Wednesday, July 29, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग_ श्री राम मंदिर अयोध्या भारत

Ek yatra khajane ki khoje

नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं अपने आराध्य देव प्रभु श्रीराम जी के भव्य मंदिर निर्माण स्थली अयोध्या जी की यात्रा पर । 🙏🙏🙏🙏🙏




                              श्री राम मंदिर
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                                  अयोध्या
                                    🙏🙏
                                     भारत 
                                      🙏🙏







                          #श्रीराम_मंदिर

हजारों वर्ष पुराना जन्म स्थान , 
500 वर्षों का भीषण संघर्ष , सैकड़ों युद्ध , 
लाखों योद्धाओं -सैनिकों-भक्तों और सन्यासियों का बलिदान देकर वो घड़ी आई है जब भारत के प्राण , सनातन के गौरव मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम पुनः अपने धाम में प्रतिष्ठित होंगें उनकी नगरी अयोध्या पुनः हर्षित और एक एक रामभक्त, एक एक सनातनी गौरवान्वित होगा। 



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                                  English translate
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Hello friends, I heartily greet all of you mountain leopard Mahendra on today's journey I am taking you on a visit to Ayodhya ji, the grand temple building of my deity Lord Prabhu Shriram.  🙏🙏🙏🙏







 Shri Ram Temple

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 Ayodhya

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 India

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 # Shriram_Mandir

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 Birthplace of thousands of years old,

 500 years of fierce struggle, hundreds of wars,

 The moment has come when sacrificing millions of warriors - soldiers, devotees and ascetics, when the soul of India, Sanatan's pride Maryada Purushottam Shriram will be revered again in his abode, his city of Ayodhya will be rejoiced and every one of the devotees will be proud.


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Tuesday, July 28, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग_श्री लक्ष्मी नारायण स्वर्ण मंदिर वेल्लोर तामिलनाडु भारत। A Trip Mountain with Leopard Mahendra_Sri Lakshmi Narayan Golden Temple Vellore Tamil Nadu India

Ek yatra khajane ki khoje


नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं। आज कि यात्रा में मैं आपको लेकर चल रहा हूं।श्री लक्ष्मी नारायण स्वर्ण मंदिर वेल्लोर तामिलनाडु भारत की यात्रा पर। जो कि बहुत ही खूबसूरत और अद्भुत है ।🙏🙏🙏🙏





                         Sri Lakshmi Narayani Golden Temple 
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Tamilnadu India

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श्री लक्ष्मी नारायणी स्वर्ण मंदिर वेल्लोर तमिलनाडु भारत
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यह मंदिर भारत के तमिलनाडु में थिरुमलाइकोडी (मलाइकोडी) वेल्लोर में छोटी पहाड़ियों के तल पर श्रीपुरम आध्यात्मिक पार्क में स्थित है। यह तिरुपति से 120 किमी, चेन्नई से 145 किमी, पुदुचेरी से 160 किमी और बेंगलुरु से 200 किमी दूर है। मंदिर में मुख्यतः देवी श्री लक्ष्मी नारायणी या महालक्ष्मी (धन की देवी) की अराधना की जाती है। महालक्ष्मी का महाकुंभ 24 अगस्त 2007 को आयोजित किया गया था। सभी धर्मों के भक्तों का इस मंदिर में स्वागत किया जाता है। अनुमानतः यह मंदिर 1,500 किलोग्राम शुद्ध सोने से सुसज्जित है जो अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के गुंबद के 750 किलो के सोने के आकार का दोगुना है।








                     धन्यवाद दोस्तों
     


                     माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा











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                      English translate
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Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.  In today's journey I am taking you. Shri Lakshmi Narayan Golden Temple on a visit to Vellore Tamil Nadu India.  Which is very beautiful and amazing🙏🙏🙏🙏





Sri Lakshmi Narayani Golden Temple 
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Tamilnadu India

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Golden Temple Vellore complex inside the Sripuram spiritual park is situated at the foot of a small range of green hills at Thirumalaikodi (or simply Malaikodi) Vellore in Tamil Nadu, India. It is 120 km from Tirupati, 145 km from Chennai, 160 km from Puducherry and 200 km from Bengaluru. The Maha Kumbhabhishekam or consecration of the temple and its chief deity, Sri Lakshmi Narayani or Maha Lakshmi, the goddess of wealth, was held on 24 August 2007, and devotees from all religions and backgrounds are welcome to visit




