Friday, January 22, 2021

एक यात्रा चेनाकेशव मंदिर -दर्शन अलौकिक और रहस्यमई अप्सराओं एवं अद्भुत नर्तकीयो की मुर्तियो की (कर्नाटका वेल्लूर) A Yatra Chenakeshava Temple - Darshan of the supernatural and mysterious apsaras and amazing dancers (Karnataka Belur)

Ek yatra khajane ki khoje





                          चेन्ना केशव मंदिर
    
                                  वेल्लूर

                                 कर्नाटका


                            


                                 भारतवर्ष











  

नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आज की यात्रा पर मैं लेकर चल रहा हूं आप सभी को अद्भुत और अलौकिक चेना के सब मंदिर की यात्रा पर जो अपने अद्भुत और अलौकिक मूर्ति निर्माण कला के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध है और हमारे पूर्वजों के अनुपम धरोहर के रूप में आज भी अपने मूर्तिकला का प्रतिनिधित्व कर रहा है।









      धन्यवाद दोस्तों

       माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा🧗🧗




















































































































































































































































































































































































































































































































































Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra
 


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       English translate
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             Chenna Keshav Temple



           Belur


         Karnataka







             India


 Hello friends, I heartily greet all of you mountain lepards Mahendra, Friends, on today's journey I am taking you all to visit all the temple of the wonderful and supernatural Chena who due to their amazing and supernatural sculpture art all over the world.  Is famous and still represents its sculpture as the unique heritage of our ancestors.





 Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra 🧗🧗






 

Tuesday, January 19, 2021

एक यात्रा तमिलनाडु के ममल्लापूरम में मौजूद शोर मंदिर की A visit to the Shore Temple in Mamallapuram, Tamil Nadu Bharat varsh

Ek yatra khajane ki khoje






                                  शोर मंदिर
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                             Shore Temple
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                     शोर मंदिर का विहंगम दृश्य
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              Bird's eye view of Shore Temple
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 नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। दोस्तों आज मैं आप लोगों को लेकर चल रहा हूं तमिलनाडु के एक छोटे से खुबसूरत शहर ममल्लापूरम की जहां हम देखेंगे बहुत ही खूबसूरत मंदिर शोर मंदिर को जो अपने अद्भुत स्थापत्यकला के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। 



      




                   शोर मंदिर
                   ममल्लापूरम
                    तमिलनाडु
                     भारत वर्ष
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   नमस्कार दोस्तों दुनिया की सबसे बड़ी समुद्र तट की खाड़ी में से एक बंगाल की खाड़ी में स्थित है एक अद्भुत मंदिर जोकि ग्रेनाइट पत्थर से निर्मित है। जो अपने अद्भुत स्थापत्य कला और निर्माण शैली के कारण विश्व विख्यात है। जो क स्थानीय रूप से अलाइव- को - कोविल के नाम से जाना जाता है दोस्त हो या हमारे देश भारत वर्ष के दक्षिणी भाग में स्थित प्राचीनतम संरचनात्मक पत्थर के मंदिरों में से एक है। दोस्तों मंदिर के अंदर बाबा भोलेनाथ शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं।दोस्तों साथ ही साथ भगवान विष्णु को समर्पित एक मंदिर एवं माता दुर्गा का एक छोटा सा नक्काशीदार मंदिर स्थित है जहां पर एक शेर की मूर्ति भी मौजूद है। 







                                 अद्भुत कलाकृतियां
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                                     Amazing art
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 दोस्तों इस मंदिर का निर्माण उस समय के मशहूर पल्लव महाराज नरसिंह वर्मन द्वितीय राजा सिम्हा के संरक्षण में किया गया था। जिनक राज्यारोहण
 700 ईसवी में हुआ था और लगभग 20 वर्षों तक इस राज्य पर शासन किया था।













