Wednesday, April 28, 2021

एक यात्रा शेष शैया पर सोए भगवान विष्णु की अति प्राचीन मूर्ति की खोज में , शेषशाई विष्णु बांधवगढ़ मध्य प्रदेश भारत A journey in search of an ancient statue of Lord Vishnu sleeping on Shesha Shaya, Sheshai Vishnu Bandhavgarh Madhya Pradesh India.

Ek yatra khajane ki khoje


















                 भगवान विष्णु की अति प्राचीन मूर्ति

              Very ancient idol of Lord Vishnu









  नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं , मध्य प्रदेश के घने जंगलों में स्थित बांधवगढ़ की यात्रा पर जहां हम देखेंगे एक रहस्यमई किले में स्थित शेषशय्या पर सोए भगवान विष्णु की अति प्राचीन मूर्ति को।









    शेषशाई विष्णु बांधवगढ़

             मध्य प्रदेश

               भारतवर्ष

 नमस्कार दोस्तों क्या आपको पता है भारत के मध्य प्रदेश राज्य के घने जंगलों में स्थित बांधवगढ़ किले में मौजूद है भगवान विष्णु की एक अति प्राचीन मूर्ति जो कि शेष शैया पर सोए हुए अवस्था में मौजूद हैं। दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि शयन मुद्रा में भगवान विष्णु की यह मूर्ति व जहां यह मूर्ति मौजूद है यानी शिव पुराण का यह रहस्यमई पहाड़ी किला ही नहीं , बल्कि पूरा का पूरा यह पहाड़ ही चमत्कारी , रहस्यमई व अद्भुत है। 
            दोस्तों भगवान विष्णु की यह अति प्राचीन मूर्ति कम रहस्यमई नहीं है क्योंकि क्षीरसागर में विश्राम मुद्रा में उनका यह स्वरूप कम ही देखने को मिलता है। दोस्तों आज हम आपको एक ऐसे ही स्थान पर लेकर जा रहे हैं जो मौजूद है एक प्राचीन किले में लेकिन यह स्थान एक प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान के लिए पहचाना जाता है जिसे हम सभी बांधवगढ़ नेशनल पार्क के रूप में जानते हैं। दोस्तों बांधवगढ़ नेशनल पार्क मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में स्थित है।





















दोस्तों ऐतिहासिक स्रोतों से पता चलता है कि यहां मौजूद एक पहाड़ के नाम पर ही इस जगह का नाम बांधवगढ़ पड़ा है और इसी पहाड़ पर स्थित है यह प्राचीन रहस्यमई किला जिसका निर्माण लगभग 2000 से 3000 वर्ष पहले कराया गया था। दोस्तों सिर्फ यह किला ही नहीं पूरा का पूरा पहाड़ ही रहस्यमई और अद्भुत है।दोस्तों प्राचीन दस्तावेजों से जानकारी मिलती है कि "रीवा रियासत" के महाराज राजा व्याघ्र देव ने ही इस किले का निर्माण करवाया था। साथ ही दोस्तों इस प्राचीन किले का उल्लेख "नारद पंच" और "शिव पुराण" में भी मिलता है।

          दोस्तों इस प्राचीन किले के अंदर जाने के लिए एक ही मार्ग मौजूद है जो बांधवगढ़ के घने जंगलों से होकर गुजरता है दोस्तों स्थानीय लोग बताते हैं कि इस प्राचीन किले में एक गुप्त सुरंग बनी हुई है जो सीधे "रीवा" शहर में निकलती है। परंतु दोस्तों आज तक यह सुरंग लोगों की नजर में नहीं आई है जो कि एक खोज का विषय है।






















दोस्तों ऐतिहासिक स्रोत बताते हैं कि इस क्षेत्र के स्थानीय राजा गुलाब सिंह और उनके पिता मार्तंड सिंह जूदेव इसका इस्तेमाल खुफिया किले के रूप में किया करते थे , दोस्तों बताया जाता है कि उनके द्वारा उस जमाने में यहां कई गुप्त रणनीतियां बनाई गई थी दुश्मनों के खिलाफ साथ ही वे इस किले का उपयोग गोरिल्ला युद्ध में भी किया करते थे। 

      दोस्तों जैसे ही आप प्राचीन किले की सीमा में प्रवेश करोगे तो आप देखोगे की अद्भुत रूप से भगवान विष्णु के 12 अवतारों की प्रतिमाएं यहां मौजूद पत्थरों को तराश कर बनाई गई है। दोस्तों इन मूर्तियों में कच्छप अवतार और शेष शैया पर आराम की मुद्रा में भगवान विष्णु के दर्शन होते हैं। दोस्तों आश्चर्यजनक रूप से शेष शैया पर विराजमान भगवान विष्णु जी के मूर्ति के ऊपर बाईं तरफ भगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग मौजूद है। और पैरों के पास एक कल कल करती हुई झरना बहती है दोस्तों माना जाता है कि यह स्थान त्रिमूर्तियों यानी भगवान ब्रह्मा , विष्णु और महेश का प्रतिनिधित्व करती है।






















