Mysterious lights of the cave
नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आप सभी को लेकर चल रहा हूं दण्डकारण्य वन के घने जंगलों में स्थित इन्द्रसराय घाटी और नीलम सराय की यात्रा पर जहां हम खोज करेंगे महान योद्धा दानवीर कर्ण के "कवच-कुंडल"की , जिसे यहां के रहने वाले आदिवासियों ने अपने आंखों से देखा है । दोस्तों जिस गुफा में कवच-कुंडल मौजूद है उस गुफा के मुहाने से सुर्य के तेज़ रोशनी निकलते रहती हैं । दोस्तों यह गुफा स्थित है छत्तीसगढ़ के बीजापुर के घने जंगलों में स्थित दंडकारण्य वन के इन्द्र सराय घाटी में । जहां पहुंचना हीं बहुत कठीन और खतरनाक है। क्योंकि इन बिहड़ो में हर समय नक्सलियों का डर बना रहता है । साथ ही साथ खतरनाक जीव जंतुओं और खतरनाक सांपों का जो हर समय गुफा के आसपास ही मौजूद होते हैं ऐसा लगता है दोस्तों ये खतरनाक और बड़े-बड़े सांप कर्ण के कवच-कुंडल की रक्षा करने के लिए हर समय मौजूद रहते हैं । ताकि ये कवच-कुंडल किसी गलत हाथों में न पड़ जाए।
महाभारत के महान् योद्धा दानवीर कर्ण का कवच-कुंडल।
रहस्यमई दंडकारण्य वन के इन्द्र सराय घाटी के गुफाओं में।
बीजा पुर
छत्तीसगढ़
भारत वर्ष
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दोस्तों योद्धाओं के योद्धा महावली कर्ण से जुड़ी हुई हैं हमारा यात्रा । दोस्तों छत्तीसगढ़ के गुफा में कर्ण का कवच-कुंडल आज भी रखें हुए हैं , जिसकी चमक लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं जिसे स्थानीय आदिवासियों के साथ साथ कुछ बाहरी प्रतिष्ठित समाचार पत्र वालों ने अपने आंखों से उस अद्भुत और अलौकिक रोशनी को देखा है लेकिन वे लोग छू तक नहीं पाएं हैं । दोस्तों स्थानीय लोगों का मानना है कि भगवान इंद्र द्वारा धोखे से दानवीर कर्ण से उनका कवच-कुंडल हासिल कर लिया था । जिस कारण भगवान् सूर्य देव उनसे बहुत नाराज़ हो गऐ थे । और गुस्से में इन्द्र देव को श्राप दे दिया था। और कहा कि जब तक तुम्हारे पास कर्ण का कवच-कुंडल रहेगा जब तक तुम स्वर्ग में प्रवेश नहीं कर पाओगे। दोस्तों जिस कारण से इंद्र देव कई वर्षों तक कवच-कुंडल को लेकर धरती पर घुमते रहें थे। अंततः एक दिन वे अपने रथ सहित धरती पर आ गिरे थे आकाश से। जहां आज भी इंद्र देव के रथ के पहिये का निशान मौजूद है यह निशान भी इंद्र सराय घाटी के नीलम सराय झरनें के नीचे मौजूद है । दोस्तों गर्मी के दिनों में जब झरने का पानी पुरी तरह से सुख जाता है तो रथ के पहियों का निशान स्पष्ट रूप से दिखता है । दोस्तों इंद्र देव ने झरने के पास के ही एक गुफा में कर्ण के कवच-कुंडल को छुपा दिया था। जहां लोगों को पहुंचना आसान नहीं था। दोस्तों हजारों हजार वर्ष तक यह रहस्य इस गुफा में दफन था । लेकिन अंततः कुछ स्थानीय आदिवासियों की नज़र इस रहस्यमई रोशनी पर पड़ ही गई । जो इन घने जंगलों से सदियों से रहते आये थे । लेकिन दोस्तों वे भी रहस्य को आज तक सुलझा पाए हैं । और नहीं समाचार चैनलों वाले । जबकि वे सभी उस वस्तु के पास तक पहुंच चुके हैं जिससे हर समय बहुत तीव्र प्रकाश निकलती रहती हैं ।
दोस्तों पवित्र ग्रंथ महाभारत में वर्णित है कि कर्ण का जन्म कवच-कुंडल के साथ ही हुआ था । दोस्तों न जाने कितने युग बीत गए हैं इस घटना को घटित हुए । दोस्तों आज दानवीर कर्ण के उसी कवच-कुंडल को स्थानीय जंगल के आदिवासियों द्वारा खोज लिएं जाने का दावा किया जा रहा है । दोस्तों आश्चर्य करने वाली बात यह है कि रहस्यमई प्रकाशमय कवच-कुंडल आंखों के सामने मौजूद होने के बावजूद भी कोई भी व्यक्ति उसे हासिल नहीं कर पा रहा है। जबकि वह आंख के सामने ही तीव्र रोशनी के साथ प्रकाशमय हों रहा है ।
That mysterious cave in the Indra Sarai Valley
दोस्तों जब आप उस रहस्यमई गुफा में पहुंचोगे तो देखोगे कि उस गहरी और अंधेरी गुफा में तीव्र पीली रोशनी प्रस्फुटित हो रही हैं। दोस्तों धुप अंधेरी गुफा में तेज सूर्य के प्रकाश के समान चमकने वाली यह रोशनी जिस वस्तु से निकल रही है उस तक पहुंचना शाय़द हम जैसे साधारण मनुष्यों के बस की बात नहीं है। तभी तो आज तक कोई भी मनुष्य जिसने भी उसे देखा है उसे उठा नहीं पाया है , यहां तक कि स्पर्श भी नहीं कर पाएं हैं।
धन्यवाद दोस्तों
माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗
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English translate