 दोस्तों आइए चलते हैं मामल्लपुरम की यात्रा पर जिसे हम सभी महाबलीपुरम के नाम से भी जानते हैं।दोस्तों यह भारत के प्रारंभिक काल के दौरान एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था और मशहूर पल्लव शासकों के संरक्षण में कलात्मक निर्माण गतिविधियों के लिए प्रमुख केंद्र भी। दोस्तों एक महान पल्लव योद्धा जिसने लगभग 38 वर्षों तक जिसकी शुरुआत 630 ईस्वी में हुई थी। जिन्होंने मामल्लपुरम में बड़ी संख्या में राकॅ -कट स्मारकों का निर्माण करवाया जिनमें मंदिर , अखंड मंदिर और सभी बड़ी  मुुुुर्तियां  शामिल हैं  जो कि संपूर्ण रूप से पत्थरों से निर्मित है वो भी मजबूत   ग्रेनाइट पत्थरों से। दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि  पल्लव राजा शिव के बहुत बड़े भक्त 
हुआ करतें थे । एवं साथ ही साथ उन्होंने जैन धर्म के मंदिरों अपने आराध्य देवी देवताओं के मंदिरों का निर्माण बहुत बड़ी संख्या में करवाया था। यानी दोस्तों देखा जाए तो पल्लव शासक विशेष रूप से उस दौरान बढ़ते भक्ति आंदोलनों से बहुत ही ज्यादा प्रभावित थे।








                                 मंदिर प्रांगण
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                           Temple courtyard
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  दोस्तों आपको पता ही नहीं होगा कि मंदिर निर्माण कला को दो भागों में विभाजित किया गया है जैसे  "नागरा" या उत्तर कालीन भारतीय शैली और " द्रविडियन "या दक्षिण भारतीय निर्माण शैली ।दोस्तों नागरा और द्रविड़ दोनों ही शैलियों में पूरे भारतवर्ष में मंदिरों का निर्माण किया गया है। दोस्तों प्रारंभिक भारतीय वास्तुकला का विकास लकड़ी और लकड़ी की संरचनाओं से लेकर गुफा मंदिर तक के निर्माण को दर्शाता है। दोस्तों आपने देखा ही होगा की गुफा मंदिरों को चट्टानों और पहाड़ियों को खोदकर बनाया गया था। परंतु इससे पहले उनकी योजना और अलंकरण स्पष्ट रूप से लकड़ी की संरचनाओं पर प्रयोग करके किया गया होगा।तभी जाकर गुफा मंदिरों का निर्माण बड़े पैमाने पर किया गया होगा तभी तो निर्माणकर्ताओं ने बड़े ही बेहतरीन तरीके से इन पत्थरों को ऊपर से नीचे तक काटकर मंदिरों का निर्माण किया।












 दोस्तों इसी प्रकार देखा जाए तो शोर मंदिर पत्थरों से बना एक बहुत ही सुंदर संरचना है जो कि प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले ग्रेनाइट पत्थरों पर बना हुआ है। दोस्तों जब आप यहां आओगे तो देखोगे कि तीन अलग-अलग मंदिर हैं जिसमें से दो भगवान शिव को समर्पित है और एक भगवान विष्णु को दोस्तों विष्णु मंदिर तीनों मंदिरों में सबसे प्राचीन और सबसे छोटा है।






                                शेर की अद्भुत मुर्ति 
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                              Amazing lion idol
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 दोस्तों मंदिर का प्रवेश द्वार पश्चिम की ओर है जो छोटे शिव मंदिर के सामने हैं दोस्तों प्रवेश द्वार से जैसे ही आप अंदर जाओगे तो देखो कि छोटा विष्णु मंदिर दोनों शिव मंदिर के बीच में स्थित है। जो दोनों मंदिरों को आपस में जोड़ता है और जैसे ही आप अंदर पहुंचे हुए तो आप देखोगे कि भगवान विष्णु की एक विशाल सोई हुई अवस्था में प्रतिमा स्थापित है  जो बहुत ही अलौकिक महसूस होता है दोस्तों मंदिर की दीवारों पर भगवान कृष्ण की लीलाओं को दर्शाया गया है।दोस्तों विष्णु मंदिर की ही तरह दोनों शिव मंदिरों में भी दीवारों की अंदरूनी एवं बाहरी भाग में समृद्ध मूर्ति कलाओं को चित्रित किया गया है दोस्तों मंदिर के पिछली दीवार पर माता पार्वती और उनके पुत्र स्कंध के साथ-साथ भगवान शिव की नक्काशीदार मूर्ति बनी हुई है। एवं मंडप के भीतरी दीवारों पर ब्रह्मा जी और भगवान विष्णु के चित्र बने हुए हैं और गर्भ ग्रह की बाहरी दीवारों में उत्तर की ओर भगवान शिव की मूर्तियों के साथ-साथ माता दुर्गा की मूर्तियां बनी हुई है।















  दोस्तों मंदिर अपने अद्भुत मूर्ति कला को दर्शाता हुआ सदियों से अपना प्रतिनिधित्व कर रहा है दोस्तों आप देखोगे कि बड़े शिव मंदिर के प्रवेश द्वार पर बैठे बाबा नंदी भगवान शिव का प्रतिनिधित्व कर रहे है। 





