Saturday, July 4, 2020

एक खतरनाक यात्रा mountain lappord Mahendra के संग भाग-6 का अगला अध्याय

Ek yatra khajane ki khoje






                           ताम्बाखानी गुफा का रहस्य
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   नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं 🙏🙏🙏🙏
जैसा कि दोस्तों कल आपलोगो ने पढ़ा कि कैसे नदी में बाढ़ आ जाने के कारण हम सभी  पुल को पार नहीं कर पा रहे थे । क्योंकि कि बाढ़ का पानी पुल के उपर से बहने लगा था । साथ ही वर्षा भी काफी तेज हो रही थी  जिह कारण से हमे हमारे सैनिकों के लिए बने  छावनी में रुकना पड़ा  । और वही से हम सभी ने  दुरबीन के जरिए  नदी के उस किनारे पर स्थित राजमहल में   हमने माता श्री और अपने शुभचिंतकों को भी वे सभी सही सलामत थे को देखा  और वे लोग। भी  हमें  सही सलामत देखकर खुश हुएं ।  इसके बाद हम सभी लोग  छाबनी में बने कोठरी के अंदर चलें गए  और वहां पर रसोइया ने हमारे लिए लजीज व्यंजन बनाया जिसे खा कर हम सभी तृप्त हो गये। एवं खाना खाते खाते ही पिता श्री ने बताया कि इस छाबनी और इसमें बने इस कोठरी का  निर्माण  तुम्हारे दादा जी के दादा जी ने करवाया था ंऔर इसमें एक  गुप्त सुरंग का भी निर्माण करवाया था जिसका उपयोग वे लोग संकट के समय में किया करते थे । इस सुरंग के चार मुहाने थे ।  जिसमें से एक मुहाना  राजमहल के नीचे से होते हुए सिधे  बड़ा  वाला झरने के बिचो बिच निकलता है । और दुसरा मुहाना  इस कोठरी में कहीं खुलता है  और तिसरा मुहाना उस गुफा में खुलती हैं जहां हमारा गुप्त प्रशिक्षण शिविर है जहां से हम सभी अभी लौट के आ रहे हैं ।ं और चौथा वाला  मुहाना अभी भी गुप्त है जिसके बारे में किसी को पता नहीं है कि वह कहां  खुलता है या निकलता है ।   इन सुरंगों के जरिए ही हमारे पुर्वज  संकट के समय में  अपनी रक्षा किया करते थे । और एक जगह से दूसरी जगह पर जाने में भी उपयोग किया करते थे ।। तभी राजा भाई बोलते हैं  इसका मतलब कि हम इस समय इन सुरंगों के जरिए  नदी को पार करके  राजमहल में पहुंच सकते हैं । वाह मजा आ जायेगा  । तभी पिता श्री बोलते हैं कि  बेटा मैंने कभी उन सुरंगों का उपयोग नहीं किया था और सुरंग का मुहाना इस कोठरी में कहा पर बना हुआ है मुझे मालूम नहीं है क्योंकि यह कोठरी भी तो कई  छोटे बड़े  भुलभुलैया में बटा हुआ है जिस कारण से सुरंग का मुहाना  ढुंढना मुश्किलों से भरा हुआ है । लेकिन तुम्हारे दादा जी ने मुझे एक बार बताया था कि कोठरी के अंदर जो सुरंग का स्थित है वहा एक बड़ा सा  प्राकृतिक शिवलिंग स्थापित है  जिसकी पूजा हमारे पुरखों द्वारा किया जाता था ।  इस शिवलिंग पर गंगाजल द्वारा स्वयं जलाभिषेक होते रहता है और किसी को पता नहीं है कि गंगा जल कहा से निकलता है । और वही पास में ही सुरंग का मुहाना है जिसपर बड़ा सा पत्थर का दरवाजा लगा हुआ है और दरवाजा के उपर से ही गंगा जल प्रस्फुटित होते रहता है और सिधे शिवलिंग पर गिरती हैं। और दरवाजा एक मंत्र के द्वारा ही खुलता है । और वह मंत्र सिर्फ तुम्हारे दादा जी को ही पता था ।जिसे एक बार उस मंत्र को तुम्हारे दादा जी ने मुझे भी बताया था लेकिन इस समय मैं उस मंत्र को भुल गया हू लेकिन अगर शायद मैं उस दरवाज़े तक पहुंच जाऊं तो शायद मुझे वह मंत्र याद आ जाएं। । तभी सेनापति जी एक पुराना सा  नक्शा ले के आ जाते हैं और बोलते हैं महाराज  यह पुराना नक्शा  इसी कोठरी का है  जो मुझे इसी कोठरी के तहखाने में मिला था । और इस नक्शे के जरिए हम उस सुरंग के मुहाने तक पहुंच सकते हैं ।



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         English translate
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Secret of Tambakhani Cave

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 Hello friends, I am a mountain leopard Mahendra, a warm welcome to all of you.