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Hello friends I extend my hearty greetings to all of you guys at Mountain Leopard Mahendra. Friends, today I am taking you all on a journey of Indrasarai valley and Neelam Sarai situated in the dense forests of Dandakaranya forest, where we will discover the "armor-coil" of the great warrior Danvir Karna, which the tribals living here Has seen with his own eyes. Friends, in the cave where the armor-coil is present, bright lights of the sun come out from the mouth of the cave. Friends, this cave is located in the Indra Sarai valley of Dandakaranya forest located in the dense forests of Bijapur in Chhattisgarh. Where to reach is very difficult and dangerous. Because there is a fear of Naxalites in all these times. At the same time, it seems that the dangerous creatures and dangerous snakes which are present around the cave all the time, these dangerous and big snakes are present all the time to protect Karna's armor-coil. So that this armor-coil does not fall into any wrong hands.
The armor-coil of Danavir Karna, the great warrior of Mahabharata.
In the caves of Indra Sarai valley of the mysterious Dandakaranya forest.
Bija Pur
Chhattisgarh
India year
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Our journey is associated with Mahavali Karna, the warrior of friends warriors. Friends still keep Karna's armor-coil in the cave of Chhattisgarh, the glow of which attracts people towards it, which the local tribals as well as some outsider reputed newspapers have seen that amazing and supernatural light from their eyes but Those people are not even able to touch. Friends locals believe that Lord Indra had fraudulently acquired his armor-coil from Danveer Karna. Due to which Lord Surya Dev became very angry with him. And cursed Indra Dev in anger. And said that as long as you have Karna's armor and coil, you will not be able to enter heaven. Friends, for which reason Indra Dev used to roam the earth with armor-coil for many years. Finally one day he fell on the earth with his chariot from the sky. Where even today the trail of the wheel of Indra Dev's chariot is present, this trail is also present under the Sapphire Sarai Jharen of Indra Sarai Valley. Friends, when the water of the spring completely dries up in the summer, the sign of the wheels of the chariot is clearly visible. Friends Indra Dev hid Karna's armor-coil in a cave near the waterfall. Where people were not easy to reach. Friends, this secret was buried in this cave for thousands of years. But eventually some local tribals caught sight of this mysterious light. Who had lived through these dense forests for centuries. But friends, they too have solved the mystery till date. No more news channels. Whereas all of them have reached the object from which very intense light comes out all the time.
Friends, it is mentioned in the holy book Mahabharata that Karna was born with the armor-coil. Friends, do not know how many eras have passed, this incident happened. Friends, today the same armor-coil of Danveer Karna is being claimed to have been discovered by the tribals of the local forest. Friends, the surprising thing is that despite the mysterious luminous armor-coil being present in front of the eyes, no person is able to achieve it. Whereas he is being illuminated with intense light in front of the eye.
Friends, when you reach that mysterious cave, you will see that intense yellow light is erupting in that deep and dark cave. Friends, this light, which shines like a bright sunlight in a sunken cave, is not just a matter of ordinary humans like us to reach the object from which it is emanating. That is why till today, no human who has seen him has been able to lift it, even he has not been able to touch it.
Thanks guys
Mountain Leopard Mahendra 🧗🧗