Friday, January 28, 2022

एक यात्रा अद्भुत अलौकिक शिकारी देवी मंदिर - हिमाचल प्रदेश मंडी भारतवर्ष A Visit Amazing Supernatural Hunter Devi Temple - Himachal Pradesh Mandi Bharatvarsh.

Ek yatra khajane ki khoje















  नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के यात्रा ब्लॉग में आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आप लोगों को लेकर चल रहा हूं हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की यात्रा पर जहां हम सभी अलौकिक व चमत्कारी माता शिकारी देवी मंदिर की दर्शन करेंगे। 







     माता की प्राचीन शिकारी देवी मंदिर

      हिमाचल प्रदेश मंडी

             भारतवर्ष













   दोस्तों एक अलौकिक व चमत्कारी मंदिर जहां न टिक पातीं है छत , और नहीं भारी बर्फबारी के बाद भी नहीं टिक पातीं है कभी बर्फ।  दोस्तों जैसा कि आप सभी को पता है कि देश भूमि हिमाचल प्रदेश के कई प्राचीन मंदिर आज भी कई चमत्कारी शक्तियों से भरें पड़े हैं।।  

          दोस्तों इन प्राचीन मंदिरों से जुड़ी रहस्यमई बातें हर एक श्रद्धालु गण को हैरान व मंत्र-मुग्ध कर देती हैं। जिस कारण से प्रत्येक वर्ष  हजारों की संख्या में भक्त गण इन  प्राचीन मंदिरों के दर्शन को आते हैं।










     दोस्तों इन्हीं प्राचीन मंदिरों में से एक है अति प्राचीन शिकारी देवी की मंदिर। जो  जिला मंडी के "कारसोग " के समीप बर्फ से ढके ऊंचे पहाड़ों पर मौजूद यह अतिप्राचीन माता का मंदिर कई चमत्कारी शक्तियों को अपने अंदर समेटे हुए है। और दोस्तो माता का यह मंदिर  आने वाले अपने सभी  भक्तों के मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं।




















  ⭐ अलौकिक शक्तियों को अपने अंदर समेटे हुए है यह अतिप्राचीन मंदिर ⭐
  









  दोस्तों 2850 मीटर की ऊंचाई पर एक पहाड़ी के चोटी पर स्थित शिकारी देवी मंदिर के उपर आजा तक कोई भी व्यक्ति छत छत नहीं बनवा सका है क्योंकि दोस्तों इस प्राचीन मंदिर में अगर छत लगा भी दी जाए तो वह छत टिक नहीं पातीं है । और दोस्तो आश्चर्य करने वाली बात यह है कि इस पहाड़ी पर प्रत्येक वर्ष बर्फ तो खूब गिरती हैं। लेकिन माता की मूर्ति पर कभी भी बर्फ टिक नहीं पातीं है। साथ ही दोस्तों  आश्चर्य करने वाली बात यह है कि इस प्राचीन मंदिर के उपर से ना तो पक्षी उड़ पाते हैं और नहीं कोई हैलीकॉप्टर या हवाई जहाज इस अलौकिक प्राचीन मंदिर के उपर से गुजर पाते हैं । दोस्तों आपको पता है यह रहस्य आज भी रहस्य बना हुआ हैं।










        दोस्तों प्राचीन लोककथाओं के अनुसार कहा जाता है कि अनादिकाल में  पुजनीय मार्कंडेय ऋषि ने यहां इस स्थल पर कई बरसों तक घोर तपस्या की थी। दोस्तों उनकी घोर तपस्या से प्रसन्न होकर यहां पर मां दुर्गा शक्ति रूप में विराजमान हुईं थीं।





















      दोस्तों कहा जाता है कि महाभारत काल में पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान इस स्थल पर मंदिर का निर्माण किया था। साथ ही घोर तपस्या कर मां दुर्गा को प्रसन्न कर कौरवों के खिलाफ युद्ध में जीत का आशीर्वाद प्राप्त किया था। 
                 धन्यवाद दोस्तों आज के लिए बस इतना ही।

       माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗








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             English translat

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  Hello friends, I warmly welcome all of you to the travel blog of Mountain Leopard Mahendra.  Friends, on today's journey, I am taking you guys on a trip to Mandi district of Himachal Pradesh, where we will see all the supernatural and miraculous Mata Shikari Devi temple.









 Mother's Ancient Shikari Devi Temple


 Himachal Pradesh Mandi


 Bharatvarsh





















 Friends, there is a supernatural and miraculous temple where the roof does not last, and even after heavy snowfall, the snow does not last.  Friends, as you all know that many ancient temples of Himachal Pradesh are still filled with miraculous powers.









 Friends, the mysterious things related to these ancient temples amaze and enchant every devotee.  Due to which thousands of devotees visit these ancient temples every year.









