Sunday, October 3, 2021

एक यात्रा महाभारत कालीन प्रसिद्ध नगरों कीA Journey to the Famous Cities of the Mahabharata Period.

Ek yatra khajane ki khoje


























  नमस्कार दोस्तों माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के यात्रा ब्लॉग में आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन हैं दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं महाभारत कालीन कुछ प्रसिद्ध नगरों की जो इस समय भी विभिन्न नामों से मौजूद हैं।








 गांधार  -  दोस्तों आज के कंधार को प्राचीन काल में गांधार के रूप में जाना जाता था।दोस्तों यह देश प्राचीन काल में आज के पाकिस्तान के रावलपिंडी से लेकर सुदूर अफगानिस्तान तक फैला हुआ था ।दोस्तों महाभारत काल में महाराज धृतराष्ट्र की पत्नी गांधारी वहां के राजा सुबल की पुत्री थी।दोस्तों की भ्रांतियां हैं कि गांधारी के श्राप के कारण पूरा अफगानिस्तान आज तक तबाही झेल रहा है।









 तक्षशिला -  दोस्तों तक्षशिला प्राचीन गांधार प्रदेश की राजधानी हुआ करती थी। दोस्तों आज वर्तमान में तक्षशिला को रावलपिंडी के नाम से जाना जाता है दोस्तों तक्षशिला प्राचीन काल में शिक्षा का विश्व प्रसिद्ध केंद्र हुआ करता था।








 केकय प्रदेश-  दोस्तों आज के जम्मू कश्मीर के उत्तरी क्षेत्र का उल्लेख महाभारत काल में केकय प्रदेश के रूप में किया जाता था। दोस्तों प्राचीन काल में केकय प्रदेश के राजा जयसेन का विवाह भगवान कृष्ण के पिता महाराज वसुदेव की बहन राधा देवी के साथ हुआ था। दोस्तों उनके पुत्र विंद व जरासंध दुर्योधन का मित्र था। दोस्तों महाभारत के युद्ध में विंद ने कौरवों का साथ दिया था।








 मद्र देश -  दोस्तों केकय प्रदेश से सटा हुआ मद्र प्रदेश आज का जम्मू कश्मीर प्रदेश ही है। दोस्तों  ग्रंथ एतरेय ब्रहामण के अनुसार हिमालय के पहाड़ियों के नजदीक होने के कारण मद्र देश को उत्तर का कुरु भी कहा जाता था। दोस्तों महाभारत काल में मद्र देश के राजा शल्य थे , जिनकी बहन माद्री का विवाह महाराज पाण्डु से हुआ था। दोस्तों नकुल और सहदेव रानी माद्री के ही पुत्र थे।









 उज्जनक प्रदेश-  दोस्तों आज के नैनीताल का वर्णन महाभारत काल में उज्जनक के रूप में किया गया है। दोस्तों गुरु द्रोणाचार्य यहां पांडवों और कौरवों को अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा प्रदान करते थे। दोस्तों कुंती पुत्र भीम ने गुरु द्रोणाचार्य के आदेश पर यहां एक शिव लिंग की स्थापना की थी। दोस्तों यही कारण है कि इस क्षेत्र को भीमशंकर के नाम से जाना जाता है। दोस्तों भीम द्वारा स्थापित शिवलिंग आज भी यहां मौजूद है दोस्तों वर्तमान में आज यहां एक विशाल मंदिर का निर्माण किया जा चुका है। दोस्तों माना जाता है कि यह प्राचीन शिव लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है जो भीमशंकर ज्योतिर्लिंग के नाम से प्रसिद्ध है।









 शिविदेश -  दोस्तों महाभारत काल में दक्षिण पंजाब को शिवि देश के नाम से जाना जाता था। दोस्तों महाभारत में महाराज उशीनर का वर्णन है जिनके पौत्र शैव्य थे । दोस्तों राजा शैव्य के पुत्री  देविका का विवाह महाराज युधिष्ठिर से हुआ था। दोस्तों  राजा शैव्य एक महान धनुर्धर और महारथी थे । उन्होंने महाभारत के युद्ध में पांडवों का साथ दिया था और अर्जुन का साथ देते हुए युद्ध को जिताने में अपना अतुलनीय योगदान दिया था।







