Friday, July 16, 2021

एक यात्रा मेंढक मंदिर जो प्राचीन शिव मंदिर है। मंदिर की दीवारों पर उकेरी गई कलाकृतियां इशारा करतीं हैं कि कभी हाथीयों को उठा ले जाने वाले विशाल पक्षी हुआ करती थी- ओयल कस्बा , लखीमपुर-खीरी उत्तर प्रदेश भारतA visit Frog Temple which is ancient Shiva temple. Artifacts carved on the walls of the temple indicate that there used to be a giant bird carrying elephants - Oyal Kasba, Lakhimpur-Khiri Uttar Pradesh India.

Ek yatra khajane ki khoje









       अद्भुत विशाल पक्षी की चित्रकारी जो कभी हाथियों को लेकर भी लेकर उड़ जाता था । अनुमानतः किसी जमाने में इस प्रकार की विशाल पक्षी हुआ करते थे जो हाथी जैसे विशाल पशु को भी ले कर उड़ जाया करते थे।
 Painting of a wonderful huge bird that used to fly with elephants too.  It is estimated that at some point there used to be such huge birds which used to fly away with even a huge animal like elephant.









  नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं । एक अद्भुत प्राचीन मंदिर की यात्रा पर जिसे पूरा विश्व मेंढक मंदिर के नाम से जाना जाता है जिसके पीठ पर विराजमान है प्राचीन शिव मंदिर। जो उत्तर प्रदेश के ओयल कस्बा , लखीमपुर- खीरी में मौजूद है।







            मेंढक मंदिर
   
  ओयल कस्बा- लखीमपुर-खीरी

              उत्तर प्रदेश

               भारतवर्ष

 दोस्तों भारतवर्ष के उत्तर प्रदेश राज्य के लखीमपुर-खीरी  के ओयल कस्बे में बने एक अनोखे प्राचीन मंदिर में भगवान शिव मेंढक के पीठ पर विराजमान हैं।दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि "मांडूक तंत्र" "विद्या" पर आधारित यह अद्भुत शिव मंदिर "मेंढक" मंदिर के नाम से भी विश्व प्रसिद्ध है।दोस्तों आपको जानकर यह भी आश्चर्य होगा कि यह भारत देश का इकलौता मेंढक मंदिर भी है।













          दोस्तों इस प्राचीन शिव मंदिर की खास बात यह है कि यहां मौजूद नर्मदेश्वर महादेव का शिवलिंग अपना रंग बदलते रहता है।
         दोस्तों अद्भुत रूप से मौजूद बाबा नंदी की मूर्ति खड़ी अवस्था में है जो पूरे भारतवर्ष में कहीं और नहीं देखने को मिलता है।


दोस्तों इतिहासकारों का मानना है कि यह प्राचीन मंदिर राजस्थानी स्थापत्य कला के आधार पर बनाया गया है। जो तांत्रिक "मांडूक" तंत्र पर आधारित है।दोस्तों आश्चर्यजनक रूप से मंदिर की बाहरी दीवारों पर शव साधना करती उत्कीर्ण मूर्तियां इसे तांत्रिक मंदिर ही सिद्ध करती है।










  

             ऐतिहासिकता
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 दोस्तों माना जाता है कि चहमान वंश के राजा बख्श सिंह ने इस अद्भुत मंदिर का निर्माण करवाया था। दोस्तों की किंवदंतियां है कि मंदिर की वास्तु परिकल्पना कपिला प्रदेश के एक महान तांत्रिक ने की थी।दोस्तों तंत्र बाद पर आधारित इस प्राचीन मंदिर की वास्तु संरचना अपनी विशेष शैली के कारण भक्त गणों का मन मोह लेती है।

           दोस्तों इस प्राचीन मेंढक मंदिर में प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि के साथ-साथ दीपावली पर भी भक्त एवं श्रद्धालुगण बड़ी संख्या में भगवान शिव के इस अनोखे रूप का दर्शन करने के लिए आते हैं।
      












 दोस्तों यहां के ग्रामीणों का मानना है कि इन अफसरों पर यहां पूजा पाठ करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है एवं निसंतान दंपतियों को संतान की प्राप्ति होती है। भगवान शिव के इस अनोखे शिवलिंग की मात्र दर्शन से।







     दोस्तों माना जाता है कि प्राचीन समय में मंदिर के ऊपर मौजूद छत्र भी सूर्य की रोशनी के साथ साथ घूमता था ।लेकिन दोस्तों अब वर्तमान समय में वह क्षतिग्रस्त हो गया है।दोस्तों इस प्राचीन मंदिर में एक अनोखा कुआं भी मौजूद है जिसका पानी हमेशा कुएं के तल पर मौजूद रहता है।

