Wednesday, July 22, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग - कैलाश मंदिर वेरूल महाराष्ट्र (भारत). A Journey with Mountain Leopard Mahendra - Kailash Temple Verul Maharashtra (India)

Ek yatra khajane ki khoje


नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं।  



               कैलाश मंदिर वेरूल महाराष्ट्र
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                               ताजमहल से सेकड़ों साल पहले 40 हजार टन पथ्थर काटकर 13 मंजिली हिन्दू अजूबा बना जिसमे 200 साल और 10 पीढियां लगी , निर्माण हमेशा नीचे से ऊपर होता है , लेकिन कैलाश मंदिर ऊपर से नीचे समूचा पहाड़ काटकर बनाया गया एकाश्मक चट्टान को काटकर 13 मंजिली गुफा निर्माण पद्धति भारत के अलावा और कही नही है । ये मंदिर महाराष्ट्र के वेरुल में है।
हर हर महादेव

                            धन्यवाद दोस्तों

             माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा
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English translate
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Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.




 Kailash Temple Verul Maharashtra

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 Hundreds of years before the Taj Mahal, a 13-story Hindu wonder was built by cutting 40 thousand tons of stone, which took 200 years and 10 generations, the construction is always from the bottom up, but the Kailash temple was built by cutting the entire mountain from the top down to the monolithic rock cut 13-story cave building  The method is nowhere other than India.  This temple is in Verul, Maharashtra.

 Everywhere Shiva


 Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra

























            
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Tuesday, July 21, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग_ कौओं की गुफा ( krubera cave 2197 मीटर गहराई ) Abkhazia

Ek yatra khajane ki khoje

मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं। 



                Kurbera cave  (Abkhazia) 
                 ब्लैक सागर के तट पर
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               2197 मीटर गहरी
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                 #कौओं_की_गुफा
#krubera_cave धरती कि अभी तक ज्ञात सबसे गहरी गुफा है।  इसकी गहराई 2197 मीटर ( 7208 फीट ) है। Krubera Cave ब्लैक सागर के तट पर #Abkhazia में स्थित है।

इसका मतलब होता है कौओं की गुफा, इसको यह नाम इसलिय मिला क्योकि जब 1980 में जब प्रथम बार इस गुफा में प्रवेश किया गया तो वहाँ पर कौओं के बहुत सारे घोसलें बने हुए थे।

इस गुफा के अंदर प्राचीन कई #शिवलिंग मिले हैं जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि बहुत पुराने समय से ही शिव संप्रदाय अस्तित्व में था Krubera Cvae का अन्वेषण बहुत ही मुश्किल है क्योकि एक तो यहाँ पर साल के केवल 4 महीने ही जाया जा सकता है और दूसरा  Abkhazia में राजनितिक हालात खराब रहते है इसलिए परमिशन आसानी से नहीं मिलती है। 

Abkhazia ने 1999 में अपने आप को #जॉर्जिया से अलग स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया जबकि जॉर्जिया अभी भी इसे अपना हिस्सा मानता है।🔱

          धन्यवाद दोस्तों

       माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा
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                         English translate
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I extend my hearty greetings to all of you guys at Mountain Leopard Mahendra.




 Kurbera cave (Abkhazia)

 On the banks of the black sea

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 2197 m deep

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 # Crows_guy

 #krubera_cave is the deepest cave that the earth has ever known.  Its depth is 2197 meters (7208 ft).  Krubera Cave is located on the banks of the Black Sea in #Abkhazia.


 It means the cave of crows, it got its name because when it entered the cave for the first time in 1980, there were lots of crows in it.


 Many ancient #Shiva lingas have been found inside this cave which confirm that the Shiva sect existed since very old times, the exploration of Krubera Cvae is very difficult because one can only visit here only 4 months of the year.  And the second is the political situation in Abkhazia is poor, so permissions are not easily met.


