Friday, April 2, 2021

एक यात्रा भारतवर्ष की प्राचीनतम जागृत देवी मंदिर की जहां पहुंच कर सारी की सारी साइंटिफिक गतिविधियां फेल हो जाती है और केवल चलतीं है मां आदिशक्ति काली की अलौकिक गतिविधियां और तों और अलौकिक रुप से भगवान सूर्य की गतिविधियों के साथ-साथ भगवान भोले शंकर की शिवलिंग की रंग भी बदलती रहती है, माता मुंडेश्वरी की प्राचीन मंदिर में - कैमूर , बिहार भारत. A visit to the oldest awakened Devi temple of India, where all the scientific activities fail and only continue, the supernatural activities of Maa Adishakti Kali and the activities of Lord Surya with the supernatural form as well as the Shiva lingam of Lord Bhole Shankar The color of the body also varies, in the ancient temple of Mata Mundeshwari - Kaimur, Bihar India.

Ek yatra khajane ki khoje

















 सुबह 10:10 बजे           दोपहर 12:46बजे   अपराह्न 02:47बजे
    10:10 AM                 12:46 PM               02: 47 PM

















  नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं बिहार के कैमूर जिले में स्थित अति प्राचीन माता मुंडेश्वरी की मंदिर में।दोस्तों जहां पहुंचकर विश्व की सारी साइंटिफिक गतिविधियां विफल हो जाती है और चलती है तो सिर्फ केवल माता मुंडेश्वरी की चमत्कारी शक्तियां। आइए दोस्तों चलते हैं अलौकिक और चमत्कारी माता मुंडेश्वरी की अति प्राचीन मंदिर की यात्रा पर।








           माता मुंडेश्वरी मंदिर

                कैमूर , बिहार

                 भारतवर्ष
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 नमस्कार दोस्तों भारतवर्ष का सबसे प्राचीन और जागृत माता मंदिर जहां मौजूद भगवान भोले शंकर का शिवलिंग हर पहर बदलता है अपना रंग । दोस्तों माता मुंडेश्वरी मंदिर भारतवर्ष के सबसे प्राचीन जागृत मंदिर है दोस्तों ऐतिहासिक साक्ष्यों से पता चलता है कि श्रीयंत्र आकार का अष्टकोणीय  मंदिर 1913 वर्ष पुराना है। और उसी समय से जारी पूजा एवं प्रसाद की परंपरा आज तक कायम है। दोस्तों मंदिर परिसर से ही पुरातत्व विभाग वालों को एक शिलालेख के दो टुकड़े मिले थे और यह दोनों टुकड़े आज कोलकाता के म्यूजियम में रखे हुए हैं। दोस्तों इस शिलालेख में लिखा है कि राजा उदय सेन के काल में दंडनायक गोमीभट्ट ने 3 फीट 9 इंच ऊंचे चतुर्मुखी शिवलिंग की पूजा के लिए 500 सोने के दिनार दिए थे।और कहा था कि जब तक सूरज चांद रहेगा शिवलिंग पर दीप जलाने व प्रसाद का प्रबंध होता रहेगा जो आज तक कायम है।










दोस्तों गोमीभट्ट के शिलालेख की काल गणना के आधार पर आचार्य किशोर कुणाल कहते हैं कि मुंडेश्वरी मंदिर 108 वीं सदी यानी कुषाण काल का है। दोस्तों मुंडेश्वरी स्थित शिवलिंग के एक मुख के मस्तक पर रुद्राक्ष की माला है दोस्तों मुखों की आकृतियां भिन्न है यह सब गुप्त काल में शुरू हुआ था , इससे पहले इतिहासकार मंदिर को गुप्तकालीन तो कुछ हर्ष कालीन बताते रहे हैं।दोस्तों मुंडेश्वरी माता की मूर्तियां लाल पत्थर , बलुआ पत्थर और काले पत्थरों की बनी हुई है।दोस्तों चतुर्मुखी शिवलिंग भी इसी पत्थर से बना है मूर्तियां मथुरा शैली में बनी हुई है । मंदिर के मूल नायक चतुर्मुखी शिवलिंग है दोस्तों  है मान्यता है कि पहर के हिसाब से शिवलिंग का रंग बदलता रहता है।