 Friends, one of these ancient temples is the temple of the ancient Shikari Devi.  Situated on the high mountains covered with snow near "Karsog" of Jo district Mandi, this ancient mother's temple has many miraculous powers inside itself.  And friends, this temple of Mata fulfills the wishes of all her devotees who come.



















 This ancient temple has supernatural powers inside itself.



 Friends, no person has been able to build a roof terrace on top of the Shikari Devi temple, situated on the top of a hill at a height of 2850 meters, because friends, even if a roof is installed in this ancient temple, that roof cannot stand.  And the surprising thing is that every year a lot of snow falls on this hill.  But the snow never stays on the idol of the mother.  Also, friends, the surprising thing is that neither birds can fly over this ancient temple nor any helicopter or airplane can pass over this supernatural ancient temple.  Friends, you know this secret remains a mystery even today.










 Friends, according to ancient folklore, it is said that in time immemorial, the revered Markandeya sage had done severe penance here for many years at this place.  Friends, being pleased with their severe penance, Mother Durga was seated here in the form of Shakti.









 Friends, it is said that in the Mahabharata period, the Pandavas built a temple at this site during their exile.  At the same time, after doing severe penance, pleased Maa Durga and received the blessings of victory in the war against the Kauravas.

 Thanks guys that's all for today.


 Mountain Leopard Mahendra🧗🧗















Mountain leopard Mahendra 🧗🧗













































Thursday, January 20, 2022

एक यात्रा भूल भुलैया वाले शिव मंदिर की विरुपाक्ष महादेव मंदिर रतलाम मध्यप्रदेश भारत A visit to the maze of Shiv Temple Virupaksha Mahadev Temple Ratlam Madhya Pradesh India.

Ek yatra khajane ki khoje





















  नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं । मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के  बिलपांक गांव की जहां मौजूद हैं एक प्राचीन शिव मंदिर जो अद्भुत वास्तु शिल्प के कारण विश्व प्रसिद्ध हैं। दोस्तों यह मंदिर भूल भुलैया वाले शिव मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध हैं।

    विरुपाक्ष महादेव मंदिर

        रतलाम मध्यप्रदेश

              भारतवर्ष












   दोस्तों यह प्राचीन मंदिर विरुपाक्ष महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। दोस्तों कई प्राचीन दस्तावेजों के से पता चलता है कि इस प्राचीन मंदिर की स्थापना मध्य युग से पूर्व परमार वंश के राजाओं ने की थी। दोस्तों भगवान शिव भोले नाथ के ग्यारहवें रूद्र अवतारों में से पांचवें रूद्रा अवतार के नाम पर इस मंदिर का नाम  विरुपाक्ष महादेव मंदिर रखा गया था।  

               दोस्तों इस प्राचीन मंदिर के प्रांगण के चारों कोनों में चार मंडप भी बनाएं गये है । दोस्तों इन मंडपों में  भगवान गणेश , मां पार्वती , और भगवान सुर्य की अद्भुत  प्रतिमाओं को स्थापित किया गया है।














⭐  मंदिर के 64 खंभों पर की गई है अद्भुत नक्काशी ⭐

     दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस प्राचीन मंदिर को भूल भुलैया वाला शिव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि दोस्तों इस प्राचीन मंदिर में स्थापित अद्भुत नक्काशीदार खंभों की एक बार में  सही गिनती करना किसी भी मनुष्य की बस की बात नहीं है।

         दोस्तों इस अद्भुत और प्राचीन मंदिर के सभी 64 खंभों पर अद्भुत नक्काशी की गई है जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।
दोस्तों इस प्राचीन विरुपाक्ष महादेव मंदिर के अंदर 34  खंभों का एक मंडप है और इस मंडप के सभी चारों कोनों पर अद्भुत रूप से खंभों की गिनती 14-14 होती है जबकि 8 खंभे अंदर गर्भ गृह में मौजूद हैं। अतः ऐसे में एक बार में इन खंभों की सही गिनती करना मुश्किल है। जिस कारण से यहां के लोग इस मंदिर को भूल भुलैया वाला शिव मंदिर भी कहते हैं।





















⭐ शिवरात्रि की अनोखी परंपरा ⭐

दोस्तों अन्य प्राचीन शिव मंदिरों की तरह ही महा शिवरात्रि के शुभ अवसर पर प्रत्येक वर्ष यहां एक विशाल मेले का आयोजन होता है। और दोस्तों भगवान् विरुपाक्ष के दर्शन के लिए श्रद्धालुगण  दूर दूर से यहां आते हैं दोस्तों मान्यता है कि यहां बाबा भोलेनाथ के दरवाजे से कोई भी भक्त  खाली हाथ नहीं लौटता है ।
दोस्तों पिछले 64 वर्षों से हर साल यहां इस मंदिर प्रांगण में  महा यज्ञ का आयोजन होता रहा है दोस्तों यहां इस दौरान महाप्रसाद खीर के लिए पुरे प्रदेश के साथ साथ पुरे भारत वर्ष से भक्तगण आंतें है। 

