Saturday, September 11, 2021

एक यात्रा महापर्व हरतालिका तीज़ व्रत की जिसे महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए करतीं हैं पुराणों में वर्णित है कि इस महापर्व हरतालिका तीज़ व्रत को सर्वप्रथम देवी माता पार्वती ने किया था . जमशेदपुर झारखंड बिहार भारतA Yatra Mahaparva Hartalika Teej Vrat which women do for the long life of their husbands It is mentioned in the Puranas that this Mahaparva Hartalika Teej Vrat was first performed by Goddess Mata Parvati. Jamshedpur Jharkhand Bihar India.

Ek yatra khajane ki khoje






























  नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आज मैं आपको एक ऐसे महापर्व के बारे में बताने जा रहा हूं जिसे भारतीय महिलाएं करती हैं अपनी पति की लंबी आयु के लिए। दोस्तों इस महापर्व को हरतालिका तीज व्रत के नाम से जाना जाता है। दोस्तों यह महापर्व 2021 को 9 सितंबर को था जिसे हमारे घर पर हमारी धर्मपत्नी ने किया था। दोस्तों इस महापर्व की कुछ यादगार तस्वीरें मैंने ली थी जिसे मैं आपके लिए शेयर कर रहा हूं।

                 हरतालिका तीज व्रत

                      09.09.2021

              जमशेदपुर झारखंड-बिहार

                         भारतवर्ष


















 नमस्कार दोस्तों आज दिनांक 9 सितंबर 2021 को हमारे घर जमशेदपुर झारखंड भारत में हरतालिका तीज़ महाव्रत का त्यौहार मनाया जा रहा है। दोस्तों इस महापर्व को हमारी धर्मपत्नी पुष्पांजलि और बहन पुष्पा के द्वारा किया जा रहा है। दोस्तों इस महापर्व की तैयारी 1 सप्ताह पहले से ही किया जा रहा था। दोस्तों इस व्रत को करने के लिए 1 दिन और एक रात निर्जला उपवास रहकर किया जाता है।

              यानी दोस्तों पहला दिन महिलाएं बाल धो कर स्नान करती हैं उसके बाद सजती-संवरती है और शुद्ध शाकाहारी भोजन करतीं हैं । उसके ब्रह्म मुहूर्त में यानी सुबह के 3 बजे हल्का फुल्का दुध का बना हुआ मिष्ठान्न या मिठाईयां खाती है और पानी पिती है।  उसके बाद से ही तीज़ व्रत प्रारंभ हो जाती है । यानी दोस्तों इसके बाद महिलाएं अन्न और जल दोनों का त्याग कर देती हैं एक दिन और एक रात के लिए।  दोस्तों सुबह सुबह उठकर महिलाएं स्नान आदि पूजा पाठ करने के बाद व्रत और पूजा के लिए विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व शुद्ध पकवान बनाती हैं। इस दौरान सभी महिलाएं नया वस्त्र धारण करती हैं।

               दोस्तों इनमें उत्तर प्रदेश व बिहार का सबसे प्रचलित व प्रसिद्ध पकवान पड़किया  या गुजिया और शुद्ध घी व गुड़ और गेहूं के आटे का ठेकुआ बनाया जाता है।

    दोस्तों पूरे दिन उपवास रहने के बाद महिलाएं मिट्टी का माता पार्वती ,भगवान शिव और भगवान गणेश की प्रतिमाएं बनाती हैं। और शाम के समय पूजा की तैयारी प्रारंभ करती हैं।
                दोस्तों तीज व्रत को महिलाएं समूह में करती हैं इस दरमियान गांव की सभी महिलाएं या फिर शहर की महिलाएं किसी मंदिर में इकट्ठा होती है या किसी के घर में एकत्रित होकर पूजा करती है। इस दौरान सभी महिलाएं सिंदूर रखने वाल बाॅक्स पवित्र सिंधौरा अपने पास ही रखती हैं। और साथ ही में गीत और भजन गाती है । इस दौरान महिलाएं पूरी रात गीत और भजन गाती हुई रात्रि जागरण करती हैं। 