 वाणगंगा-    दोस्तों कुरूक्षेत्र से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है प्रसिद्ध वाणगंगा दोस्तों कहा जाता है कि महाभारत की भीषण लड़ाई में घायल पितामह भीष्म को यहां तिरो के सैय्या पर लिटाया गया था। दोस्तों कथा के अनुसार भीष्म ने प्यास लगने पर जब पानी की मांग की तो  अर्जुन ने वाणों से धरती पर प्रहार किया और गंगा की धारा फूट पड़ा । दोस्तों यही कारण है कि इस स्थान को वाणगंगा के नाम से जाना जाता है।








 कुरूक्षेत्र-   दोस्तों आज का हरियाणा ही  कुरूक्षेत्र हैं । दोस्तों यही पर  प्रसिद्ध महाभारत की युद्ध हुआ था । दोस्तों मान्यता है कि आदि काल में भगवान ब्रह्मा जी ने एक पवित्र यज्ञ का आयोजन किया था । दोस्तों आज भी इस स्थान पर एक ब्रह्म  सरोवर मौजूद है। दोस्तों पवित्र ग्रंथ श्रीमद्भागवत गीता में लिखा हुआ है कि महाभारत के युद्ध से पहले भगवान श्री कृष्ण ने यदुवंश के अन्य सदस्यों के साथ इस पवित्र सरोवर में स्नान किया था।
  








हस्तिनापुर-   दोस्तों महाभारत में वर्णित हस्तिनापुर का क्षेत्र आज के मेरठ शहर के आसपास का है। दोस्तों यह क्षेत्र चंद्रवंशी राजाओं की राजधानी हुआ करता था । दोस्तों देखा जाए तो सही मायने में  महाभारत युद्ध की पटकथा यही लिखा गया था। दोस्तों महाभारत युद्ध के बाद पांडवों ने हस्तिनापुर को ही अपने राज्य का राजधानी बनाया था।









 
वर्णावत -  दोस्तों इस स्थान को भी मेरठ शहर के नजदीक ही माना जाता है।  दोस्तों वर्णावत में ही  पांडवों को छल से मारने के लिए दुर्योधन ने लाक्षाग्रह का निर्माण करवाया था। दोस्तों यह स्थान गंगा नदी के किनारे पर है । दोस्तों महाभारत के प्रसिद्ध कथा के अनुसार इस ऐतिहासिक युद्ध को टालने के लिए जिन पांच गांवों की मांग की थी , उनमें से एक वर्णावत भी था । दोस्तों आज भी यहां एक छोटा सा गांव है जिसका वर्णावा है।










 वृंदावन-  दोस्तों यह स्थान आज के मथुरा से लगभग 10 किलोमीटर दूर है। दोस्तों वृंदावन को भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं के लिए जाना जाता है दोस्तों यही पर विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर मौजूद हैं।








 मगध -  दोस्तों दक्षिण बिहार में मौजूद मगध जरासंध की राजधानी थी। दोस्तों जरासंध की दो पुत्रियां "अस्ति और प्राप्ति"  का विवाह महाराज कंस से हुआ था। दोस्तों  जब भगवान कृष्ण ने अपने मामा कंस का वध किया तब वे अनायास ही जरासंध के दुश्मन बन बैठे थे।








 गोकुल -  दोस्तों  यमुना नदी के किनारे बसा हुआ यह स्थान भी मथुरा शहर से आठ किलोमीटर दूर है । दोस्तों महाराज कंस से रक्षा के लिए भगवान कृष्ण के पिता  वसुदेव ने उन्हें अपने परम मित्र नंदराय के घर  गोकुल में छोड़ दिया था । दोस्तों भगवान कृष्ण और उनके बड़े भाई बलराम गोकुल में साथ साथ पले बढ़े थे।







