar The color of the body also varies, in the ancient temple of Mata Mundeshwari - Kaimur, Bihar India.

Ek yatra khajane ki khoje

















 सुबह 10:10 बजे           दोपहर 12:46बजे   अपराह्न 02:47बजे
    10:10 AM                 12:46 PM               02: 47 PM

















  नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं बिहार के कैमूर जिले में स्थित अति प्राचीन माता मुंडेश्वरी की मंदिर में।दोस्तों जहां पहुंचकर विश्व की सारी साइंटिफिक गतिविधियां विफल हो जाती है और चलती है तो सिर्फ केवल माता मुंडेश्वरी की चमत्कारी शक्तियां। आइए दोस्तों चलते हैं अलौकिक और चमत्कारी माता मुंडेश्वरी की अति प्राचीन मंदिर की यात्रा पर।








           माता मुंडेश्वरी मंदिर

                कैमूर , बिहार

                 भारतवर्ष
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 नमस्कार दोस्तों भारतवर्ष का सबसे प्राचीन और जागृत माता मंदिर जहां मौजूद भगवान भोले शंकर का शिवलिंग हर पहर बदलता है अपना रंग । दोस्तों माता मुंडेश्वरी मंदिर भारतवर्ष के सबसे प्राचीन जागृत मंदिर है दोस्तों ऐतिहासिक साक्ष्यों से पता चलता है कि श्रीयंत्र आकार का अष्टकोणीय  मंदिर 1913 वर्ष पुराना है। और उसी समय से जारी पूजा एवं प्रसाद की परंपरा आज तक कायम है। दोस्तों मंदिर परिसर से ही पुरातत्व विभाग वालों को एक शिलालेख के दो टुकड़े मिले थे और यह दोनों टुकड़े आज कोलकाता के म्यूजियम में रखे हुए हैं। दोस्तों इस शिलालेख में लिखा है कि राजा उदय सेन के काल में दंडनायक गोमीभट्ट ने 3 फीट 9 इंच ऊंचे चतुर्मुखी शिवलिंग की पूजा के लिए 500 सोने के दिनार दिए थे।और कहा था कि जब तक सूरज चांद रहेगा शिवलिंग पर दीप जलाने व प्रसाद का प्रबंध होता रहेगा जो आज तक कायम है।










दोस्तों गोमीभट्ट के शिलालेख की काल गणना के आधार पर आचार्य किशोर कुणाल कहते हैं कि मुंडेश्वरी मंदिर 108 वीं सदी यानी कुषाण काल का है। दोस्तों मुंडेश्वरी स्थित शिवलिंग के एक मुख के मस्तक पर रुद्राक्ष की माला है दोस्तों मुखों की आकृतियां भिन्न है यह सब गुप्त काल में शुरू हुआ था , इससे पहले इतिहासकार मंदिर को गुप्तकालीन तो कुछ हर्ष कालीन बताते रहे हैं।दोस्तों मुंडेश्वरी माता की मूर्तियां लाल पत्थर , बलुआ पत्थर और काले पत्थरों की बनी हुई है।दोस्तों चतुर्मुखी शिवलिंग भी इसी पत्थर से बना है मूर्तियां मथुरा शैली में बनी हुई है । मंदिर के मूल नायक चतुर्मुखी शिवलिंग है दोस्तों  है मान्यता है कि पहर के हिसाब से शिवलिंग का रंग बदलता रहता है।

        दोस्तों यह मंदिर ऋषि अत्री की तपोभूमि रही त्र्क्षकुल पर्वत पर स्थित है। दोस्तों त्र्क्षकुल का अर्थ है शिव और शिव के समस्त कुल की प्रिय धाम है।












          सुबह 10:10 बजे
           10:10 AM













    यानी दोस्तों देखा जाए तो अपने बिहार के कैमूर जिले में स्थित है भारतवर्ष के सबसे अनोखे और चमत्कारी श्रीयंत्र आकार का अष्टकोणीय मंदिर जो माता शक्ति और भगवान भोलेनाथ का प्रतिनिधित्व करती है।अति प्राचीन माता मुंडेश्वरी की मंदिर जहां अद्भुत रूप से चतुर्मुख शिवलिंग का हर पहर बदल जाता है रंग।
        दोस्तों वैसे तो बिहार में कई धर्मों का जन्म हुआ है लेकिन दोस्तों कम ही लोग जानते होंगे कि यहां भारतवर्ष का सबसे प्राचीन जागृत मंदिर स्थित है दोस्तों जहां 1913 वर्षों से लगातार बिना किसी रूकावट के प्रतिदिन पूजा और प्रसाद की परंपरा जारी है इसलिए इसे सबसे प्राचीन जागृत मंदिर कहा जाता है दोस्तों जहां कभी आज तक पूजा बंद नहीं हुई है। 