 As friends yesterday, you read how all of us were unable to cross the bridge due to flooding in the river.  Because the flood water started flowing over the bridge.  At the same time the rainfall was also getting very strong, due to which we had to stay in the camp made for our soldiers.  And from that we all saw the mother and our well-wishers in the palace on the banks of the river through telescopes and they were all safe.  Also we are happy to see safe and sound.  After this, all of us went inside the closet in Chhabani and there the cook made a delicious dish for us which we all satiated.  And while eating food, Father Shri told that this Chhabani and this cellar built in it was built by your grandfather's grandfather and a secret tunnel was also built in it which he used to use in times of crisis.  This tunnel had four mouths.  One of the estuaries passes through the bottom of the palace with a big waterfall.  And the other estuary opens somewhere in this cell and the third estuary opens in the cave where our secret training camp is from where we are all coming back. And the fourth one is still secret which no one knows about.  Is where it opens or exits.  Only through these tunnels did our ancestors protect themselves in times of crisis.  And also used to go from one place to another.  That is when Raja Bhai speaks, that means we can cross the river through these tunnels and reach the palace.  Wow it will be fun  That is why Father Shri says that son I had never used those tunnels and the mouth of the tunnel is in this cell but I do not know because this cell is also divided into many small big maze, due to which the tunnel  Finding the estuary is difficult.  But your grandfather once told me that inside the closet the tunnel is located, there is a big natural Shivling which was worshiped by our forefathers.  Jalabhishekas are done by Ganga water itself on this Shivling and no one knows that where Ganga water comes out.  And the same is the mouth of the tunnel nearby, on which a big stone door is installed and from above the door, the Ganges continues to erupt and falls directly on the Shivling.  And the door opens with a mantra.  And that mantra was known only to your grandfather. Once upon a time that mantra was also told to me by your grandfather, but at this time I have forgotten that mantra, but if I can reach that door, maybe I will get that mantra.  Please remember.  .  Then Senapati ji comes with an old map and says Maharaj, this old map is of this cell which I found in the cellar of this cell.  And through this map, we can reach the mouth of that tunnel.


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 और फिर हम सभी   मशाल की रोशनी में  उस  नक्शे का निरीक्षण करने लगते हैं नक्शा बहुत ही रहस्यमई और चमड़े का बना हुआ था । तभी निरीक्षण करते करते हमें नक्शे एक कोने पर हमे वह प्राकृतिक शिवलिंग नजर आया । और संतोष भाई खुशी से उछल पड़ते हैं  वाह हमने शिवलिंग को ढुंढ लिया । और हमे भी प्रसन्नता हुई कि नक्शा सही है  और हम सभी तहखाने में उतरने की तैयारी करने लगते हैं   और बाहर में मौसम और भी खराब हो रहा था  और नदी का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा था  । और हम जल्द से जल्द  सुरंग के मुहाने ढुंढ कर राजमहल में पहुंचना चाह रहे थे । लेकिन इतना आसान नहीं था  सुरंग के मुहाने तक पहुंच पाना और अगर हम पहुंच भी जाते हैं उस मुहाने तक तो उसे खोलना बहुत कठिन था  क्योंकि उसे खोलने वाला मंत्र पिता श्री को याद नहीं था और नहीं उस मुहाने के पास कभी गये थे । वे सिर्फ अपने पिता श्री इसके बारे में सुना था । लेकिन नक्शा मिल जाने के कारण और नक्शे में शिवलिंग होने के कारण यह तो साबित हो ही गया था कि  यहां पर  जरूर कोई-न-कोई सुरंग जो सिधे राजमहल के तहखाने में निकलती है । अतः हम बिना समय गंवाए   सेनापति जी को सेना के साथ उपर ही छोड़ कर  क्योंकि पुल की भी देखभाल करनी थी और  जरूरत पड़ने पर पुल की मरम्मत भी करनी पड़ती । इसलिए उन्हें उपर ही छोड़ कर  । पिता श्री और मामा जी के साथ  हम सभी भाई  तहखाने में नीचे उतर गए  हमारे पास सिर्फ  वह नक्शा और मशाले थी जिसके जरिए हमें सुरंग के मुहाने तक पहुंचाना था। नीचे तहखाने में उतरने के लिए सीढ़ियां बनी हुई थी जो नीचे लगभग 100 फ़ीट तक थी । दोस्तों क्या बताऊं नीचे काफी अंधेरा था और मशाल की रोशनी जहां तक पहुंच रही थी वहीं तक  हम देख पा रहे थे । अतः हम सभी सम्भल सम्भल कर सीढ़ियों से नीचे उतरने लगे।