        दोस्तों मंदिर के गर्भ गृह में मौजूद शिवलिंग बेहद खूबसूरत है जो संगमरमर के कसीकेदारी से बनी ऊंची शीला पर विराजमान है।
दोस्तों माना जाता है कि इस शिवलिंग को नर्मदा नदी से लाया गया था जिस कारण से यह पवित्र शिवलिंग भगवान नर्मदेश्वर के नाम से प्रसिद्ध है।

        दोस्तों आज के लिए बस इतना ही।










          धन्यवाद दोस्तों

   माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗

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     English translate
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  Hello friends, I am Mountain Leopard Mahendra, warm greetings to all of you, friends, I am taking you on today's journey.  On a visit to a wonderful ancient temple known as the entire world Frog Temple with the ancient Shiva temple on its back.  Which is present in Oyal town of Uttar Pradesh, Lakhimpur-Kheeri.







 Frog Temple



 Oil town - Lakhimpur - Kheri


 Uttar Pradesh


 Bharatvarsh










 Friends, Lord Shiva is seated on the back of a frog in a unique ancient temple built in the Oyal town of Lakhimpur-Khiri in the state of Uttar Pradesh, India. Friends, you will be surprised to know that this wonderful Shiva temple based on the "Vidya" of "Manduk Tantra" "Frog"  It is also world famous by the name of the temple. Friends, you will also be surprised to know that it is also the only frog temple in India.







 Friends, the special thing about this ancient Shiva temple is that the Shivling of Narmadeshwar Mahadev present here keeps changing its color.

 Friends, the idol of Baba Nandi is in a standing position, which is not seen anywhere else in the whole of India.








 Friends, historians believe that this ancient temple has been built on the basis of Rajasthani architecture.  Which is based on the Tantric "Manduk" Tantra. Friends, surprisingly, the engraved sculptures on the outer walls of the temple doing body meditation prove it to be a Tantric temple.





 historicity

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 Friends, it is believed that Raja Bakhsh Singh of Chahman dynasty had built this wonderful temple.  Friends have legends that the architectural concept of the temple was done by a great tantrik of Kapila region. Friends, the architectural structure of this ancient temple based on the Tantra, attracts the attention of the devotees due to its special style.


 Friends, devotees and devotees in large numbers come to this ancient frog temple every year on Mahashivratri as well as on Diwali to see this unique form of Lord Shiva.










 Friends, the villagers here believe that worshiping these officers here gives special results and childless couples get children.  With the mere sight of this unique Shivling of Lord Shiva.











 Friends, it is believed that in ancient times the umbrella above the temple also used to rotate along with the sunlight. But friends, now it has been damaged in the present time. Friends, there is also a unique well in this ancient temple whose water is always well.  is present at the bottom.











 Friends, the Shivling present in the sanctum sanctorum of the temple is very beautiful, which is seated on a high rock made of marble.

 Friends, it is believed that this Shivling was brought from the river Narmada, due to which this holy Shivling is famous as Lord Narmadeshwar.






 Friends, that's all for today.


 thanks guys


 Mountain Leopard                 Mahendra🧗🧗


















 Mountain Leopard Mahendra 🧗🧗



















Friday, July 2, 2021

एक यात्रा अद्भुत अलौकिक तैरने वाले पत्थरों से बना रामप्पा मंदिर , आज तक इस रहस्य से पर्दा नहीं उठ पाया है कि इन पत्थरों को मंदिर के निर्माण के लिए लाया कहां से गया था।- वारंगल , तेलंगाना राज्य भारत.A visit to the amazing Ramappa temple made of supernatural floating stones, till date the mystery has not been uncovered as to where these stones were brought to build the temple. - Warangal, Telangana State India.

Ek yatra khajane ki khoje
























  नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। दोस्तों आज आप सभी लोगों को लेकर चल रहा हूं प्राचीन रामप्पा मंदिर की यात्रा पर जो तेलंगाना के वारंगल में स्थित है। दोस्त हो या प्राचीन मंदिर अपने अद्भुत बनावट के लिए विश्व प्रसिद्ध है दोस्तों आइए जानते हैं इस मंदिर की इतिहास को।