   द्वारका-  दोस्तों माना जाता है कि गुजरात के पश्चिमी तट पर मौजूद यह स्थान कालांतर में समुद्र में समा गया है। दोस्तों इस अद्भुत नगर का निर्माण भगवान श्री कृष्ण के आज्ञा से महान् देव शिल्पी विश्वकर्मा जी ने किया था। दोस्तों माना जाता है कि जरासंध के बार बार हमले से यदुवंशियो को  बचाने के लिए भगवान कृष्ण अपनी राजधानी स्थानांतरित कर द्वारिका ले गए थे।







  अंग देश -  दोस्तों वर्तमान में  उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले का क्षेत्र व बिहार के भागलपुर जिले के क्षेत्र को अंग देश के रूप में चिह्नित किया गया है दोस्तों दोनों में से अंग देश कौन-सा क्षेत्र है यह शोध का विषय है । लेकिन दोस्तों अधिकतर इतिहासकारों का मानना है कि बिहार का भागलपुर जिले का क्षेत्र ही महाभारत कालीन प्रसिद्ध अंग प्रदेश था। दोस्तों मान्यताओं के मुताबिक जरासंध ने अंग देश  दुर्योधन को उपहार स्वरूप भेंट किया था। जिसे बाद में दुर्योधन ने अपने मित्र कर्ण को दें दिया था । दोस्तों इस स्थान को शक्ति पीठ के रूप में भी जाना जाता है।









 चंदेरी-   दोस्तों चंदेरी मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले में स्थित है। दोस्तों आज के समय में चंदेरी की पहचान यहां की कशीदाकारी और साड़ियों के निर्माण के लिए है। लेकिन दोस्तों चंदेरी का इतिहास भी उतना ही गौरवशाली है जितनी प्रसिद्ध यहां की कशीदाकारी है। दोस्तों इस ऐतिहासिक शहर का उल्लेखन  महाभारत में भी मिलता है। दोस्तों  11 वीं सदी में यहां एक महत्वपूर्ण सैनिक केंद्र हुआ करता था। एवं प्रमुख व्यापारिक मार्ग यहीं से होकर गुजरता था। दोस्तों यहां ऐसी कई ऐतिहासिक इमारतें हैं जो पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बन हुआ है। 







    दोस्तों धन्यवाद आज के लिए बस इतना ही।
                 धन्यवाद दोस्तों


            माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗






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              English translate
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  Hello friends, a warm greeting to all of you in the travel blog of Mountain Leopard Mahendra, friends, on today's journey, I am taking you to some of the famous cities of the Mahabharata era, which are still present under different names.








 Gandhara  - Friends, today's Kandahar was known as Gandhara in ancient times. Friends, this country was spread from Rawalpindi in present-day Pakistan to remote Afghanistan in ancient times.  She was the daughter of Subal. Friends have misconceptions that due to the curse of Gandhari, the whole of Afghanistan is facing devastation till date.







 Taxila - Friends Taxila used to be the capital of ancient Gandhara region.  Friends, today Taxila is known as Rawalpindi, friends Taxila used to be a world famous center of education in ancient times.







 Kekay Pradesh - Friends, the northern region of present-day Jammu and Kashmir was mentioned as Kekay Pradesh in the Mahabharata period.  Friends, in ancient times, King Jayasena of Kekay Pradesh was married to Radha Devi, sister of Lord Krishna's father Maharaj Vasudev.  His sons Vind and Jarasandha were friends of Duryodhana.  Friends, Vind had supported the Kauravas in the war of Mahabharata.







 Madra Desh - Friends, the state of Madhya Pradesh, which is adjacent to the state, is the present-day Jammu and Kashmir state.  Friends, according to the text Atreya Brahman, due to its proximity to the Himalayan hills, the country of Madra was also called the Kuru of the North.  Friends, in the Mahabharata period, the king of Madra was Shalya, whose sister Madri was married to Maharaja Pandu.  Friends Nakula and Sahadeva were the sons of Queen Madri.







