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#सुरकंडा_देवी_मंदिर
सुरकंडा देवी एक हिन्दूओं का प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है जो कि नौ देवी के रूपों में से एक है। सुरकंडा देवी मंदिर 51 शक्ति पीठ में से है। सुरकंडा देवी मंदिर में देवी काली की प्रतिमा स्थापित है। यह मंदिर यूलिसाल गांव, धानाल्टी, टिहरी जिला, उत्तराखंड, भारत में स्थित है। सुदकंडा देवी मंदिर धनाल्टी से 6.7 किलोमीटर और चम्बा से 22 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। इस मंदिर तक पहुंचाने के लिए लोगों को कद्दूखाल से 3 किलोमीटर के पैदल यात्रा करनी पडती है। यह मंदिर लगभग 2,757 मीटर की ऊंचाई पर है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी सती ने उनके पिता दक्षेस्वर द्वारा किये यज्ञ कुण्ड में अपने प्राण त्याग दिये थे, तब भगवान शंकर देवी सती के मृत शरीर को लेकर पूरे ब्रह्माण चक्कर लगा रहे थे इसी दौरान भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को 51 भागों में विभाजित कर दिया था, जिसमें सती का सर इस स्थान पर गिरा था इसलिए इसे मंदिर को श्री सुरकंडा देवी मंदिर भी कहा जाता है। सती के शरीर भाग जिस जिस स्थान पर गिरे थे इन स्थानों को शक्ति पीठ कहा जाता है।
सुरकंडा देवी मंदिर घने जंगलों से घिरा हुआ है और इस स्थान से उत्तर दिशा में हिमालय का सुन्दर दृश्य दिखाई देता है। दक्षिण दिशा में देहरादून और ऋ़षिकेश शहरों का सुन्दर नजारा देखा जा सकता है। यह मंदिर साल में ज्यादा दर समय कोहरे से डका रहता है। वर्तमान मंदिर का पुनः निर्माण किया गया है वास्तविक मंदिर की स्थापना समय का पता नहीं है ऐसा माना जाता है कि यह बहुत प्राचीन मंदिर है।
सुरकंडा देवी मंदिर में गंगा दशहरा का त्योहार मनाया जाता है जो हर साल मई और जून के बीच आता है। नवरात्री का त्योहार भी विशेष रूप से मनाया जाता है।
धन्यवाद दोस्तों
माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा
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English translate
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Surkanda_devi_mandir
Surkanda Devi is an ancient Hindu temple. The temple is dedicated to Goddess Durga, one of the nine goddess forms. Surkanda Devi Temple is one of the 51 Shakti Peethas. The statue of Goddess Kali is installed in Surkanda Devi temple. The temple is located in Ulisesal Village, Dhanalti, Tehri District, Uttarakhand, India. Sudakanda Devi Temple is located 6.7 kilometers from Dhanalti and 22 kilometers from Chamba. To reach this temple, people have to travel 3 km from Kaddukhal. The temple is at an altitude of about 2,757 meters.
According to mythology, Goddess Sati sacrificed her life in the sacrificial fire performed by her father Dakshevara, when Lord Shankar was circling the entire universe carrying the dead body of Goddess Sati, during this time, Lord Vishnu, with his Sudarshan Chakra, sati's body. Was divided into 51 parts, in which the head of Sati fell at this place, hence the temple is also known as Sri Surakanda Devi Temple. The places where Sati's body part fell are called Shakti Peetha.
Surkanda Devi Temple is surrounded by dense forests and from this place a beautiful view of the Himalayas is seen in the north. A beautiful view of the cities of Dehradun and Rishikesh can be seen in the south direction. This temple remains foggy during most of the year. The present temple has been rebuilt. The establishment of the actual temple is not known at the time. It is believed that this is a very ancient temple.
The festival of Ganga Dussehra is celebrated at Surkanda Devi Temple which falls between May and June every year. The festival of Navratri is also particularly celebrated.
Thanks guys
Mountain Leopard Mahendra
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