दोस्तों अद्भुत और चमत्कारिक रूप से यहां दी जाने वाली बकरे की बलि भी कम चमत्कारी नहीं हैक्योंकि इस मंदिर में किसी जीव की हत्या नहीं की जाती है फिर भी माता मुंडेश्वरी बकरे की बलि स्वीकार करती है और अपने आशीर्वाद से बकरे को पुनः जीवित कर देती है ज्योति दोस्तों अद्भुत और अकल्पनीय है एवं दोस्तों आश्चर्यजनक रूप से सूर्य की स्थिति बदलने के साथ-साथ शिवलिंग का भी रंग बदल जाता है।




              दोपहर 12:46 बजे
                   12:46 PM













दोस्तों मंदिर की प्राचीनता का आभास यहां मिले महाराजा दुत्तगामिनी की मुद्रा से भी होता है जो बौद्ध साहित्य के अनुसार अनुराधापुर वंश का था , जो इसा पूर्व 101 - 77 ईसा पूर्व में श्रीलंका का शासक हुआ करता था। यानी दोस्तों देखा जाए तो यह मंदिर 1913 वर्षों से भी पुराना हो सकता है।दोस्तों एक खास बात यह भी है कि इस प्राचीन मंदिर का निर्माण किस सिद्धांत पर हुआ है उस सिद्धांत का जिक्र अथर्ववेद में भी मिलता है।
                  यानी दोस्तों देखा जाए तो इस मंदिर की अलौकिक शक्तियां वर्तमान समय के आधुनिक गतिविधियों को भी आश्चर्य करने पर मजबूर कर दे रही है।



             धन्यवाद दोस्तों

   माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗
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          English translate
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 Hello friends I extend my hearty greetings to all of you guys at Mountain Leopard Mahendra.  Friends, today I am taking you to the temple of the very ancient Mundeshwari located in Kaimur district of Bihar. Friends, when all the scientific activities of the world fail and run, then only the miraculous powers of Mata Mundeshwari.  Let's go on a journey to the ancient temple of supernatural and miraculous mother Mundeshwari.





    
            अपराह्न 02:47 बजे
                 02:47 PM






 Mata Mundeshwari Temple


 Kaimur, Bihar


 India

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 Namaskar Friends, the most ancient and awakened Mata temple in India where the Shiva lingam of Lord Bhole Shankar changes its color every time.  Friends Mata Mundeshwari Temple is the oldest awakened temple in India. Friends Historical evidences show that Sriyantra shaped octagonal temple is 1913 years old.  And the tradition of puja and prasad continued from that time till today.  Friends from the temple complex, the archaeological department had found two pieces of an inscription and both these pieces are kept in the museum in Kolkata today.  Friends have written in this inscription that during the reign of King Uday Sen, Dandanayak Gomibhatta gave 500 gold dinars for the worship of 3 feet 9 inch tall Chaturmukhi Shivling and said that as long as the sun will remain moon, the lamp will be lit and the offerings are made.  Management will continue which continues till today.











 Acharya Kishore Kunal says that Mundeshwari temple is of 108th century i.e. Kushan period, based on the period count of the inscription of friends Gomibhatta.  Friends, there is a rosary of Rudraksha on the head of a mouth of Shivalinga situated in Mundeshwari. The shape of the faces of friends is different. It all started in the Gupta period, before this, historians have been describing the temple as some of the joys of the Gupta period.  , Made of sandstone and black stones. The two Chaturmukhi Shivling is also made of this stone. The sculptures are made in Mathura style.  The original protagonist of the temple is Chaturmukhi Shivling, friends. It is believed that the color of Shivling varies according to the time.


 Friends, this temple is situated on the Trikshakul mountain, which is the Tapobhumi of the sage Atri.  Friends Trikshakul means Shiva and is the beloved abode of all the families of Shiva.