                     Thank you friends
   
             Mountain lappord Mahendra
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Monday, July 27, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग_ सैंजी गांव उतरा खंड भारत A travel mountain landed with Mahendra_ Sanji village landed section India

Ek yatra khajane ki khoje


नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं। दोस्तों आज की यात्रा पर हम चल रहें हैं  उत्तराखंड खंड के बहुत ही खूबसूरत गांव सैंजी गांव की यात्रा पर।

                       
                                सैंजी गांव
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                                उत्तराखंड
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                                    भारत
                               🙏🙏🙏🙏



सैंजी गांव जहाँ आज भी घरों के बाहर भुट्टे (मक्का, मुंगरी ) सुखाए जाते हैं । भुट्टे को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने का ये सबसे बढ़िया तरीका है । इस तरह इसमें कीड़े नहीं लगते और ना ये सड़ते हैं बल्कि, धूप में प्राकृतिक तरीके से सूखने से इसकी गुणवत्ता और बढ़ जाती है। फिर चाहे इसे बीज के लिए रखना हो, इसका आटा बनाना हो, पॉपकॉर्न बनाने हो, उबाल कर खाना हो जैसे आपके मन को भाये 😋

देवदार की लकड़ी से बना ये सुन्दर घर, हमारे आपके जैसे प्रवासी पहाड़ियों को एक बार फिर गांव के घर की याद दिलाता है। इस घर के खम्बों पर हुई कमल के फूल की नक्काशी को देखिए जिसे यहाँ के लोग रंगों से सजा कर रखते हैं।
घर की सुंदरता पर चार चाँद लगते हैं - ये चक्र, घोड़े, फूल -पत्ती के रंगीन चित्र।

ये सुन्दर छोटी-छोटी खिड़कियाँ। ये लकड़ी की सीढ़ी और पेंटब्रश से लिखा स्वागतम


                          धन्यवाद दोस्तों

                      माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा


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                     English translate
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Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.  Friends, today we are going on a journey to Sanji village, a very beautiful village in Uttarakhand section.




 Sanji Village
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 Uttarakhand
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 India
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 Sanji village where Bhutte (Mecca, Mungri) is dried outside the houses even today.  This is the best way to protect the corn for a long time.  In this way, it does not get insects and does not rot, rather, drying in the sun in a natural way increases its quality.  Then whether you want to keep it for seed, make its dough, make popcorn, boil it and eat it as it pleases your mind.


 This beautiful house made of cedar wood reminds the migrant hills like us once again of the village house.  Look at the carving of the lotus flower on the pillars of this house, which people here decorate with colors.

 There are four moons on the beauty of the house - these chakras, horses, colorful pictures of flowers and leaves.


 These beautiful small windows.  This is welcome written with wooden ladder and paintbrush



 Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra
  

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Sunday, July 26, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग- मणिकर्णिका श्मशान घाट ( काशी उत्तर प्रदेश भारत)। Manikarnika Cremation Ghat (Kashi Uttar Pradesh India) with a Journey Mountain Leopard Mahendra

Ek yatra khajane ki khoje


नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं । दोस्तों आज की यात्रा पर मैं पहुंचा हुं मैं  मोक्षदायिनी  , अलौकिक  मणिकर्णिका श्मशान घाट पर । दोस्तों आज मैं अपने आप को को बहुत शांत महसूस कर रहा हूं मणिकर्णिका श्मशान घाट पर बैठ कर । ऐसा लग रहा है मानो मैं यही पर धुनी लगा कर समाधी में बैठ जाऊं और मोह-माय
 की दुनिया को छोड़कर महाकाल में विलीन हो जाऊं । हर हर महादेव 🙏🙏🙏🙏🙏



                             मणिकर्णिका श्मशान घाट
                            🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

