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नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं बिहार के कैमूर जिले में स्थित अति प्राचीन माता मुंडेश्वरी की मंदिर में।दोस्तों जहां पहुंचकर विश्व की सारी साइंटिफिक गतिविधियां विफल हो जाती है और चलती है तो सिर्फ केवल माता मुंडेश्वरी की चमत्कारी शक्तियां। आइए दोस्तों चलते हैं अलौकिक और चमत्कारी माता मुंडेश्वरी की अति प्राचीन मंदिर की यात्रा पर।
माता मुंडेश्वरी मंदिर
कैमूर , बिहार
भारतवर्ष
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नमस्कार दोस्तों भारतवर्ष का सबसे प्राचीन और जागृत माता मंदिर जहां मौजूद भगवान भोले शंकर का शिवलिंग हर पहर बदलता है अपना रंग । दोस्तों माता मुंडेश्वरी मंदिर भारतवर्ष के सबसे प्राचीन जागृत मंदिर है दोस्तों ऐतिहासिक साक्ष्यों से पता चलता है कि श्रीयंत्र आकार का अष्टकोणीय मंदिर 1913 वर्ष पुराना है। और उसी समय से जारी पूजा एवं प्रसाद की परंपरा आज तक कायम है। दोस्तों मंदिर परिसर से ही पुरातत्व विभाग वालों को एक शिलालेख के दो टुकड़े मिले थे और यह दोनों टुकड़े आज कोलकाता के म्यूजियम में रखे हुए हैं। दोस्तों इस शिलालेख में लिखा है कि राजा उदय सेन के काल में दंडनायक गोमीभट्ट ने 3 फीट 9 इंच ऊंचे चतुर्मुखी शिवलिंग की पूजा के लिए 500 सोने के दिनार दिए थे।और कहा था कि जब तक सूरज चांद रहेगा शिवलिंग पर दीप जलाने व प्रसाद का प्रबंध होता रहेगा जो आज तक कायम है।
दोस्तों गोमीभट्ट के शिलालेख की काल गणना के आधार पर आचार्य किशोर कुणाल कहते हैं कि मुंडेश्वरी मंदिर 108 वीं सदी यानी कुषाण काल का है। दोस्तों मुंडेश्वरी स्थित शिवलिंग के एक मुख के मस्तक पर रुद्राक्ष की माला है दोस्तों मुखों की आकृतियां भिन्न है यह सब गुप्त काल में शुरू हुआ था , इससे पहले इतिहासकार मंदिर को गुप्तकालीन तो कुछ हर्ष कालीन बताते रहे हैं।दोस्तों मुंडेश्वरी माता की मूर्तियां लाल पत्थर , बलुआ पत्थर और काले पत्थरों की बनी हुई है।दोस्तों चतुर्मुखी शिवलिंग भी इसी पत्थर से बना है मूर्तियां मथुरा शैली में बनी हुई है । मंदिर के मूल नायक चतुर्मुखी शिवलिंग है दोस्तों है मान्यता है कि पहर के हिसाब से शिवलिंग का रंग बदलता रहता है।
दोस्तों यह मंदिर ऋषि अत्री की तपोभूमि रही त्र्क्षकुल पर्वत पर स्थित है। दोस्तों त्र्क्षकुल का अर्थ है शिव और शिव के समस्त कुल की प्रिय धाम है।
10:10 AM
यानी दोस्तों देखा जाए तो अपने बिहार के कैमूर जिले में स्थित है भारतवर्ष के सबसे अनोखे और चमत्कारी श्रीयंत्र आकार का अष्टकोणीय मंदिर जो माता शक्ति और भगवान भोलेनाथ का प्रतिनिधित्व करती है।अति प्राचीन माता मुंडेश्वरी की मंदिर जहां अद्भुत रूप से चतुर्मुख शिवलिंग का हर पहर बदल जाता है रंग।
दोस्तों वैसे तो बिहार में कई धर्मों का जन्म हुआ है लेकिन दोस्तों कम ही लोग जानते होंगे कि यहां भारतवर्ष का सबसे प्राचीन जागृत मंदिर स्थित है दोस्तों जहां 1913 वर्षों से लगातार बिना किसी रूकावट के प्रतिदिन पूजा और प्रसाद की परंपरा जारी है इसलिए इसे सबसे प्राचीन जागृत मंदिर कहा जाता है दोस्तों जहां कभी आज तक पूजा बंद नहीं हुई है।
दोस्तों अद्भुत और चमत्कारिक रूप से यहां दी जाने वाली बकरे की बलि भी कम चमत्कारी नहीं हैक्योंकि इस मंदिर में किसी जीव की हत्या नहीं की जाती है फिर भी माता मुंडेश्वरी बकरे की बलि स्वीकार करती है और अपने आशीर्वाद से बकरे को पुनः जीवित कर देती है ज्योति दोस्तों अद्भुत और अकल्पनीय है एवं दोस्तों आश्चर्यजनक रूप से सूर्य की स्थिति बदलने के साथ-साथ शिवलिंग का भी रंग बदल जाता है।
12:46 PM
दोस्तों मंदिर की प्राचीनता का आभास यहां मिले महाराजा दुत्तगामिनी की मुद्रा से भी होता है जो बौद्ध साहित्य के अनुसार अनुराधापुर वंश का था , जो इसा पूर्व 101 - 77 ईसा पूर्व में श्रीलंका का शासक हुआ करता था। यानी दोस्तों देखा जाए तो यह मंदिर 1913 वर्षों से भी पुराना हो सकता है।दोस्तों एक खास बात यह भी है कि इस प्राचीन मंदिर का निर्माण किस सिद्धांत पर हुआ है उस सिद्धांत का जिक्र अथर्ववेद में भी मिलता है।
यानी दोस्तों देखा जाए तो इस मंदिर की अलौकिक शक्तियां वर्तमान समय के आधुनिक गतिविधियों को भी आश्चर्य करने पर मजबूर कर दे रही है।
धन्यवाद दोस्तों
माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗
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English translate
