Sunday, July 19, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग_ शंख का स्वास्थय धर्म और ज्योतिष में उपयोग। A travel mountain with leopard Mahendra's use of conch in health, religion and astrology

Ek yatra khajane ki khoje

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नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं।


                       भारतीय शंख 
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                       #शंख_का_स्वास्थय_धर्म_और_ज्योतिष_में_उपयोग-
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▪️स्वास्थ्य में महत्व :

१-👉शंख की आकृति और पृथ्वी की संरचना समान है नासा के अनुसार - शंख बजाने से खगोलीय ऊर्जा का उत्सर्जन होता है जो जीवाणु का नाश कर लोगो को ऊर्जा व् शक्ति का संचार करता है 

२-👉शंख में १००% कैल्शियम है इसमें रात को पानी भर के पीने से कैल्शियम की पूर्ति होती है 

३-👉शंख बजाने से योग की तीन क्रियाए एक साथ होती है - कुम्भक, रेचक, प्राणायाम 

४-👉शंख बजाने से हृदयाघात, रक्तचाप की अनियमितता, दमा, मंदाग्नि में लाभ होता है 

५-👉शंख बजाने से फेफड़े पुष्ट होते है 

६-👉शंख में पानी रख कर पीने से मनोरोगी को लाभ होता है उत्तेजना कम होती है 

७-👉शंख की ध्वनि से दिमाग व् स्नायु तंत्र सक्रिय रहता है 

▪️धार्मिक महत्व :

८ 👉दक्षिणावर्ती शंख को लक्ष्मी स्वरुप कहा जाता है इसके बिना लक्ष्मी जी की आराधना पूरी नहीं मानी जाती 

९ 👉समुन्द्र मंथन के दौरान १४ रत्नो में से ये एक रत्न है सुख- सौभाग्य की वृद्धि के लिए इसे अपने घर में स्थापित करे 

१० 👉 शंख में दूध भर कर रुद्राभिषेक करने से समस्त पापों का नाश होता है 

११ 👉घर में शंख बजाने से नकारात्मक ऊर्जा का व् अतृप्त आत्माओ का वास नहीं होता 

१२ 👉दक्षिणावर्ती शंख से पितरो का तर्पण करने से पितरो की शांति होती है 

१३ 👉शंख से स्फटिक के श्री यन्त्र अभिषेक करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है 

▪️ ज्योतिषीय महत्व :

१४ 👉सोमवार को शंख में दूध भर कर शिव जी को चढाने से चन्द्रमा ठीक होता है 

१५ 👉मंगलवार को शंख बजा कर सुन्दर काण्ड पढ़ने से मंगल का कुप्रभाव काम होता है 

१६ 👉शंख में चावल भर के रखे और लाल कपडे में लपेट कर तिजोरी में रखये माँ अन्नपूर्णा की कृपा बनी रहती है 

१७ 👉बुधवार को शालिग्राम जी का शंख में जल व तुलसी जी डाल कर अभिषेक करने से बुध ग्रह ठीक होता है 

१८👉शंख को केसर से तिलक कर पूजा करने से भगवन विष्णु व् गुरु की प्रसन्ता मिलती है 

१९ 👉शंख सफ़ेद कपड़े में रखने से शुक्र ग्रह बलवान होता है 

२० 👉शंख में जलभर कर सूर्ये देव को अर्घ्य देने से सूर्य देव प्रस्सन होते है।🙏🏼साभार🙏🏼

🙏🏼ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः 🚩


वैदिक साइंस

                 धन्यवाद दोस्तों

    माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा

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Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.



 Indian Conch

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 # In conch_ca_health_dharma_and_jyotish_

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 Importance in health:


 1- The shape of the shell and the structure of the Earth is the same, according to NASA - ringing a conch emits astronomical energy which destroys bacteria and transmits energy and power to people.


 2-Shankh has 100% calcium, it is filled with calcium by drinking water throughout the night.


 Playing 3-8 shankhas together performs three activities of yoga - kumbhak, laxative, pranayama


 7-ringing is beneficial in heart attack, irregularity of blood pressure, asthma, retardation.