             रामप्पा मंदिर
 
          वारंगल -  तेलंगाना

                भारतवर्ष

 दोस्तों इस प्राचीन मंदिर का आश्चर्यचकित करने वाला तथ्य यह है कि यह मंदिर तैरने वाले अद्भुत पत्थरों से बना हुआ है। दोस्तों खास बात यह है कि पूरे भारतवर्ष में इस पत्थर के बारे में कहीं कोई जानकारी नहीं मिलती है। दोस्तों आज तक वैज्ञानिकों एवं खुश कर्ताओं को समझ में नहीं आया है कि इन अद्भुत पत्रों को लाया कहां से गया था इस मंदिर के निर्माण के लिए। दोस्तो वैज्ञानिक व पुरातत्व विभाग वाले आज भी शोध कार्य में लगे हुए हैं कि ये पत्थर लाए कहां गए थे  इस अद्भुत मंदिर के निर्माण के लिए।

              दोस्तों माना जाता है कि भारत का यह प्राचीन मंदिर 800 वर्ष पुराना है लेकिन दोस्तों मेरा मानना है कि यह मंदिर कई हजार वर्ष पुराना हो सकता है।

           दोस्तों आपको तो पता ही होगा कि भारतवर्ष में मंदिरों को आस्था का केंद्र माना जाता है। अतः दोस्तों हमारे देश भारत में ऐसे कई मंदिर हैं जो काफी अलौकिक और रहस्यमई है। दोस्तों आज हम आपको ऐसे ही एक प्राचीन मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो तेलंगाना के वारंगल में स्थित है ।दोस्तों माना जाता है कि इस अद्भुत मंदिर को तैरने वाले अद्भुत पत्थरों से बनाया गया है। दोस्तों खास बात यह है कि इस प्रकार के पत्थर ना तो आज तक देखे गए हैं और ना कहीं पाए गए हैं।












🧗  भगवान शिव को समर्पित है मंदिर 🧗

 दोस्तों तेलंगाना के वारंगल में स्थित प्राचीन रामप्पा  मंदिर भगवान शिव को समर्पित है दोस्तों आपको आश्चर्य होगा कि इस मंदिर का नाम इस प्राचीन मंदिर को बनाने वाले शिल्पकार रामप्पा के नाम पर ही रखा गया था।दोस्तों ऐतिहासिक दस्तावेजों से पता चलता है कि 12 वीं सदी में बने इस मंदिर का निर्माण "काकतिया" वंश के महाराजा ने करवाया था।










🧗  प्राकृतिक आपदाएं झेलने के बाद भी मजबूत स्थिति में है मंदिर। 🧗

  दोस्तों आप लोगों को आश्चर्य होगा कि इस दौर में बने भारतवर्ष के ज्यादातर मंदिर अब खंडहरों में बदल चुके हैं।लेकिन दोस्तों लगातार कई प्राकृतिक आपदाएं झेलने के बाद भी इस अलौकिक और प्रसिद्ध रामप्पा  का मंदिर को कोई खास ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है।

 दोस्तों शिवरात्रि के दौरान इस प्राचीन शिवालय मंदिर में भक्तों गणों की काफी भीड़ लगती है।

 🧗 काकतीय वंश के राजा ने बनवाया इस अद्भुत और प्राचीन मंदिर को। 🧗
 दोस्तों तेलंगाना के काकतिया  वंश के महाराजा गणपति देवा ने सन 1213 ईसवी में इस मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करवाया था। दोस्तों माना जाता है कि मंदिर के शिल्पकार रामप्पा के काम को देखकर महाराजा गणपति देवा काफी प्रसन्न हुए थे और फिर महाराजा ने इस मंदिर का नाम शिल्पकार रामप्पा के नाम पर ही रख दिया था।












🧗 मंदिर का पूरा निर्माण 40 वर्ष में पूरा हुआ था ।🧗
 दोस्तों रामप्पा  मंदिर बनाने में 40 वर्षों का समय लगा था।दोस्तों अद्भुत रूप से 6 फीट ऊंचे प्लेटफार्म पर बने इस मंदिर की दीवारों पर पवित्र ग्रंथों महाभारत और रामायण के दृश्य उकेरे गए हैं। दोस्तों रामप्पा मंदिर में भगवान शिव के वाहन नंदी की एक मूर्ति स्थापित है। जिसके ऊंचाई 9 फीट है।














 🧗 पुरातात्विक शोध कार्य 🧗

 दोस्तों रामप्पा  मंदिर के न टूटने की बात जब भारतीय पुरातत्व विभाग वालों को पता चली तो उन्होंने इस प्राचीन मंदिर की गहन जांच-पड़ताल की।लेकिन दोस्तों पुरातत्विक वैज्ञानिकों को काफी कोशिश करने के बाद भी मंदिर की मजबूती का कारण पता लगाने में कामयाब नहीं हो पाए।
















