Sunday, July 26, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग- मणिकर्णिका श्मशान घाट ( काशी उत्तर प्रदेश भारत)। Manikarnika Cremation Ghat (Kashi Uttar Pradesh India) with a Journey Mountain Leopard Mahendra

Ek yatra khajane ki khoje


नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं । दोस्तों आज की यात्रा पर मैं पहुंचा हुं मैं  मोक्षदायिनी  , अलौकिक  मणिकर्णिका श्मशान घाट पर । दोस्तों आज मैं अपने आप को को बहुत शांत महसूस कर रहा हूं मणिकर्णिका श्मशान घाट पर बैठ कर । ऐसा लग रहा है मानो मैं यही पर धुनी लगा कर समाधी में बैठ जाऊं और मोह-माय
 की दुनिया को छोड़कर महाकाल में विलीन हो जाऊं । हर हर महादेव 🙏🙏🙏🙏🙏



                             मणिकर्णिका श्मशान घाट
                            🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

                                काशी उत्तर प्रदेश
                              🙏🙏🙏🙏🙏🙏



                                  भारत
                                  🙏🙏



                  #काशी का #मणिकर्णिका श्मशान घाट के बारे में मान्यता  है कि यहां #चिता पर लेटने वाले को सीधे #मोक्ष मिलता है। दुनिया का ये इकलौता श्मशान जहां चिता की आग कभी ठंडी नहीं होती। जहां लाशों का आना और चिता का जलना कभी नहीं थमता। यहाँ पर एक दिन में करीब #300_शवों का अंतिम संस्कार होता है।
*
बहुत से लोग भारत की इस प्राचीन परंपरा से अनभिज्ञ हैं लेकिन ये सच है कि सदियों से बनारस के इस श्मशान घाट पर #चैत्र_माह में आने वाले नवरात्रों की सप्तमी की रात पैरों में घुंघरू बांधी हुई #वेश्याओं का जमावड़ा लगता है। एक तरफ #जलती_चिता_के_शोले आसमान में उड़ते हैं तो दूसरी ओर घुंघरू और तबले की आवाज पर नाचती वेश्याएं दिखाई देती हैं।
*
मौत के मातम के बीच श्मशान महोत्सव का रंग बदल देते हैं तबले की आवाज, घुंघरुओं का संगीत, और मदमस्त नाचती नगरवधुएं। जो व्यक्ति इस प्रथा से अनजान होगा उसके लिए यह मंजर बेहद हैरानी भरा हो सकता है कि रात के समय श्मशान भूमि पर इस जश्न का क्या औचित्य है?
*
#भगवान_भोलेनाथ को समर्पित, काशी को मोक्ष की नगरी कहा जाता है। यही वजह है कि वेश्याएं भी यहां नाच-नाचकर भोलेनाथ से यह प्रार्थना करती हैं कि उन्हें इस तुच्छ जीवन से मुक्ति मिले और अगले जन्म में वे भी समाज में सिर उठाकर जी सके।


                               धन्यवाद दोस्तों
        
                           माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
____________________________________________________
                                  English translate
                                  __________________


Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.  Friends, on today's journey I have reached Mokshadayini, the supernatural Manikarnika crematorium.  Friends, today I feel very calm, sitting at the Manikarnika crematorium.  It looks as if I can sit in the tomb by fuming it and my love

 Let's leave the world and disappear in Mahakal.  Har har mahadev🙏🙏🙏🙏




 Manikarnika Crematorium

 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏


 Kashi Uttar Pradesh

 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏




 India

 🙏🙏




 #Kashi's #Manikarnika Cremation Ghat is believed that the one who lies on the #Chita here gets direct #Moksha.  This is the only cremation in the world where the fire of pyre never cools down.  Where the corpses come and the funeral pyre never stops.  About # 300_ dead bodies are cremated here in a day.

 *

 Many people are unaware of this ancient tradition of India, but it is true that for centuries, there is a gathering of # prostitutes tied to their feet on the night of Saptami of Navratras coming in the #Chaitra_Mah on this crematorium ghat of Banaras.  On one side #Jalati_Chita_K_sholes fly in the sky and on the other side the prostitutes dancing at the sound of ghungroo and tabla are seen.