 Abkhazia declared itself a separate independent nation from #Georgia in 1999 while Georgia still considers it her part.


 Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra

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Monday, July 20, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग_ विट्ठल स्वामी मंदिर हम्पी कर्नाटक भारत. Vitthal Swamy Temple Hampi Karnataka India with a journey Mountain Leopard Mahendra

Ek yatra khajane ki khoje


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नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं।

                   हमारी सर्वश्रेष्ठ सांस्कृतिक धरोहर
                        विट्ठल स्वामी मंदिर हम्पी कर्नाटक
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विट्ठल स्वामी मंदिर,हम्पी,कर्णाटक

हंपी यानी विजयनगर सम्राज्य के सबसे बेहतरीन मंदिरों में सेे एक है विट्ठल स्वामी का मंदिर। विट्टलस्वामी मंदिर भगवान विष्णु का मंदिर है। यह हंपी के मंदिरों में अनूठा स्थान रखता है। यह हंपी के बाकी स्मारकों से थोड़ी दूर पूर्वोत्तर में पहाड़ी पर स्थित है। मंदिर जाने के रास्ते में सड़क पर एक चेक पोस्ट आता है, यह 16वीं सदी का ही बना हुआ है। ऐसे कई चेक पोस्ट विजय नगर सम्राज्य में बने हुए थे। यहां से गुजरने वालों लोगों के पहचान की जांच की जाती थी। 

विट्ठल स्वामी का यह मंदिर अपनी अदभुत वास्तुकला, गोपुरम, पत्थर के विशाल रथ और सारेगामा स्तंभों के लिए प्रसिद्ध है। विट्ठल मंदिर तक जाने के लिए कच्चा इको फ्रेंडली रास्ता है। मंदिर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। रास्ते में पुराने बाजार की संरचना और कुछ हौज दिखाई देते हैं। मंदिर के बाहर एक विशाल रथ दिखाई देता है।

मंदिर का निर्माण-  विट्ठल मंदिर का निर्माण देवराय द्वितीय के काल में 1422 से 1446 के मध्य हुआ। पूरब की ओर मुख्य द्वार वाले इस मंदिर को एक विशाल चबूतरे पर बनवाया गया है। हंपी के कई शिव मंदिरों के बीच यह विष्णु का मंदिर अपना अलग स्थान रखता है। 

सारेगामा स्तंभ से सुनें संगीत -  विट्ठल मंदिर परिसर में बाद में राजा कृष्णदेव राय द्वारा 1513 के आसपास यहां 100 खंबों वाले मंडप का निर्माण कराया गया। इन स्तंभों की खास बात है कि इनको ताड़ित करने  पर संगीत की स्वर लहरियां सुनाई देती हैं। इन स्तंभों से तब की वैज्ञानिक तकनीक का पता चलता है जब पत्थरों से निकलते संगीत की रचना की गई होगी। कई लोग इसलिए इन स्तंभों को सारेगामा स्तंभ के नाम से भी जानते हैं।

यहां विजयनगर की मंदिर निर्माण शैली का उत्कर्ष दिखाई देता है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर आपको गाइड मिलते हैं जो मंदिर कलात्मकता बारे में बताने की बात करते हैं। मंदिर परिसर में मुख्य गोपुरम से प्रवेश करने के बाद हमें कल्याण मंडप और उत्सव मंडप दिखाई देता है। मंदिर में प्रवेश के लिए कुल तीन गोपुरम बने हैं।

मंदिर में पत्थरों का बना विशाल रथ 
विट्ठल स्वामी के मंदिर परिसर में पत्थरों का बना एक विशाल रथ भी आपको चकित करता है। ये रथ इस मंदिर का मुख्य आकर्षण है। किसी समय में इस रथ के पहियों को घुमाया भी जा सकता था, पर अब इसे संरक्षित रखने के लिए पहियों को सीमेंट से जाम कर दिया गया है। आते जाते लोगों के लिए रथ बड़े आकर्षण का केंद्र है। इसके निर्माण का शिल्प देखने लायक है। मंदिर के पास विशाल पुष्करिणी (तालाब) भी निर्मित किया गया है।