 Playing 5-8 shells makes the lungs strong.


 Drinking water in a conch shell is beneficial to the psychiatrist.


 The brain and nervous system are activated by the sound of 8-shell


 Religious importance:


 क्ष The south-facing conch is called Lakshmi Swaroop, without this the worship of Lakshmi is not considered complete.


 This is one of the 14 jewels during the 7 th moon day and should be installed in your house for the increase of happiness and good luck.


 Rudraabhisheka by filling milk in 10 conch shells destroys all sins


 Playing conch shells in 119 house does not dwell with negative energies.


 129 The offering of ancestors with a conch shell is the peace of the ancestors.


 139 Abhishek of sphatika with Sri Yantra achieves Lakshmi.


 ▪️ Astrological importance:


 The moon is cured by filling Shiva with milk in the conch on 16 th Monday


 Reading Sundara Kand by ringing a conch on Tuesday, the ill effects of Mars work


 Keep the rice filled in 179 shells and wrap it in red cloth and keep it in the vault, the grace of Mother Annapurna remains.


 On the 14th of Wednesday, anointing of Saligram ji with water and Tulsi ji in the conch is cured by Mercury.


 Worshiping 16 Shankh with saffron gives blessings to Lord Vishnu and Guru.


 Putting 19 shells in white cloth makes Venus planet strong


 By offering water to Surya Dev in 209 Sankha, Sun God is pleased.


 Om Namo Bhagwate Vasudevaya Namah



 Vedic Science


 Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra

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Saturday, July 18, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग_ हाबूर _पत्थर ( राजस्थान _जैसलमेर भारत). A journey with mountain leopard Mahendra_Habur_Pathar (Rajasthan _Jaisalmer India)

Ek yatra khajane ki khoje

नमस्कार दोस्तों माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं।

                 चमत्कारी हाबूर  पत्थर
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                     #हाबूर_पत्थर
गजब हैं !!!!!!
मेरी धरती मैया
दही जमा देनें वाला
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#दही जमाने के लिए लोग अक्सर जामन ढूंढ़ते नजर आते हैं... वहीं राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित इस गांव में जामन की जरूरत नहीं पड़ती है......यहां ऐसा पत्थर है जिसके संपर्क में आते ही दूध जम जाता है... इस पत्थर पर विदेशों में भी कई बार रिसर्च हो चुकी है...फॉरेनर यहां से ले जाते हैं इस पत्थर के बने बर्तन..........। 

स्वर्णनगरी जैसलमेर का पीला पत्थर विदेशों में अपनी पहचान बना चुका है... इसके साथ ही जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर स्थित हाबूर गांव का पत्थर अपने आप में विशिष्ट खूबियां समेटे हुए है.......इसके चलते इसकी डिमांड निरंतर बनी हुई है.....हाबूर का पत्थर दिखने में तो खूबसूरत है ही, साथ ही उसमें दही जमाने की भी खूबी है... इस पत्थर का उपयोग आज भी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में दूध को जमाने के लिए किया जाता है... इसी खूबी के चलते यह विदेशों में भी काफी लोकप्रिय है..इस पत्थर से बने बर्तनों की भी डिमांड बढ़ गई है.....। 

कहा जाता है कि जैसलमेर पहले अथाह समुद्र हुआ करता था और कई समुद्री जीव समुद्र सूखने के बाद यहां जीवाश्म बन गए व पहाड़ों का निर्माण हुआ.. हाबूर गांव में इन पहाड़ों से निकलने वाले इस पत्थर में कई खनिज व अन्य जीवाश्मों की भरमार है  !!