 *

 In the midst of the weeds of death, the crematoriums change the color of the festival, the sound of tabla, the music of the ghungroos, and the drunken townsfolk.  For a person who is unaware of this practice, it can be very surprising that what is the justification of this celebration in the cremation ground at night?

 *

 # Dedicated to Bhagwan_Bholenath, Kashi is called the city of salvation.  This is the reason that prostitutes also dance here and pray to Bholenath that they may be freed from this paltry life and in the next life they too can live by raising their heads in the society.



 Thanks guys



 Mountain Leopard Mahendra
                          
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

                         

Saturday, July 25, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग_ श्रीखंड महादेव ( हिमाचल प्रदेश भारत )। 18570 फ़ीट ऊंचाई. _ Srikhand Mahadev (Himachal Pradesh India) with a traveling mountain leopard Mahendra. 18570 ft height

Ek yatra khajane ki khoje


नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता । दोस्तों आज की यात्रा में हम चल रहें हैं 18570 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड महादेव  हिमाचल प्रदेश की यात्रा पर ।🙏🙏🙏🙏




                                   श्रीखंड महादेव
                                🙏🙏🙏🙏🙏🙏

                                  
                                     हिमाचल प्रदेश
                                 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
 










                   #श्रीखंडमहादेव यात्रा – #अमरनाथ_से भी #कठिन है महादेव की यह यात्रा।

कैलाश मानसरोवर की यात्रा सबसे कठिन मानी जाती है। उसके बाद अमरनाथ यात्रा का नंबर आता है। लेकिन हिमाचल प्रदेश के श्रीखंड महादेव की यात्रा अमरनाथ यात्रा से भी ज्यादा कठिन है। अमरनाथ यात्रा में जहां लोगों को करीब 14000 फीट की चढ़ाई करनी पड़ती है तो श्रीखंड महादेव के दर्शन के लिए 18570 फीट ऊचाई पर चढ़ना होता है।

श्रीखंड महादेव

श्रीखण्ड यात्रा के आगे अमरनाथ यात्रा की चढ़ाई कुछ भी नहीं है। ऐसा उन लोगों का कहना है जो दोनों जगह होकर आए हैं। श्रीखंड महादेव हिमाचल के ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क से सटा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस चोटी पर भगवान शिव का वास है। इसके शिवलिंग की ऊंचाई 72 फीट है। यहां तक पहुंचने के लिए सुंदर घाटियों के बीच से एक ट्रैक है। अमरनाथ यात्रा के दौरान लोग जहां खच्चरों का सहारा लेते हैं। वहीं, श्रीखण्ड महादेव की 35 किलोमीटर की इतनी कठिन चढ़ाई है, जिसपर कोई खच्चर घोड़ा नहीं चल ही नहीं सकता। श्रीखण्ड का रास्ता रामपुर बुशैहर से जाता है। यहां से निरमण्ड, उसके बाद बागीपुल और आखिर में जांव के बाद पैदल यात्रा शुरू होती है।

श्रीखंड महादेव जाते हुए श्रद्धालु
क्या है पौराणिक महत्व- श्रीखंड की पौराणिकता मान्यता है कि भस्मासुर राक्षस ने अपनी तपस्या से शिव से वरदान मांगा था कि वह जिस पर भीअपना हाथ रखेगा तो वह भस्म होगा। राक्षसी भाव होने के कारण उसने माता पार्वती से शादी करने की ठान ली। इसलिए भस्मापुर ने शिव के ऊपर हाथ रखकर उसे भस्म करने की योजना बनाई लेकिन भगवान विष्णु ने उसकी मंशा को नष्ट किया। विष्णु ने माता पार्वती कारूप धारण किया और भस्मासुर को अपने साथ नृत्य करने के लिए राजी किया। नृत्य के दौरान भस्मासुर ने अपने सिर पर ही हाथ रख लिया और भस्म हो गया। आज भी वहां की मिट्टी व पानी दूर से लाल दिखाई देते हैं।

विभिन्न स्थानों से दूरी
श्रीखंड महादेव पहुंचने के लिए शिमला जिला के रामपुर से कुल्लू जिला के निरमंड होकर बागीपुल और जाओं तक गाड़ियों और बसों में पहुंचना पड़ता है। जहां से आगे करीब तीस किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी होती है।
शिमला से रामपुर – 130 किमी
रामपुर से निरमंड – 17 किलोमीटर
निरमंड से बागीपुल – 17 किलोमीटर
बागीपुल से जाओं – करीब 12 किलोमीटर

