Wednesday, June 2, 2021

एक यात्रा चेलुवनारायण स्वामी मंदिर की जहां कालांतर में प्रभू श्रीराम अपने दोनों पुत्रों के साथ भ्रमण किए थे - मेलुकोट कर्नाटक भारत। A visit to the Cheluvanarayana Swamy temple where Lord Sri Rama later visited with his two sons - Melukote Karnataka India.

Ek yatra khajane ki khoje





























  नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आज मैं आप सभी को लेकर चल रहा हूं कर्नाटक के एक छोटे से कस्बे मेलुकोट की यात्रा पर जहां मौजूद हैं अति प्राचीनतम चेलुवनारायण स्वामी मंदिर। जहां कभी प्रभु श्री राम अपने दोनों पुत्र लव और कुश के साथ पधारे थे।दोस्तों यह प्राचीन मंदिर अपने अद्भुत वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है।









          चेलुवनारायण स्वामी मंदिर

              मेलुकोट  कर्नाटक

                  भारतवर्ष


 दोस्तों कावेरी घाटी की ओर मुख वाली यादवगिरि  या यदुगिरी के नाम से जानी जाने वाली चट्टानी पहाड़ियों पर निर्मित चेलुवनारायण स्वामी मंदिर मेलकोट में स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है।दोस्तों इस प्राचीन मंदिर में स्थापित प्रमुख पीठासीन देवता चेलुवनारायण स्वामी है जो श्री हरि भगवान विष्णु के ही एक रूप हैं दोस्तों मैसूर के तत्कालीन राजाओं के संरक्षण में इस मंदिर में काफी समृद्धि हासिल की थी।


               (   वैरामुडी उत्सव  )
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 दोस्तों वैरामुडी उत्सव इस प्राचीन मंदिर का वार्षिक त्योहार है जो मार्च व अप्रैल के महीने में आयोजित किया जाता है। इस दौरान लाखों तीर्थयात्री इस मंदिर में भगवान का दर्शन करने आते हैं।दोस्तों मंदिर परिसर में ही सबसे पुराना संस्कृत कॉलेज मौजूद है जो "श्री वेद वेदांत बोधनी" संस्कृत महापाठशाला के नाम से जाना जाता है जो सन 18 सो 54 में स्थापित किया गया था। 



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दोस्तों चेलुवनारायण स्वामी मंदिर जिसे थिरूनारायणपुरा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।दोस्तों यह प्राचीन मंदिर भारत के कर्नाटक राज्य के मांड्या जिले के मेलकोट कस्बा में मौजूद है। दोस्तों अद्भुत रूप से मंदिर को चट्टानी पहाड़ों पर निर्मित किया गया है।दोस्तों मंदिर को गौर से देखने पर ऐसा लगता है कि मानो या मंदिर कावेरी घाटी की ओर देख रहा हो या फिर कावेरी घाटी की निगरानी कर रहा हो।
      दोस्तों यह प्राचीन मंदिर मैसूर शहर से लगभग 48 किलोमीटर की दूरी पर और बेंगलुरु शहर से 156 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।










              (     मंदिर परिसर  )
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दोस्तों इस प्राचीन मंदिर को नक्काशी दार खंभों से पंक्तिबद्ध किया गया है दोस्तों मंदिर के शीर्ष पर एक गुंबद स्थापित है जिससे अद्भुत रूप से नक्काशीदार मूर्तियों से सजाया गया है। दोस्तों इस प्राचीन मंदिर के प्रमुख देवता चेलुवनारायण स्वामी है जो उनमगासु विली और  चेलुवापिल्ले राया  के नाम से भी जाने जाते हैं दोस्तों ये भगवान विष्णु के ही एक स्वरूप हैं।
                       दोस्तों मंदिर परिसर में मौजूद शिलालेख में भगवान को राम प्रिया के नाम से भी उल्लेख किया गया है दोस्तों माना जाता है कि प्रभु श्री राम ने अपने दोनों पुत्रों लव और कुश के साथ इस मंदिर का दौरा किया था और मंदिर में मौजूद देवताओं को पुष्पांजलि अर्पित की थी।


