                                काशी उत्तर प्रदेश
                              🙏🙏🙏🙏🙏🙏



                                  भारत
                                  🙏🙏



                  #काशी का #मणिकर्णिका श्मशान घाट के बारे में मान्यता  है कि यहां #चिता पर लेटने वाले को सीधे #मोक्ष मिलता है। दुनिया का ये इकलौता श्मशान जहां चिता की आग कभी ठंडी नहीं होती। जहां लाशों का आना और चिता का जलना कभी नहीं थमता। यहाँ पर एक दिन में करीब #300_शवों का अंतिम संस्कार होता है।
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बहुत से लोग भारत की इस प्राचीन परंपरा से अनभिज्ञ हैं लेकिन ये सच है कि सदियों से बनारस के इस श्मशान घाट पर #चैत्र_माह में आने वाले नवरात्रों की सप्तमी की रात पैरों में घुंघरू बांधी हुई #वेश्याओं का जमावड़ा लगता है। एक तरफ #जलती_चिता_के_शोले आसमान में उड़ते हैं तो दूसरी ओर घुंघरू और तबले की आवाज पर नाचती वेश्याएं दिखाई देती हैं।
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मौत के मातम के बीच श्मशान महोत्सव का रंग बदल देते हैं तबले की आवाज, घुंघरुओं का संगीत, और मदमस्त नाचती नगरवधुएं। जो व्यक्ति इस प्रथा से अनजान होगा उसके लिए यह मंजर बेहद हैरानी भरा हो सकता है कि रात के समय श्मशान भूमि पर इस जश्न का क्या औचित्य है?
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#भगवान_भोलेनाथ को समर्पित, काशी को मोक्ष की नगरी कहा जाता है। यही वजह है कि वेश्याएं भी यहां नाच-नाचकर भोलेनाथ से यह प्रार्थना करती हैं कि उन्हें इस तुच्छ जीवन से मुक्ति मिले और अगले जन्म में वे भी समाज में सिर उठाकर जी सके।


                               धन्यवाद दोस्तों
        
                           माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा

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                                  English translate
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Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.  Friends, on today's journey I have reached Mokshadayini, the supernatural Manikarnika crematorium.  Friends, today I feel very calm, sitting at the Manikarnika crematorium.  It looks as if I can sit in the tomb by fuming it and my love

 Let's leave the world and disappear in Mahakal.  Har har mahadev🙏🙏🙏🙏




 Manikarnika Crematorium

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 Kashi Uttar Pradesh

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 India

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 #Kashi's #Manikarnika Cremation Ghat is believed that the one who lies on the #Chita here gets direct #Moksha.  This is the only cremation in the world where the fire of pyre never cools down.  Where the corpses come and the funeral pyre never stops.  About # 300_ dead bodies are cremated here in a day.

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 Many people are unaware of this ancient tradition of India, but it is true that for centuries, there is a gathering of # prostitutes tied to their feet on the night of Saptami of Navratras coming in the #Chaitra_Mah on this crematorium ghat of Banaras.  On one side #Jalati_Chita_K_sholes fly in the sky and on the other side the prostitutes dancing at the sound of ghungroo and tabla are seen.

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 In the midst of the weeds of death, the crematoriums change the color of the festival, the sound of tabla, the music of the ghungroos, and the drunken townsfolk.  For a person who is unaware of this practice, it can be very surprising that what is the justification of this celebration in the cremation ground at night?

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 # Dedicated to Bhagwan_Bholenath, Kashi is called the city of salvation.  This is the reason that prostitutes also dance here and pray to Bholenath that they may be freed from this paltry life and in the next life they too can live by raising their heads in the society.



 Thanks guys



 Mountain Leopard Mahendra
                          
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Saturday, July 25, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग_ श्रीखंड महादेव ( हिमाचल प्रदेश भारत )। 18570 फ़ीट ऊंचाई. _ Srikhand Mahadev (Himachal Pradesh India) with a traveling mountain leopard Mahendra. 18570 ft height

Ek yatra khajane ki khoje


नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता । दोस्तों आज की यात्रा में हम चल रहें हैं 18570 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड महादेव  हिमाचल प्रदेश की यात्रा पर ।🙏🙏🙏🙏




                                   श्रीखंड महादेव
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                                     हिमाचल प्रदेश
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                   #श्रीखंडमहादेव यात्रा – #अमरनाथ_से भी #कठिन है महादेव की यह यात्रा।

कैलाश मानसरोवर की यात्रा सबसे कठिन मानी जाती है। उसके बाद अमरनाथ यात्रा का नंबर आता है। लेकिन हिमाचल प्रदेश के श्रीखंड महादेव की यात्रा अमरनाथ यात्रा से भी ज्यादा कठिन है। अमरनाथ यात्रा में जहां लोगों को करीब 14000 फीट की चढ़ाई करनी पड़ती है तो श्रीखंड महादेव के दर्शन के लिए 18570 फीट ऊचाई पर चढ़ना होता है।