कैसे पहुंचे श्रीखंड-
आप रामपुर बुशहर(शिमला से 130 कि० मी०) से 35 कि० मी० की दूरी पर बागीपुल या अरसू सड़क मार्ग से पहुँच सकते है श्रीखंड जाते समय प्राकृतिक शिव गुफा, निरमंड में सात मंदिर, जावोंमें माता पार्वती सहित नौ देवियां, परशुराम मंदिर, दक्षिणेश्वर महादेव, हनुमान मंदिर अरसु, सिंहगाड, जोतकाली, ढंकद्वार, बकासुर बध, ढंकद्वार व कुंषा आदि स्थान आते हैं। बागीपुल से 7 कि० मी० दूरी पर जाँव गाँव तक गाड़ी से पंहुचा जा सकता है जाँव से आगे की 25 किलोमीटर की सीधी चढाई पैदल यात्रा शुरू होती है।

यात्रा के तीन पड़ाव- सिंहगाड़ थाचड़ू और भीम डवार है

श्रीखंड महादेव जाते हुए श्रद्धालु जाँव से सिंहगाड़ 3 कि० मी० सिंहगाड़ से थाचड़ू 8 कि० मी० और थाचड़ू से भीम डवार 9 कि० मी० की दूरी पर है यात्रा के तीनो पडावो मे श्री खंड सेवा दल की ओर से यात्रियों की सेवा मे लंगर दिन रात चलाया जाता है भीम डवार से श्री खण्ड कैलाश दर्शन 7 कि० मी० की दूरी पर है तथा दर्शन उपरांत भीम डवार या थाचड़ू वापिस आना अनिवार्य होता है

यात्रा मे सिंहगाड, थाचरू, कालीकुंड, भीमडवारी, पार्वती बाग, नयनसरोवर व भीमबही आदि स्थान आते हैं। सिंहगाड यात्रा का बेस कैंप है। जहां से नाम दर्ज करने के बाद श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति दी जाती है। श्रीखंडसेवा समिति की ओर से श्रद्धालुओं के लिए हर पडाव पर लंगर की व्यवस्था होतीहै।
   


                               धन्यवाद दोस्तों

                   माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏


                            English translate
                            _________________


Hello friends, I would like to extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.  Friends, in today's journey we are going on a trip to Srikhand Mahadev Himachal Pradesh situated at an altitude of 18570 feet.🙏🙏🙏🙏





 Shrikhand Mahadev

 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏




 Himachal Pradesh

 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏












 #ShrikhandMahadeva Yatra - This journey of Mahadev is even harder than #Amarnath_.

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
 The journey of Kailash Mansarovar is considered to be the most difficult.  After that comes the Amarnath Yatra number.  But the journey of Shrikhand Mahadev of Himachal Pradesh is more difficult than the Amarnath Yatra.  In Amarnath Yatra, where people have to climb about 14000 feet, then one has to climb 18570 feet in height to see Shrikhand Mahadev.


 Shrikhand Mahadev


 There is nothing climbing the Amarnath Yatra in front of the Shrikhand tour.  It is said of those who have come both places.  Srikhand Mahadev is adjacent to the Great Himalayan National Park in Himachal.  According to local people, Lord Shiva resides on this peak.  The height of its Shivling is 72 feet.  To reach here there is a track from between beautiful valleys.  During Amarnath Yatra, people resort to mules.  At the same time, Shrikhand Mahadev has such a difficult climb of 35 kilometers, on which no mule horse can walk.  The road to Srikhand goes through Rampur Bushair.  From here, the walking tour starts after Nirmand, followed by Bagipul and finally after village.


 Devotees visiting Shrikhand Mahadev

 What is the mythological significance- The mythology of Shrikhand is that the demon Bhasmasura sought a boon from Shiva with his austerity that he would be consumed by whomever he laid his hands on.  Being demonic, she decided to marry Mata Parvati.  So Bhasmapur planned to devour Lord Shiva by putting his hands on it but Lord Vishnu destroyed his intention.  Vishnu wore the Mata Parvati form and persuaded Bhasmasura to dance with him.  During the dance, Bhasmasura placed his hands on his head and was consumed.  Even today, the soil and water there appear red from a distance.