                            धन्यवाद दोस्तों 

      माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा
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 Our Best Cultural Heritage

 Vitthal Swamy Temple Hampi Karnataka

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 Vitthal Swamy Temple, Hampi, Karnataka
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 Hampi means one of the best temples of the Vijayanagara Empire is the temple of Vitthal Swamy.  Vittalaswamy Temple is the temple of Lord Vishnu.  It holds a unique place in the temples of Hampi.  It is located on a hill in the northeast, slightly away from the rest of Hampi's monuments.  On the way to the temple, a check post comes on the road, it remains from the 16th century.  Many such check posts remained in the Vijay Nagar empire.  The identities of the people passing through here were examined.


 This temple of Vitthal Swami is famous for its marvelous architecture, gopurams, huge stone chariots and Saregama pillars.  There is a raw eco friendly way to reach the Vitthal temple.  The temple is situated on a high hill.  The old market structure and some huts are visible on the way.  A huge chariot appears outside the temple.


 Construction of the temple- The Vitthal temple was built between 1422 to 1446 during the reign of Devaraya II.  This temple with the main gate towards the east is built on a huge platform.  This Vishnu temple has its own place among many Shiva temples in Hampi.


 Listen to music from the Saregama Pillar - A 100-pillared pavilion was built here around 1513 by King Krishnadeva Raya in the Vitthal temple complex.  The special thing of these pillars is that on listening to them, the sound of music is heard.  These pillars reveal the scientific technique when the music emanating from the stones would have been composed.  Many people therefore also know these pillars by the name of Saregama Pillar.


 The climax of the temple construction style of Vijayanagar is seen here.  At the entrance of the temple you find guides who talk about the artistry of the temple.  After entering the temple complex from the main gopuram, we see the Kalyan Mandap and the Utsav Mandap.  A total of three gopurams have been built to enter the temple.


 The huge chariot of stones in the temple

 A huge chariot made of stones in the temple complex of Vitthal Swamy also surprises you.  This chariot is the main attraction of this temple.  The wheels of this chariot could also be rotated at some time, but now the wheels have been jammed with cement to preserve it.  The chariot is a center of great attraction for the visiting people.  The craft of its construction is worth seeing.  A huge Pushkarini (pond) has also been constructed near the temple.



 Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra




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Sunday, July 19, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग_ शंख का स्वास्थय धर्म और ज्योतिष में उपयोग। A travel mountain with leopard Mahendra's use of conch in health, religion and astrology

Ek yatra khajane ki khoje

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नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं।


                       भारतीय शंख 
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                       #शंख_का_स्वास्थय_धर्म_और_ज्योतिष_में_उपयोग-
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▪️स्वास्थ्य में महत्व :

१-👉शंख की आकृति और पृथ्वी की संरचना समान है नासा के अनुसार - शंख बजाने से खगोलीय ऊर्जा का उत्सर्जन होता है जो जीवाणु का नाश कर लोगो को ऊर्जा व् शक्ति का संचार करता है 

२-👉शंख में १००% कैल्शियम है इसमें रात को पानी भर के पीने से कैल्शियम की पूर्ति होती है 

३-👉शंख बजाने से योग की तीन क्रियाए एक साथ होती है - कुम्भक, रेचक, प्राणायाम 

४-👉शंख बजाने से हृदयाघात, रक्तचाप की अनियमितता, दमा, मंदाग्नि में लाभ होता है 

५-👉शंख बजाने से फेफड़े पुष्ट होते है 

६-👉शंख में पानी रख कर पीने से मनोरोगी को लाभ होता है उत्तेजना कम होती है 

७-👉शंख की ध्वनि से दिमाग व् स्नायु तंत्र सक्रिय रहता है 

▪️धार्मिक महत्व :