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 English translate
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 And then we all start inspecting that map in torchlight, the map was very mysterious and made of leather.  While inspecting it, we found the natural Shivling on the map at one corner.  And Santosh bhai jumps with joy, wow we found the Shivling.  And we were also happy that the map is correct and we all started preparing to get into the basement and the weather was getting worse outside and the water level of the river kept increasing.  And we wanted to reach the mouth of the tunnel at the earliest and reach the palace.  But it was not so easy to reach the mouth of the tunnel and even if we reach that mouth it was very difficult to open it because father Shree did not remember the mantra to open it and never went to that mouth.  They had just heard about it from their father Mr.  But due to the finding of the map and the Shivling in the map, it was proved that there is definitely some tunnel here which originates in the basement of Sidhe Rajmahal.  Therefore, we, without wasting time, left the commander with the army above because the bridge had to be taken care of and the bridge also had to be repaired when needed.  So leaving them upstairs.  All of us brothers, along with Father Shri and Mama ji, came down to the basement. We had only the map and the machine through which we had to reach the mouth of the tunnel.  There were stairs to descend to the basement below, which was about 100 feet below.  What friends can tell, it was very dark and we were able to see where the torch light was reaching.  So, we all managed to get down the stairs.



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   दोस्तों  अभी जैसे ही हम सभी पचास सीढ़ियां ही नीचे उतरे थे कि हमें  पानी की  गर्जना की आवाज सुनाई पड़ने लगती हैं  यानी हम सभी नदी के तल के नीचे पहुंच चुके थे  क्योंकि उपर नदी में बाढ़ आया  हुआ था इसलिए हमें पानी की गर्जना हमे सुनाई पड़ रही थी । और नीचे का माहौल एकदम शांत था केवल हमें पानी की गर्जना सुनाई पड़ रही थी । और हम सभी धीरे धीरे नीचे उतर ही रहे थे कि हमें  तहखाने के नीचे भी पानी के बहने की आवाज सुनाई पड़ने लगती हैं जैसे नीचे कोई नदी बह रही हों। अतः हम सभी उत्सुकता पूर्व  तेजी से नीचे की ओर उतरने लगते हैं और जैसे ही हम अंतिम सीढ़ियों से नीचे उतरते हैं नीचे का नजारा देखकर हम सभी आश्चर्य चकित रह जाते हैं क्योंकि दोस्तों नीचे भी एक बह रही थी । जिससे हम सभी आश्चर्य में पड़ गये कि अब क्या किया जाए  क्योंकि यहां तों एक ंंंंंंंंंं और नया मुसीबत खडा हो गया था । 


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English translate
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Friends, as soon as we all came down the fifty stairs that we started to hear the roar of water, that is, we had all reached the bottom of the river because the river was flooded so we heard the roar of water  Was living  And the atmosphere below was very quiet only we could hear the roar of water.  And we were all slowly getting down that we could hear the sound of water flowing below the basement as if a river was flowing below.  So we all start descending rapidly down the curiously east and as we descend the final stairs we are all amazed to see the view below as one of the friends was also drifting down.  Due to which we all wondered what to do now, because there was a new trouble here.


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 दोस्तों आगे कि वृतांत मैं कल सुनाऊंगा क्योंकि एक नई मुसीबत जो सामने आ खड़ी हुई थी । 

                       धन्यवाद दोस्तों 


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 English translate
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Friends, I will narrate the incident tomorrow because a new problem was coming to the fore.


 Thanks guys
 
 

1 comment:

My story said...

Very interesting story and amazing

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एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...