 जिसकी वजह से इस पत्थर से बनने वाले बर्तनों की भारी डिमांड है। साथ ही वैज्ञानिकों के लिए भी ये पत्थर शोध का विषय बन गया है... इस पत्थर से सजे दुकानों पर बर्तन व अन्य सामान पर्यटकों की खास पसंद होते हैं और जैसलमेर आने वाले वाले लाखों देसी विदेशी सैलानी इसको बड़े चाव से खरीद कर अपने साथ ले जाते हैं.........।

▪️क्यों है खास 
▪️हाबूर का पत्थर

इस पत्थर में दही जमाने वाले सारे कैमिकल मौजूद है... विदेशों में हुए रिसर्च में ये पाया गया है कि इस पत्थर में एमिनो एसिड, फिनायल एलिनिया, रिफ्टाफेन टायरोसिन हैं... ये कैमिकल दूध से दही जमाने में सहायक होते हैं... इसलिए इस पत्थर से बने कटोरे में दूध डालकर छोड़ देने पर दही जम जाता है…. इन बर्तनों में जमा दही और उससे बनने वाली लस्सी के पयर्टक दीवाने हैं... अक्सर सैलानी हाबूर स्टोन के बने बर्तन खरीदने आते हैं... इन बर्तनों में बस दूध रखकर छोड़ दीजिए, सुबह तक शानदार दही तैयार हो जाता है, जो स्वाद में मीठा और सौंधी खुशबू वाला होता है... इस गांव में मिलने वाले इस स्टोन से बर्तन, मूर्ति और खिलौने बनाए जाते हैं... ये हल्का सुनहरा और चमकीला होता है.. इससे बनी मूर्तियां लोगों को खूब अट्रैक्ट करती हैं........!!!!



             धन्यवाद दोस्तों

      माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा



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English translate
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Hello Friends, Mountain Leopard Mahendra I extend my heartiest greetings to all of you.


 Miraculous Habur stone

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 # Haboor_ stone

 Awesome !!!!!!

 My earth

 Curdier

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 # People are often looking for sourdough to establish curd… Whereas in this village situated in Jaisalmer district of Rajasthan, there is no need for jaman …… There is a stone here, which comes in contact with milk.  ... Research has been done on this stone many times abroad ... Foreigners carry the utensils made of this stone ...........


 The yellow stone of Swarnagarni Jaisalmer has made its mark abroad ... Along with this, the stone of Habur village, located 40 km from the district headquarters, has its own unique features ....... Due to this, its demand has remained constant.  It has been… ..Habur's stone is not only beautiful in appearance, but it also has the ability to establish curd… This stone is still used to freeze milk in the rural areas of the district ..  Due to this quality, it is very popular in foreign countries too .. The demand for this stone utensil has also increased….


 It is said that Jaisalmer used to be a bottomless sea and many sea creatures became fossils and mountains were formed after the sea dried up. This stone originating from these mountains in the village of Habur is full of many minerals and other fossils!  !


 Because of which there is a huge demand for pots made from this stone.  At the same time, this stone has become a subject of research for scientists as well… Pottery and other items are a special choice of tourists at shops adorned with this stone and millions of foreign foreign tourists coming to Jaisalmer buy it with great fervor.  Carry ……….


 Why are you special

 बHABUR STONE


 This stone contains all the chemicals that make yogurt ... In research done abroad, it has been found that this stone contains amino acids, phenyl alinea, riftafen tyrosine ... These chemicals are helpful in making yogurt from milk ..  Therefore, after putting milk in a bowl made of this stone, curd freezes….  There are tourists crazy about the yogurt stored in these utensils and the lassi made from it… Often the tourists come to buy utensils made of habur stone… Just leave milk in these utensils, by the morning the splendid curd is prepared, which tastes  It has a sweet and fragrant fragrance ... Utensils, idols and toys are made from this stone found in this village ... It is light golden and shiny .. The idols made of it attract people a lot ..  ...... !!!!




 Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra




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Friday, July 17, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग-प_ प्राचीन शिव मंदिर kulumalagai पंचायत तामिलनाडु भारत. A visit to the mountain Leopard Mahendra along with the ancient Shiva temple kulumalagai panchayat tamilnadu india