८ 👉दक्षिणावर्ती शंख को लक्ष्मी स्वरुप कहा जाता है इसके बिना लक्ष्मी जी की आराधना पूरी नहीं मानी जाती 

९ 👉समुन्द्र मंथन के दौरान १४ रत्नो में से ये एक रत्न है सुख- सौभाग्य की वृद्धि के लिए इसे अपने घर में स्थापित करे 

१० 👉 शंख में दूध भर कर रुद्राभिषेक करने से समस्त पापों का नाश होता है 

११ 👉घर में शंख बजाने से नकारात्मक ऊर्जा का व् अतृप्त आत्माओ का वास नहीं होता 

१२ 👉दक्षिणावर्ती शंख से पितरो का तर्पण करने से पितरो की शांति होती है 

१३ 👉शंख से स्फटिक के श्री यन्त्र अभिषेक करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है 

▪️ ज्योतिषीय महत्व :

१४ 👉सोमवार को शंख में दूध भर कर शिव जी को चढाने से चन्द्रमा ठीक होता है 

१५ 👉मंगलवार को शंख बजा कर सुन्दर काण्ड पढ़ने से मंगल का कुप्रभाव काम होता है 

१६ 👉शंख में चावल भर के रखे और लाल कपडे में लपेट कर तिजोरी में रखये माँ अन्नपूर्णा की कृपा बनी रहती है 

१७ 👉बुधवार को शालिग्राम जी का शंख में जल व तुलसी जी डाल कर अभिषेक करने से बुध ग्रह ठीक होता है 

१८👉शंख को केसर से तिलक कर पूजा करने से भगवन विष्णु व् गुरु की प्रसन्ता मिलती है 

१९ 👉शंख सफ़ेद कपड़े में रखने से शुक्र ग्रह बलवान होता है 

२० 👉शंख में जलभर कर सूर्ये देव को अर्घ्य देने से सूर्य देव प्रस्सन होते है।🙏🏼साभार🙏🏼

🙏🏼ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः 🚩


वैदिक साइंस

                 धन्यवाद दोस्तों

    माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा

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Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.



 Indian Conch

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 # In conch_ca_health_dharma_and_jyotish_

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 Importance in health:


 1- The shape of the shell and the structure of the Earth is the same, according to NASA - ringing a conch emits astronomical energy which destroys bacteria and transmits energy and power to people.


 2-Shankh has 100% calcium, it is filled with calcium by drinking water throughout the night.


 Playing 3-8 shankhas together performs three activities of yoga - kumbhak, laxative, pranayama


 7-ringing is beneficial in heart attack, irregularity of blood pressure, asthma, retardation.


 Playing 5-8 shells makes the lungs strong.


 Drinking water in a conch shell is beneficial to the psychiatrist.


 The brain and nervous system are activated by the sound of 8-shell


 Religious importance:


 क्ष The south-facing conch is called Lakshmi Swaroop, without this the worship of Lakshmi is not considered complete.


 This is one of the 14 jewels during the 7 th moon day and should be installed in your house for the increase of happiness and good luck.


 Rudraabhisheka by filling milk in 10 conch shells destroys all sins


 Playing conch shells in 119 house does not dwell with negative energies.


 129 The offering of ancestors with a conch shell is the peace of the ancestors.


 139 Abhishek of sphatika with Sri Yantra achieves Lakshmi.


 ▪️ Astrological importance:


 The moon is cured by filling Shiva with milk in the conch on 16 th Monday


 Reading Sundara Kand by ringing a conch on Tuesday, the ill effects of Mars work


 Keep the rice filled in 179 shells and wrap it in red cloth and keep it in the vault, the grace of Mother Annapurna remains.


 On the 14th of Wednesday, anointing of Saligram ji with water and Tulsi ji in the conch is cured by Mercury.


 Worshiping 16 Shankh with saffron gives blessings to Lord Vishnu and Guru.