 Ujjanak region - Friends, today's Nainital has been described as Ujjanak in the Mahabharata period.  Friends, Guru Dronacharya used to provide education of weapons to the Pandavas and Kauravas here.  Friends, Kunti's son Bhima had established a Shiva Linga here on the orders of Guru Dronacharya.  Friends, this is the reason why this area is known as Bhimashankar.  Friends Shivling established by Bhima is present here even today friends, today a huge temple has been constructed here.  Friends, it is believed that this ancient Shiva Linga is one of the 12 Jyotirlingas which is famous as Bhimashankar Jyotirlinga.







 Shivdesh - Friends, during the Mahabharata period, South Punjab was known as Shiv Desh.  Friends, in the Mahabharata, there is a description of Maharaj Ushinar whose grandson was Shaivya.  Friends, the daughter of King Shaivya, Devika was married to Maharaj Yudhishthira.  Friends, King Shaivya was a great archer and master.  He had supported the Pandavas in the war of Mahabharata and made an incomparable contribution in winning the war by supporting Arjuna.








 Vanganga-  Friends is located at a distance of about three kilometers from Kurukshetra. The famous Vanganga friends are said to have laid down the paternal grandfather Bhishma, who was injured in the fierce battle of Mahabharata, on the Saiya of Tiro here.  According to the legend, when Bhishma asked for water when he was thirsty, Arjuna struck the earth with his arrows and the Ganges stream burst.  Friends, this is the reason why this place is known as Vanganga.









 Kurukshetra - Friends, today's Haryana is Kurukshetra.  Friends, this is where the famous Mahabharata war took place.  Friends, it is believed that in ancient times Lord Brahma had organized a holy yajna.  Friends, even today a Brahma Sarovar exists at this place.  Friends, it is written in the holy book Shrimad Bhagwat Geeta that before the war of Mahabharata, Lord Krishna along with other members of Yaduvansh had bathed in this holy lake.










 Hastinapur - Friends, the area of ​​Hastinapur described in the Mahabharata is around the present-day city of Meerut.  Friends, this region used to be the capital of Chandravanshi kings.  Friends, in the true sense, this was the script of the Mahabharata war that was written.  Friends, after the Mahabharata war, the Pandavas made Hastinapur the capital of their kingdom.











 Varnavat - Friends, this place is also considered close to the city of Meerut.  Friends, in order to kill the Pandavas with deceit, Duryodhana had built Lakshagraha in Varnavat itself.  Friends, this place is on the bank of river Ganges.  Friends, according to the famous story of Mahabharata, one of the five villages that were demanded to avert this historical war was Varnavat.  Friends, even today there is a small village here which has a Varnava.










 Vrindavan - Friends, this place is about 10 kilometers away from today's Mathura.  Friends, Vrindavan is known for the child pastimes of Lord Krishna, friends, the world famous Banke Bihari temple is present here.









 Magadha - Friends, Magadha was the capital of Jarasandha present in South Bihar.  Friends Jarasandha's two daughters "Asti and Prapti" were married to Maharaj Kansa.  Friends, when Lord Krishna killed his maternal uncle Kansa, he unintentionally became the enemy of Jarasandha.









 Gokul - Friends, this place situated on the banks of river Yamuna is also eight kilometers away from the city of Mathura.  Friends, Lord Krishna's father, Vasudev had left him in the house of his best friend Nandaraya, Gokul, to protect him from Maharaj Kansa.  Friends, Lord Krishna and his elder brother Balram grew up together in Gokul.









 Dwarka - Friends, it is believed that this place on the west coast of Gujarat has submerged in the sea over a period of time.  Friends, this wonderful city was built by the great god Shilpi Vishwakarma ji on the orders of Lord Shri Krishna.  Friends, it is believed that Lord Krishna shifted his capital to Dwarka to save the Yaduvanshis from the repeated attacks of Jarasandha.







 Ang Desh - Friends, at present, the area of ​​Gonda district of Uttar Pradesh and Bhagalpur district of Bihar has been marked as Anga Desh, friends, which of the two regions is Anga Desh, this is the subject of research.  But friends, most historians believe that the region of Bhagalpur district of Bihar was the famous Anga region during the Mahabharata period.  According to friends' beliefs, Jarasandha had presented an organ to Duryodhana as a gift.  Which was later given by Duryodhana to his friend Karna.  Friends, this place is also known as Shakti Peeth.