 Distance from different places

 To reach Shrikhand Mahadev, one has to reach trains and buses from Rampur in Shimla district to Bagipul and Jaan via Nirmand in Kullu district.  From where the distance has to be traveled about thirty kilometers ahead.



 Shimla to Rampur - 130 km

 Rampur to Nirmand - 17 km

 Nirmand to Bagipul - 17 km

 Go from Bagipul - about 12 kilometers


 How to reach Shrikhand

 You can reach Bagipul or Arsu by road 35 km from Rampur Bushahr (130 km from Shimla) while going to Srikhand, natural Shiva cave, seven temples in Nirmand, nine goddesses including Mata Parvati in Javas, Parashurama temple, Dakshineswar Mahadev  , Hanuman Temple Arsu, Sinhagad, Jotkali, Dhankdwar, Bakasur Badh, Dhankdwar and Kunsha etc.  7 km from Bagipul can be reached by car from village to village. The trek of 25 km straight from the village starts on foot.


 There are three stops of the journey - Sinhagad Thachdu and Bhim Dwar


 On the way to Srikhand Mahadev, the devotee is at a distance of 3 km from Sinhagad to Thachdu 8 km from Sinhagad and 9 km from Bhchwar to Bhchwar from Thachdu, the langar is carried on day and night in the service of the pilgrims by the Shri Khand Seva Dal.  Shri Khand Kailash Darshan is at a distance of 7 km from Bhim Dwar and it is mandatory to return to Bhim Dwar or Thachdu after darshan.


 Places like Sinhagad, Thacharu, Kalikund, Bhimdwari, Parvati Bagh, Nayanasarovar and Bhimbahi are included in the journey.  Sinhgad is the base camp of the journey.  From where devotees are allowed to visit after registering the name.  On behalf of Shrikhand Seva Samiti there is a system of langar for devotees at every step.🙏🙏🙏🙏🙏





 Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra




🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏


Friday, July 24, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग_ सिद्धेश्वर धाम सिक्किम भारत. A Journey with Mountain Leopard Mahendra_Siddheshwar Dham Sikkim India

Ek yatra khajane ki khoje


नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों को हार्दिक अभिनंदन करता हूं। भारत के खुबसूरत राज्यों में से एक  सिक्किम के बहुत ही प्रसिद्ध सिद्धेश्वर धाम की यात्रा पर ।

             

                                    सिद्धेश्वर धाम
                                    🙏🙏🙏🙏
                                       सिक्किम
                                     🙏🙏🙏🙏

     



                       पूर्वीभारत के खूबसूरत सिक्किम प्रदेश के दक्षिण में स्थिति  नामची टाउन की सोलोफोक पहाड़ी पर स्थित है सिद्धेश्वरधाम, जो भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों की झलक एक ही जगह इकठ्ठा कर बनाया गया बहुत ही सुन्दर वातावरण तथा परिसर वाला धाम है। 

ऐसा माना जाता है कि इस स्थान की यात्रा किसी के भी पापों को धोने के लिए पर्याप्त है बशर्ते आप सच्छी श्रृद्धा से ऐसा करना चाहते हों। भगवानशिव की 108फीट की प्रतिमा बारह ज्योतिर्लिंगम के द्वारा बनाई गई परिधि से घिराहुआ है।

यहां भारत के चारों कोनों में स्थित चारधाम, जैसे रामेश्वरम, सोमनाथ, पुरी और बद्रीनाथ और पूरे भारत में स्थित 12ज्योतिर्लिंग की प्रतिकृतियां बनाई गई हैं।

पौराणिक कहानी : अर्जुन शिव से पशुपतिअस्त्र प्राप्त करने हेतु कठिन तपस्या करते हैं। शिवजी प्रसन्न हुए और अर्जुन के सामने प्रकट होकर पशुपतिअस्त्र प्राप्ति का वरदान दे दिया। 
माना जाता है कि यह शिव का प्रकट होना और वरदान में पशुपतिअस्त्र देना, इसी सोलोफोक पहाड़ी जो नामची से सिर्फ 5 km दूर है पर ही हुआ था।  गंगटोक से यह 87 किमी दूर है।