         भगवान विष्णु की अलौकिक मूर्ति सोई हुई अवस्था में
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           A supernatural idol of Lord Vishnu in a sleeping state
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 दोस्तों शोर मंदिर अपने वास्तुकला के महत्व के कारण बहुत ही प्रसिद्ध है जो परिपक्व द्रविड़ निर्माण कला के सभी तत्वों को प्रदर्शित कर रहा है दोस्तों यह मंदिर शिव एवं भगवान विष्णु दोनों के लिए समर्पित पवित्र  स्थानों में से एक है। दोस्तों माना जाता है कि प्राचीन समय में समुंद्र में नाविक दूर से ही मंदिर के शिखर को देख लेते थे और वह समझ जाते थे कि वे तट के नजदीक पहुंच गए हैं दोस्तों एक प्रकार से देखा जाए तो यह महान मंदिर पल्लव राजाओं के प्रभुत्व का भी प्रतिनिधित्व  करते हैं ।
                








                धन्यवाद दोस्तों

              माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗

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             English translate
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                            अद्भुत मूर्तियां भगवान की
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                             Amazing idols of god
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Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.  Friends, today I am taking you all to Mamallapuram, a small beautiful city in Tamil Nadu where we will see the very beautiful temple Shore Temple which is world famous for its amazing architecture.










 Shore Temple

 Mamallapuram

 Tamil Nadu

 India year

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 Namaskar Friends, one of the world's largest coastline is located in the Bay of Bengal, a wonderful temple built of granite stone.  Which is world famous due to its amazing architecture and construction style.  Which is locally known as Alive-Ko-Kovil is a friend or one of the oldest structural stone temples located in the southern part of our country India.  Friends are seated inside the temple as Baba Bholenath Shivling. Friends, as well as a temple dedicated to Lord Vishnu and a small carved temple of Mata Durga are situated where a lion statue is also present.





           
 अद्भुत कर देने वाली दृश्य
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                Amazing view 
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 Friends, this temple was built under the patronage of the then famous Pallava Maharaj Narasimha Varman II King Simha.  Ascension

 It took place in 700 AD and ruled this state for almost 20 years.














 Friends, let's go on a trip to Mamallapuram which we all also know as Mahabalipuram. Friends, it was an important port city during the early period of India and also a major center for artistic construction activities under the patronage of famous Pallava rulers.  Friends, a great Pallava warrior who started in 630 AD for almost 38 years.  Who built a large number of rock-cut monuments in Mamallapuram including temples, monolithic temples and all the large sculptures which are built entirely of stones, also with strong granite stones.  Friends, you will be surprised to know that very big devotees of Pallava king Shiva

 Used to do  And at the same time, he built temples of Jainism in a large number of temples of his deities.  That is, the Pallava rulers were particularly impressed by the growing devotional movements during that time.





           
      भगवान की मूर्ति
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                     Idol of god
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 Friends you might not know that temple construction art is divided into two parts like "Nagra" or North Carpet Indian style and "Dravidian" or South Indian construction style. Both the Nagara and Dravidian styles of temples are spread all over India.  Has been constructed.  Friends The evolution of early Indian architecture refers to the construction of wood and wood structures from cave temples.  Friends, you must have seen that the cave temples were built by digging rocks and hills.  But before that their plan and ornamentation would have been done clearly using wooden structures. Then the cave temples would have been built on a large scale, then only then the builders cut the stones from top to bottom in the best way.  Built.













 Friends, similarly, the Shore Temple is a very beautiful structure made of stones, which is built on natural granite stones.  Friends, when you come here you will see that there are three different temples out of which two are dedicated to Lord Shiva and one is friends to Lord Vishnu, Vishnu Temple is the oldest and smallest of the three temples.






                  शिव परिवार
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                  Shiva Family
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 The entrance of the Friends temple is towards the west, which is in front of the small Shiva temple. From the friends entrance, as soon as you go in, see that the small Vishnu temple is located in the middle of both Shiva temples.  Which connects the two temples and as soon as you reach inside, you will see that a huge sleeping idol of Lord Vishnu is installed which feels very supernatural. Friends, Lord Krishna's pastimes are depicted on the walls of the temple.  Like the Friends Vishnu Temple, both the Shiva temples have rich sculptures painted in the inner and outer walls of the walls. Friends, the back wall of the temple has a carved statue of Lord Shiva along with Mata Parvati and her son Skandha.  happened.  And on the inner walls of the mandapa are pictures of Brahma and Lord Vishnu and on the outer walls of the garbha planet, on the north side there are statues of Lord Shiva as well as the idols of Mother Durga.
