 
                  दोस्तों उसके बाद सभी महिलाएं सुबह में स्नान कर पूजा अर्चना करती हैं । और सभी महिलाएं सुहाग की निशानी सिंदुर एक दूसरे को लगातीं हैं । उसके बाद सभी महिलाएं मिलकर भगवान की प्रतिमा का किसी नदी या तालाब में विसर्जन करती हैं।

          उसके बाद अपने घर में माता-पिता सास-ससुर वह पति का पैर छूकर आशीर्वाद लेती हैं। उसके बाद ही सभी महिलाएं  प्रसाद , शर्बत व फल के द्वारा अपने उपवास को तोड़ती है या पारण करती हैं। उसके बाद घर के सभी सदस्यों को प्रसाद वितरण किया जाता है ।
















         
         उसके बाद दोस्तों घर की सभी  महिलाएं मिलकर स्वादिष्ट व्यंजन बनाती है और घर के सभी सदस्यों के साथ मिलकर भोजन ग्रहण करती हैं।
                                दोस्तों इस प्रकार तीज़ महाव्रत का समापन होता है। 



               धन्यवाद दोस्तों 

    माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗






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          English translate
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 Hello friends, I warmly greet all of you, Mountain Leopard Mahendra, friends, today I am going to tell you about a great festival that Indian women do for the long life of their husbands.  Friends, this great festival is known as Hartalika Teej Vrat.  Friends, this great festival was on September 9, 2021, which was done by our wife at our house.  Friends, I had taken some memorable pictures of this great festival, which I am sharing for you.











 Hartalika Teej fast


 09.09.2021


 Jamshedpur Jharkhand-Bihar


 Bharatvarsh
















 Hello friends, today on 9th September 2021, the festival of Hartalika Teej Mahavrat is being celebrated at our home in Jamshedpur, Jharkhand, India.  Friends, this great festival is being done by our wife Pushpanjali and sister Pushpa.  Friends, the preparation for this great festival was being done 1 week in advance.  Friends, to observe this fast, one day and one night fasting is done by fasting.


 That is, on the first day, women wash their hair and take bath, after that they decorate and eat pure vegetarian food.  In her Brahma Muhurta, that is, at 3 in the morning, she eats sweets or sweets made of light milk and drinks water.  After that the Teej fast starts.  That is, friends, after this women give up both food and water for one day and one night.  Friends, after getting up early in the morning, after taking bath etc., after reciting worship, they prepare different types of delicious and pure dishes for fasting and worship.  During this time all the women wear new clothes.









 Friends, the most popular and famous dish of Uttar Pradesh and Bihar is Padkiya or Gujiya and Thekua made of pure ghee and jaggery and wheat flour.



















 Friends, after fasting for the whole day, women make idols of Goddess Parvati, Lord Shiva and Lord Ganesha out of clay.  And in the evening, she starts preparing for the puja.

 Friends, women do the Teej fast in groups, during this time all the women of the village or the women of the city gather in a temple or worship in someone's house.  During this time, all the women keep the box containing vermilion with the holy Sindhaura with them.  And at the same time sings songs and hymns.  During this, women perform night awakening by singing songs and hymns throughout the night.















 Friends, after that all the women take bath in the morning and offer prayers.  And all the women apply vermilion to each other as a sign of suhaag.  After that, all the women together immerse the idol of God in a river or pond.


 After that, in her house, the parents-in-law, she takes blessings by touching the feet of her husband.  Only after that all women break or end their fast by offering prasad, sherbet and fruits.  After that Prasad is distributed to all the members of the house.







 After that friends, all the women of the house make delicious dishes together and take food together with all the members of the house.

 Friends, in this way Teej Mahavrata ends.




 thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra🧗🧗



























Mountain Leopard Mahindra 🧗🧗























Wednesday, September 8, 2021

एक यात्रा अद्भुत अलौकिक 5 हजार वर्ष पुराना कुके सुब्रमण्या मंदिर की जहां भगवान कार्तिकेय नागों के स्वामी के रूप में पूजा जाता है।- सुब्रमण्या ,सुल्लिया तालुका , दक्षिण कन्नड़ जिले मैंगलोर , भारत A visit to the wonderful supernatural 5 thousand year old Kuke Subramanya Temple where Lord Kartikeya is worshiped as the lord of serpents. - Subramanya, Sulliya Taluka, Dakshina Kannada District Mangalore, India.