श्रीखंड महादेव

श्रीखण्ड यात्रा के आगे अमरनाथ यात्रा की चढ़ाई कुछ भी नहीं है। ऐसा उन लोगों का कहना है जो दोनों जगह होकर आए हैं। श्रीखंड महादेव हिमाचल के ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क से सटा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस चोटी पर भगवान शिव का वास है। इसके शिवलिंग की ऊंचाई 72 फीट है। यहां तक पहुंचने के लिए सुंदर घाटियों के बीच से एक ट्रैक है। अमरनाथ यात्रा के दौरान लोग जहां खच्चरों का सहारा लेते हैं। वहीं, श्रीखण्ड महादेव की 35 किलोमीटर की इतनी कठिन चढ़ाई है, जिसपर कोई खच्चर घोड़ा नहीं चल ही नहीं सकता। श्रीखण्ड का रास्ता रामपुर बुशैहर से जाता है। यहां से निरमण्ड, उसके बाद बागीपुल और आखिर में जांव के बाद पैदल यात्रा शुरू होती है।

श्रीखंड महादेव जाते हुए श्रद्धालु
क्या है पौराणिक महत्व- श्रीखंड की पौराणिकता मान्यता है कि भस्मासुर राक्षस ने अपनी तपस्या से शिव से वरदान मांगा था कि वह जिस पर भीअपना हाथ रखेगा तो वह भस्म होगा। राक्षसी भाव होने के कारण उसने माता पार्वती से शादी करने की ठान ली। इसलिए भस्मापुर ने शिव के ऊपर हाथ रखकर उसे भस्म करने की योजना बनाई लेकिन भगवान विष्णु ने उसकी मंशा को नष्ट किया। विष्णु ने माता पार्वती कारूप धारण किया और भस्मासुर को अपने साथ नृत्य करने के लिए राजी किया। नृत्य के दौरान भस्मासुर ने अपने सिर पर ही हाथ रख लिया और भस्म हो गया। आज भी वहां की मिट्टी व पानी दूर से लाल दिखाई देते हैं।

विभिन्न स्थानों से दूरी
श्रीखंड महादेव पहुंचने के लिए शिमला जिला के रामपुर से कुल्लू जिला के निरमंड होकर बागीपुल और जाओं तक गाड़ियों और बसों में पहुंचना पड़ता है। जहां से आगे करीब तीस किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी होती है।
शिमला से रामपुर – 130 किमी
रामपुर से निरमंड – 17 किलोमीटर
निरमंड से बागीपुल – 17 किलोमीटर
बागीपुल से जाओं – करीब 12 किलोमीटर

कैसे पहुंचे श्रीखंड-
आप रामपुर बुशहर(शिमला से 130 कि० मी०) से 35 कि० मी० की दूरी पर बागीपुल या अरसू सड़क मार्ग से पहुँच सकते है श्रीखंड जाते समय प्राकृतिक शिव गुफा, निरमंड में सात मंदिर, जावोंमें माता पार्वती सहित नौ देवियां, परशुराम मंदिर, दक्षिणेश्वर महादेव, हनुमान मंदिर अरसु, सिंहगाड, जोतकाली, ढंकद्वार, बकासुर बध, ढंकद्वार व कुंषा आदि स्थान आते हैं। बागीपुल से 7 कि० मी० दूरी पर जाँव गाँव तक गाड़ी से पंहुचा जा सकता है जाँव से आगे की 25 किलोमीटर की सीधी चढाई पैदल यात्रा शुरू होती है।

यात्रा के तीन पड़ाव- सिंहगाड़ थाचड़ू और भीम डवार है

श्रीखंड महादेव जाते हुए श्रद्धालु जाँव से सिंहगाड़ 3 कि० मी० सिंहगाड़ से थाचड़ू 8 कि० मी० और थाचड़ू से भीम डवार 9 कि० मी० की दूरी पर है यात्रा के तीनो पडावो मे श्री खंड सेवा दल की ओर से यात्रियों की सेवा मे लंगर दिन रात चलाया जाता है भीम डवार से श्री खण्ड कैलाश दर्शन 7 कि० मी० की दूरी पर है तथा दर्शन उपरांत भीम डवार या थाचड़ू वापिस आना अनिवार्य होता है