        दोस्तों यह मंदिर ऋषि अत्री की तपोभूमि रही त्र्क्षकुल पर्वत पर स्थित है। दोस्तों त्र्क्षकुल का अर्थ है शिव और शिव के समस्त कुल की प्रिय धाम है।












          सुबह 10:10 बजे
           10:10 AM













    यानी दोस्तों देखा जाए तो अपने बिहार के कैमूर जिले में स्थित है भारतवर्ष के सबसे अनोखे और चमत्कारी श्रीयंत्र आकार का अष्टकोणीय मंदिर जो माता शक्ति और भगवान भोलेनाथ का प्रतिनिधित्व करती है।अति प्राचीन माता मुंडेश्वरी की मंदिर जहां अद्भुत रूप से चतुर्मुख शिवलिंग का हर पहर बदल जाता है रंग।
        दोस्तों वैसे तो बिहार में कई धर्मों का जन्म हुआ है लेकिन दोस्तों कम ही लोग जानते होंगे कि यहां भारतवर्ष का सबसे प्राचीन जागृत मंदिर स्थित है दोस्तों जहां 1913 वर्षों से लगातार बिना किसी रूकावट के प्रतिदिन पूजा और प्रसाद की परंपरा जारी है इसलिए इसे सबसे प्राचीन जागृत मंदिर कहा जाता है दोस्तों जहां कभी आज तक पूजा बंद नहीं हुई है। 












दोस्तों अद्भुत और चमत्कारिक रूप से यहां दी जाने वाली बकरे की बलि भी कम चमत्कारी नहीं हैक्योंकि इस मंदिर में किसी जीव की हत्या नहीं की जाती है फिर भी माता मुंडेश्वरी बकरे की बलि स्वीकार करती है और अपने आशीर्वाद से बकरे को पुनः जीवित कर देती है ज्योति दोस्तों अद्भुत और अकल्पनीय है एवं दोस्तों आश्चर्यजनक रूप से सूर्य की स्थिति बदलने के साथ-साथ शिवलिंग का भी रंग बदल जाता है।




              दोपहर 12:46 बजे
                   12:46 PM













दोस्तों मंदिर की प्राचीनता का आभास यहां मिले महाराजा दुत्तगामिनी की मुद्रा से भी होता है जो बौद्ध साहित्य के अनुसार अनुराधापुर वंश का था , जो इसा पूर्व 101 - 77 ईसा पूर्व में श्रीलंका का शासक हुआ करता था। यानी दोस्तों देखा जाए तो यह मंदिर 1913 वर्षों से भी पुराना हो सकता है।दोस्तों एक खास बात यह भी है कि इस प्राचीन मंदिर का निर्माण किस सिद्धांत पर हुआ है उस सिद्धांत का जिक्र अथर्ववेद में भी मिलता है।
                  यानी दोस्तों देखा जाए तो इस मंदिर की अलौकिक शक्तियां वर्तमान समय के आधुनिक गतिविधियों को भी आश्चर्य करने पर मजबूर कर दे रही है।



             धन्यवाद दोस्तों

   माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗
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          English translate
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 Hello friends I extend my hearty greetings to all of you guys at Mountain Leopard Mahendra.  Friends, today I am taking you to the temple of the very ancient Mundeshwari located in Kaimur district of Bihar. Friends, when all the scientific activities of the world fail and run, then only the miraculous powers of Mata Mundeshwari.  Let's go on a journey to the ancient temple of supernatural and miraculous mother Mundeshwari.