Ek yatra khajane ki khoje
































  नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं एक ऐसे अद्भुत और अलौकिक मंदिर की यात्रा पर जहां भगवान कार्तिकेय नागों के स्वामी के रूप में पूजे जाते हैं दोस्तों माना जाता है कि यह प्राचीन मंदिर 5000 वर्ष पुराना है और यह कर्नाटक राज्य के दक्षिणी कन्नड़ जिले मैंगलोर के पास सुल्लिया तालुका के सुब्रमण्या के छोटे से गांव में मौजूद है।


        प्राचीन कुकु सुब्रमण्या मंदिर

                     कर्नाटक

                     भारतवर्ष







 नमस्कार दोस्तों कुक्के सुब्रह्मण्य अति प्राचीन मंदिर है जो माना जाता है कि 5000 वर्ष पुराना है। दोस्तों यह मंदिर भारत के कर्नाटक राज्य के दक्षिण कन्नड़ जिले में मैंगलोर के पास के सुल्लिया तालुका के सुब्रमण्या के छोटे से गांव में मौजूद है। दोस्त यह अद्भुत और अलौकिक  प्राचीन मंदिर भारतवर्ष के प्राचीनतम तीर्थ स्थल एवं धार्मिक व पवित्र स्थानों में से एक है जहां पर सर्प दोष के निवारण हेतु विशेष पूजा का आयोजन होता है।
                 दोस्तों इस प्राचीन मंदिर में भगवान कार्तिकेय की नागों के स्वामी के रूप में पूजा होती है जिसे यहां भगवान सुब्रमण्या के नाम से जाना जाता है। दोस्तों भारत के धार्मिक व पवित्र महाकाव्यों में यह संदर्भ आता है कि पक्षी राज गरुड़ द्वारा डराने पर नागों के राजा सर्प वासुकी और अन्य सर्प पर भगवान सुब्रह्मण्या के संरक्षण में आए थे। दोस्तों तभी से मान्यता है कि नागराज वासुकी ,शेषनाग भगवान व अन्य सर्पगण इसी प्राचीन  मंदिर में मौजूद हैं।






     दोस्तों आश्चर्यजनक बात यह है कि इस प्राचीन मंदिर में अद्भुत रूप से भगवान कार्तिकेय की सर्प के रूप में ही पूजा की जाती है और उनके साथ ही नागराज वासुकी व अन्य नागों की भी पूजा की जाती है।

     दोस्तों मान्यता है कि इस प्राचीन मंदिर में स्थित भगवान की पवित्र मूर्ति का दर्शन करने से पहले भक्तगणों को "कुमार धारा" नदी में स्नान करना होता है।
                             दोस्तों मान्यता है कि भक्तगण मंदिर के पिछले दरवाजे से मंदिर के आंगन में प्रवेश करते हैं और भगवान की मूर्ति के सामने जाने से पहले भगवान की मूर्ति के चारों और प्रदक्षिणा करते हैं।

          दोस्तों अद्भुत रूप से एक अलौकिक गरुड़ स्तंभ मंदिर के गर्भगृह और बरामदा के प्रवेश द्वार के बीचो बीच मौजूद है।दोस्तों इस गरुड़ स्तंभ को चमत्कारिक रूप से चांदी से ढका गया है ।दोस्तों ऐसा माना जाता है कि इस अलौकिक गरुड़ स्तंभ  में निवास करने वाले नागराज वासुकी के मुंह से निकलने वाले जहरीले आग के प्रवाह से भक्त गणों को सुरक्षित रखने के लिए ही इस गरुड़ स्तंभ को चांदी के आभूषण से मढ़ा गया है।ताकि नागराज वासुकी के मुंह से निकलने वाले विष से भक्त गणों की रक्षा की जा सके।