 Chanderi - Friends, Chanderi is located in the Ashok Nagar district of Madhya Pradesh.  Friends, in today's time, Chanderi is recognized for its embroidery and manufacturing of sarees.  But friends, the history of Chanderi is equally as glorious as the embroidered here.  Friends, the mention of this historical city is also found in Mahabharata.  Friends, there used to be an important military center here in the 11th century.  And the main trade route passed through here.  Friends, there are many such historical buildings here which have become the center of attraction among tourists.







 Thanks guys that's all for today.

 thanks guys



 Mountain Leopard Mahendra🧗🧗
 





Tuesday, September 21, 2021

एक यात्रा कोल्हापुर में मौजूद अंबाबाई देवी मंदिर की जहां मौजूद हैं धातु की एक अद्भुत प्रतिमा जिसे हम सभी अंबाबाई देवी के रूप में जानते हैं - कोल्हापुर महाराष्ट्र भारतA visit to the Ambabai Devi Temple in Kolhapur where there is an amazing metal statue known to all of us as Ambabai Devi - Kolhapur Maharashtra India.

Ek yatra khajane ki khoje





















  नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं महाराष्ट्रा के कोल्हापुर की यात्रा पर जहां हम दर्शन करेंगे अद्भुत और अलौकिक माता अंबाबाई देवी की अद्भुत और दुर्लभ प्रतिमा की जो विभिन्न धातुओं से निर्मित है।

                अंबाबाई देवी मंदिर

                 कोल्हापुर महाराष्ट्र

                        भारतवर्ष






 दोस्तों अंबाबाई देवी की इस मंदिर में मौजूद धातु की इस प्राचीन मूर्ति की विशेषता जानोगे तो आप सभी हैरान रह जाओगे।

                  दोस्तों यह प्राचीन मूर्ति तीन धातुओं से मिलकर बनी है चांदी , तांबा और कांसा से।
                
  दोस्तों खास बात यह है कि इन तीनों धातुओं का मेल्टिंग प्वाइंट अलग-अलग है। दोस्तों आश्चर्यजनक ढंग से मूर्ति पर कहीं भी कोई वेल्डिंग नहीं की गई है जोड़ने के लिए।






        दोस्तों आप देखोगे कि इस मूर्ति के मुख को चांदी से   और शरीर का अन्य भाग तांबे का एवं वस्त्र कांसे से का बनाया गया है। दोस्तों इसी प्रकार शेर के मुख को तांबे से और उसके शरीर के अन्य भागों को कांस्य और तांबे से बनाया गया है। जोकि अपने आप में अद्भुत है।

            दोस्तों आप सोच सकते हो कि आज से सैकड़ों वर्षो पूर्व जब ना तो वेल्डिंग करने की कोई व्यवस्था थी ,और नहीं धातुओं को जोड़ने का कोई केमिकल था ।तो अद्भुत रूप से भिन्न भिन्न धातुओं को मिलाकर इन मूर्तियों को बनाने वाले कलाकार किस स्तर के वैज्ञानिक रहे होंगे। जो हमें सोचने पर मजबूर कर देती है।






                      धन्यवाद दोस्तों आज के लिए बस इतना ही।

          माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗





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 Hello friends, I am Mountain Leopard Mahendra, I warmly greet all of you guys, on today's journey I am taking you on a trip to Kolhapur, Maharashtra where we will see the wonderful and rare statue of the wonderful and supernatural Mother Ambabai Devi, which is made of different metals.  manufactured from.







 Ambabai Devi Temple


 Kolhapur Maharashtra


 Bharatvarsh








 Friends, if you know the specialty of this ancient metal idol present in this temple of Ambabai Devi, then you will be surprised.


 Friends, this ancient idol is made of three metals, silver, copper and bronze.








 Friends, the special thing is that the melting point of these three metals is different.  To add guys surprisingly no welding has been done anywhere on the statue.