दोस्तों माना जाता है कि मुगल आक्रमणकारी महमूद शाह ने इस मंदिर पर आक्रमण कर मंदिर में मौजूद भगवान की धातु की मूर्ति को अपने साथ उठाकर लेकर चला गया था। दोस्तों भगवान की धातु की मूर्ति को वह अपनी बेटी बीबी नचियारी को खिलौने के रूप में खेलने के लिए दे दिया था।परंतु दोस्तों कहां जाता है कि वह भगवान की मूर्ति के साथ खेलने के बजाय पूजा करने लगी थी और भगवान के भक्ति में लीन हो गई थी। दोस्तों यह सब देखकर महमूद शाह ने भगवान की मूर्ति को वापस रामानुजाचार्य को लौटा दिया था।दोस्तों यह भी कहा जाता है कि वह भगवान की भक्ति में इतनी लीन हो गई थी कि उसकी मौत भी भगवान के चरणों में इसी मंदिर परिसर में हुई थी।साथ ही दोस्तों ऐसा भी माना जाता है कि उसकी आत्मा अग्नि पुंज के रूप में भगवान की मूर्ति में विलीन हो गई थी।











  (  मंदिर की अद्भुत प्राचीन वास्तु कला  )
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 दोस्तों इस अद्भुत और खूबसूरत मंदिर को द्रविड़ शैली में निर्मित किया गया है।दोस्तों मंदिर के ठीक नीचे एक सुंदर तालाब का निर्माण किया गया है जो पत्थरों से बना हुआ है ।दोस्तों जो देखने में सीढ़ीदार कुएं की तरह है।दोस्तों तालाब की सीढ़ियों पर पत्थरों से धनुषाआकार तकियों का निर्माण किया गया है ताकि तीर्थयात्री उन पर आराम कर सके। दोस्तों मंदिर के प्रवेश द्वार को त्रिकोणीय मीनार से सुशोभित किया गया है तथा मुख्य प्रवेश द्वार को स्तंभों वाली संरचनाओं से सजाया गया है दोस्तों जिसके ऊपर खूबसूरत गोपुरम बनाया गया है।दोस्तों मंदिर की बाहरी भाग में खूबसूरत खंभों वाला गलियारा है जहां इन खंभों पर अद्भुत और बारीक नक्काशीदार मूर्तियों को बनाया गया है।
    
             दोस्तों मंदिर का मुख्य गर्भगृह जहां भगवान को स्थापित किया गया है एक वर्गाकार संरचना है।दोस्तों मुख्य गर्भगृह की भीतरी दीवारों पर एक स्तंभयुक्त गलियारा भी बनाया गया है।दोस्तों मंदिर परिसर में ही मंदिरों जैसी दिखने वाली छोटी संरचनाएं जल में तैरती हुई किश्ती को सुशोभित करती है दोस्तों जो इस मंदिर की सबसे महत्वपूर्ण स्थापत्य विशेषता है।दोस्तों इन सभी छोटे मंदिरों को सभी दिशाओं में पंक्तिबद्ध हिंदू देवी-देवताओं की सुंदर और नक्काशीदार मूर्तियों से सजाया गया है।दोस्तों ऐसा माना जाता है कि स्थानीय लोगों के द्वारा ये देवगण इस मंदिर को बुरी आत्माओं से सुरक्षा प्रदान करते हैं।









 










दोस्तों स्तब्ध कर देने वाली इन स्तंभों में सजावटी नक्काशीयो  वाले हिस्सों को अलग से नहीं जोड़ा गया है बल्कि पूरा स्तंभ एक ही पत्थर को तराशकर बनाया गया है ? क्या इनकी फर्निशिंग देखकर आपको लगता है कि इसे मात्र छेनी - हथौड़ी से तराशा गया होगा। दोस्तों यह अद्भुत और अलौकिक हैं ये हमारे पूर्वजों के अनुपम धरोहर हैं।











 (  आसानी से पहुंचा जा सकता है चेलुवा नारायण स्वामी मंदिर  )
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 हवाई जहाज के द्वारा  -  दोस्तों 133 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा मेलकोट का नजदीकी हवाई अड्डा है। 

 रेल द्वारा  -  दोस्तों 51 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मैसूर रेलवे स्टेशन नजदीकी रेलवे स्टेशन है ।दोस्तों यह कर्नाटक के प्रमुख शहरों के साथ देश के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।


 बस के द्वारा  -  दोस्तों केआरटीडीसी की बसे मैसूर और बेंगलुरु दोनों शहरों से नियमित रूप से चलती है। दोस्तों आप मैसूर से तुमकुर और आगे के लिए बस ले सकते हैं और जक्कनहली क्रॉसिंग पर उतर सकते हैं दोस्तों मेलकोट इस जगह से लगभग  6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।







             धन्यवाद दोस्तों

      माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗
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             English translate
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Hello friends, I am Mountain Leopard Mahendra, warm greetings to all of you, friends, today I am taking you all on a trip to Melukote, a small town in Karnataka, where the oldest Cheluvanarayana Swamy temple is present.  Where once Lord Shri Ram had come with his two sons Lav and Kush. Friends, this ancient temple is also known for its amazing architecture.