                      दोस्तों मंदिर के गर्भ गृह में भगवान कार्तिकेय अपने अवतार संपूर्ण नागों के स्वामी भगवान सुब्रह्मण्यम के रूप में मौजूद हैं।
             दोस्तों गर्भ गृह के अंदर सबसे ऊंचे आसन पर भगवान श्री सुब्रह्मण्यम की मूर्ति खड़ी अवस्था में विराजमान है। और नागराज भगवान बासुकी भगवान कार्तिकेय के पिछे अपने फनो से छाया दिये हुए हैं दोस्तों  आश्चर्यचकित करने वाली बात यह है कि भगवान कार्तिकेय के साथ नागराज वासुकी एवं भगवान शेषनाग व अन्य सर्प गण भी मौजूद है जिनकी पूजा प्रत्येक दिन मुख्य पुजारी के द्वारा की जाती है।















☀️   सर्प दोष निवारण हेतु विशेष पूजा का आयोजन ☀️

 दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सर्प दोष एक विशेष प्रकार की पूजा पद्धति है जो भक्तों द्वारा सर्प दोष के निवारण हेतु किया जाता है। 
             दोस्तों पूरे भारतवर्ष से श्रद्धालु इस प्राचीन मंदिर में सर्प दोष से मुक्ति पाने आते हैं। दोस्तों खास बात यह है कि जो श्रद्धालु इस विशेष पूजा पद्धति को करने आते हैं। उन्हें इस प्राचीन मंदिर में 2 दिनों तक रुकना पड़ता है। इस दरमियान मंदिर समिति द्वारा ही इस विशेष पूजा पद्धति को करने वाले 4 श्रद्धालुओं को भोजन उपलब्ध कराया जाता है।







       ☀️  मुख्य त्यौहार ☀️

 दोस्तों "थिपूयम" जो कि इस मंदिर की मुख्य त्योहार है के दौरान देशभर के तीर्थ यात्रियों को इस प्राचीन मंदिर में देखा जा सकता है।
                      दोस्तों इस प्राचीन यानी 5000 वर्ष पुराने मंदिर की अपनी विशेष महत्व है दोस्तों यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सभी मन्नते पूर्ण होती है।






☀️ कैसे पहुंचा जा सकता है इस प्राचीन मंदिर में☀️

✈️ हवाई जहाज के द्वारा -  दोस्तों प्रसिद्ध और प्राचीन कुक्के सुब्रह्मण्या मंदिर बेंगलुरु के नजदीकी हवाई अड्डा मैंगलोर का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से 115 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
🚝  रेल मार्ग द्वारा - दोस्तों मैंगलोर - बैंगलोर रेल मार्ग पर स्थित निकटतम रेलवे स्टेशन सुब्रह्मण्या रोड है जो कुक्के सुब्रह्मण्या मंदिर से 7 किलोमीटर दूर है। दोस्तों मैंगलोर से वहां के लिए एक दैनिक यात्री सेवा ट्रेन संख्या 061 /0652 है जो सुबह 10:30 पर मैंगलोर से रवाना होती है। और सुब्रह्मण्या रोड रेलवे स्टेशन पर रात 1:00 बजे तक पहुंच जाती है। दोस्तों यहां से मंदिर 15 मिनट की दूरी पर है। दोस्तों मंदिर तक पहुंचने के लिए यात्रीगण स्थानीय परिवहन पकड़ सकते हैं।
🚌  रोड मार्ग द्वारा -  दोस्तों इस प्राचीन व प्रसिद्ध मंदिर तक पहुंचने के लिए बंगलुरु से सड़क के मार्ग से कुक्के सुब्रह्मण्या मंदिर पहुंचा जा सकता है। दोस्तों बेंगलुरु और मैंगलोर से नियमित रूप से केएसआरटीसी   बसों का परिचालन करती है।







                 धन्यवाद दोस्तों

    माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗
 








            English translate
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 Hello friends, I am Mountain Leopard Mahendra, warm greetings to all of you, friends, on today's journey I am taking you on a journey to such a wonderful and supernatural temple where Lord Kartikeya is worshiped as the lord of serpents.  It is believed that this ancient temple is 5000 years old and it is present in the small village of Subramanya in Sulliya Taluka near Mangalore, Dakshina Kannada district of Karnataka state.