 Friends temple depicting its amazing idol art has been representing itself for centuries Friends you will see that Baba Nandi sitting at the entrance of the big Shiva temple is representing Lord Shiva.







             शिव मंदिर का प्रवेश द्वार
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          Shiva temple entrance
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 Friends Shore Temple is very famous for its architectural importance which is displaying all the elements of mature Dravidian construction art. Friends This temple is one of the holy places dedicated to both Shiva and Lord Vishnu.  Friends, it is believed that in ancient times, seafarers in the sea used to see the shrine of the temple from a distance and they understood that they have reached close to the shore.  Represent.











 Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra 🧗🧗



























  
 

Friday, January 15, 2021

एक यात्रा महारानी भाग्यवती के द्वारा अपने पति महाराज संग्राम सिंह की याद में बनवाये गए रहस्यमई और अलौकिक मंदिर की - ग्राम साॅका , नरसिंह गढ़ वन्य अभ्यारण मध्य प्रदेश भारत A visit to the mysterious and supernatural temple built by Queen Bhagyavati in memory of her husband Maharaj Sangram Singh - Village Saka, Narsingh Garh Wildlife Sanctuary Madhya Pradesh India

Ek yatra khajane ki khoje 


  





        16 वी 17 वीं शताब्दी  केेेेे दौरान महारानी भाग्यवती द्वारा 
                                बनवाया गया मंदिर
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By Maharani Bhagyavati during the 16th to 17th centuries

 Temple built
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नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं मध्य प्रदेश की एक छोटे से गांव जो पार्वती नदी के किनारे और नरसिंह गढ़ वन्य जीव अभयारण्य में स्थित है और यहीं पर मौजूद है एक अलौकिक मंदिर जिससे एक पत्नी ने अपने पति के याद में बनबाया था। सदियों पहले।






 दोस्तों प्रत्येक वर्ष यहां पर माघ महीने में एक मेले का आयोजन किया जाता है। जो इस क्षेत्र में बहुत ही प्रसिद्ध है।दोस्तों यह मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध है इस क्षेत्र के लोगों में परंतु बाहरी लोगों को इस मंदिर के बारे में कोई जानकारी नहीं है। यह 16 वी  ,17 वीं शताब्दी में उस समय के और उस क्षेत्र के तत्कालीन सम्राट संग्राम सिंह की याद में उनकी धर्मपत्नी महारानी भाग्यवती द्वारा बनवाया गया था।दोस्तों माना जाता है कि राजा संग्राम सिंह की मृत्यु मुगल सैनिकों से लड़ते वक्त हुई थी जिनकी याद में महारानी ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। दोस्तों यह अद्भुत एवं अलौकिक प्रेम की अनमोल धरोहर है जिसे एक पतिव्रता पत्नी ने अपने सबसे कीमती रत्न यानी अपने सबसे प्रिय वस्तु अपने प्राणों से भी प्यारे पति की याद में बनवाया था। जो अब तक बाहरी लोगों के नजरों से ओझल था दोस्तों इसे अब राज्य सरकार द्वारा संरक्षित कर दिया गया है।





                             खूबसूरत कलाकृतियां
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                            Beautiful artifacts
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 दोस्तों जैसे ही आप इस मंदिर प्रांगण में प्रवेश करोगे आप अचंभित हो जाओगे क्योंकि आपके सामने होगा मालवा और राजस्थानी प्रभाव को दर्शाता हुआ बहुत ही खूबसूरत कलाकृतियां।दोस्तों दीवारों पर बहुत ही सुंदर चित्रों को उकेरा गया है एवं बहुत ही सुंदर और नक्काशीदार पत्थरों और ईंटों का इस्तेमाल इस मंदिर के निर्माण में किया गया है।दोस्तों यह मंदिर मध्य प्रदेश के घने जंगलों में स्थित 35 वे वन्य जीव अभ्यारण में स्थित है।इस अभ्यारण्य को हम सभी नरसिंहगढ़ वन्य जीव अभ्यारण के नाम से जानते हैं। दोस्तों नरसिंहगढ़ वन जीव अभ्यारण ने को 1978 में स्थापित किया गया था।दोस्तों यह क्षेत्र यानी यह अभयारण्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण राजगढ़ जिले के सबसे खूबसूरत जगहों में से एक जाना जाता है।   दोस्तों आपको जानकर यह आश्चर्य होगा कि यह क्षेत्र  "मालवा के कश्मीर "  के रूप में प्रसिद्ध है।  और दोस्तों ऊपर से इन जंगलों में स्थित यह अद्भुत मंदिर इस क्षेत्र में चार चांद लगा देती है। 