 Friends, you will see that the face of this idol is made of silver and the other part of the body is made of copper and clothes are made of bronze.  Friends, in the same way, the face of a lion has been made from copper and other parts of its body are made of bronze and copper.  Which in itself is wonderful.


 Friends, you can imagine that hundreds of years ago, when there was no system of welding, nor was there any chemical to join metals.  Would have been  Which makes us think.









 Thanks guys, that's all for today.


 Mountain Leopard Mahendra🧗🧗




























          

Monday, September 13, 2021

एक यात्रा माता चामुंडा की अद्भुत और अलौकिक हजारों वर्ष प्राचीन जीवन्त प्रतिमा- राजकीय संग्रहालय उड़ीसा भारत. A Journey Amazing and supernatural thousands of years old living statue of Mata Chamunda - Government Museum Orissa India.

Ek yatra khajane ki khoje









                 माता चामुंडा देवी की प्राचीन प्रतिमा 












  नमस्कार दोस्तों माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के यात्रा ब्लॉग में आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन है दोस्तों आज की यात्रा पर मुझे उड़ीसा राज्य के राजकीय संग्रहालय में जाने का मौका मिला जहां मैंने एक ऐसी चमत्कारी अलौकिक अद्भुत प्रतिमा को देखने को मिला जिसे देखते ही मैं अचंभित हो गया।








     अति प्राचीन अद्भुत माता चामुंडा की                                 प्रतिमा

            राजकीय संग्रहालय - उड़ीसा

                       भारतवर्ष









         दोस्तों वह प्रतिमा है माता चामुंडा की जो कभी राजस्थान राज्य के जयपुर स्थित एक प्राचीन मंदिर में स्थापित थी।


       दोस्तों ऐतिहासिक दस्तावेजों का अध्ययन से पता चलता है कि इस अद्भुत और अलौकिक माता चामुंडा की प्रतिमा का निर्माण आठवीं सदी में की गई थी।

                  दोस्तों अचंभित करने वाली बात यह है कि इस प्रतिमा को एक ही पत्थर से तराश कर बनाया गया है दोस्तों आप देख सकते हो कि साधना में लीन माता की शरीर का केवल हड्डी ही नहीं बल्कि शरीर का एक-एक ढांचा व नशों तक को हूबहू केरा गया है।

           दोस्तों मुझे लगता है कि माता चामुंडा की यह मूर्ति कभी सजीव हुआ करती होगी तभी तो प्राचीन काल के राजा महाराजा माता चामुंडा की इस अद्भुत मूर्ति से बातें किया करते होंगे।

    दोस्तों कितने महान होंगे हमारे पूर्वज जो इन अद्भुत और अलौकिक मूर्तियों का निर्माण किए होंगे।






           धन्यवाद दोस्तों 


        माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗
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          English translate
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       Ancient Statue of Mata                        Chamunda Devi








  Hello friends, a warm welcome to all of you in the travel blog of Mountain Leopard Mahendra, friends, on today's visit, I got a chance to visit the State Museum of the state of Orissa, where I got to see such a miraculous supernatural amazing statue, which I was surprised to see.  Gaya.








 Statue of the most ancient wonderful mother Chamunda


 Government Museum - Orissa


 Bharatvarsh








 Friends, that statue is of Mata Chamunda which was once established in an ancient temple located in Jaipur, Rajasthan state.



 Friends, the study of historical documents shows that the statue of this wonderful and supernatural mother Chamunda was built in the eighth century.







 Friends, the surprising thing is that this statue has been carved out of a single stone, friends, you can see that not only the bone of the mother's body absorbed in meditation, but every structure of the body and even the intoxicants can be done exactly.  has gone.


 Friends, I think that this idol of Mata Chamunda would have been alive once, only then the king of ancient times would have talked to this wonderful idol of Maharaja Mata Chamunda.








 Friends, how great would be our ancestors who would have created these wonderful and supernatural idols.







 thanks guys



 Mountain Leopard Mahendra🧗🧗



















Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...