Ek yatra khajane ki khoje






                   UFO के  द्वारा बना प्राचीन शिव मंदिर
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                        हजारो सालों पहले बना यह #शिवमंदिर ....
क्या वास्तव में मानवों द्वारा निर्मित है ...? 
यह मंदिर तमिलनाडु के Kulumalagai पंचायत में स्तिथ है । यह मंदिर एक ही पहाड़ को काटकर बना है ! पहाड़ो पर तो यह मंदिर है ही ....
लेकिन यह मंदिर पहाड़ो को काटकर भी उससे भी नीचे २५ फिट गहरा है ...!
क्या यह मंदिर किसी मानव द्वारा निर्मित लगता भी है ...? 
या फिर यह कोई UFO है ...? 
अंग्रेजी चैनल पर एक सीरीज चलाई गई थी  #Ancient_alians  
अर्थात प्राचीन परग्रही ...!
जो धरती पर आते थे ! हमारे प्रत्येक पुराणों में देवताओं का अन्य लोको से आना लिखा है, हमारे प्रत्येक पुराणों धर्मग्रंथों आदि में वर्णित है, देवता अपना विमान लेकर आते थे, ओर वह हवा से भी ज़्यादा तेज गति से चलने वाले होते थे, की पलक झपकते ही आंखों से ओझल ...!
महाभारत में वेदव्यास पांडवों से जब भी मिलने आते है, उनका आना भी अचानक,और जाना भी अचानक ही होता था ...!
क्यों न गर्व हो अपने सनातन संस्कृति पर 
#जयश्रीराम  🚩🚩🚩



                         धन्यवाद दोस्तों

              माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा


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English translate
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                 Ancient Shiva temple built by UFO

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 This #Shivamandir was built thousands of years ago ....

 Is it really created by humans ...?

 The temple is located in the Kulumalagai Panchayat in Tamil Nadu.  This temple is made by cutting a single mountain!  There is this temple on the mountains…

 But this temple is 25 feet deep even after cutting the hills ...!

 Does this temple seem to be built by any human…?

 Or is it some UFO ...?

 A series was run on the English channel #Ancient_alians

 That is, ancient aliens ...!

 Who used to come to the earth!  In each of our Puranas, the deities are written to come from other locos, in each of our Puranas, it is mentioned in the scriptures etc., the deity used to bring his plane, and he was going to move faster than the wind, that in the blink of an eye it would disappear.  ...!

 In the Mahabharata, whenever the Ved Vyas come to meet the Pandavas, they used to come suddenly, and they also used to go suddenly…!

 Why not be proud of your eternal culture

 # Jayashreeram 🚩🚩🚩




 Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra






Thursday, July 16, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग-- विद्या शंकर मंदिर -1338 ई. प्राचीन विजय नगर साम्राज्य। A Journey with Mountain Leopard Mahendra - Vidya Shankar Temple - 1338 AD Ancient Vijay Nagar Empire

Ek yatra khajane ki khoje

















           प्राचीन विद्या शंकर मंदिर कि यात्रा पर
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       नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं।


                  श्रृंगेरी कि यात्रा पर, यात्रियों को विद्या शंकर मंदिर को जाने 'की सिफारिश करते हैं' जो विद्याशंकारा के लिए समर्पित है। इस तीर्थ स्थल का निर्माण 1338 ई. में विद्यारान्य, नाम के एक ऋषि द्वारा किया गया था जो विजयनगर साम्राज्य, के संस्थापकों के लिए संरक्षक थे और 14 वीं सदी में यहाँ रहते थे।यह मंदिर द्रविड़, चालुक्य, दक्षिणी भारतीय और विजयनगर स्थापत्य शैली को दर्शाता है। पर्यटक कई शिलालेख देख सकते हैं जो विजयनगर साम्राज्य के योगदान को दर्शाती है।















इस आयताकार मंदिर में 12 खंभे शामिल हैं जो कि राशि चक्र के खंभे के रूप में प्रसिद्ध हैं। इन सभी स्तंभों बारह राशियों की नक्काशियों प्रदर्शित किये गए हैं, जिनकी रूपरेखा खगोलीय अवधारणाओं को विचार में रखकर किए गए थे। इन पर सौर चिन्ह बनें हुए हैं । हर सुबह जब सूर्य की किरणें मंदिर में प्रवेश करती हैं तो वे वर्ष के वर्तमान मास का संकेत देने वाले एक विशेष स्तम्भ से टकराती हैं....
है ना आश्चर्य...

