Friday, December 11, 2020

हमारे नए भारत के लिए नया संसद भवन. New Parliament House for our new India

Ek yatra khajane ki khoje

              

                         नय संसद भवन 
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हमारे नए भारत के लिए नया संसद भवन
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 नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लेपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। 

हमारी संसद देश के जनतांत्रिक मूल्यों की उम्दा अभिव्यक्ति है। इसमें जनता के प्रतिनिधि राष्ट्रीय विधायिका के रूप में संघ की सर्वाधिक शक्तियों का उपयोग करते हैं। इसका हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान है।प्रजातंत्र के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए भारत के लोगों के लिए यह एक आस्था और विश्वास का मंदिर है। दोस्तों जैसा कि आपको जानकारी दे दूं भारत वर्ष 2022 में अपनी स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ मनाएगा। और यह विश्व के सर्वाधिक जीवंत लोकतंत्र में अग्रणी होने की ऐतिहासिक उपलब्धि है। अतः इस अवसर को चिर स्मरणीय बनाने के लिए भारतीयों द्वारा राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में पहली बार लोक संसद का निर्माण किया जा रहा है। और माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसकी आधारशिला रखने जा रहे हैं। एवं यह नया संसद भवन भारतीय जनतंत्र के विकास को दर्शाने के साथ-साथ भारत की आकांक्षाओं को भी प्रतिबिंबित करेगा।

                   जैसा कि दोस्तों आप सभी को पता होगा कि वास्तव में हमारे देश में लोकतंत्र की जड़ें प्राचीन भारत के समय से है।और यह इस उपमहाद्वीप में कई राजवंशों के शासनकाल में शताब्दियों से निर्बाध रूप से विकसित हुई है। मौर्य साम्राज्य के अंतर्गत सशक्त स्थानीय शासकीय निकायों सहित वैदिक काल की जन आधारित सभाओं और समितियों ने हमें लोकतांत्रिक मूल्यों का मूलभूत आधार उपलब्ध  कराया है। हालांकि सल्तनत और मुगल युग  6 शताब्दियों और तत्पश्चात ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन ने भारतीय लोकतंत्र को बहुत कमजोर बना दिया , लेकिन स्वतंत्रता के बाद जनतांत्रिक आदर्शों का शासन के मूलभूत सिद्धांत के रूप में पुनः एकीकरण हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व का महत्वपूर्ण कदम  रहा है ।इस दौरान पराधीनता के काल में बने वर्तमान संसद भवन ने हमारे लोकतंत्र को आधारभूत सुविधा उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जैसा कि दोस्तों संसद भवन के संबंध में पहला सवाल वर्ष 1912 में ब्रिटेन की संसद में उठाया गया था।इसमें राजधानी दिल्ली में विधान परिषद स्थापित करने के लिए अलग भवन का निर्माण करने की व्यवस्था करने के बारे में पूछा गया था।एवं दर्ज ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार वर्तमान संसद परिसर का उद्घाटन वर्ष 1927 में हुआ था , जिसके तीन हाल थे चेंबर ऑफ प्रिंसेस , स्टेट काउंसिल और सेंट्रल लेजिसलेटिव असेंबली जो स्वतंत्रता के पश्चात क्रमशः लाइब्रेरी हॉल  ,राज्यसभा और लोकसभा के रूप में प्रयोग हो रहा है। एवं ऐतिहासिक दस्तावेज बताती है कि बढ़ी हुई आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वर्ष 1956 में इसमें दो अतिरिक्त तल जोड़े गए थे।

दोस्तों आप सभी को पता है कि वर्तमान संसद भवन एक औपनिवेशिक शाही निर्माण है  , जिससे भारत ने सफल लोक आधारित जनतंत्र के  7 से अधिक दशकों में प्रगति की है।  अतः अब जैसे-जैसे राष्ट्र वर्ष 2022 में स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ की ओर बढ़ रहा है , वैसे-वैसे 130 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नए लोक संसद के निर्माण की योजना राष्ट्र के समृद्ध इतिहास में अस्थाई स्मारक के रूप में उभर कर आ रही है। इस भवन की स्थापना भारतीय लोकतंत्र की ऐसी ऐतिहासिक पहल है , जो राष्ट्र की जनता द्वारा , जनता का और जनता के लिए वाले सिद्धांत का अनुपालन करते हुए समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को अक्षुण्ण बनाएगी।