 That is, friends, it is located in Kaimur district of Bihar, the most unique and miraculous Shriantra shaped octagonal temple of India, which represents Mata Shakti and Lord Bholenath.  Color changes.

 Friends, although many religions have been born in Bihar, but few people would know that the oldest Jagrit temple of India is situated here, Friends, where the tradition of daily worship and prasad is continued daily for 1913 years without any hindrance, hence it is the most ancient  Friends called Jagrit Mandir where worship has never stopped till date.










 Friends, amazingly and miraculously, the goat sacrifice offered here is no less miraculous as no creatures are killed in this temple, yet Mata Mundeshwari accepts the goat sacrifice and revives the goat with her blessings.  Jyoti friends are amazing and unimaginable and friends, along with the amazingly changing position of the Sun, the color of Shivalinga also changes color.















 The antiquity of the Friends temple is also evident from the posture of Maharaja Duttagamini found here, who according to Buddhist literature belonged to the Anuradhapura dynasty, which was the ruler of Sri Lanka in 101 - 77 BCE.  That is, if you see friends, this temple can be older than 1913 years. Friends, it is a special thing that the principle on which this ancient temple was built is also mentioned in the Atharvaveda.

 That is, if you see friends, the supernatural powers of this temple are forcing the modern activities of the present time to wonder.




 Thanks guys


 Mountain Leopard              Mahendra 🧗🧗
















Wednesday, March 31, 2021

एक यात्रा अद्भुत और अलौकिक जी हां दोस्तों एक ऐसी मंदिर की यात्रा जहां से निकलती है अद्भुत रूप से भगवान कृष्ण की बांसुरी की सुरीली आवाज , जी हां दोस्तों अद्भुत रूप से भक्तों के मन को मोह लेती है भगवान कृष्ण की बांसुरी की सुरीली आवाज , प्राचीन और अद्भुत वेणुगोपाल स्वामी मंदिर-कर्नाटक, तली , दक्षिण भारत A Journey Wonderful and Supernatural Yes Friends Travel to a temple from where the amazing sound of Lord Krishna's flute, Yes Friends amazingly fascinates the minds of the devotees Lord Krishna's harmonious voice, ancient And the amazing Venugopal Swamy Temple - Karnataka, Tali, South India.

Ek yatra khajane ki khoje

























  नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको एक ऐसी प्राचीन मंदिर की यात्रा पर लेकर चल रहा हूं जिससे निकलती है अद्भुत रूप से चमत्कारिक भगवान कृष्ण की बांसुरी की सुरीली आवाज जो अपने भक्तगणों के मन को मोह लेती है।



     वेणुगोपाल स्वामी मंदिर

            तली , कर्नाटका
         
            दक्षिण भारत
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   नमस्कार दोस्तों वेणुगोपाल स्वामी मंदिर कर्नाटक के तली में स्थित है। जो दक्षिण भारत के साथ-साथ संपूर्ण भारत के तीर्थ यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करती है। दोस्तों वेणुगोपाल स्वामी को भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है। दोस्तों इस प्राचीन वैभवशाली मंदिर में इन्हीं की प्रतिमा स्थापित है। दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि वेणु का अर्थ तमिल भाषा में बांसुरी होता है।और दोस्तों आश्चर्यजनक रूप से इस मंदिर में भगवान कृष्ण की बांसुरी की मधुर धुन सदैव सुनाई देती है जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। दोस्तों आश्चर्यजनक रूप से लोगों को और यहां तक कि वैज्ञानिकों को भी पता नहीं चल पाया है कि यह बांसुरी की आवाज कहां से आती है। दोस्तों आश्चर्यजनक रूप से बांसुरी की यह मधुर धुन अद्भुत और अकल्पनीय है।
















दोस्तों समय के साथ-साथ इस मंदिर का काफी बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो चुका है लेकिन भारत के गौरवमई अतीत को आज भी यहां स्थित खंभों में देखा जा सकता है कि कैसे हमारे पूर्वजों ने इन मंदिरों का निर्माण अपने निपुण कला शैली में किया था।दोस्तों वेणुगोपाल मंदिर दक्षिण भारत के प्रमुख मंदिरों में से एक है। दोस्तों वेणु गोपाल मंदिर के निर्माण के कई सदियां गुजर जाने के बाद भी बेहद आकर्षक और बेहद सुंदर स्थिति में है।
               