"यहां बादलों के बीच से गुजरते हुये मंदिरों और भगवान शिव की मूर्ति को बादलों के बीच से उभरता हुआ देखना और फिर आपको एक झलक देकर वापस बादलों के बीच खो जाना जीवन भर यादगार रहने वाला अनुभव प्राप्त होता है।"

मंदिर का उद्घाटन 2011 में जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती महाराज ने किया था।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सिद्धेश्वर धाम मन्दिर का 16 अप्रैल 2013 को उद्घाटन किया और इसे राष्ट्र को समर्पित किया. 
यह मंदिर सिक्किम राज्य सरकार द्वारा निर्मित है


                               धन्यवाद दोस्तों 
                        माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा


🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
                                     English translate
                                     __________________

Hello friends I extend my heartiest greetings to all of you mountain leopard Mahendra.  On a visit to the very famous Siddheshwar Dham in Sikkim, one of the beautiful states of India.





                        Shiddheshwar  Dham
                    🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏


                         Sikkim
                    🙏🙏🙏🙏🙏🙏









 Siddheshwardham, situated on the Solofolk hill of Namchi Town, in the south of the beautiful Sikkim state of eastern India, is a very beautiful environment and complex dhama, built by glimpsing the major pilgrimage sites of India.


 It is believed that a visit to this place is enough to wash away one's sins, provided you wish to do so with good faith.  The 108 feet statue of Lord Shiva is surrounded by a circumference made by twelve Jyotirlingams.


 There are replicas of Chardham located in all the four corners of India, such as Rameswaram, Somnath, Puri and Badrinath and 12 Jyotirlingas located all over India.


 Mythological story: Arjuna performs hard penance to obtain Pashupati weapons from Shiva.  Shivji was pleased and appeared in front of Arjuna and gave him the boon of obtaining Pashupati weapons.

 It is believed that Shiva appeared and gave Pashupatastra in boon, it was on this Solofolk hill which is just 5 km from Namchi.  It is 87 km from Gangtok.


 "Watching the temples and the idol of Lord Shiva emerging from the clouds, passing through the clouds here and then giving you a glimpse back and getting lost among the clouds is a memorable experience of a lifetime."


 The temple was inaugurated in 2011 by Jagatguru Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati Maharaj.

 President Pranab Mukherjee inaugurated the Siddheshwar Dham Temple on 16 April 2013 and dedicated it to the nation.

 This temple is built by the Sikkim State Government



 Thanks guys

 Mountain Leopard Mahendra



🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
        

Wednesday, July 22, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग _ अद्भुत सुखदारी जल प्रपात नगर उटारी से 35किलोमिटर दुर परसापानी कला के निकट (झारखण्ड भारत)। A Journey with Mountain Leopard Mahendra _ Wonderful Pleasant Waterfall from Nagar Utari 35 km near Durpapani Kala (Jharkhand India)

Ek yatra khajane ki khoje



                  सुखदारी जलप्रपात
                  🙏🙏🙏🙏🙏🙏
                  नगर ऊटारी  झारखंड
                  🙏🙏🙏🙏🙏🙏
                              भारत
                                🙏



नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं । दोस्तों मैं आज आपको लेकर चल रहा हूं  झारखंड के एक बहुत ही अद्भुत और अकल्पनीय और दुर्लभ  जलप्रपात की यात्रा पर ।  

सुखदारी जलप्रपात  🏞️➡️ उत्तर प्रदेश   , छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर स्थित सुखदारी जलप्रपात नगर ऊटारी से 35 किमी दूर दक्षिण में परसापानी कला के निकट कनहर नदी पर झारखंड में पड़ने वाला अंतिम जलप्रपात हैं। यह जलप्रपात अपने प्राकृतिक सौंदर्य एवं मनोहारी दृश्यों के कारण पर्यटकों को आकर्षित करने की अपार क्षमता रखती हैं। यहां पर कनहर नदी लगभग 100 फ़ीट की ऊंचाई से गिरती हैं.यहा के प्राकृतिक जलकुंडों में गर्मी के दिनों में भी 100फीट तक जल भरा रहता है। 
                 जो इस जलप्रपात की खासियत है। एवं दोस्तों इस जलप्रपात के नीचे लगभग  1 किलोमीटर तक पानी के प्रवाह से कटी चट्टानों ने सुरंगनुमा नहर का निर्माण किया है जो अत्यंत आकर्षक और रोमांचकारी हैं जो अभी तक unexplored हैं । इस जलप्रपात के नीचे गहरे पानी में  सोंस , घड़ियाल , मगरमच्छ जैसे जलचर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं । 