 Cheluvanarayan Swamy Temple


 Melukote, Karnataka


 Bharatvarsh












 Friends: The Cheluvanarayana Swamy Temple, built on the rocky hills known as Yadavagiri or Yadugiri, facing the Cauvery Valley, is a famous pilgrimage site located in Melkot. Friends, the principal presiding deity enshrined in this ancient temple is Cheluvanarayana Swamy, the deity of Sri Hari Lord Vishnu.  Friends are a form, under the patronage of the then kings of Mysore, this temple had achieved great prosperity.











 (Vairamudi festival)

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 Friends Vairamudi festival is the annual festival of this ancient temple which is held in the month of March and April.  During this time, lakhs of pilgrims come to see the Lord in this temple. The oldest Sanskrit college is present in the two temple premises which is known as "Sri Ved Vedanta Bodhani" Sanskrit Mahapathasala which was established in 1854.  .



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 Friends Cheluvanarayana Swamy Temple also known as Thirunarayanapura Temple. Friends, this ancient temple is present in Melkot town of Mandya district in Karnataka state, India.  Friends, wonderfully the temple has been built on the rocky mountains. Friends, on looking closely at the temple, it seems as if the temple is looking towards the Kaveri valley or is monitoring the Kaveri valley.

 Friends, this ancient temple is located at a distance of about 48 km from the city of Mysore and 156 km from the city of Bangalore.









 (  Temple Complex  )

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 Friends, this ancient temple is lined with carved pillars. Friends, a dome is installed on the top of the temple, which is decorated with wonderfully carved sculptures.  Friends, the principal deity of this ancient temple is Cheluvanarayana Swamy, also known as Unemagasu Villi and Cheluvapillay Raya, friends. It is a form of Lord Vishnu.

 Friends, in the inscription present in the temple premises, the Lord is also mentioned by the name of Ram Priya. Friends, it is believed that Lord Shri Ram, along with his two sons Luv and Kush, visited this temple and paid floral tributes to the deities present in the temple.  Had it.


















 Friends, it is believed that the Mughal invader Mahmud Shah attacked this temple and took away the metal idol of God present in the temple with him.  Friends, he had given the metal idol of God to his daughter Bibi Nachiyari to play as a toy. But where does friends go that instead of playing with the idol of God, she started worshiping and got absorbed in the devotion of God.  Went.  Friends, after seeing all this, Mahmud Shah returned the idol of the Lord back to Ramanujacharya. Friends are also said that he was so absorbed in devotion to God that he also died at the feet of the Lord in this temple complex.  Also friends, it is believed that his soul merged into the idol of God in the form of Agni Punj.

















 (Wonderful ancient architecture of the temple)

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 Friends, this wonderful and beautiful temple has been built in Dravidian style. Friends, a beautiful pond has been constructed just below the temple which is made of stones. Friends, which is like a terraced well in view. Friends, on the steps of the pond.  Arched pillows are made of stones so that the pilgrim can rest on them.  Friends, the entrance of the temple is decorated with a triangular tower and the main entrance is decorated with pillared structures, friends, on which a beautiful gopuram has been built. Friends, there is a beautiful pillared corridor in the outer part of the temple where these pillars are amazing.  And finely carved sculptures have been made.









 The main sanctum sanctorum of the Friends temple where the Lord is installed is a square structure. A pillared corridor has also been built on the inner walls of the two main sanctum sanctorum. The small temple-like structures in the two temple complex itself adorn the floating rooster  Friends, which is the most important architectural feature of this temple. Friends, all these small temples are decorated with beautiful and carved idols of Hindu gods and goddesses lined in all directions. Friends, it is believed that these deities are worshiped by the local people in this temple.  Provides protection to the temple from evil spirits.




















 Shocking friends, the decorative carvings are not added separately in these columns, but the entire pillar is made by carving the same stone.  Do you think that by seeing their furnishing, it must have been carved with a mere chisel-hammer.  Friends, this is amazing and supernatural, they are unique heritage of our ancestors.








 (Easily accessible Cheluva Narayana Swamy Temple)

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 By Air Friends Bangalore International Airport situated at a distance of 133 kms is the nearest airport to Melkot.


 By Rail - Friends Mysore Railway Station is the nearest railway station located at a distance of 51 kms. It is well connected to the major cities of Karnataka as well as all the major cities of the country.