दोस्तों इस दक्षिण भारत के बेहद आकर्षक और सुंदर मंदिर में प्रत्येक वर्ष भारी संख्या में श्रद्धालुगण भगवान के दर्शन के लिए आते हैं। साथ ही साथ दोस्तों मई के महीने में यहां रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। जो बहुत ही आकर्षक रूप से भगवान के प्रति सेवा भाव को दर्शाती है। दोस्तों अगर आप सभी शांत और समृद्ध संस्कृति को देखना चाहते हैं तो वेणुगोपाल स्वामी मंदिर में दर्शन करने अवश्य आएं।
                 














दोस्तों आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि यह मंदिर 70 सालों तक पानी की अथाह गहराइयों में डूबा हुआ था। यह अनोखा मंदिर।दोस्तों भारत में कई प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर मौजूद हैं जो अपने आप में अद्भुत और अनोखे हैं। दोस्तों कर्नाटक में स्थित वेणुगोपाल स्वामी मंदिर इन्ही अद्भुत मंदिरों में से एक है। दोस्तों यह मंदिर कर्नाटक के होसा कन्नमबाड़ी में कृष्ण राजा सागर डैम के पास स्थित है।
                 दोस्तों इस मंदिर को मूल रूप से 12वीं शताब्दी में होयसल राजवंश द्वारा बनवाया गया था।दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह ऐतिहासिक और भव्य मंदिर 70 वर्षों तक कृष्ण राजा सागर डैम के पानी की गहराइयों में जलमग्न था। दोस्तों बहुत ही प्रयासों के बाद खोडे फाउंडेशन ने इस मंदिर का वर्ष 2011 में जीर्णोद्धार करवाया था।
दोस्तों वेणुगोपाल स्वामी मंदिर भारतवर्ष के गौरवशाली अतीत का सुनहरा पन्ना है जिसे हमें संजोए रखना परम कर्तव्य बनता है। 













             धन्यवाद दोस्तों

       माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗
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                  English translate
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   Hello friends, I heartily greet all of you mountain-legged Mahendra, Friends, on today's journey I am taking you on a journey to an ancient temple that emanates the amazing voice of the miraculous Lord Krishna's flute, which is dedicated to his devotees  It fascinates the mind.




       Venugopal Swamy Temple


          Tali, karnataka



             South india

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 Namaskar Friends Venugopal Swamy Temple is located in Tali, Karnataka.  Which attracts pilgrims from South India as well as entire India.  Friends Venugopal Swami is considered to be an incarnation of Lord Krishna.  Friends, their idol is installed in this ancient magnificent temple.  Friends, you will be surprised to know that Venu means flute in Tamil language. And friends surprisingly, the melodious melody of Lord Krishna's flute is always heard in this temple which attracts people towards it.  Friends, surprisingly people and even scientists have not been able to know where the sound of this flute comes from.  Friends, this melodious melody of the flute is amazing and unimaginable.










 Friends, a large part of this temple has been damaged over time but the glorious past of India can still be seen in the pillars located here, how our ancestors built these temples in their skillful art style.  The Venugopal temple is one of the major temples in South India.  Friends, Venu is still very attractive and in very beautiful condition even after several centuries of construction of Gopal temple.


















 Friends, in this very attractive and beautiful temple of South India, a large number of devotees come every year to see God.  As well as friends, Rath Yatra is organized here in the month of May.  Which very attractively shows the sense of service towards God.  Friends, if you want to see all the cool and rich culture, then you must come to visit Venugopal Swamy temple.


















 Friends, you will be surprised to know that this temple was submerged in the deep depths of water for 70 years.  This unique temple. Friends India has many ancient and historical temples which are unique and unique in themselves.  Friends, Venugopal Swamy Temple located in Karnataka is one of these wonderful temples.  Friends, this temple is located near Krishna Raja Sagar Dam in Hausa Kannambadi, Karnataka.

 Friends, this temple was originally built by the Hoysala dynasty in the 12th century. Friends, you will be surprised to know that this historic and magnificent temple was submerged in the water depths of Krishna Raja Sagar Dam for 70 years.  Friends, after a lot of efforts, the Khode Foundation got this temple renovated in the year 2011.

 Friends, Venugopal Swamy Temple is the golden emerald of India's glorious past, which is our ultimate duty to cherish.














           Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra                         🧗🧗

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 Mountain Leopard Mahendra
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Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...