छत्तीसगढ़ सीमा से लगे जंगल में बाघ , शेर जैसे दुर्लभ जीव जंतु विचरण करते हैं. कनहर नदी के किनारे बघमनवां पहाड़ है जिसमें बाघ रहते हैं . सम्भवतः बाघ की मांद होने के कारण इसका नामकरण बघमनवां हुआ होगा । 

दोस्तों यह जलप्रपात बहुत ही अद्भुत और रोमांचक है  अतः आप एकबार जरूर आयें ।


                    धन्यवाद दोस्तों 




माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 English translate
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

Pleasant waterfall
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

 Nagar Otari Jharkhand
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

 India
🙏🙏




 Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.  Friends, today I am taking you on a journey of a very amazing and unimaginable and rare waterfall of Jharkhand.


 Sukhdari Falls - ➡️, Sukhdari fall located on the border of Uttar Pradesh, Chhattisgarh and Jharkhand, is the last waterfall to fall in Jharkhand on the Kanhar River near Parasapani Kala, 35 km south of the city of Utari.  This waterfall has immense potential to attract tourists due to its natural beauty and beautiful scenery.  Here the Kanhar river falls from a height of about 100 feet. The natural water bodies of this place are filled with water up to 100 feet even during summer days.

 Which is the specialty of this waterfall.  And friends, the rocks cut by the flow of water for about 1 kilometer under this waterfall has created a tunnel canal which is very attractive and thrilling yet unexplored.  Under this waterfall, aquatic animals like sons, crocodiles, crocodiles attract tourists.


 Rare creatures like tigers, lions roam in the forest bordering Chhattisgarh.  On the banks of Kanhar river is the Baghmanwan mountain in which tigers live.  Probably due to being a tiger den, it would have been named Baghamwan.


 Friends, this waterfall is very amazing and exciting, so you must come once.



 Thanks guys





 Mountain Leopard Mahendra
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏



Sukhaldari Water Fall
Kanhar River, Khutia, Jharkhand 822121
https://maps.app.goo.gl/knuVnAeGc9dtnKU57


                   

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग - कैलाश मंदिर वेरूल महाराष्ट्र (भारत). A Journey with Mountain Leopard Mahendra - Kailash Temple Verul Maharashtra (India)

Ek yatra khajane ki khoje


नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं।  



               कैलाश मंदिर वेरूल महाराष्ट्र
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏








                               ताजमहल से सेकड़ों साल पहले 40 हजार टन पथ्थर काटकर 13 मंजिली हिन्दू अजूबा बना जिसमे 200 साल और 10 पीढियां लगी , निर्माण हमेशा नीचे से ऊपर होता है , लेकिन कैलाश मंदिर ऊपर से नीचे समूचा पहाड़ काटकर बनाया गया एकाश्मक चट्टान को काटकर 13 मंजिली गुफा निर्माण पद्धति भारत के अलावा और कही नही है । ये मंदिर महाराष्ट्र के वेरुल में है।
हर हर महादेव

                            धन्यवाद दोस्तों

             माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा
  🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

English translate
🙏🙏🙏🙏🙏🙏


Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.




 Kailash Temple Verul Maharashtra

 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏









 Hundreds of years before the Taj Mahal, a 13-story Hindu wonder was built by cutting 40 thousand tons of stone, which took 200 years and 10 generations, the construction is always from the bottom up, but the Kailash temple was built by cutting the entire mountain from the top down to the monolithic rock cut 13-story cave building  The method is nowhere other than India.  This temple is in Verul, Maharashtra.