    
            अपराह्न 02:47 बजे
                 02:47 PM






 Mata Mundeshwari Temple


 Kaimur, Bihar


 India

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 Namaskar Friends, the most ancient and awakened Mata temple in India where the Shiva lingam of Lord Bhole Shankar changes its color every time.  Friends Mata Mundeshwari Temple is the oldest awakened temple in India. Friends Historical evidences show that Sriyantra shaped octagonal temple is 1913 years old.  And the tradition of puja and prasad continued from that time till today.  Friends from the temple complex, the archaeological department had found two pieces of an inscription and both these pieces are kept in the museum in Kolkata today.  Friends have written in this inscription that during the reign of King Uday Sen, Dandanayak Gomibhatta gave 500 gold dinars for the worship of 3 feet 9 inch tall Chaturmukhi Shivling and said that as long as the sun will remain moon, the lamp will be lit and the offerings are made.  Management will continue which continues till today.











 Acharya Kishore Kunal says that Mundeshwari temple is of 108th century i.e. Kushan period, based on the period count of the inscription of friends Gomibhatta.  Friends, there is a rosary of Rudraksha on the head of a mouth of Shivalinga situated in Mundeshwari. The shape of the faces of friends is different. It all started in the Gupta period, before this, historians have been describing the temple as some of the joys of the Gupta period.  , Made of sandstone and black stones. The two Chaturmukhi Shivling is also made of this stone. The sculptures are made in Mathura style.  The original protagonist of the temple is Chaturmukhi Shivling, friends. It is believed that the color of Shivling varies according to the time.


 Friends, this temple is situated on the Trikshakul mountain, which is the Tapobhumi of the sage Atri.  Friends Trikshakul means Shiva and is the beloved abode of all the families of Shiva.













 That is, friends, it is located in Kaimur district of Bihar, the most unique and miraculous Shriantra shaped octagonal temple of India, which represents Mata Shakti and Lord Bholenath.  Color changes.

 Friends, although many religions have been born in Bihar, but few people would know that the oldest Jagrit temple of India is situated here, Friends, where the tradition of daily worship and prasad is continued daily for 1913 years without any hindrance, hence it is the most ancient  Friends called Jagrit Mandir where worship has never stopped till date.










 Friends, amazingly and miraculously, the goat sacrifice offered here is no less miraculous as no creatures are killed in this temple, yet Mata Mundeshwari accepts the goat sacrifice and revives the goat with her blessings.  Jyoti friends are amazing and unimaginable and friends, along with the amazingly changing position of the Sun, the color of Shivalinga also changes color.















 The antiquity of the Friends temple is also evident from the posture of Maharaja Duttagamini found here, who according to Buddhist literature belonged to the Anuradhapura dynasty, which was the ruler of Sri Lanka in 101 - 77 BCE.  That is, if you see friends, this temple can be older than 1913 years. Friends, it is a special thing that the principle on which this ancient temple was built is also mentioned in the Atharvaveda.

 That is, if you see friends, the supernatural powers of this temple are forcing the modern activities of the present time to wonder.




 Thanks guys


 Mountain Leopard              Mahendra 🧗🧗
















Wednesday, March 31, 2021

एक यात्रा अद्भुत और अलौकिक जी हां दोस्तों एक ऐसी मंदिर की यात्रा जहां से निकलती है अद्भुत रूप से भगवान कृष्ण की बांसुरी की सुरीली आवाज , जी हां दोस्तों अद्भुत रूप से भक्तों के मन को मोह लेती है भगवान कृष्ण की बांसुरी की सुरीली आवाज , प्राचीन और अद्भुत वेणुगोपाल स्वामी मंदिर-कर्नाटक, तली , दक्षिण भारत A Journey Wonderful and Supernatural Yes Friends Travel to a temple from where the amazing sound of Lord Krishna's flute, Yes Friends amazingly fascinates the minds of the devotees Lord Krishna's harmonious voice, ancient And the amazing Venugopal Swamy Temple - Karnataka, Tali, South India.