 दोस्तों चांदनी रात में इस अलौकिक मंदिर में रुकना एक अलग ही अनुभूति प्रदान करती है। दोस्तों चांद की रोशनी जब इन कलाकृतियों पर पड़ती हैं तो मानो वे सजीव यानी वे गहरी नींद्रा से जाग उठती हैं और उस कालखंड के बिते हुए इतिहास चलचित्र के भांति तैरने लगती हैं मानों हम स्वयं उस बिते हुए अतित में पहुंच गए हों  । राज - रानी की मधुर आवाजें , घोड़े - हाथियों और सैनिकों की चलने की आवाजें कानों में मधुर रस की भांति घुलने लगती हैं ,  साथ ही साथ दोस्तों जंगल में चलने वाली ठंडी हवाएं शरीर के रोम रोम में एक  रोमांच पैदा कर देती हैं।






                        युद्ध को दर्शाती मूर्तियां
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                             War sculptures
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 दोस्तों यहां मौजूद रूहानी शक्तियां आप को मदहोश कर देगी इस खूबसूरत पल को अपने अंदर महसूस करने में। दोस्तों ऐसा लगता है कि मानो स्वर्ग से परियां उतर आई हो इस खूबसूरत मंदिर के प्रांगण में और प्रेम में पागल अपने पति की याद में एक पत्नी की प्रेम गाथा को बहुत ही रुहानियत तरीके से आपके सामने पेश कर रही हो। जो आप को मजबूर कर देती है इस प्रेम मंदिर में रुकने पर।दोस्तों क्या बताऊं मैं व्याख्यान नहीं कर सकता हूं अपने इस अनुभव को की रात से सुबह कैसे बीत जाता है पता ही नहीं चल पाता है ।







 दोस्तों इस अभयारण्य के बीच में एक झील स्थित है जो  चिड़खो झील  के नाम से प्रसिद्ध है दोस्तों प्राचीन काल में इस क्षेत्र के राजा , महाराजा शिकार खेलने आते थे इस अभयारण्य में एवं झील में स्नान आदि किया करते थे। परंतु दोस्तों वह बीते हुए कल की बातें हैं। अब तो वर्तमान समय में यह झील पर्यटकों का पसंदीदा जगह बना हुआ है। और साथ ही साथ प्रवासी पक्षियों का भी जो काफी दूर दूर का सफर करके इस झील में पहुंचते हैं प्रवास करने और साथ ही साथ प्रजनन भी करते हैं ।और उनके बच्चे जब बड़े हो जाते हैं तब वे अपने मूल स्थान की ओर अपने बच्चों को लेकर उड़ जाते हैं।



              कहानियों को दर्शाती बहुत ही खूबसूरत मूर्तियां
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          Very beautiful sculptures depicting stories
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 दोस्तों मध्य प्रदेश की राज्य पक्षी " दूधराज "
 जिसे हम सभी  " सुल्तान बुलबुल "  के नाम से भी जानते हैं इसी अभयारण्य में पाए जाते हैं।एवं हमारे राष्ट्रीय पक्षी मोर भी इस अभयारण्य में बहुत बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। दोस्तों अभयारण्य के मयूर पार्क क्षेत्र में बड़ी संख्या में जंगली जानवर पाए जाते हैं साथ ही साथ बड़ी संख्या में सांभर , चीतल  एवं नीलगाय पाए जाते हैं। जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।









दोस्तों साका गांव में स्थित यह अलौकिक मंदिर एवं नरसिंहगढ़ वन्यजीव अभयारण्य भोपाल से 90 किलोमीटर , इंदौर से 221 किलोमीटर एवं राजस्थान के कोटा से 278 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 
                        दोस्तों हम जैसे घुमक्कड़ यात्रियों या कहे तो खोजकर्ताओं ने इस खोई कोई विरासत को लोगों को सामने लाने का बीड़ा उठाया है ताकि इस अद्भुत और अलौकिक अपने पूर्वजों की विरासत को संरक्षित किया जा सके और संसार को दिखा सके कि हमारी विरासत कितनी उच्च कोटि की थी ।अतः आप सभी से इस मंदिर की यात्रा पर जरूर आएं और अपनी विरासत को देखकर गौरवान्वित महसूस करें। 










                  धन्यवाद दोस्तों

         
         माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗

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               English translate
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                    बीते हुए कल को दर्शाती है मूर्तियां
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                     Statues depicting the past
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  Hello friends, I heartily greet all of you mountain lepards Mahendra, Friends, today I am taking you on a journey of a small village in Madhya Pradesh situated on the banks of Parvati River and in the Narsingh Garh Wildlife Sanctuary and present here  There is a supernatural temple built by a wife in memory of her husband.  Centuries ago.