एक गर्भाग्रिहा, जहां देवी दुर्गा और भगवान विद्या गणेश की मूर्तियों को देखा जा सकता है, मंदिर में मौजूद है। इसके अलावा, भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान महेश्वर की मूर्तियां, उनके पत्नियों की मूर्तियों के साथ गर्भाग्रिहा में देखे जा सकता है।

मंदिर के केन्द्रीय छत कि एक अन्य प्रमुख विशेषता यह है कि इस्पे सुंदर वास्तुकला प्रदर्शित कि गयी है। इस स्थल पर छते ढालवां मोड़ा के लिए जाने जाते है। मंदिर के तहखाने में भगवान शिव, भगवान विष्णु, दसावतार, शंमुखा, देवी काली और विभिन्न प्रकार के जानवरों के सुंदर आंकड़े स्थापित किये गये हैं। यह मंदिर विद्यातिर्था रथोत्सव के उत्सव के लिए जाना जाता है जो कि कार्तिक शुक्ल पक्ष के दौरान आयोजित किया जाता है।














कहां जाता है कि आगे चलकर इसी साम्राज्य में कृष्णदेव राय राजा बना और उसकी महानता, शौर्य, पौरूष, औजस्व और पराक्रम का अंदाज हम बाबर की आत्मकथा से लगा लगा सकते हैं ।
16 वीं शताब्दी में जब बाबर भारत आया तो वो लिखता हैं "इस समय भारत में 2 काफिर रियासतें हैं और 5 मुस्लिम रियासतें हैं, इनमें सबसे शक्तिशाली दक्षिण का राजा कृष्णदेव राय हैं और उसे हरा करने योग्य शक्ति मुझमें नहीं है"
इस कथन से बाबर की विवश्ता और बेबसी दोनों का पता चलता हैं।
और ध्यान रखिएगा... ये मध्यकालीन भारत की बात हैं, जिस समय इस्लामिक शक्ति अपने चर्म पर थी।
लेकिन... इसके बाद भी कुछ लोग हिंदू संस्कृति का और हिन्दू सभ्यता का उपहास उड़ाते हैं... वो सभी दुरात्मा बस ये बता दे कि और किस धर्म में हिन्दू (सनातन) धर्म से अधिक करूणा, दया, शौर्य, साहस, पराक्रम, औजस्व और कर्तव्यपरायणता रही हैं।

                           धन्यवाद दोस्तों

           माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा














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Visit of ancient Vidya Shankar temple

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 Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.












 On the journey to Sringeri, travelers recommend 'going' to the Vidya Shankar temple which is dedicated to Vidyashankara.  This pilgrimage site was built in 1338 AD by a sage named Vidyaranya, a patron to the founders of the Vijayanagara Empire, and lived here in the 14th century.  Shows.  Tourists can see many inscriptions that show the contribution of the Vijayanagara Empire.


 This rectangular temple consists of 12 pillars which are famous as the pillars of the zodiac.  All these pillars are displayed carvings of twelve zodiac signs, which were designed keeping in mind the astronomical concepts.  There are solar signs on them.  Every morning when the rays of the sun enter the temple, they collide with a special pillar indicating the current month of the year….

 No wonder…
















 A garbhagriha, where idols of Goddess Durga and Lord Vidya Ganesha can be seen, is present in the temple.  Also, idols of Lord Brahma, Lord Vishnu and Lord Maheshwara, along with the idols of their wives can be seen in Garbhagriha.


 Another prominent feature of the central roof of the temple is that it has beautiful architecture displayed.  This site is known for Chhata Dhawan Moda.  Beautiful figures of Lord Shiva, Lord Vishnu, Dasavatara, Shanmukha, Devi Kali and various types of animals are installed in the basement of the temple.  This temple is known for the celebration of Vidyatirtha Rathotsava which is held during Kartik Shukla Paksha.












 Where does it go that later in this kingdom, Krishnadeva Raya became the king and we can guess his greatness, valor, valor, courage and might from the autobiography of Babur.

 When Babur came to India in the 16th century, he writes "India currently has 2 Kafir princely states and 5 Muslim princely states, among them the most powerful king of the south is Krishnadeva Raya and I do not have the power to defeat it".

 This statement reveals both Babur's authority and helplessness.