 दोस्तों विश्व इतिहास में ऐसे तमाम उदाहरण है जहां औपनिवेशिक व्यवस्था से स्वतंत्र होकर कई देशों ने ऐसे कार्य किए हैं। जैसा कि वर्ष 1776 में स्वतंत्रता के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका में आजादी के 25 वर्षों के अंदर राजधानी भवन का निर्माण करके वर्ष 1800 में संयुक्त राज्य   कांग्रेस का पहला सत्र आयोजित किया गया था  ।इसी तरह ऑस्ट्रेलिया में वर्ष 1901 में स्वतंत्रता के 87 वर्षों के बाद देश की राजधानी केनबरा  में एक नए लोक संसद भवन का अनावरण किया गया , जो वहां के नागरिकों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। एक और देश ब्राजील में स्वतंत्रता के लगभग 70 वर्षों के बाद 1960 में राष्ट्रीय कांग्रेस भवन का निर्माण किया गया।इन परिवर्तनकारी कार्यो ने विश्व के 3 बड़े लोकतंत्रों 
 के विकास क्रम में अहम भूमिका निभाई ।

अतः ऐसे में दोस्तों भारत के लोगों को प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में में राष्ट्र का गौरव और उत्साह बढ़ाने के लिए स्वतंत्रता के बाद पहली बार अपने लोक संसद भवन के निर्माण के लिए एक साथ खड़ा होना चाहिए। क्योंकि नया संसद भवन भारतीय लोकतंत्र के लिए ना केवल एक प्रतीक का कार्य करेगा  , बल्कि यह भी इंगित करेगा कि कैसे देश ने अत्याधुनिक भवन निर्माण की दिशा में प्रगति की है। दोस्तों यह नए भारत का प्रतिरूप होने से साथ-साथ नए भारत के विजन का एक अहम अंग भी होगा। आपको बता दूं कि इसमें वर्ष 2022 में संसद के शीतकालीन सत्र का आयोजन किया जाएगा। खास बात यह है कि संसद परिसर में वर्तमान संसद भवन और त्रिकोणीय आकार का नया भवन आपस में जुड़े होंगे , जिसमें राष्ट्रीय विधायिका का प्रभावी संचालन हो सकेगा। एवं यह भारतीय लोकतंत्र की बढ़ती हुई क्षमता को प्रदर्शित करेगा। नए संसद का डिजाइन और इसकी आंतरिक सज्जा भारतीय मूल्य और क्षेत्रीय कलाओं  ,शिल्पो और संस्कृति की अनूठी विविधताओं से ओतप्रोत होगी। एवं इसका लोकसभा सदन मौजूदा लोकसभा से 3 गुना बड़ा होगा। लोकसभा और राज्यसभा में संसद सदस्यों के लिए उच्च स्तर की सुरक्षा के साथ-साथ उत्तम गुणवत्ता वाली ध्वनि , दृश्य -श्रव्य सुविधाएं तथा सुरक्षित आपातकालीन निकासी की व्यवस्था होगी। इस भवन का आसानी से रख -रखाव और संचालन भी किया जा सकेगा। 

एवं दोस्तों वर्ष 2024 तक प्रत्येक संसद सदस्य के लिए अलग-अलग चेंबर भी बनाया जाएगा।एवं इसमें प्रत्येक सांसद को संसद परिसर में अपने कार्यालय के लिए पर्याप्त जगह होगी, जिससे वे सम्मानजनक तरीके से अपने निर्वाचन क्षेत्र के व्यक्ति या अन्य से मिलकर चर्चा कर सकेंगे। इनके अतिरिक्त सांसदों के लिए चेंबर ,संसद एनेक्सी और पुस्तकालय भवन को मिलाकर एक लेजिसलेटिव एनक्लेव बनेगा , जो हमारे लोकतंत्र के आधुनिक कॉलेजियम के रूप में प्रतिष्ठित होगा। ऐसा देखा जाता है कि कुल मिलाकर सेंट्रल विस्टा की विरासत का संरक्षण करते हुए नया संसद भवन नए भारत की भावी  मांगों का समाधान करेगा । 
अतः दोस्तों हमें गर्व करना चाहिए कि नए भारत के लिए नया संसद भवन बनकर तैयार होने वाला है।

                      धन्यवाद दोस्तों आज के लिए बस इतना ही

               माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा

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       English translate
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New Parliament House for our new India

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 Hello friends I heartily congratulate all of you on the mountain leopard Mahendra.