Ek yatra khajane ki khoje

























  नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको एक ऐसी प्राचीन मंदिर की यात्रा पर लेकर चल रहा हूं जिससे निकलती है अद्भुत रूप से चमत्कारिक भगवान कृष्ण की बांसुरी की सुरीली आवाज जो अपने भक्तगणों के मन को मोह लेती है।



     वेणुगोपाल स्वामी मंदिर

            तली , कर्नाटका
         
            दक्षिण भारत
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   नमस्कार दोस्तों वेणुगोपाल स्वामी मंदिर कर्नाटक के तली में स्थित है। जो दक्षिण भारत के साथ-साथ संपूर्ण भारत के तीर्थ यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करती है। दोस्तों वेणुगोपाल स्वामी को भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है। दोस्तों इस प्राचीन वैभवशाली मंदिर में इन्हीं की प्रतिमा स्थापित है। दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि वेणु का अर्थ तमिल भाषा में बांसुरी होता है।और दोस्तों आश्चर्यजनक रूप से इस मंदिर में भगवान कृष्ण की बांसुरी की मधुर धुन सदैव सुनाई देती है जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। दोस्तों आश्चर्यजनक रूप से लोगों को और यहां तक कि वैज्ञानिकों को भी पता नहीं चल पाया है कि यह बांसुरी की आवाज कहां से आती है। दोस्तों आश्चर्यजनक रूप से बांसुरी की यह मधुर धुन अद्भुत और अकल्पनीय है।
















दोस्तों समय के साथ-साथ इस मंदिर का काफी बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो चुका है लेकिन भारत के गौरवमई अतीत को आज भी यहां स्थित खंभों में देखा जा सकता है कि कैसे हमारे पूर्वजों ने इन मंदिरों का निर्माण अपने निपुण कला शैली में किया था।दोस्तों वेणुगोपाल मंदिर दक्षिण भारत के प्रमुख मंदिरों में से एक है। दोस्तों वेणु गोपाल मंदिर के निर्माण के कई सदियां गुजर जाने के बाद भी बेहद आकर्षक और बेहद सुंदर स्थिति में है।
               










दोस्तों इस दक्षिण भारत के बेहद आकर्षक और सुंदर मंदिर में प्रत्येक वर्ष भारी संख्या में श्रद्धालुगण भगवान के दर्शन के लिए आते हैं। साथ ही साथ दोस्तों मई के महीने में यहां रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। जो बहुत ही आकर्षक रूप से भगवान के प्रति सेवा भाव को दर्शाती है। दोस्तों अगर आप सभी शांत और समृद्ध संस्कृति को देखना चाहते हैं तो वेणुगोपाल स्वामी मंदिर में दर्शन करने अवश्य आएं।
                 














दोस्तों आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि यह मंदिर 70 सालों तक पानी की अथाह गहराइयों में डूबा हुआ था। यह अनोखा मंदिर।दोस्तों भारत में कई प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर मौजूद हैं जो अपने आप में अद्भुत और अनोखे हैं। दोस्तों कर्नाटक में स्थित वेणुगोपाल स्वामी मंदिर इन्ही अद्भुत मंदिरों में से एक है। दोस्तों यह मंदिर कर्नाटक के होसा कन्नमबाड़ी में कृष्ण राजा सागर डैम के पास स्थित है।
                 दोस्तों इस मंदिर को मूल रूप से 12वीं शताब्दी में होयसल राजवंश द्वारा बनवाया गया था।दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह ऐतिहासिक और भव्य मंदिर 70 वर्षों तक कृष्ण राजा सागर डैम के पानी की गहराइयों में जलमग्न था। दोस्तों बहुत ही प्रयासों के बाद खोडे फाउंडेशन ने इस मंदिर का वर्ष 2011 में जीर्णोद्धार करवाया था।
दोस्तों वेणुगोपाल स्वामी मंदिर भारतवर्ष के गौरवशाली अतीत का सुनहरा पन्ना है जिसे हमें संजोए रखना परम कर्तव्य बनता है। 













             धन्यवाद दोस्तों

       माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗
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                  English translate
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   Hello friends, I heartily greet all of you mountain-legged Mahendra, Friends, on today's journey I am taking you on a journey to an ancient temple that emanates the amazing voice of the miraculous Lord Krishna's flute, which is dedicated to his devotees  It fascinates the mind.