 Putting 19 shells in white cloth makes Venus planet strong


 By offering water to Surya Dev in 209 Sankha, Sun God is pleased.


 Om Namo Bhagwate Vasudevaya Namah



 Vedic Science


 Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra

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Saturday, July 18, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग_ हाबूर _पत्थर ( राजस्थान _जैसलमेर भारत). A journey with mountain leopard Mahendra_Habur_Pathar (Rajasthan _Jaisalmer India)

Ek yatra khajane ki khoje

नमस्कार दोस्तों माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं।

                 चमत्कारी हाबूर  पत्थर
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                     #हाबूर_पत्थर
गजब हैं !!!!!!
मेरी धरती मैया
दही जमा देनें वाला
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#दही जमाने के लिए लोग अक्सर जामन ढूंढ़ते नजर आते हैं... वहीं राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित इस गांव में जामन की जरूरत नहीं पड़ती है......यहां ऐसा पत्थर है जिसके संपर्क में आते ही दूध जम जाता है... इस पत्थर पर विदेशों में भी कई बार रिसर्च हो चुकी है...फॉरेनर यहां से ले जाते हैं इस पत्थर के बने बर्तन..........। 

स्वर्णनगरी जैसलमेर का पीला पत्थर विदेशों में अपनी पहचान बना चुका है... इसके साथ ही जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर स्थित हाबूर गांव का पत्थर अपने आप में विशिष्ट खूबियां समेटे हुए है.......इसके चलते इसकी डिमांड निरंतर बनी हुई है.....हाबूर का पत्थर दिखने में तो खूबसूरत है ही, साथ ही उसमें दही जमाने की भी खूबी है... इस पत्थर का उपयोग आज भी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में दूध को जमाने के लिए किया जाता है... इसी खूबी के चलते यह विदेशों में भी काफी लोकप्रिय है..इस पत्थर से बने बर्तनों की भी डिमांड बढ़ गई है.....। 

कहा जाता है कि जैसलमेर पहले अथाह समुद्र हुआ करता था और कई समुद्री जीव समुद्र सूखने के बाद यहां जीवाश्म बन गए व पहाड़ों का निर्माण हुआ.. हाबूर गांव में इन पहाड़ों से निकलने वाले इस पत्थर में कई खनिज व अन्य जीवाश्मों की भरमार है  !!

 जिसकी वजह से इस पत्थर से बनने वाले बर्तनों की भारी डिमांड है। साथ ही वैज्ञानिकों के लिए भी ये पत्थर शोध का विषय बन गया है... इस पत्थर से सजे दुकानों पर बर्तन व अन्य सामान पर्यटकों की खास पसंद होते हैं और जैसलमेर आने वाले वाले लाखों देसी विदेशी सैलानी इसको बड़े चाव से खरीद कर अपने साथ ले जाते हैं.........।

▪️क्यों है खास 
▪️हाबूर का पत्थर

इस पत्थर में दही जमाने वाले सारे कैमिकल मौजूद है... विदेशों में हुए रिसर्च में ये पाया गया है कि इस पत्थर में एमिनो एसिड, फिनायल एलिनिया, रिफ्टाफेन टायरोसिन हैं... ये कैमिकल दूध से दही जमाने में सहायक होते हैं... इसलिए इस पत्थर से बने कटोरे में दूध डालकर छोड़ देने पर दही जम जाता है…. इन बर्तनों में जमा दही और उससे बनने वाली लस्सी के पयर्टक दीवाने हैं... अक्सर सैलानी हाबूर स्टोन के बने बर्तन खरीदने आते हैं... इन बर्तनों में बस दूध रखकर छोड़ दीजिए, सुबह तक शानदार दही तैयार हो जाता है, जो स्वाद में मीठा और सौंधी खुशबू वाला होता है... इस गांव में मिलने वाले इस स्टोन से बर्तन, मूर्ति और खिलौने बनाए जाते हैं... ये हल्का सुनहरा और चमकीला होता है.. इससे बनी मूर्तियां लोगों को खूब अट्रैक्ट करती हैं........!!!!