यात्रा मे सिंहगाड, थाचरू, कालीकुंड, भीमडवारी, पार्वती बाग, नयनसरोवर व भीमबही आदि स्थान आते हैं। सिंहगाड यात्रा का बेस कैंप है। जहां से नाम दर्ज करने के बाद श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति दी जाती है। श्रीखंडसेवा समिति की ओर से श्रद्धालुओं के लिए हर पडाव पर लंगर की व्यवस्था होतीहै।
   


                               धन्यवाद दोस्तों

                   माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा
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                            English translate
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Hello friends, I would like to extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.  Friends, in today's journey we are going on a trip to Srikhand Mahadev Himachal Pradesh situated at an altitude of 18570 feet.🙏🙏🙏🙏





 Shrikhand Mahadev

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 Himachal Pradesh

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 #ShrikhandMahadeva Yatra - This journey of Mahadev is even harder than #Amarnath_.

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 The journey of Kailash Mansarovar is considered to be the most difficult.  After that comes the Amarnath Yatra number.  But the journey of Shrikhand Mahadev of Himachal Pradesh is more difficult than the Amarnath Yatra.  In Amarnath Yatra, where people have to climb about 14000 feet, then one has to climb 18570 feet in height to see Shrikhand Mahadev.


 Shrikhand Mahadev


 There is nothing climbing the Amarnath Yatra in front of the Shrikhand tour.  It is said of those who have come both places.  Srikhand Mahadev is adjacent to the Great Himalayan National Park in Himachal.  According to local people, Lord Shiva resides on this peak.  The height of its Shivling is 72 feet.  To reach here there is a track from between beautiful valleys.  During Amarnath Yatra, people resort to mules.  At the same time, Shrikhand Mahadev has such a difficult climb of 35 kilometers, on which no mule horse can walk.  The road to Srikhand goes through Rampur Bushair.  From here, the walking tour starts after Nirmand, followed by Bagipul and finally after village.


 Devotees visiting Shrikhand Mahadev

 What is the mythological significance- The mythology of Shrikhand is that the demon Bhasmasura sought a boon from Shiva with his austerity that he would be consumed by whomever he laid his hands on.  Being demonic, she decided to marry Mata Parvati.  So Bhasmapur planned to devour Lord Shiva by putting his hands on it but Lord Vishnu destroyed his intention.  Vishnu wore the Mata Parvati form and persuaded Bhasmasura to dance with him.  During the dance, Bhasmasura placed his hands on his head and was consumed.  Even today, the soil and water there appear red from a distance.


 Distance from different places

 To reach Shrikhand Mahadev, one has to reach trains and buses from Rampur in Shimla district to Bagipul and Jaan via Nirmand in Kullu district.  From where the distance has to be traveled about thirty kilometers ahead.



 Shimla to Rampur - 130 km

 Rampur to Nirmand - 17 km

 Nirmand to Bagipul - 17 km

 Go from Bagipul - about 12 kilometers


 How to reach Shrikhand

 You can reach Bagipul or Arsu by road 35 km from Rampur Bushahr (130 km from Shimla) while going to Srikhand, natural Shiva cave, seven temples in Nirmand, nine goddesses including Mata Parvati in Javas, Parashurama temple, Dakshineswar Mahadev  , Hanuman Temple Arsu, Sinhagad, Jotkali, Dhankdwar, Bakasur Badh, Dhankdwar and Kunsha etc.  7 km from Bagipul can be reached by car from village to village. The trek of 25 km straight from the village starts on foot.


 There are three stops of the journey - Sinhagad Thachdu and Bhim Dwar


 On the way to Srikhand Mahadev, the devotee is at a distance of 3 km from Sinhagad to Thachdu 8 km from Sinhagad and 9 km from Bhchwar to Bhchwar from Thachdu, the langar is carried on day and night in the service of the pilgrims by the Shri Khand Seva Dal.  Shri Khand Kailash Darshan is at a distance of 7 km from Bhim Dwar and it is mandatory to return to Bhim Dwar or Thachdu after darshan.