       Venugopal Swamy Temple


          Tali, karnataka



             South india

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 Namaskar Friends Venugopal Swamy Temple is located in Tali, Karnataka.  Which attracts pilgrims from South India as well as entire India.  Friends Venugopal Swami is considered to be an incarnation of Lord Krishna.  Friends, their idol is installed in this ancient magnificent temple.  Friends, you will be surprised to know that Venu means flute in Tamil language. And friends surprisingly, the melodious melody of Lord Krishna's flute is always heard in this temple which attracts people towards it.  Friends, surprisingly people and even scientists have not been able to know where the sound of this flute comes from.  Friends, this melodious melody of the flute is amazing and unimaginable.










 Friends, a large part of this temple has been damaged over time but the glorious past of India can still be seen in the pillars located here, how our ancestors built these temples in their skillful art style.  The Venugopal temple is one of the major temples in South India.  Friends, Venu is still very attractive and in very beautiful condition even after several centuries of construction of Gopal temple.


















 Friends, in this very attractive and beautiful temple of South India, a large number of devotees come every year to see God.  As well as friends, Rath Yatra is organized here in the month of May.  Which very attractively shows the sense of service towards God.  Friends, if you want to see all the cool and rich culture, then you must come to visit Venugopal Swamy temple.


















 Friends, you will be surprised to know that this temple was submerged in the deep depths of water for 70 years.  This unique temple. Friends India has many ancient and historical temples which are unique and unique in themselves.  Friends, Venugopal Swamy Temple located in Karnataka is one of these wonderful temples.  Friends, this temple is located near Krishna Raja Sagar Dam in Hausa Kannambadi, Karnataka.

 Friends, this temple was originally built by the Hoysala dynasty in the 12th century. Friends, you will be surprised to know that this historic and magnificent temple was submerged in the water depths of Krishna Raja Sagar Dam for 70 years.  Friends, after a lot of efforts, the Khode Foundation got this temple renovated in the year 2011.

 Friends, Venugopal Swamy Temple is the golden emerald of India's glorious past, which is our ultimate duty to cherish.














           Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra                         🧗🧗

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 Mountain Leopard Mahendra
                     🧗🧗

                  

                   





                     







Tuesday, March 30, 2021

हमारे पावन पर्व होली की हार्दिक हार्दिक अभिनंदन एवं शुभकामनाएं 🙏🙏 Heartfelt greetings and best wishes of our holy festival Holi.












Ek yatra khajane ki khoje


  नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं।🙏🙏🎉🎉🎉🎉 दोस्तों आप सभी लोगों को पावन पर्व होली की हार्दिक हार्दिक अभिनंदन एवं शुभकामनाएं 🙏🙏 

Hello friends I heartily greet all of you mountain leopard Mahendra. Friends, my heartiest greetings and best wishes to all of you for the holy festival Holi.






   

           




  





    
            
       









          धन्यवाद दोस्तों

होली की हार्दिक हार्दिक अभिनंदन एवं शुभकामनाएं 🙏🙏

Thanks guys


 Heartiest greetings and best wishes of Holi.





           















Thursday, March 25, 2021

एक यात्रा अद्भुत , अलौकिक और रहस्यमई भूतों के द्वारा एक ही रात में बनाया गया भगवान शिव की ककनमठ मंदिर - मुरैना मध्यप्रदेश भारत Kakanamath temple of Lord Shiva built in a single night by a journey of amazing, supernatural and mysterious ghosts - Morena Madhya Pradesh India.