 Everywhere Shiva


 Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra

























            
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

Tuesday, July 21, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग_ कौओं की गुफा ( krubera cave 2197 मीटर गहराई ) Abkhazia

Ek yatra khajane ki khoje

मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं। 



                Kurbera cave  (Abkhazia) 
                 ब्लैक सागर के तट पर
               🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

               2197 मीटर गहरी
             ---------------------------



                 #कौओं_की_गुफा
#krubera_cave धरती कि अभी तक ज्ञात सबसे गहरी गुफा है।  इसकी गहराई 2197 मीटर ( 7208 फीट ) है। Krubera Cave ब्लैक सागर के तट पर #Abkhazia में स्थित है।

इसका मतलब होता है कौओं की गुफा, इसको यह नाम इसलिय मिला क्योकि जब 1980 में जब प्रथम बार इस गुफा में प्रवेश किया गया तो वहाँ पर कौओं के बहुत सारे घोसलें बने हुए थे।

इस गुफा के अंदर प्राचीन कई #शिवलिंग मिले हैं जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि बहुत पुराने समय से ही शिव संप्रदाय अस्तित्व में था Krubera Cvae का अन्वेषण बहुत ही मुश्किल है क्योकि एक तो यहाँ पर साल के केवल 4 महीने ही जाया जा सकता है और दूसरा  Abkhazia में राजनितिक हालात खराब रहते है इसलिए परमिशन आसानी से नहीं मिलती है। 

Abkhazia ने 1999 में अपने आप को #जॉर्जिया से अलग स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया जबकि जॉर्जिया अभी भी इसे अपना हिस्सा मानता है।🔱

          धन्यवाद दोस्तों

       माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

                         English translate
                         🙏🙏🙏🙏🙏🙏


I extend my hearty greetings to all of you guys at Mountain Leopard Mahendra.




 Kurbera cave (Abkhazia)

 On the banks of the black sea

 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏


 2197 m deep

 ---------------------------




 # Crows_guy

 #krubera_cave is the deepest cave that the earth has ever known.  Its depth is 2197 meters (7208 ft).  Krubera Cave is located on the banks of the Black Sea in #Abkhazia.


 It means the cave of crows, it got its name because when it entered the cave for the first time in 1980, there were lots of crows in it.


 Many ancient #Shiva lingas have been found inside this cave which confirm that the Shiva sect existed since very old times, the exploration of Krubera Cvae is very difficult because one can only visit here only 4 months of the year.  And the second is the political situation in Abkhazia is poor, so permissions are not easily met.


 Abkhazia declared itself a separate independent nation from #Georgia in 1999 while Georgia still considers it her part.


 Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

Monday, July 20, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग_ विट्ठल स्वामी मंदिर हम्पी कर्नाटक भारत. Vitthal Swamy Temple Hampi Karnataka India with a journey Mountain Leopard Mahendra

Ek yatra khajane ki khoje


🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं।

                   हमारी सर्वश्रेष्ठ सांस्कृतिक धरोहर
                        विट्ठल स्वामी मंदिर हम्पी कर्नाटक
                       ___________________________
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏




विट्ठल स्वामी मंदिर,हम्पी,कर्णाटक

हंपी यानी विजयनगर सम्राज्य के सबसे बेहतरीन मंदिरों में सेे एक है विट्ठल स्वामी का मंदिर। विट्टलस्वामी मंदिर भगवान विष्णु का मंदिर है। यह हंपी के मंदिरों में अनूठा स्थान रखता है। यह हंपी के बाकी स्मारकों से थोड़ी दूर पूर्वोत्तर में पहाड़ी पर स्थित है। मंदिर जाने के रास्ते में सड़क पर एक चेक पोस्ट आता है, यह 16वीं सदी का ही बना हुआ है। ऐसे कई चेक पोस्ट विजय नगर सम्राज्य में बने हुए थे। यहां से गुजरने वालों लोगों के पहचान की जांच की जाती थी। 

विट्ठल स्वामी का यह मंदिर अपनी अदभुत वास्तुकला, गोपुरम, पत्थर के विशाल रथ और सारेगामा स्तंभों के लिए प्रसिद्ध है। विट्ठल मंदिर तक जाने के लिए कच्चा इको फ्रेंडली रास्ता है। मंदिर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। रास्ते में पुराने बाजार की संरचना और कुछ हौज दिखाई देते हैं। मंदिर के बाहर एक विशाल रथ दिखाई देता है।

मंदिर का निर्माण-  विट्ठल मंदिर का निर्माण देवराय द्वितीय के काल में 1422 से 1446 के मध्य हुआ। पूरब की ओर मुख्य द्वार वाले इस मंदिर को एक विशाल चबूतरे पर बनवाया गया है। हंपी के कई शिव मंदिरों के बीच यह विष्णु का मंदिर अपना अलग स्थान रखता है। 