 Places like Sinhagad, Thacharu, Kalikund, Bhimdwari, Parvati Bagh, Nayanasarovar and Bhimbahi are included in the journey.  Sinhgad is the base camp of the journey.  From where devotees are allowed to visit after registering the name.  On behalf of Shrikhand Seva Samiti there is a system of langar for devotees at every step.🙏🙏🙏🙏🙏





 Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra




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Friday, July 24, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग_ सिद्धेश्वर धाम सिक्किम भारत. A Journey with Mountain Leopard Mahendra_Siddheshwar Dham Sikkim India

Ek yatra khajane ki khoje


नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों को हार्दिक अभिनंदन करता हूं। भारत के खुबसूरत राज्यों में से एक  सिक्किम के बहुत ही प्रसिद्ध सिद्धेश्वर धाम की यात्रा पर ।

             

                                    सिद्धेश्वर धाम
                                    🙏🙏🙏🙏
                                       सिक्किम
                                     🙏🙏🙏🙏

     



                       पूर्वीभारत के खूबसूरत सिक्किम प्रदेश के दक्षिण में स्थिति  नामची टाउन की सोलोफोक पहाड़ी पर स्थित है सिद्धेश्वरधाम, जो भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों की झलक एक ही जगह इकठ्ठा कर बनाया गया बहुत ही सुन्दर वातावरण तथा परिसर वाला धाम है। 

ऐसा माना जाता है कि इस स्थान की यात्रा किसी के भी पापों को धोने के लिए पर्याप्त है बशर्ते आप सच्छी श्रृद्धा से ऐसा करना चाहते हों। भगवानशिव की 108फीट की प्रतिमा बारह ज्योतिर्लिंगम के द्वारा बनाई गई परिधि से घिराहुआ है।

यहां भारत के चारों कोनों में स्थित चारधाम, जैसे रामेश्वरम, सोमनाथ, पुरी और बद्रीनाथ और पूरे भारत में स्थित 12ज्योतिर्लिंग की प्रतिकृतियां बनाई गई हैं।

पौराणिक कहानी : अर्जुन शिव से पशुपतिअस्त्र प्राप्त करने हेतु कठिन तपस्या करते हैं। शिवजी प्रसन्न हुए और अर्जुन के सामने प्रकट होकर पशुपतिअस्त्र प्राप्ति का वरदान दे दिया। 
माना जाता है कि यह शिव का प्रकट होना और वरदान में पशुपतिअस्त्र देना, इसी सोलोफोक पहाड़ी जो नामची से सिर्फ 5 km दूर है पर ही हुआ था।  गंगटोक से यह 87 किमी दूर है।

"यहां बादलों के बीच से गुजरते हुये मंदिरों और भगवान शिव की मूर्ति को बादलों के बीच से उभरता हुआ देखना और फिर आपको एक झलक देकर वापस बादलों के बीच खो जाना जीवन भर यादगार रहने वाला अनुभव प्राप्त होता है।"

मंदिर का उद्घाटन 2011 में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती महाराज ने किया था।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सिद्धेश्वर धाम मन्दिर का 16 अप्रैल 2013 को उद्घाटन किया और इसे राष्ट्र को समर्पित किया. 
यह मंदिर सिक्किम राज्य सरकार द्वारा निर्मित है


                               धन्यवाद दोस्तों 
                        माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा


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                                     English translate
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Hello friends I extend my heartiest greetings to all of you mountain leopard Mahendra.  On a visit to the very famous Siddheshwar Dham in Sikkim, one of the beautiful states of India.





                        Shiddheshwar  Dham
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                         Sikkim
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 Siddheshwardham, situated on the Solofolk hill of Namchi Town, in the south of the beautiful Sikkim state of eastern India, is a very beautiful environment and complex dhama, built by glimpsing the major pilgrimage sites of India.


 It is believed that a visit to this place is enough to wash away one's sins, provided you wish to do so with good faith.  The 108 feet statue of Lord Shiva is surrounded by a circumference made by twelve Jyotirlingams.


 There are replicas of Chardham located in all the four corners of India, such as Rameswaram, Somnath, Puri and Badrinath and 12 Jyotirlingas located all over India.


 Mythological story: Arjuna performs hard penance to obtain Pashupati weapons from Shiva.  Shivji was pleased and appeared in front of Arjuna and gave him the boon of obtaining Pashupati weapons.

 It is believed that Shiva appeared and gave Pashupatastra in boon, it was on this Solofolk hill which is just 5 km from Namchi.  It is 87 km from Gangtok.


 "Watching the temples and the idol of Lord Shiva emerging from the clouds, passing through the clouds here and then giving you a glimpse back and getting lost among the clouds is a memorable experience of a lifetime."