        दोस्तों परंपराओं के अनुसार माताओं गोद भरने पर  बच्चों के उनके माता-पिता द्वारा मिठाई से तौला जाता है । दोस्तों यह परंपरा सदियों से चली आ रही है।









        दोस्तों मंदिर में 64 अद्भुत   नक्काशीदार खंभे  , गर्भ गृह , सभा मंडप वह चारों ओर चार सहायक मंदिर स्थापित है । दोस्तों अद्भुत रूप से  सभा मंडप में नृत्य करती हुई अप्सराएं  वाद्य यंत्रों के साथ  मौजूद हैं । दोस्तों आप देखोगे कि मुख्य मंदिर के आसपास सहायक मंदिर भी मौजूद हैं । दोस्तों पूर्व दिशा की ओर सहायक मंदिर के उत्तर में हनुमान जी की ध्यानस्थ मौजूद हैं जो अद्भुत है। दोस्तों पूर्व दक्षिण दिशा में जलाधारी अद्भुत शिवलिंग मौजूद हैं वे पश्चिम दिशा के उत्तर में भगवान विष्णु अपने वाहन  गरुड़ राज़ पर विराजमान हैं और दोस्तों पश्चिम दिशा में दांयी ओर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित है।










        दोस्तों इस अलौकिक प्राचीन मंदिर में प्रतेयक वर्ष महाशिवरात्रि पर्व पर लाखों श्रद्धालु गण भोले नाथ के दर्शन के लिए आते हैं।















                 धन्यवाद दोस्तों 

 माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗🧗🧗

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               English translat

 



















 Ek yatra khajane ki khoje










 Hello friends, I am Mountain Leopard Mahendra, I warmly greet all of you, friends, I am taking you on today's journey.  There is an ancient Shiva temple of Bilpank village in Ratlam district of Madhya Pradesh, which is world famous due to amazing architectural crafts.  Friends, this temple is also famous by the name of Bhool Bhulaiyaa Shiva Temple.


 Virupaksha Mahadev Temple


 Ratlam Madhya Pradesh


 Bharatvarsh




















 Friends, this ancient temple is also known as Virupaksha Mahadev Temple.  Friends, from many ancient documents, it is known that this ancient temple was established by the kings of the Parmar dynasty before the Middle Ages.  Friends, this temple was named Virupaksha Mahadev Temple after the fifth Rudra incarnation out of the eleventh Rudra incarnation of Lord Shiva Bhole Nath.










 Friends, four pavilions have also been built in the four corners of the courtyard of this ancient temple.  Friends, wonderful idols of Lord Ganesha, Maa Parvati, and Lord Surya have been installed in these pavilions.

























 Amazing carvings have been done on 64 pillars of the temple.


 Friends, you will be surprised to know that this ancient temple is also known as Bhool Bhulaiya Wala Shiva Temple.  Because friends, it is not a matter of any human being to count the wonderfully carved pillars installed in this ancient temple at once.












 Friends, all the 64 pillars of this wonderful and ancient temple have amazing carvings which attract people towards them.

 Friends, there is a mandapa of 34 pillars inside this ancient Virupaksha Mahadev temple and amazingly the number of pillars on all the four corners of this mandap is 14-14 while 8 pillars are present in the sanctum sanctorum inside.  Therefore, it is difficult to count these pillars accurately at one go.  Due to which the people here also call this temple as a maze of maze.






















 Unique tradition of Shivratri


 Friends, like other ancient Shiva temples, a huge fair is organized here every year on the auspicious occasion of Maha Shivratri.  And friends, devotees come here from far and wide to see Lord Virupaksha, friends, it is believed that no devotee returns empty handed from the door of Baba Bholenath here.

 Friends, for the last 64 years, every year in this temple courtyard, a great yagya has been organized, friends, during this time, devotees from all over the state as well as the whole of India are coming here for Mahaprasad Kheer.










 Friends, according to traditions, when mothers are adopted, children are weighed with sweets by their parents.  Friends, this tradition is going on for centuries.





















 Friends, there are 64 wonderful 'carved pillars', sanctum sanctorum, assembly mandap in the temple, around which four subsidiary temples are established.  Friends, wonderfully, dancing Apsaras with musical instruments are present in the Sabha Mandap.  Friends, you will see that there are also subsidiary temples around the main temple.  Friends, in the north of the subsidiary temple towards the east, there is a meditation place of Hanuman ji, which is wonderful.  Friends, in the east-south direction, there are wonderful Shivlings, Lord Vishnu is sitting on his vehicle, Garuda Raj, in the north of the west direction and friends, the idol of Lord Ganesha is installed on the right side in the west direction.












 Friends, in this supernatural ancient temple, every year on the festival of Mahashivaratri, lakhs of devotees come to see Bhole Nath.


 thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra🧗🧗🧗🧗



 




























Mountain leppard Mahendra 🧗🧗🧗🧗🧗































       


Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...