Ek yatra khajane ki khoje

 










































  नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आज की यात्रा पर फिर से मैं आपको लेकर चल रहा हूं मुरैना मध्य प्रदेश जहां हम देखेंगे कि कैसे एक बहुत ही अद्भुत अलौकिक और रहस्यमई मंदिर को भूतों ने एक ही रात में बनाया था। । तो आइए दोस्तों चलते हैं मुरैना मध्य प्रदेश  भगवान शिव की अद्भुत और अलौकिक ककनमठ मंदिर की यात्रा पर।


















             ककनमठ मंदिर

             मुरैना , मध्य प्रदेश

                   भारतवर्ष
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 नमस्कार दोस्तों ककनमठ मंदिर एक अति प्राचीन भगवान शिव की मंदिर है जो मध्य प्रदेश के मुरैना में स्थित है दोस्तों इस मंदिर का निर्माण 11 वीं शताब्दी में ग्वालियर के कुशवाहा या कच्छघात वंश के महाराज कीर्तिराज कच्छघात  में करवाया था। 
        दोस्तों ग्वालियर राज्य से लगभग 70 किलोमीटर दूर मुरैना जिले में सिहोनिया स्थित ककनमठ मंदिर अपने अद्भुत और अलौकिक वास्तुकला के कारण देसी विदेशी पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।दोस्तों कभी सिंहपनिया नगर कहे जाने वाले सिहोनिया विश्व पर्यटन के मानचित्र पर इसी मंदिर के नाम से जाना जाता था।
       
          दोस्तों इस मंदिर का निर्माण खजुराहो शैली में किया गया है क्योंकि दोस्तों यह मंदिर उत्तर नागर शैली में बना हुआ है। क्योंकि मंदिर निर्माण की इस रैली को उत्तर नागर शैली के नाम से ही जाना जाता था। क्योंकि आठवीं शताब्दी के दौरान मंदिरों का निर्माण नागर शैली में ही किया जाता रहा था दोस्तों ककनमठ मंदिर उत्तर नागर शैली का उत्कृष्ट नमूना है।














     दोस्तों आप सभी को जानकर आश्चर्य होगा कि इस मंदिर में चुनें , गारे और सीमेंट का उपयोग बिलकुल नहीं किया गया है। दोस्तों अद्भुत अलौकिक और रहस्यमई है यह मंदिर क्योंकि यह मंदिर एक विशेष प्रकार के पत्थरों का बना हुआ है।क्योंकि दोस्तों आश्चर्य करने वाली बात यह है कि इस प्रकार के पत्थर आज तक भारत के किसी भी कोने में देखने को नहीं मिला है। दोस्तों यह मंदिर कैसे बना है इस बात का जवाब अच्छे-अच्छे इंजिनियर्स के पास भी नहीं है।
          दोस्तों यह विशाल और अद्भुत मंदिर वाकई किसी आश्चर्य से कम नहीं है क्योंकि दोस्तों इस मंदिर के पत्थरों के बीच ना तो कोई चुनां है और नहीं सीमेंट सारे के सारे पत्थर एक के ऊपर एक कतारबद्ध रूप से रखे गए हैं। साथ ही साथ दोस्तों इस मंदिर को अंदर से देखना वाकई में अद्भुत है।
             
             दोस्तों स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण रहस्यमई तरीके से भूतों ने एक रात में     ही  किया था।लेकिन दोस्तों इस मंदिर को बनाते बनाते सुबह हो गई थी जिस कारण से भूतों को मंदिर निर्माण का कार्य अधूरा छोड़कर जाना पड़ा था। दोस्तों आज भी इस मंदिर को देखने में कुछ ऐसा ही लगता है कि इस मंदिर का निर्माण अधूरा ही रह गया था।

















