नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं एक बहुत ही अद्भुत और अलौकिक मंदिर की यात्रा पर जो अपने अद्भुत वास्तुकला और शायद विश्व में सबसे अनोखे ग्रेनाइट पत्थरों से बने इस मंदिर की यात्रा पर जिसे हम सभी बृहदेश्वर मंदिर के नाम से जानते हैं।
बृहदेश्वर मंदिर
तंजावुर तमिलनाडु
भारतवर्ष
नमस्कार दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भगवान शिव को समर्पित तमिलनाडु के बृहदेश्वर मंदिर पूरी तरह से ग्रेनाइट पत्थरों से निर्मित है।साथ ही साथ दोस्तों आश्चर्य करने की बात यह है कि पूरे संसार में मंदिर अपनी तरह का एक मंदिर है जो कि सबसे कठोर पत्थर ग्रेनाइट से बना हुआ है जिस पर नक्काशी करना ही अपने आप में अद्भुत है क्योंकि पूरा का पूरा मंदिर ग्रेनाइट से बना हुआ है जो हमें आश्चर्य में डाल देता है।
दोस्तों माना जाता है कि इजिप्ट के पिरामिडों के रहस्यों का उजागर तो किया जा सकता है लेकिन अपने भारत के तंजावुर शहर के इस महान बृहदेश्वर मंदिर के रहस्य को उजागर करना असंभव है।
दोस्तों अपने विशिष्ट वास्तुकला के लिए यह मंदिर जाना जाता है दोस्तों 130000 टन ग्रेनाइट पत्थरों से इसका निर्माण किया गया है लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि ग्रेनाइट पत्थर इस इलाके के आसपास भी नहीं पाया जाता है और यह रहस्य आज तक रहस्य ही बना हुआ है कि इतनी भारी मात्रा में ग्रेनाइट पत्थर लाया कहां से गया था। दोस्तों उस जमाने में वास्तुकारो ने बहुत ही सोच समझ कर इस मंदिर का निर्माण किया होगा। साथ ही दोस्तों इस मंदिर की दुर्ग की ऊंचाई भी संसार में सर्वाधिक है।
दोस्तों तंजावुर का पेरिया कोविल यानी बड़ा मंदिर विशाल दीवारों से घिरा हुआ है ऐतिहासिक स्रोतों से पता चलता है कि इस मंदिर की नींव 16वीं शताब्दी में रखी गई थी। दोस्तों इस मंदिर की ऊंचाई 216 फुट है और दोस्तों संभवत यह संसार का सबसे ऊंचा मंदिर है जो पूर्ण रूप से ग्रेनाइट पत्थरों से बना हुआ है।दोस्तों आश्चर्यजनक रूप से मंदिर का कलश जो कि सबसे ऊपर स्थापित है केवल एक ही ग्रेनाइट पत्थर को तराश कर बनाया गया है जो कि उस काल में असंभव था और आज के आधुनिक युग में भी असंभव है। दोस्तों इस कलश का वजन 80 टन है और दोस्तों साथ ही साथ प्रवेश द्वार पर स्थित नंदी बाबा की मूर्ति जो कि 16 फुट लंबी और 13 फुट ऊंची है एक ही ग्रेनाइट पत्थर को तराश कर बनाई गई है।
दोस्तों आज से हजारों वर्ष पूर्व 80 टन का पत्थर मंदिर के ऊपर कैसे चढ़ाया गया होगा यह भी एक अनसुलझा रहस्य ही है।साथ ही साथ दोस्तों ग्रेनाइट पत्थर की खदानें जो कि मंदिर के 100 किलोमीटर की दूरी के क्षेत्र में कहीं भी मौजूद नहीं है दोस्तों यह रहस्य तो है ही साथ ही साथ यह भी हैरानी की बात है कि ग्रेनाइट पत्थर के ऊपर नक्काशी करना ही बहुत कठिन है क्योंकि आज के आधुनिक युग में भी मशीनों से ही बड़ी कठिनाई से ग्रेनाइट के पत्थरों पर नक्काशी की जाती है।
दोस्तों बृहदेश्वर मंदिर को पेरूवुदईयार कोविल , तंजई पेरिया कोविल व राजाराजेश्वरम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। दोस्तों इस मंदिर की एक और विशेषता यह है कि गोपुरम की छाया जमीन पर पढ़ती ही नहीं है।दोस्तों पिरामिड कि वह आकृति जो दक्षिण भारत के मंदिरों के मुख्य द्वार पर स्थित होता है उसे ही गोपुरम के नाम से जाना जाता है।दोस्तों मंदिर के अंदर स्थित भित्ति चित्रों में से एक जिसमें भगवान शिव असुरों के किलो का विनाश कर नृत्य कर रहे हैं बहुत ही सुंदर ढंग से चित्रित किया गया है और इसी भित्ति चित्र में भगवान शिव एक श्रद्धालु को स्वर्ग पहुंचाने के लिए एक सफेद हाथी भेज रहे हैं जो बहुत ही अद्भुत है दोस्तों बहुत ही सुंदर तरीके से इन चित्रों को ग्रेनाइट के पत्थरों पर उकेरा गया है। दोस्तों ये भित्ति चित्र उस जमाने के बहुत ही उन्नत तकनीक को दर्शाते हैं।
दोस्तों बहुत ही आश्चर्य होता है हमें यह देखकर कि उस जमाने में हमारे पूर्वज ना जाने किस उच्च तकनीक का प्रयोग करते थे जिसे शायद ही हम कभी जान पाएंगे।
धन्यवाद दोस्तों
माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗
_________________________
English translate
___________________
Hello friends I extend my hearty greetings to all of you guys at Mountain Leopard Mahendra. Friends, today I am taking you on a journey of a very amazing and supernatural temple which is known for its amazing architecture and perhaps the most unique granite stones in the world, which we all know as Brihadeeswarar Temple. .
Brihadeeswarar Temple
Thanjavur Tamil Nadu
India
Namaskar Friends, you will be surprised to know that the Brihadeeswarar Temple in Tamil Nadu dedicated to Lord Shiva is completely built of granite stones. At the same time, it is a surprise to the friends that the temple is one of its kind in the whole world which is the hardest stone. It is amazing to carve on granite itself because the whole temple is made of granite which makes us wonder.
Friends, it is believed that the secrets of the Egyptian pyramids can be revealed, but it is impossible to uncover the secret of this great Brihadeeswarar temple in Thanjavur city of India.
Friends, this temple is known for its distinctive architecture. Friends, it has been constructed with 130000 tons of granite stones but surprisingly, granite stone is not found even around this area and this mystery remains a mystery till date. Where did that huge quantity of granite stone go from? Friends, the architects must have built this temple very thoughtfully in those days. Also, friends, the height of the fort of this temple is also the highest in the world.
Friends, Periya Kovil ie large temple of Thanjavur is surrounded by huge walls. Historical sources suggest that the foundation of this temple was laid in the 16th century. Friends, the height of this temple is 216 feet and friends it is probably the tallest temple in the world which is completely made of granite stones. Has been created which was impossible in that period and is impossible even in today's modern era. Friends, this urn weighs 80 tons and friends as well as the statue of Nandi Baba situated at the entrance which is 16 feet long and 13 feet high is made by carving the same granite stone.
Friends, how the 80-ton stone was mounted on the temple thousands of years ago is also an unsolved mystery, as well as friends granite stone quarries which do not exist anywhere in the area of 100 kilometers of the temple. It is a mystery as well as it is surprising that it is very difficult to carve on granite stone because in today's modern era, it is very difficult to carve granite stones with machines.
Friends Brihadeeswarar Temple is also known as Peruvudaiyar Kovil, Tanjai Periya Kovil and Rajarajeshwaram Temple. Friends, another feature of this temple is that the shadow of Gopuram does not read on the ground. The shape of the two pyramids which is situated at the main gate of the temples of South India is known as Gopuram. One of the murals inside which Lord Shiva is dancing to destroy the kilos of Asuras is depicted very beautifully and in this mural, Lord Shiva is sending a white elephant to bring a devotee to heaven who is It is very amazing friends. These pictures are engraved on granite stones in a very beautiful way. Friends, these murals depict the very advanced technology of that era.
Friends, we are very surprised to see that in those days our ancestors used to know which high technology we would hardly know.
Thanks guys
Mountain Leopard Mahendra 🧗🧗