सारेगामा स्तंभ से सुनें संगीत -  विट्ठल मंदिर परिसर में बाद में राजा कृष्णदेव राय द्वारा 1513 के आसपास यहां 100 खंबों वाले मंडप का निर्माण कराया गया। इन स्तंभों की खास बात है कि इनको ताड़ित करने  पर संगीत की स्वर लहरियां सुनाई देती हैं। इन स्तंभों से तब की वैज्ञानिक तकनीक का पता चलता है जब पत्थरों से निकलते संगीत की रचना की गई होगी। कई लोग इसलिए इन स्तंभों को सारेगामा स्तंभ के नाम से भी जानते हैं।

यहां विजयनगर की मंदिर निर्माण शैली का उत्कर्ष दिखाई देता है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर आपको गाइड मिलते हैं जो मंदिर कलात्मकता बारे में बताने की बात करते हैं। मंदिर परिसर में मुख्य गोपुरम से प्रवेश करने के बाद हमें कल्याण मंडप और उत्सव मंडप दिखाई देता है। मंदिर में प्रवेश के लिए कुल तीन गोपुरम बने हैं।

मंदिर में पत्थरों का बना विशाल रथ 
विट्ठल स्वामी के मंदिर परिसर में पत्थरों का बना एक विशाल रथ भी आपको चकित करता है। ये रथ इस मंदिर का मुख्य आकर्षण है। किसी समय में इस रथ के पहियों को घुमाया भी जा सकता था, पर अब इसे संरक्षित रखने के लिए पहियों को सीमेंट से जाम कर दिया गया है। आते जाते लोगों के लिए रथ बड़े आकर्षण का केंद्र है। इसके निर्माण का शिल्प देखने लायक है। मंदिर के पास विशाल पुष्करिणी (तालाब) भी निर्मित किया गया है।


                            धन्यवाद दोस्तों 

      माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

English translate
_________________





Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.


 Our Best Cultural Heritage

 Vitthal Swamy Temple Hampi Karnataka

 ___________________________

 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏






 Vitthal Swamy Temple, Hampi, Karnataka
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

 Hampi means one of the best temples of the Vijayanagara Empire is the temple of Vitthal Swamy.  Vittalaswamy Temple is the temple of Lord Vishnu.  It holds a unique place in the temples of Hampi.  It is located on a hill in the northeast, slightly away from the rest of Hampi's monuments.  On the way to the temple, a check post comes on the road, it remains from the 16th century.  Many such check posts remained in the Vijay Nagar empire.  The identities of the people passing through here were examined.


 This temple of Vitthal Swami is famous for its marvelous architecture, gopurams, huge stone chariots and Saregama pillars.  There is a raw eco friendly way to reach the Vitthal temple.  The temple is situated on a high hill.  The old market structure and some huts are visible on the way.  A huge chariot appears outside the temple.


 Construction of the temple- The Vitthal temple was built between 1422 to 1446 during the reign of Devaraya II.  This temple with the main gate towards the east is built on a huge platform.  This Vishnu temple has its own place among many Shiva temples in Hampi.


 Listen to music from the Saregama Pillar - A 100-pillared pavilion was built here around 1513 by King Krishnadeva Raya in the Vitthal temple complex.  The special thing of these pillars is that on listening to them, the sound of music is heard.  These pillars reveal the scientific technique when the music emanating from the stones would have been composed.  Many people therefore also know these pillars by the name of Saregama Pillar.


 The climax of the temple construction style of Vijayanagar is seen here.  At the entrance of the temple you find guides who talk about the artistry of the temple.  After entering the temple complex from the main gopuram, we see the Kalyan Mandap and the Utsav Mandap.  A total of three gopurams have been built to enter the temple.


 The huge chariot of stones in the temple

 A huge chariot made of stones in the temple complex of Vitthal Swamy also surprises you.  This chariot is the main attraction of this temple.  The wheels of this chariot could also be rotated at some time, but now the wheels have been jammed with cement to preserve it.  The chariot is a center of great attraction for the visiting people.  The craft of its construction is worth seeing.  A huge Pushkarini (pond) has also been constructed near the temple.



 Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra




 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏








🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏


Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...