 Friends, a fair is organized here every year in the month of Magha.  Which is very famous in this area. Friends, this temple is very famous among the people of this region but outsiders have no information about this temple.  It was built in the 16th, 17th century by his wife Maharani Bhagyavati in memory of the then emperor Sangram Singh of that region. Friends are believed to have died while fighting Mughal soldiers.  This temple was built by the Queen in the year.  Friends, this is a precious heritage of wonderful and supernatural love, which was made by a loving wife in memory of her most precious gem, her most beloved object, even with her life.  Friends, which were hitherto lost from the eyes of outsiders, it has now been protected by the state government.



             देवकन्याओं और देवी देवताओं को दर्शाती मूर्तियां
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       Statues depicting Devakanya and Goddesses
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 Friends, as soon as you enter this temple courtyard you will be astonished because you will have in front of you beautiful paintings depicting the Malwa and Rajasthani influence. Two beautiful paintings are engraved on the two walls and very beautiful and carved stones and bricks.  Has been used in the construction of this temple. Friends, this temple is located in the 35th Wildlife Sanctuary located in the dense forests of Madhya Pradesh. This sanctuary is known as Narsinghgarh Wildlife Sanctuary.  Friends Narsinghgarh Wildlife Sanctuary was established in 1978. Friends, this region i.e. this sanctuary is known to be one of the most beautiful places in Rajgarh district due to its natural beauty.  Friends, you will be surprised to know that this region is famous as "Kashmir of Malwa".  And friends, this wonderful temple situated in these forests from above adds four moons to this region.










 Friends, staying in this supernatural temple on the moonlit night gives a different feeling.  Friends, when the light of the moon falls on these artifacts, it is as if they wake up from the deep, deep sleep and float like the history movie of that time period, as if we ourselves have reached that spent time.  The sweet sounds of the Raj-queen, the sound of horse-elephants and soldiers walking in the ears dissolve like sweet juices, as well as the cool winds that blow in the friends forest make the body a thrill in Rome.





         भगवान गणेश और राम सीता लक्ष्मण को दर्शाती मूर्तियां
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         Statues depicting Lord Ganesha and Rama Sita Lakshman
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 Friends, the spiritual powers present here will drown you in feeling this beautiful moment inside you.  Friends, it seems as if a fairy has descended from heaven, presenting the love saga of a wife to you in a beautiful way in the courtyard of this beautiful temple and in the memory of her husband who is madly in love.  Which compels you to stay in this love temple. What to tell friends, I cannot lecture how my experience is passed from night to morning.










 Friends, a lake is situated in the middle of this sanctuary, which is famous as the Chidkho lake. In ancient times, the king of this region, the Maharaja used to come to play hunting in this sanctuary and used to bathe in the lake.  But friends, that is a thing of the past.  Now in the present time this lake remains a favorite place of tourists.  And also the migratory birds that travel far and wide to reach this lake, they migrate as well as breed. And when their children grow up they take their children to their native place.  Fly away.









 Friends "Dudhraj", the state bird of Madhya Pradesh

 Which we all know by the name of "Sultan Bulbul" are also found in this sanctuary. And our national bird peacock is also found in large number in this sanctuary.  A large number of wild animals are found in the Mayur Park area of ​​the Friends sanctuary, as well as a large number of sambar, chital and nilgai.  Which attract tourists.









 This supernatural temple and Narsinghgarh Wildlife Sanctuary located in Friends Saka village is 90 km from Bhopal, 221 km from Indore and 278 km from Kota in Rajasthan.

 Friends like us nomadic travelers or, say, explorers have pioneered to bring this lost heritage to the people to preserve this wonderful and supernatural heritage of their ancestors and show the world how highly our heritage was  Therefore, definitely visit all of you on a visit to this temple and feel proud to see your heritage.



                                     चिड़खो झील
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                                    Chirkho Lake
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              Thanks guys




 Mountain Leopard Mahendra 🧗🧗




                                     प्रवेश द्वार
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                                     Entry Gate
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Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...