             धन्यवाद दोस्तों

      माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा



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Hello Friends, Mountain Leopard Mahendra I extend my heartiest greetings to all of you.


 Miraculous Habur stone

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 # Haboor_ stone

 Awesome !!!!!!

 My earth

 Curdier

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 # People are often looking for sourdough to establish curd… Whereas in this village situated in Jaisalmer district of Rajasthan, there is no need for jaman …… There is a stone here, which comes in contact with milk.  ... Research has been done on this stone many times abroad ... Foreigners carry the utensils made of this stone ...........


 The yellow stone of Swarnagarni Jaisalmer has made its mark abroad ... Along with this, the stone of Habur village, located 40 km from the district headquarters, has its own unique features ....... Due to this, its demand has remained constant.  It has been… ..Habur's stone is not only beautiful in appearance, but it also has the ability to establish curd… This stone is still used to freeze milk in the rural areas of the district ..  Due to this quality, it is very popular in foreign countries too .. The demand for this stone utensil has also increased….


 It is said that Jaisalmer used to be a bottomless sea and many sea creatures became fossils and mountains were formed after the sea dried up. This stone originating from these mountains in the village of Habur is full of many minerals and other fossils!  !


 Because of which there is a huge demand for pots made from this stone.  At the same time, this stone has become a subject of research for scientists as well… Pottery and other items are a special choice of tourists at shops adorned with this stone and millions of foreign foreign tourists coming to Jaisalmer buy it with great fervor.  Carry ……….


 Why are you special

 बHABUR STONE


 This stone contains all the chemicals that make yogurt ... In research done abroad, it has been found that this stone contains amino acids, phenyl alinea, riftafen tyrosine ... These chemicals are helpful in making yogurt from milk ..  Therefore, after putting milk in a bowl made of this stone, curd freezes….  There are tourists crazy about the yogurt stored in these utensils and the lassi made from it… Often the tourists come to buy utensils made of habur stone… Just leave milk in these utensils, by the morning the splendid curd is prepared, which tastes  It has a sweet and fragrant fragrance ... Utensils, idols and toys are made from this stone found in this village ... It is light golden and shiny .. The idols made of it attract people a lot ..  ...... !!!!




 Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra




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Friday, July 17, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग-प_ प्राचीन शिव मंदिर kulumalagai पंचायत तामिलनाडु भारत. A visit to the mountain Leopard Mahendra along with the ancient Shiva temple kulumalagai panchayat tamilnadu india

Ek yatra khajane ki khoje






                   UFO के  द्वारा बना प्राचीन शिव मंदिर
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                        हजारो सालों पहले बना यह #शिवमंदिर ....
क्या वास्तव में मानवों द्वारा निर्मित है ...? 
यह मंदिर तमिलनाडु के Kulumalagai पंचायत में स्तिथ है । यह मंदिर एक ही पहाड़ को काटकर बना है ! पहाड़ो पर तो यह मंदिर है ही ....
लेकिन यह मंदिर पहाड़ो को काटकर भी उससे भी नीचे २५ फिट गहरा है ...!
क्या यह मंदिर किसी मानव द्वारा निर्मित लगता भी है ...? 
या फिर यह कोई UFO है ...? 
अंग्रेजी चैनल पर एक सीरीज चलाई गई थी  #Ancient_alians  
अर्थात प्राचीन परग्रही ...!
जो धरती पर आते थे ! हमारे प्रत्येक पुराणों में देवताओं का अन्य लोको से आना लिखा है, हमारे प्रत्येक पुराणों धर्मग्रंथों आदि में वर्णित है, देवता अपना विमान लेकर आते थे, ओर वह हवा से भी ज़्यादा तेज गति से चलने वाले होते थे, की पलक झपकते ही आंखों से ओझल ...!
महाभारत में वेदव्यास पांडवों से जब भी मिलने आते है, उनका आना भी अचानक,और जाना भी अचानक ही होता था ...!
क्यों न गर्व हो अपने सनातन संस्कृति पर 
#जयश्रीराम  🚩🚩🚩



                         धन्यवाद दोस्तों

              माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा


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                 Ancient Shiva temple built by UFO

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 This #Shivamandir was built thousands of years ago ....