 लेकिन दोस्तों इतिहासकारों का मानना है कि इस मंदिर का निर्माण 11 वीं शताब्दी में कुशवाहा वंश के राजा कीर्तिराज ने करवाया था। दोस्तों ऐतिहासिक स्रोत बताते हैं कि करीब 1000 वर्ष पहले सिहोनिया कुशवाहा राजपूतों की राजधानी हुआ करती थी। दोस्तों इस समय काल में शासन करने वाले इस क्षेत्र के राजा कीर्तिराज कच्छघात भगवान शिव के परम भक्त थे और उनकी पत्नी भी भगवान शिव की अनन्य भक्त थी। दोस्तों राजा कीर्तिराज की पत्नी का नाम ककनावती थीं। उन्हीं के नाम पर इस मंदिर का नाम ककनमठ मंदिर पड़ा।दोस्तों उस जमाने में आसपास कोई शिवालय ना होने के कारण रानी को भगवान शिव की उपासना में दिक्कत होती थी तब रानी के कहने पर ही राजा कीर्तिराज राज ने इस अद्भुत और अलौकिक मंदिर का निर्माण करवाया था।
      दोस्तों कुछ भी हो यह मंदिर हमारे पूर्वजों का अनुपम धरोहर है ऐसा मंदिर बहुत ही कम  देखने को मिलता है। दोस्तों हमारे पूर्वज इस प्रकार के वास्तुकला और मंदिर निर्माण की कला में बहुत ही निपुण थे तभी तो इस प्रकार के अद्भुत और अलौकिक रहस्यमई मंदिरों का निर्माण पूरे भारतवर्ष में किया था।।










               धन्यवाद दोस्तों 

         माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗

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              English translate
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  Hello friends, I heartily greet all of you mountain lepards Mahendra, Friends, today I am taking you again on my journey to Morena Madhya Pradesh where we will see how a very amazing supernatural and mysterious temple has been haunted by ghosts in one night.  was made.  .  So friends, let's go to Morena Madhya Pradesh on a visit to Lord Shiva's wonderful and supernatural Kakanamath Temple.




 Kakanamath Temple


 Morena, Madhya Pradesh


 India

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 Namaskar Friends Kakanamath Temple is an ancient temple of Lord Shiva located in Morena, Madhya Pradesh. Friends, this temple was built in 11th century by Kushwaha of Gwalior or Maharaja Kirtiraj Kachaghatha of Kachchagha dynasty.

 Friends, Kakanmath Temple at Sihonia in Morena district, about 70 km from Gwalior state, remains a center of attraction among the homegrown foreign tourists due to its amazing and supernatural architecture.  Was known by the name.



 Friends, this temple has been constructed in Khajuraho style because friends this temple is built in North Nagar style.  Because this temple construction rally was known as Uttar Nagar style.  Because the temples were built in the Nagara style during the eighth century, the Friends Kakanamath temple is an excellent specimen of the North Nagar style.












 Friends, all of you will be surprised to know that in this temple choose, mortar and cement are not used at all.  Friends, this temple is amazingly supernatural and mysterious because this temple is made of a special type of stones, because friends are surprising that this type of stone has not been seen in any corner of India till date.  Friends, even the best engineers do not have the answer to how this temple is built.

 Friends, this huge and wonderful temple is really no surprise because friends have not chosen any among the stones of this temple and not all the stones of cement are stacked one on top of the other.  Also, friends, it is truly amazing to see this temple from inside.



 According to local legends, the temple is believed to have been mysteriously constructed by the ghosts in one night, but the friends were made in the morning to build this temple, due to which the ghosts had to leave the temple construction unfinished.  .  Friends, even today, it seems that in looking at this temple, the construction of this temple had remained incomplete.












 But friends historians believe that this temple was built in the 11th century by King Kirtiraj of Kushwaha dynasty.  Friends, historical sources suggest that about 1000 years ago Sihonia used to be the capital of the Kushwaha Rajputs.  Friends, Kirtiraj Kacharagha, the king of this region who ruled during this time, was an ardent devotee of Lord Shiva and his wife was also an ardent devotee of Lord Shiva.  Friends, King Kirtiraj's wife's name was Kakanavati.  The name of this temple was named Kakanmath Temple after him. The queen used to have trouble in worshiping Lord Shiva due to the absence of a pagoda around it at that time, then King Kirtiraj Raj built this wonderful and supernatural temple at the behest of the queen.  Had it done.

 Whatever be the friends, this temple is a unique heritage of our ancestors, such a temple is rarely seen.  Friends, our forefathers were very proficient in this type of architecture and the art of temple construction, then only such amazing and supernatural mystical temples were built all over India.


























 Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra                            🧗🧗












        





  Mountain lappord Mahendra
                      🧗🧗


















     



         

Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...