🧗 तैरने वाले पत्थरों से बना है यह अद्भुत मंदिर 🧗
 दोस्तों काफी शोध करने के बाद जब पुरातत्व वैज्ञानिकों ने मंदिर के पत्थर को काटा तब पता चला कि या पत्थर वजन में काफी हल्के हैं।दोस्तों जब उन्होंने पत्थर के टुकड़े को पानी में डाला तब वह टुकड़ा पानी में तैरने लगा। दोस्तों पानी में तैरते पत्थर को देखकर रामप्पा का मंदिर की मजबूती का राज पता चल पाया था।


🧗 आज तक पता नहीं चल पाया कि पत्थरों को लाया कहां से गया।🧗
 दोस्तों भारतवर्ष के कई पुराने मंदिर पत्थरों के वजन के कारण समय के साथ खंडहरों में तब्दील हो चुके हैं लेकिन दोस्तों रामप्पा मंदिर के अपने पत्थरों के कम वजन होने के कारण आज भी काफी मजबूत स्थिति में है। लेकिन दोस्तों वैज्ञानिक रामप्पा मंदिर में लगे हल्के पत्थरों के रहस्य के बारे में पता नहीं कर पाए हैं कि इन पत्थरों को लाया कहां से गया था।





 दोस्तों आज के लिए बस इतना ही।

        धन्यवाद दोस्तों

 माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗

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      English translate
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 Hello friends, I am Mountain Leopard Mahendra, warm greetings to all of you.  Friends, today I am taking you all on a visit to the ancient Ramappa temple which is located in Warangal, Telangana.  Friends or ancient temple is world famous for its amazing structure, friends, let's know the history of this temple.







 Ramappa Temple



 Warangal - Telangana


 Bharatvarsh


 Friends, the surprising fact of this ancient temple is that this temple is made of amazing floating stones.  Friends, the special thing is that there is no information about this stone anywhere in the whole of India.  Friends, till date scientists and happy doers have not understood from where these wonderful letters were brought for the construction of this temple.  Friends, scientists and archeology department are still engaged in research work that where were these stones brought, for the construction of this wonderful temple.


 Friends, it is believed that this ancient temple of India is 800 years old, but friends, I believe that this temple can be several thousand years old.


 Friends, you must know that temples are considered to be the center of faith in India.  So friends, there are many such temples in our country India which are quite supernatural and mysterious.  Friends, today we are going to tell you about one such ancient temple which is located in Warangal, Telangana. Friends, it is believed that this wonderful temple has been built with amazing floating stones.  Friends, the special thing is that this type of stone has neither been seen nor found anywhere.















 🧗The temple is dedicated to Lord Shiva.🧗


 Friends, the ancient Ramappa temple located in Warangal, Telangana is dedicated to Lord Shiva. Friends, you will be surprised that this temple was named after Ramappa, the architect who built this ancient temple. Friends, historical documents show that 12th century  This temple was built by the Maharaja of "Kakatia" dynasty.














🧗 The temple is in a strong position even after facing natural calamities.  🧗


 Friends, you will be surprised that most of the temples of India built in this period have now turned into ruins.


 Friends, during Shivratri, there is a lot of crowd of devotees in this ancient pagoda temple.


 🧗This wonderful and ancient temple was built by the king of Kakatiya dynasty.  🧗

 Friends, Maharaja Ganapati Deva of Kakatiyal dynasty of Telangana started the construction work of this temple in 1213 AD.  Friends, it is believed that Maharaja Ganapati Deva was very pleased to see the work of Ramappa, the architect of the temple, and then the Maharaja named this temple after the craftsman Ramappa.















🧗 The entire construction of the temple was completed in 40 years.🧗

 Friends, it took 40 years to build the Ramappa temple. Friends, wonderfully built on a platform 6 feet high, the walls of this temple are carved with scenes from the holy texts Mahabharata and Ramayana.  Friends, an idol of Nandi, the vehicle of Lord Shiva, is installed in the Ramappa temple.  Whose height is 9 feet.













🧗 Archaeological Research Work🧗


 Friends, when the Archaeological Department of India came to know that the Ramappa temple was not broken, they did a thorough investigation of this ancient temple.  Get it



 🧗This wonderful temple is made of floating stones.🧗

 Friends, after doing a lot of research, when archaeologists cut the stone of the temple, it was found that the stone is very light in weight.  Friends, seeing the stone floating in the water, Ramappa's secret of the strength of the temple was known.





🧗 Till today it is not known from where the stones were brought.🧗

 Friends, many old temples of India have turned into ruins over time due to the weight of the stones, but friends Ramappa temple is still in a very strong position due to the low weight of its stones.  But friends scientists have not been able to find out about the mystery of the light stones in the Ramappa temple, from where these stones were brought.






 Friends, that's all for today.


 thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra 🧗🧗

















Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...