ताम्बाखानी गुफा का रहस्य
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जैसा कि दोस्तों आप लोगों ने पिछले अध्याय में पढ़ा कि मैं पुष्पांजलि जी के कहने पर आराम करने के लिए पलंग के उपर सो गया । और वह मेरे सर को हल्के हल्के सहलाने लगी जिससे मुझे कब नींद आ गई मुझे पता ही नहीं चला और गहरी नींद में सो गया था। और फिर अचानक एका एक बहुत देर के बाद मेरी निंद खुली । और उस समय कमरे में कोई नहीं था मेरे सिवा और मुझे जोरों से बाथरूम महसूस हो रहा था । और मैं इधर उधर बाथरूम खोजने गा । तभी कोने में मुझे एक दरवाजा नज़र आया और मैं उस दरवाज़े की तरफ़ चल पड़ा और दरवाजा खोलते ही मेरे होश उड़ गए क्योंकि दरवाज़े के एक बहुत लाजवाब बाथरूम बना हुआ था सभी तरह के शुख सुबिधाओ से परिपूर्ण । और दोस्तों सबसे पहले मैं बाथरूम किया और उसके बाद मुझे नहाने का मन करने लगा । क्योंकि दोस्तों न जाने कितने दिनों से मैंने स्नान नहीं किया था । इसलिए कपड़े उतार कर स्नान करने के लिए सोचने लगा। और सबसे पहले टब में मैंने पानी भरा और कपड़े उतार कर टब में उतर गया वाह मजा आ गया दोस्तों , वाह क्या गुन गुना पानी है न ज्यादा गर्म न ज्यादा ठंडा । मज़
आ गया । शरीर के सारे दर्द और थकावट जादू कि तरह गायब हो गया था । वाह मजा आ रहा था दोस्तों स्नान करने में । वाह क्या जिंदगी है दोस्तों उड़नखटोले में उड़ते हुए स्नान करने का । क्या बताऊं दोस्तो इसी उधेड़बुन में मैं बाथरूम का दरवाजा बंद करना ही भुल गया था । और मैं मस्ती में स्नान किये जा रहा था । तभी अचानक मेरी नज़र दरवाज़े की ओर पड़ती हैं और मैं बुरी तरह से सकपका जाता हूं क्योंकि दरवाज़े पर पुष्पांजलि जी कब से आकर खड़ी थी मुझे पता ही नहीं चला । और पुष्पांजलि जी मेरी इस हालत को देखकर ज़ोर से ज़ोर से हंसने लगी जैसे कि वो मेरी धर्मपत्नी हो । और शायद हों भी पिछले जन्म कि । और मैं यह सब सोच ही रहा था कि वह मुझसे बोली अच्छा बाबा मैं बाहर जाती हूं और आपके लिए कपड़े लेकर आती हूं । और वह बाहर चली जाती हैं । और मैं उनको देखते ही रह जाता हूं।
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Secret of Tambakhani Cave
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As you guys read in the last chapter, I slept on the bed to rest on Pushpanjali Ji's suggestion. And she started caressing my head lightly so that I could not know when I fell asleep and slept in deep sleep. And then suddenly after a long time my sleep opened. And at that time there was no one in the room except me and I was feeling the bathroom in full swing. And I sing here and there to find the bathroom. Then I saw a door in the corner and I walked towards that door and as soon as I opened the door, my senses flew away, because a very beautiful bathroom was made of the door, full of all kinds of beautiful furnishings. And friends first I went to the bathroom and after that I felt like taking a bath. Because friends, I did not take bath for how many days. So thinking to take a bath and take a bath. And first of all, I filled water in the tub and got down in the tub and enjoyed it. Guys, wow what a lot of water is neither hot nor too cold. Fun
have arrived . All the pain and exhaustion of the body had vanished like magic. Wow I was enjoying taking a bath. Wow, what a life, friends, to take a bath in a flying avatar. What should I tell friends, I forgot to close the bathroom door in the same turmoil. And I was taking a bath in fun. Suddenly my eyes turn towards the door and I get shocked badly because I did not know from when the wreath was standing at the door. And Pushpanjali ji, seeing my condition, started laughing out loud as if she was my wife. And maybe even a past life. And I was just thinking that she said to me, good Baba, I go out and bring clothes for you. And she goes out. And I just keep looking at them.
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दोस्तों मैं यह सोच ही रहा था कि वह अतिशीघ्र ही कपड़े लेकर वापस अंदर आ जाती हैं और मेरे काफी नजदीक आ कर कपड़ मुझे देते हुए बोलतीं हैं आप कपड़े बदल लो । दोस्तों क्या व्यख्यान करूं पुष्पांजलि जी इतनी करीब थी मेरी कि उनकी गर्म गर्म सांसें मेरी होंठों से टकरा रही थी और पुष्पांजलि मेंरे और भी करीब आती जा रही थी जिससे मेरी दिल की धड़कन और भी तेज होती जा रही थी। और मैं बेकाबू होते जा रहा था। और मेरी सांसें उनके सांसों से टकराती जा रही थी। और मैं पुरी तरह से बेकाबू हो चुका था। क्योंकि वह मेरे इतनी करीब आ चुकी थी कि मैं अपना होश गंवा चुका था। और मैं पुरी तरह से टमाटर की तरह लाल हो चुका था।। और मेरी नजरें उनकी आंखों पर से हट नहीं रही थी। और उनकी गालो का रंग पुरी तरह से गुलाबी हो चुकी थी । और मैं अपने दोनो कांपते हाथों से उनके कमर को पकड़ कर अपने बाहों कस कर दबोच लिया और वो भी मुझसे लिपट गई और मैं अपने गर्म गर्म होंठों उनके होंठों पर रख दिया। और ऐसा लगने लगा जैसे मैं स्वर्ग में पहुंच गया हूं। और कई जन्मों की यादें मेरे दिमाग में कौंधने लगी। और धीरे धीरे मैं अपना होश खोते चला गया। और तभी किसी ने दरवाजे पर दस्तक दिया ।वो महेंद्र भाई कहा हों दरवाजा खोलो । और पुष्पांजलि भाभी जी भी साथ में है क्या?
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Friends, I was thinking that she comes back with clothes as soon as possible and coming close to me, she gives me clothes and says, change your clothes. Friends, what should I say, Pushpanjali ji was so close to me that his warm hot breaths were hitting my lips and the wreath was getting closer to me, making my heartbeat even faster. And I was becoming uncontrollable. And my breath was getting hit by his breath. And I was completely out of control. Because she had come so close to me that I had lost my senses. And I was completely reddened like tomatoes. And my eyes were not turning away from his eyes. And his cheek color was completely pink. And with both my trembling hands, I grabbed her waist and grabbed my arms tightly and she too clung to me and I put my hot hot lips on her lips. And it seemed as if I had reached heaven. And the memories of many births started flaring in my mind. And slowly I went on losing my consciousness. And then someone knocked on the door. They said Mahendra Bhai, open the door. And is Pushpanjali sister-in-law also together?
दोस्तों आगे कि वृतांत मैं कल सुनाऊंगा। कि दरवाज़े पर किसने दस्तक दी ।
धन्यवाद दोस्तों
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Friends, I will narrate the episode tomorrow. Who knocked on the door.
Thanks guys