Saturday, March 30, 2019

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

मिशन माउंट एवरेस्ट 2020


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                        Mounten Lappord mahendra
                                           
                              Thank you

Monday, March 18, 2019

Ek yatra




खाएं रंग बिरंगे होली के पकवान माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

                 (    केसर पेड़ा )



सामाग्री

1.300 ग्राम खोया
2. 100 ग्राम मिल्क पाउडर
3. 100 ग्राम शक्कर
4. 3 ग्राम छोटी इलायची पाउडर
5.10 टीस्पून स्वीटनर
6. 5 ग्राम पिस्ता कटे हुए
7. थोड़ी सी केसर


विधि

• एक बर्तन में खोया  भून ले ।यह सुखने ना पाए ।
• अब इसमें मिल्क पावडर और शक्कर मिलाकर कुछ देर तब तक दुबारा पकाए, जब तक की शक्कर घुल न जाए  ।
तैयार मिश्रण को ठंडा कर के इलायची पाउडर, केसर और पिस्ता मिलाए ।अपनी सुविधाअनुसार गोल या लंबे पेड़े बनाएं ।कटे हुए पिस्ते और केसर से सजाकर सर्व करे ।
                                               


                                  धन्यवाद

Monday, February 18, 2019

जाने पीर पराई (डाँ वेद मित) माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा

            (  गाँव की अनकही कहानी )
 सुबह का समय था ।करीब 8 बजे होंगे । रोज की तरह हाइवे के किनारे चाय की दुकान पर

, रामदेव, पवन, राजु के चाय का आनंद ले रहें थे । चाय की चुस्कीयो के बीच सब गाँव की गली से लेकर दिल्ली तक की गपशप करने में लगे हुए थे तभी पास की ही गाँव की रामकली नाम की महिला रोती हुई अपने पति खेलावन के साथ आती दिखी ।राजु जो उन्ही के गाँव का था, उसने रामकली को रोते देखा तो दुकान से ही चिल्ला कर पूछा ,रामकली का हुआ रे?
 रोती-बिलखती रामकली कुछ कहे उससे पहले खेलावन लंबे डग भरते हुए राजु के नजदीक पहुंच कर भारी मन से बोला, अरे, का बताएं?एक रात इधर से उधर हुए, पचुआबा के छुट्टा जानवर दुई  बीघा  खेत मा खड़ी फसल  चर के सब सत्यानाश कर दिए ।अब हम और हमारा परिवार बैशाख मे का  काटेंगे और  अगले छः महीना का खायेंगे ।
राजु के साथ  खड़े  लोग उसकी दुख भरी बातें सुनकर आक्रोशित हो उठे लेकिन खेलावन के गाँव का ही होने  के  कारण राजु ने उसे अधिकारपूर्वक  थोड़ा  और  कूरेदा, ' काहे  पचुआबा  के उपर  आरोप मढ़ रहे हो? आवारा पशु तो कोई के भी हो सकते हैं ।' राजु को बीच में रोकते हुए रामकली बिफर पड़ी, 'हम से ज्यादा तुम गाँव के बारे मा नही जानते  हो ।हमरे खेतन के  सामने कुछ दुरी  पर पचुआबा  की घरी  रही ।परिवार बढ़ा तो  उसे तोड़ कर उसने रहे खातिर खपरैल रख लिया ।अब अपने जानवर कहाँ बांधे?आवारा छोड़ देता है और सब हमारे खेतन  मा  सीधे घुस  आते हैं ।'
आवारा पशु सबके लिए समस्या  थे  ।पचुआबा  ही  नहीं, कितनो ने अपने जानवर अलग-अलग कारणों से छुट्टा छोड़ रखे थे ।इस सब पर आपस में चर्चा कर ने लगे ।गाँव के अधिकांश लोगो आवारा पशुओ से बचाव के लिए खेत के चारों तरफ तार लगवा लिए थे लेकिन गरीब मजदूरों व छोटे किसानों की स्थिति ऐसी नहीं थीं कि वे मजदूरी का थोड़ा हिस्सा भी ऐसे काम में खर्च कर पाते । कारण यह है कि उनके लिए शाम होने तक अपने परिवार में सबके लिए खाने के दो रोटी और प्याज का ही जुगाड़ कर पाना एक दुश्वारी भरा काम था ।लोगों ने रामकली के बहाने आपस में बड़ी चक चक की ।
ओमप्रकाश ने कहा ,'देखो भाई जानवर छोड़ने वाले गाँव के ही लोग हैं ।
  दोस्तों आगे की कहानी अगले भाग में
              नमस्कार 

Monday, January 14, 2019

Ek yatra khajane ki khoj me.mountain leppard mahendra

Ek yatra khajane ki khoj me.mountain leppard mahendra. Dalma forest jharkhand. 
Hallo  friends mountain leppard mahendra. Ek yatra khajane ki khoj me. Dalma forest jharkhand. 

Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...