 Our Parliament is a great expression of the democratic values ​​of the country.  In this, representatives of the public exercise the highest powers of the Union as the national legislature.  It has an important place in our democratic system. It is a temple of faith and faith for the people of India to uphold the principles of the nation.  Friends, as I inform you, India will celebrate the 75th anniversary of its independence in the year 2022.  And it is a historic achievement to be the leader in the world's most vibrant democracy.  Therefore, to make this occasion memorable, for the first time a Lok Parliament is being built by Indians in the national capital, New Delhi.  And Honorable Prime Minister Narendra Modi is going to lay the foundation stone for this.  And this new parliament building will reflect the development of Indian democracy as well as the aspirations of India.


 As friends all of you may know that democracy in our country has its roots in ancient India in fact, and it has developed seamlessly for centuries in the reign of many dynasties in this subcontinent.  Under the Mauryan Empire, the mass local public bodies and committees of the Vedic period, including the strong local government bodies, have provided us with the basic basis of democratic values.  Although the Sultanate and Mughal era 6 centuries and the subsequent British colonial rule made Indian democracy very weak, the re-integration of democratic ideals as a fundamental principle of governance after independence has been an important step of our national leadership.  The present Parliament House built during the period has played an important role in providing basic amenities to our democracy.  As the first question regarding the Friends Parliament House was raised in the UK Parliament in the year 1912, it was asked about arranging for the construction of a separate building to establish the Legislative Council in the capital Delhi.  According to the present Parliament complex was inaugurated in the year 1927, the three halls of which were the Chamber of Princes, the State Council and the Central Legislative Assembly which are being used as Library Hall, Rajya Sabha and Lok Sabha respectively after independence.  And historical documents show that two additional floors were added to it in the year 1956 to meet the increased requirements.


 Friends, you all know that the present Parliament House is a colonial imperial construction, from which India has progressed in more than 7 decades of successful public based democracy.  Therefore, as the nation is moving towards the 75th anniversary of independence in the year 2022, the plan for the creation of a new Lok Parliament to fulfill the aspirations of 130 crore Indians as a temporary monument in the rich history of the nation.  Is emerging  The establishment of this building is such a historic initiative of Indian democracy, which will make the rich cultural diversity intact by following the principle of the people of the nation, the people and the people.


 Friends, there are many examples in world history, where many countries have done such things independent of the colonial system.  As the first session of the United States Congress was held in the year 1800 by building a capital building within 25 years of independence in the United States after independence in the year 1776. Similarly in Australia after 87 years of independence in the year 1901.  A new Lok Parliament building was unveiled in Canberra, the country's capital, which is a center of attraction for its citizens and tourists.  After 70 years of independence in another country Brazil, the National Congress building was built in 1960. These transformative works have led to the creation of 3 major democracies of the world.

 Played an important role in the development order of


 Therefore, Friends, the people of India should stand together for the construction of their Lok Parliament House for the first time since Independence, under the able leadership of Prime Minister Modi, to increase the pride and enthusiasm of the nation.  Because the new Parliament House will not only act as a symbol for Indian democracy, but it will also indicate how the country has progressed towards the construction of state-of-the-art buildings.  Friends, this will be an important part of the vision of a new India along with being a model of the new India.  Let me tell you that the Winter Session of Parliament will be organized in the year 2022.  The special thing is that the present Parliament House and a new building of triangular shape will be interlinked in the Parliament complex, in which the national legislature will be effective.  And it will show the growing potential of Indian democracy.  The design of the new parliament and its interiors will be dotted with unique variations of Indian values ​​and regional arts, crafts and culture.  And its Lok Sabha House will be 3 times larger than the current Lok Sabha.  The Lok Sabha and Rajya Sabha will have a high level of security as well as sound quality audio-visual facilities and safe emergency evacuation for Members of Parliament.  This building can also be easily maintained and operated.


 And friends, a separate chamber will also be created for each Member of Parliament by the year 2024. And in this, every MP will have enough space for his office in the Parliament premises, so that he can respectfully discuss with the person or other of his constituency.  Will be able to  In addition to this, there will be a Legislative Enclave for MPs, including the Chamber, Parliament Annexe and Library Building, which will be distinguished as the modern collegium of our democracy.  It is seen that while preserving the heritage of Central Vista overall, the new Parliament House will address the future demands of the new India.

 So friends, we should be proud that a new parliament building is going to be ready for a new India.


 Thanks guys that's all for today


 Mountain Leopard Mahendra

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