 The temple was inaugurated in 2011 by Jagatguru Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati Maharaj.

 President Pranab Mukherjee inaugurated the Siddheshwar Dham Temple on 16 April 2013 and dedicated it to the nation.

 This temple is built by the Sikkim State Government



 Thanks guys

 Mountain Leopard Mahendra



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Wednesday, July 22, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग _ अद्भुत सुखदारी जल प्रपात नगर उटारी से 35किलोमिटर दुर परसापानी कला के निकट (झारखण्ड भारत)। A Journey with Mountain Leopard Mahendra _ Wonderful Pleasant Waterfall from Nagar Utari 35 km near Durpapani Kala (Jharkhand India)

Ek yatra khajane ki khoje



                  सुखदारी जलप्रपात
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                  नगर ऊटारी  झारखंड
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                              भारत
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नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं । दोस्तों मैं आज आपको लेकर चल रहा हूं  झारखंड के एक बहुत ही अद्भुत और अकल्पनीय और दुर्लभ  जलप्रपात की यात्रा पर ।  

सुखदारी जलप्रपात  🏞️➡️ उत्तर प्रदेश   , छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर स्थित सुखदारी जलप्रपात नगर ऊटारी से 35 किमी दूर दक्षिण में परसापानी कला के निकट कनहर नदी पर झारखंड में पड़ने वाला अंतिम जलप्रपात हैं। यह जलप्रपात अपने प्राकृतिक सौंदर्य एवं मनोहारी दृश्यों के कारण पर्यटकों को आकर्षित करने की अपार क्षमता रखती हैं। यहां पर कनहर नदी लगभग 100 फ़ीट की ऊंचाई से गिरती हैं.यहा के प्राकृतिक जलकुंडों में गर्मी के दिनों में भी 100फीट तक जल भरा रहता है। 
                 जो इस जलप्रपात की खासियत है। एवं दोस्तों इस जलप्रपात के नीचे लगभग  1 किलोमीटर तक पानी के प्रवाह से कटी चट्टानों ने सुरंगनुमा नहर का निर्माण किया है जो अत्यंत आकर्षक और रोमांचकारी हैं जो अभी तक unexplored हैं । इस जलप्रपात के नीचे गहरे पानी में  सोंस , घड़ियाल , मगरमच्छ जैसे जलचर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं । 

छत्तीसगढ़ सीमा से लगे जंगल में बाघ , शेर जैसे दुर्लभ जीव जंतु विचरण करते हैं. कनहर नदी के किनारे बघमनवां पहाड़ है जिसमें बाघ रहते हैं . सम्भवतः बाघ की मांद होने के कारण इसका नामकरण बघमनवां हुआ होगा । 

दोस्तों यह जलप्रपात बहुत ही अद्भुत और रोमांचक है  अतः आप एकबार जरूर आयें ।


                    धन्यवाद दोस्तों 




माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा

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Pleasant waterfall
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 Nagar Otari Jharkhand
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 India
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 Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.  Friends, today I am taking you on a journey of a very amazing and unimaginable and rare waterfall of Jharkhand.


 Sukhdari Falls - ➡️, Sukhdari fall located on the border of Uttar Pradesh, Chhattisgarh and Jharkhand, is the last waterfall to fall in Jharkhand on the Kanhar River near Parasapani Kala, 35 km south of the city of Utari.  This waterfall has immense potential to attract tourists due to its natural beauty and beautiful scenery.  Here the Kanhar river falls from a height of about 100 feet. The natural water bodies of this place are filled with water up to 100 feet even during summer days.

 Which is the specialty of this waterfall.  And friends, the rocks cut by the flow of water for about 1 kilometer under this waterfall has created a tunnel canal which is very attractive and thrilling yet unexplored.  Under this waterfall, aquatic animals like sons, crocodiles, crocodiles attract tourists.


 Rare creatures like tigers, lions roam in the forest bordering Chhattisgarh.  On the banks of Kanhar river is the Baghmanwan mountain in which tigers live.  Probably due to being a tiger den, it would have been named Baghamwan.


 Friends, this waterfall is very amazing and exciting, so you must come once.



 Thanks guys





 Mountain Leopard Mahendra
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Sukhaldari Water Fall
Kanhar River, Khutia, Jharkhand 822121
https://maps.app.goo.gl/knuVnAeGc9dtnKU57


                   

Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...