 And take care ... This is the talk of medieval India, at which time Islamic power was at its talon.

 But ... Even after this, some people ridicule Hindu culture and Hindu civilization ... All those misdeeds just tell that and in which religion more compassion than Hindu (Sanatan) religion, mercy, valor, courage, valor  , Has been virtuous and dutiful.


 Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra






































Wednesday, July 15, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग__एक यात्रा माता सुरकंडा देवी की उत्तराखंड भारत। A Journey with Mountain Leopard Mahendra__ A Visit to Uttarakhand India of Mother Surkanda Devi

Ek yatra khajane ki khoje



                                    #सुरकंडा_देवी_मंदिर

सुरकंडा देवी एक हिन्दूओं का प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है जो कि नौ देवी के रूपों में से एक है। सुरकंडा देवी मंदिर 51 शक्ति पीठ में से है। सुरकंडा देवी मंदिर में देवी काली की प्रतिमा स्थापित है। यह मंदिर यूलिसाल गांव, धानाल्टी, टिहरी जिला, उत्तराखंड, भारत में स्थित है। सुदकंडा देवी मंदिर धनाल्टी से 6.7 किलोमीटर और चम्बा से 22 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। इस मंदिर तक पहुंचाने के लिए लोगों को कद्दूखाल से 3 किलोमीटर के पैदल यात्रा करनी पडती है। यह मंदिर लगभग 2,757 मीटर की ऊंचाई पर है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी सती ने उनके पिता दक्षेस्वर द्वारा किये यज्ञ कुण्ड में अपने प्राण त्याग दिये थे, तब भगवान शंकर देवी सती के मृत शरीर को लेकर पूरे ब्रह्माण चक्कर लगा रहे थे इसी दौरान भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को 51 भागों में विभाजित कर दिया था, जिसमें सती का सर इस स्थान पर गिरा था इसलिए इसे मंदिर को श्री सुरकंडा देवी मंदिर भी कहा जाता है। सती के शरीर भाग जिस जिस स्थान पर गिरे थे इन स्थानों को शक्ति पीठ कहा जाता है।

सुरकंडा देवी मंदिर घने जंगलों से घिरा हुआ है और इस स्थान से उत्तर दिशा में हिमालय का सुन्दर दृश्य दिखाई देता है। दक्षिण दिशा में देहरादून और ऋ़षिकेश शहरों का सुन्दर नजारा देखा जा सकता है। यह मंदिर साल में ज्यादा दर समय कोहरे से डका रहता है। वर्तमान मंदिर का पुनः निर्माण किया गया है वास्तविक मंदिर की स्थापना समय का पता नहीं है ऐसा माना जाता है कि यह बहुत प्राचीन मंदिर है।

सुरकंडा देवी मंदिर में गंगा दशहरा का त्योहार मनाया जाता है जो हर साल मई और जून के बीच आता है। नवरात्री का त्योहार भी विशेष रूप से मनाया जाता है।
      
    
              धन्यवाद दोस्तों
     
        माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा



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Surkanda_devi_mandir


 Surkanda Devi is an ancient Hindu temple.  The temple is dedicated to Goddess Durga, one of the nine goddess forms.  Surkanda Devi Temple is one of the 51 Shakti Peethas.  The statue of Goddess Kali is installed in Surkanda Devi temple.  The temple is located in Ulisesal Village, Dhanalti, Tehri District, Uttarakhand, India.  Sudakanda Devi Temple is located 6.7 kilometers from Dhanalti and 22 kilometers from Chamba.  To reach this temple, people have to travel 3 km from Kaddukhal.  The temple is at an altitude of about 2,757 meters.


 According to mythology, Goddess Sati sacrificed her life in the sacrificial fire performed by her father Dakshevara, when Lord Shankar was circling the entire universe carrying the dead body of Goddess Sati, during this time, Lord Vishnu, with his Sudarshan Chakra, sati's body.  Was divided into 51 parts, in which the head of Sati fell at this place, hence the temple is also known as Sri Surakanda Devi Temple.  The places where Sati's body part fell are called Shakti Peetha.