दोस्तों स्थानीय दंतकथाओं के अनुसार कहते हैं कि भगवान राम ने लंका से लौट कर लक्ष्मण जी के लिए यहां पर एक किले का निर्माण करवाया था। दोस्तों शायद यही किला वह प्राचीन किला है जिसका निर्माण भगवान राम ने अपने छोटे भाई लक्ष्मण जी के लिए करवाया था।दोस्तों वर्तमान समय में इस  किले और आसपास के घने जंगलों में बाघ और दूसरे खतरनाक जंगली जानवरों का बसेरा हो गया है।

        दोस्तों कुछ ऐतिहासिक स्रोतों से मालूम होता है कि बांधवगढ़ क्षेत्र में माघ , मौर्य , वाकाटक , सेंगर , कलचुरी और बघेल वंश के शासकों ने भी शासन किया था। और इस रहस्यमई किले को अपना ठिकाना बनाया था।

        दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यहां पर ऐसे 7 तलाब भी मौजूद हैं जो आज तक सूखे ही नहीं है दोस्तों इन तालाबों की खास बात यह है कि किसी भी मौसम में इनमे पानी लबालब भरा रहता है।
              दोस्तों इस समय यहां की देखरेख मध्य प्रदेश सरकार द्वारा की जाती है।


            धन्यवाद दोस्तों

  माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗

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         English translate
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   Hello friends I extend my hearty greetings to all of you guys at Mountain Leopard Mahendra.  Friends, today I am taking you on a journey to Bandhavgarh situated in the dense forests of Madhya Pradesh, where we will see the ancient statue of Lord Vishnu sleeping on the rest of the house in a mysterious fort.









 Sheshai Vishnu Bandhavgarh


 Madhya Pradesh


 India


 Hello friends, do you know Bandhavgarh Fort is located in the dense forests of Madhya Pradesh state of India, there is a very ancient idol of Lord Vishnu which is present in the sleeping state on the rest of the Shayya.  Friends, you will be surprised to know that this idol of Lord Vishnu in the sleeping posture and where this idol is present i.e. this mysterious hill fort of Shiva Purana is not only the whole mountain, but this whole mountain is miraculous, mysterious and amazing.

 Friends, this very ancient idol of Lord Vishnu is no less mysterious because his form is rarely seen in the resting posture in Kshirsagar.  Friends, today we are taking you to a place which is present in an ancient fort but this place is recognized for a famous national park which we all know as Bandhavgarh National Park.  Friends Bandhavgarh National Park is located in Umaria district of Madhya Pradesh.














 Friends, historical sources reveal that this place is named Bandhavgarh after the name of a mountain present here and it is on this mountain that this ancient mysterious fort was built about 2000 to 3000 years ago.  Friends, this fort is not only the whole mountain, it is mysterious and amazing. Two ancient documents provide information that King Vyaghra Dev of "Rewa Princely State" had built this fort.  Also, friends, this ancient fort is also mentioned in "Narada Panch" and "Shiva Purana".


 Friends, there is only one route to go inside this ancient fort which passes through the dense forests of Bandhavgarh. Friends, the locals tell that this ancient fort has a secret tunnel which leads directly to the city of "Rewa".  But friends, till date this tunnel has not come in the eyes of people, which is the subject of a search.


























 Friends, historical sources reveal that the local king of the region Gulab Singh and his father Martand Singh Judeo used it as an intelligence fortress, friends are told that in those days many secret strategies were made here against the enemies.  They also used this fort in gorilla warfare.


 Friends, as soon as you enter the boundary of the ancient fort, you will see that the 12 incarnations of Lord Vishnu are amazingly made by carving the stones present here.  Friends, in these idols, Kachhap Avatar and the rest of the Shaya have visions of Lord Vishnu in a relaxed posture.  Friends surprisingly, there is a Shiva lingam symbol of Lord Shiva on the left, above the idol of Lord Vishnu, resting on the rest of Shaya.  And a waterfall flows near the feet tomorrow. Friends, this place is believed to represent the Trimurtis i.e. Lord Brahma, Vishnu and Mahesh.















 Friends say according to local legends that Lord Rama returned from Lanka and built a fort here for Laxman ji.  Friends, perhaps this fort is an ancient fort built by Lord Rama for his younger brother Lakshman ji. In the present times, this fort and the surrounding dense forests are inhabited by tigers and other dangerous wild animals.


 Friends, it is known from some historical sources that the Bandhavgarh region was also ruled by the rulers of Magh, Maurya, Vakataka, Sengar, Kalchuri and Baghel dynasties.  And this mysterious fort was made its hideout.


 Friends, you will be surprised to know that there are 7 such ponds which are not dry till date, friends. The special thing about these ponds is that in any season, the water in them is full.

 Friends, at present, it is looked after by the Government of Madhya Pradesh.



 Thanks guys


 Mountain Leopard                Mahendra 🧗🧗

















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