 Is it really created by humans ...?

 The temple is located in the Kulumalagai Panchayat in Tamil Nadu.  This temple is made by cutting a single mountain!  There is this temple on the mountains…

 But this temple is 25 feet deep even after cutting the hills ...!

 Does this temple seem to be built by any human…?

 Or is it some UFO ...?

 A series was run on the English channel #Ancient_alians

 That is, ancient aliens ...!

 Who used to come to the earth!  In each of our Puranas, the deities are written to come from other locos, in each of our Puranas, it is mentioned in the scriptures etc., the deity used to bring his plane, and he was going to move faster than the wind, that in the blink of an eye it would disappear.  ...!

 In the Mahabharata, whenever the Ved Vyas come to meet the Pandavas, they used to come suddenly, and they also used to go suddenly…!

 Why not be proud of your eternal culture

 # Jayashreeram 🚩🚩🚩




 Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra






Thursday, July 16, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग-- विद्या शंकर मंदिर -1338 ई. प्राचीन विजय नगर साम्राज्य। A Journey with Mountain Leopard Mahendra - Vidya Shankar Temple - 1338 AD Ancient Vijay Nagar Empire

Ek yatra khajane ki khoje

















           प्राचीन विद्या शंकर मंदिर कि यात्रा पर
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       नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं।


                  श्रृंगेरी कि यात्रा पर, यात्रियों को विद्या शंकर मंदिर को जाने 'की सिफारिश करते हैं' जो विद्याशंकारा के लिए समर्पित है। इस तीर्थ स्थल का निर्माण 1338 ई. में विद्यारान्य, नाम के एक ऋषि द्वारा किया गया था जो विजयनगर साम्राज्य, के संस्थापकों के लिए संरक्षक थे और 14 वीं सदी में यहाँ रहते थे।यह मंदिर द्रविड़, चालुक्य, दक्षिणी भारतीय और विजयनगर स्थापत्य शैली को दर्शाता है। पर्यटक कई शिलालेख देख सकते हैं जो विजयनगर साम्राज्य के योगदान को दर्शाती है।















इस आयताकार मंदिर में 12 खंभे शामिल हैं जो कि राशि चक्र के खंभे के रूप में प्रसिद्ध हैं। इन सभी स्तंभों बारह राशियों की नक्काशियों प्रदर्शित किये गए हैं, जिनकी रूपरेखा खगोलीय अवधारणाओं को विचार में रखकर किए गए थे। इन पर सौर चिन्ह बनें हुए हैं । हर सुबह जब सूर्य की किरणें मंदिर में प्रवेश करती हैं तो वे वर्ष के वर्तमान मास का संकेत देने वाले एक विशेष स्तम्भ से टकराती हैं....
है ना आश्चर्य...

एक गर्भाग्रिहा, जहां देवी दुर्गा और भगवान विद्या गणेश की मूर्तियों को देखा जा सकता है, मंदिर में मौजूद है। इसके अलावा, भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान महेश्वर की मूर्तियां, उनके पत्नियों की मूर्तियों के साथ गर्भाग्रिहा में देखे जा सकता है।