 Ancient Kuku Subramanya Temple


 Karnataka


 Bharatvarsh







 Hello friends Kukke Subrahmanya is a very ancient temple which is believed to be 5000 years old.  Friends, this temple is present in the small village of Subramanya of Sulliya taluka near Mangalore in Dakshina Kannada district of Karnataka state, India.  Friends, this wonderful and supernatural ancient temple is one of the oldest pilgrimage sites and religious and holy places in India, where special worship is organized for the prevention of snake defects.

 Friends, in this ancient temple, Lord Kartikeya is worshiped as the lord of serpents, who is known as Lord Subramanya here.  Friends, there is a reference in the religious and sacred epics of India that the king of serpents came under the protection of Lord Subrahmanya on the serpent Vasuki and other serpents on being intimidated by the bird king Garuda.  Friends, since then it is believed that Nagraj Vasuki, Sheshnag God and other snakes are present in this ancient temple.








 Friends, the amazing thing is that in this ancient temple, Lord Kartikeya is worshiped wonderfully in the form of a snake and along with him Nagraj Vasuki and other serpents are also worshipped.


 Friends, it is believed that before visiting the holy idol of God located in this ancient temple, devotees have to take a bath in the "Kumar Dhara" river.

 Friends, it is believed that devotees enter the courtyard of the temple from the back door of the temple and do circumambulation around the idol of God before going in front of the idol.








 Friends, wonderfully a supernatural Garuda pillar is present between the entrance of the sanctum sanctorum and the verandah of the temple. Friends, this Garuda pillar is miraculously covered with silver. Friends, it is believed that the inhabitants of this supernatural Garuda pillar  This Garuda pillar is covered with silver ornaments to protect the devotees from the flow of poisonous fire emanating from the mouth of Nagraj Vasuki. So that the devotees can be protected from the poison emanating from the mouth of Nagraj Vasuki.









 Friends, in the sanctum sanctorum of the temple, Lord Kartikeya is present in the form of Lord Subrahmanyam, the lord of all serpents in his incarnation.

 Friends, the idol of Lord Shri Subrahmanyam is seated in a standing position on the highest seat inside the sanctum sanctorum.  And Nagraj Lord Basuki is shadowed by his fans behind Lord Kartikeya. Friends, the surprising thing is that along with Lord Kartikeya, Nagraj Vasuki and Lord Sheshnag and other snakes are also present, which are worshiped by the chief priest every day.  .
















 ️  ☀️ Organization of special worship for the removal of snake defects ️☀️


 Friends, you will be surprised to know that Sarp Dosh is a special type of worship system which is done by the devotees for the prevention of Sarp Dosh.

 Friends, devotees from all over India come to this ancient temple to get rid of snake defects.  Friends, the special thing is that the devotees who come to do this special worship method.  They have to stay in this ancient temple for 2 days.  In the meantime, food is provided by the temple committee itself to 4 devotees who perform this particular worship method.










 ️  ☀️ Main Festivals ️☀️


 Pilgrims from all over the country can be seen in this ancient temple during "Thipuyam" which is the main festival of this temple.

 Friends, this ancient i.e. 5000 year old temple has its own special importance, friends, all the wishes of the devotees who come here are fulfilled.








 ️ ☀️How to reach this ancient temple️☀️


 ️✈️ By Airplane - Friends The famous and ancient Kukke Subrahmanya Temple is located at a distance of 115 kms from Mangalore International Airport, the nearest airport to Bangalore.

 🚝By Rail - Friends The nearest railway station located on Mangalore - Bangalore rail route is Subrahmanya Road which is 7 kms from Kukke Subrahmanya Temple.  Friends, there is a daily passenger service from Mangalore to there by train number 061 / 0652 which leaves Mangalore at 10:30 am.  and reaches Subrahmanya Road Railway Station by 1:00 PM.  Friends, the temple is 15 minutes away from here.  Friends, travelers can catch local transport to reach the temple.

🚌 By Road - Friends, to reach this ancient and famous temple, Kukke Subrahmanya Temple can be reached by road from Bangalore.  Friends regularly operate KSRTC buses from Bangalore and Mangalore.


 thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra🧗🧗







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 Mountain leopard Mahendra 🧗🧗


























Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...