 Surkanda Devi Temple is surrounded by dense forests and from this place a beautiful view of the Himalayas is seen in the north.  A beautiful view of the cities of Dehradun and Rishikesh can be seen in the south direction.  This temple remains foggy during most of the year.  The present temple has been rebuilt. The establishment of the actual temple is not known at the time. It is believed that this is a very ancient temple.


 The festival of Ganga Dussehra is celebrated at Surkanda Devi Temple which falls between May and June every year.  The festival of Navratri is also particularly celebrated.





 Thanks guys



 Mountain Leopard Mahendra




Monday, July 13, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग--- 1900

Ek yatra khajane ki khoje








    कल्पना कीजिए कि आपका जन्म 1900 में हुआ था।

  जब आप 14 वर्ष के होते हैं, तो प्रथम विश्व युद्ध शुरू होता है और समाप्त होता है जब आप 18 मिलियन 22 मिलियन मृत हो जाते हैं।

  एक वैश्विक महामारी के तुरंत बाद, स्पैनिश फ्लू, प्रकट होता है, जिसमें 50 मिलियन लोग मारे जाते हैं।  और आप जीवित हैं और 20 वर्ष के हैं।

  जब आप 29 वर्ष के होते हैं तो आप न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज के पतन के साथ शुरू हुए वैश्विक आर्थिक संकट से बच जाते हैं, जिससे मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और अकाल होता है।

  जब आप 33 साल के हो जाते हैं तो नाज़ियों को सत्ता में आ जाते हैं।

  जब आप 39 वर्ष के होते हैं, तो द्वितीय विश्व युद्ध शुरू होता है और समाप्त होता है जब आप 60 साल के मृतकों के साथ 45 वर्ष के हो जाते हैं।  प्रलय में 6 मिलियन यहूदियों की मौत हो जाती है।

  जब आप 52 वर्ष के हो जाते हैं, तो कोरियाई युद्ध शुरू हो जाता है।
  जब आप 64 वर्ष के हो जाते हैं, तो वियतनाम युद्ध शुरू होता है और समाप्त होता है जब आप 75 वर्ष के होते हैं।

  1985 में पैदा हुए एक बच्चे को लगता है कि उसके दादा-दादी को पता नहीं है कि जीवन कितना कठिन है, लेकिन वे कई युद्धों और आपदाओं से बचे रहे।

  एक नई महामारी के बीच आज हमारे पास एक नई दुनिया में सभी सुख-सुविधाएं हैं।  लेकिन हम शिकायत करते हैं क्योंकि हमें मास्क पहनने की जरूरत है।  हम शिकायत करते हैं क्योंकि हमें अपने घरों तक ही सीमित रहना चाहिए जहां हमारे पास भोजन, बिजली, पानी, वाईफाई, यहां तक ​​कि नेटफ्लिक्स भी हैं!  उस दिन कोई भी वापस मौजूद नहीं था।  लेकिन मानवता उन परिस्थितियों से बची रही और जीवन जीने की खुशी कभी नहीं खोई।

  हमारे परिप्रेक्ष्य में एक छोटा सा बदलाव चमत्कार पैदा कर सकता है।  हमें आभारी होना चाहिए कि हम जीवित हैं।  हमें एक-दूसरे की रक्षा और मदद करने के लिए जो कुछ भी करना चाहिए, वह करना चाहिए।

  यह संदेश सभी तक पहुंचना चाहिए।  कृपया इसे फैलाने में मेरी मदद करें।

  





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English translate
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Imagine you were born in 1900.

 When you're 14, World War I begins and ends when you're 18 with 22 million dead.

 Soon after a global pandemic, the Spanish Flu, appears, killing 50 million people. And you're alive and 20 years old.

 When you're 29 you survive the global economic crisis that started with the collapse of the New York Stock Exchange, causing inflation, unemployment and famine.

 When you're 33 years old the nazis come to power.

 When you're 39, World War II begins and ends when you're 45 years old with a 60 million dead. In the Holocaust 6 million Jews die.

 When you're 52, the Korean War begins.
 When you're 64, the Vietnam War begins and ends when you're 75.