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Hello friends I extend my hearty greetings to all of you guys at Mountain Leopard Mahendra. Friends, today I am taking you to the temple of the very ancient Mundeshwari located in Kaimur district of Bihar. Friends, when all the scientific activities of the world fail and run, then only the miraculous powers of Mata Mundeshwari. Let's go on a journey to the ancient temple of supernatural and miraculous mother Mundeshwari.
02:47 PM
Mata Mundeshwari Temple
Kaimur, Bihar
India
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Namaskar Friends, the most ancient and awakened Mata temple in India where the Shiva lingam of Lord Bhole Shankar changes its color every time. Friends Mata Mundeshwari Temple is the oldest awakened temple in India. Friends Historical evidences show that Sriyantra shaped octagonal temple is 1913 years old. And the tradition of puja and prasad continued from that time till today. Friends from the temple complex, the archaeological department had found two pieces of an inscription and both these pieces are kept in the museum in Kolkata today. Friends have written in this inscription that during the reign of King Uday Sen, Dandanayak Gomibhatta gave 500 gold dinars for the worship of 3 feet 9 inch tall Chaturmukhi Shivling and said that as long as the sun will remain moon, the lamp will be lit and the offerings are made. Management will continue which continues till today.
Acharya Kishore Kunal says that Mundeshwari temple is of 108th century i.e. Kushan period, based on the period count of the inscription of friends Gomibhatta. Friends, there is a rosary of Rudraksha on the head of a mouth of Shivalinga situated in Mundeshwari. The shape of the faces of friends is different. It all started in the Gupta period, before this, historians have been describing the temple as some of the joys of the Gupta period. , Made of sandstone and black stones. The two Chaturmukhi Shivling is also made of this stone. The sculptures are made in Mathura style. The original protagonist of the temple is Chaturmukhi Shivling, friends. It is believed that the color of Shivling varies according to the time.
Friends, this temple is situated on the Trikshakul mountain, which is the Tapobhumi of the sage Atri. Friends Trikshakul means Shiva and is the beloved abode of all the families of Shiva.
That is, friends, it is located in Kaimur district of Bihar, the most unique and miraculous Shriantra shaped octagonal temple of India, which represents Mata Shakti and Lord Bholenath. Color changes.
Friends, although many religions have been born in Bihar, but few people would know that the oldest Jagrit temple of India is situated here, Friends, where the tradition of daily worship and prasad is continued daily for 1913 years without any hindrance, hence it is the most ancient Friends called Jagrit Mandir where worship has never stopped till date.
Friends, amazingly and miraculously, the goat sacrifice offered here is no less miraculous as no creatures are killed in this temple, yet Mata Mundeshwari accepts the goat sacrifice and revives the goat with her blessings. Jyoti friends are amazing and unimaginable and friends, along with the amazingly changing position of the Sun, the color of Shivalinga also changes color.
The antiquity of the Friends temple is also evident from the posture of Maharaja Duttagamini found here, who according to Buddhist literature belonged to the Anuradhapura dynasty, which was the ruler of Sri Lanka in 101 - 77 BCE. That is, if you see friends, this temple can be older than 1913 years. Friends, it is a special thing that the principle on which this ancient temple was built is also mentioned in the Atharvaveda.
That is, if you see friends, the supernatural powers of this temple are forcing the modern activities of the present time to wonder.
Thanks guys
Mountain Leopard Mahendra 🧗🧗
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