मंदिर के केन्द्रीय छत कि एक अन्य प्रमुख विशेषता यह है कि इस्पे सुंदर वास्तुकला प्रदर्शित कि गयी है। इस स्थल पर छते ढालवां मोड़ा के लिए जाने जाते है। मंदिर के तहखाने में भगवान शिव, भगवान विष्णु, दसावतार, शंमुखा, देवी काली और विभिन्न प्रकार के जानवरों के सुंदर आंकड़े स्थापित किये गये हैं। यह मंदिर विद्यातिर्था रथोत्सव के उत्सव के लिए जाना जाता है जो कि कार्तिक शुक्ल पक्ष के दौरान आयोजित किया जाता है।














कहां जाता है कि आगे चलकर इसी साम्राज्य में कृष्णदेव राय राजा बना और उसकी महानता, शौर्य, पौरूष, औजस्व और पराक्रम का अंदाज हम बाबर की आत्मकथा से लगा लगा सकते हैं ।
16 वीं शताब्दी में जब बाबर भारत आया तो वो लिखता हैं "इस समय भारत में 2 काफिर रियासतें हैं और 5 मुस्लिम रियासतें हैं, इनमें सबसे शक्तिशाली दक्षिण का राजा कृष्णदेव राय हैं और उसे हरा करने योग्य शक्ति मुझमें नहीं है"
इस कथन से बाबर की विवश्ता और बेबसी दोनों का पता चलता हैं।
और ध्यान रखिएगा... ये मध्यकालीन भारत की बात हैं, जिस समय इस्लामिक शक्ति अपने चर्म पर थी।
लेकिन... इसके बाद भी कुछ लोग हिंदू संस्कृति का और हिन्दू सभ्यता का उपहास उड़ाते हैं... वो सभी दुरात्मा बस ये बता दे कि और किस धर्म में हिन्दू (सनातन) धर्म से अधिक करूणा, दया, शौर्य, साहस, पराक्रम, औजस्व और कर्तव्यपरायणता रही हैं।

                           धन्यवाद दोस्तों

           माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा














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English translate
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Visit of ancient Vidya Shankar temple

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 Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.












 On the journey to Sringeri, travelers recommend 'going' to the Vidya Shankar temple which is dedicated to Vidyashankara.  This pilgrimage site was built in 1338 AD by a sage named Vidyaranya, a patron to the founders of the Vijayanagara Empire, and lived here in the 14th century.  Shows.  Tourists can see many inscriptions that show the contribution of the Vijayanagara Empire.


 This rectangular temple consists of 12 pillars which are famous as the pillars of the zodiac.  All these pillars are displayed carvings of twelve zodiac signs, which were designed keeping in mind the astronomical concepts.  There are solar signs on them.  Every morning when the rays of the sun enter the temple, they collide with a special pillar indicating the current month of the year….

 No wonder…
















 A garbhagriha, where idols of Goddess Durga and Lord Vidya Ganesha can be seen, is present in the temple.  Also, idols of Lord Brahma, Lord Vishnu and Lord Maheshwara, along with the idols of their wives can be seen in Garbhagriha.


 Another prominent feature of the central roof of the temple is that it has beautiful architecture displayed.  This site is known for Chhata Dhawan Moda.  Beautiful figures of Lord Shiva, Lord Vishnu, Dasavatara, Shanmukha, Devi Kali and various types of animals are installed in the basement of the temple.  This temple is known for the celebration of Vidyatirtha Rathotsava which is held during Kartik Shukla Paksha.












 Where does it go that later in this kingdom, Krishnadeva Raya became the king and we can guess his greatness, valor, valor, courage and might from the autobiography of Babur.

 When Babur came to India in the 16th century, he writes "India currently has 2 Kafir princely states and 5 Muslim princely states, among them the most powerful king of the south is Krishnadeva Raya and I do not have the power to defeat it".

 This statement reveals both Babur's authority and helplessness.

 And take care ... This is the talk of medieval India, at which time Islamic power was at its talon.

 But ... Even after this, some people ridicule Hindu culture and Hindu civilization ... All those misdeeds just tell that and in which religion more compassion than Hindu (Sanatan) religion, mercy, valor, courage, valor  , Has been virtuous and dutiful.


 Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra






































Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...