 A child born in 1985 thinks his grandparents have no idea how difficult life is, but they have survived several wars and catastrophes.

 Today we have all the comforts in a new world, amid a new pandemic. But we complain because we need to wear masks. We complain because we must stay confined to our homes where we have food, electricity, running water, wifi, even Netflix! None of that existed back in the day. But humanity survived those circumstances and never lost their joy of living.

 A small change in our perspective can generate miracles. We should be thankful that we are alive. We should do everything we need to do to protect and help each other.

 This message should reach everyone. Please help me spread it.


Saturday, July 11, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग --A Journey with Mountain Leopard Mahendra --- World's First Aircraft - Shivkar Bapuji Talpade-1864--1916 संसार का पहला विमान - शिवकर बापूजी तलपड़े -1864--1916

Ek yatra khajane ki khoje







            ये तो मुझे भी पता नहीं था कि हवाई जहाज का अविष्कार आधुनिक समय में राईट बंधुओं ने नहीं बल्कि मुंबई के शिवकर बापूजी तलपड़े ने किया था ..!
और वो भी संस्कृत में लिखित विमान शास्त्र को पढ़कर .....
संसार का पहला विमान शिवकर बापूजी तलपडे
(1864–1916) ने बनाया था जो की मुंबई के रहने वाले थे तथा Pathare Prabhu community के सदस्य
थे ...!
शिवकर जी संस्कृत व वेदों के महान ज्ञाता थे ...!
उन्होंने उस विमान का नाम ....
"मारुतसखा (मारुत
अर्थात हवा, वायु ) (सखा का अर्थ मित्र ) रखा ...!"
मारुतसखा शब्द का प्रयोग ऋग्वेद (7.92.2) में देवी सरस्वती के लिए प्रयुक्त हुआ है ! सन 1895 में उन्होंने
इस विमान का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया और 1500 फुट की ऊंचाई तक उड़ाया ...! 
इनकी रचना का मुख्य आधार महर्षि भारद्वाज रचित ‘विमानशास्त्र‘ था ..!
अंग्रेजी हुकूमत के कहने पर बड़ोदा के रजवाडो ने शिवकरजी की और अधिक सहायता नही की ...!
अंग्रेजों ने एक समझोते के नाम पर शिवकर जी से धोखा किया और उस विमान की रचना से सम्बंधित
समस्त दस्तावेज उनसे हथिया लिए ...! फिर क्या होना था वे दस्तावेज अमेरिका पहुंचे और Wright brothers के हाथ लग गये ....!
इसके 8 वर्ष पश्चात सन 1903 में राईट बंधुओं ने उसी प्रकार के एक विमान की
रचना की और अपने नाम से रजिस्टर करवा लिया और ढंढोरा पिटते फिरे ..!
सन 1916 में शिवकर जी की मृत्यु रहस्यमय तरीके से हो गयी ....!


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English translate
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I did not even know that the modern day airplane was not invented by the Right brothers but Shivkar Bapuji Talpade of Mumbai ..!

 And that too by reading Vimana Shastra written in Sanskrit .....

 Shivkar Bapuji Talpade, the world's first aircraft

 (1864–1916), who were residents of Mumbai and members of the Pathare Prabhu community

 Were ...!

 Shivkar ji was a great knowledgeer of Sanskrit and Vedas…!

 He named the plane ....

 "Marutsakha (Marut

 That is, air, air) (Sakha means friend) kept…! "

 The word Marutsakha is used in the Rigveda (7.92.2) for Goddess Saraswati!  In 1895, he

 Launched this aircraft successfully and flew to a height of 1500 feet ...!

 The main basis of his work was 'Vimasastra' composed by Maharishi Bharadwaj ..!

 At the behest of the British rule, Rajvado of Baroda did not help Shivkarji any more…!

 The British betrayed Shivkar ji in the name of a compromise and related to the creation of that aircraft

 Took all the documents from them ...!  Then what had to happen? Those documents reached America and the Wright brothers got their hands…!

 Eight years later, in 1903, the Wright brothers made an aircraft of the same type

 Created and got his name registered and beat the drummer ..!

 Shivkar ji died mysteriously in the year 1916 ....!


Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...