 By Bus - Friends KRTDC buses run regularly from both Mysore and Bangalore cities.  Friends, you can take a bus from Mysore to Tumkur and onwards and get down at Jakkanahalli crossing Friends, Melkot is located at a distance of about 6 kilometers from this place.









 thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra 🧗🧗













         Mountain leopard Mahendra 🧗🧗
























       

Monday, May 31, 2021

एक यात्रा अद्भुत अलौकिक त्रियुगीनारायण मंदिर उत्तराखंड रुद्रप्रयाग जहां भगवान शिव शंभू की शादी माता पार्वती के संग हुई थी।- रुद्रप्रयाग उत्तराखंड भारत. A Journey to the Wonderful Supernatural Triyugi - Narayan Temple Uttarakhand Rudraprayag where Lord Shiva Shambhu was married to Mata Parvati.- Rudraprayag Uttarakhand India.

Ek yatra khajane ki khoje






























 
 नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं उत्तराखंड रुद्रप्रयाग जिले की यात्रा पर जहां हम देखेंगे एक बहुत ही अद्भुत और अलौकिक अति प्राचीन मंदिर को जिसके बारे में कहा जाता है कि यहीं पर भगवान शिव शंभू और माता पार्वती की शादी संपन्न हुई थी।


          त्रियुगीनारायण मंदिर

          रूद्रप्रयाग - उत्तराखंड

                 भारतवर्ष







 नमस्कार दोस्तों क्या आप जानते हैं कि इस ब्रह्मंड  में विद्यमान हैं वह पवित्र स्थल जहां साक्षात रुप से भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था।
              
           दोस्तों वह पवित्र और अलौकिक स्थल मौजूद है देव भूमि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में दोस्तों यहां हिमालय की वादियों में मौजूद समुद्र तल से 1980 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।दोस्तों हिमालय की वादियों में मौजूद प्राचीन त्रियुगीनारायण मंदिर ही वह पवित्र और अलौकिक पौराणिक मंदिर है जहां भगवान शिव ने माता पार्वती से शादी की थी।
        दोस्तों अद्भुत और अलौकिक रूप से इस प्राचीन मंदिर के अंदर सदियों , सदियों से अग्नि प्रज्वलित हो रही है। दोस्तों पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है कि भगवान शिव और माता पार्वती ने इसी पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर विवाह किया था।
            यानी दोस्तों देखा जाए तो त्रियुगीनारायण  मंदिर ही वह पवित्र शुभ विवाह स्थल है जहां भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था।





















        (  प्रज्वलित अग्नि  )

 दोस्तों अति प्राचीन त्रियुगी नारायण मंदिर के अंदर प्रज्वलित अग्नि युगो युगो से जल रही है इसलिए इस पवित्र स्थल का नाम त्रियुगी हो गया है यानि वह अग्नि जो तीन युगो से लगातार जल रही है।


          दोस्तों माना जाता है कि त्रियुगीनारायण प्राचीन हिमावत की राजधानी हुआ करती थी। यहीं पर भगवान विष्णु जी ने माता पार्वती के विवाह में माता पार्वती के बड़े भाई के रूप में सभी रीति-रिवाजों का पालन किया था। दोस्तों जब कि भगवान ब्रह्मा जी ने भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह में पुरोहित बनकर विवाह संपन्न करवाया था।
                साथ ही दोस्तों पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है कि उस समय इस विवाह समारोह में सभी ऋषिगण एवं ब्रह्मांड के सभी पशु पक्षी , प्राणी , भूत पिचास राक्षस गण ने भाग लिया था।  दोस्तों जहां पर यह विवाह संपन्न हुआ था उस नियत स्थान को ब्रह्म शिला कहा जाता है जो मंदिर के ठीक सामने स्थित है।






















        (   पवित्र जल कुंड )

 दोस्तों पुराणों में वर्णित है कि विवाह से पहले यहां मौजूद तीनों कुंडों में सभी देवताओं ने स्नान किया था। दोस्तों यह तीनों कुंड है
 रूद्र कुंड  ,  विष्णु कुंड ,  ब्रह्मा कुंड ।
             दोस्तों आश्चर्यजनक रूप से इन तीनों कुंडों में जल पवित्र सरस्वती कुंड से आता है। दोस्तों माना जाता है कि पवित्र सरस्वती कुंड का निर्माण भगवान विष्णु जी की नासिका से हुआ था। और इसलिए ऐसी मान्यता है कि इन तीनों कुंडों में स्नान करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।


  






 दोस्तों माना जाता है कि जो श्रद्धालु सच्चे मन से इस पवित्र और अलौकिक स्थान की यात्रा करता है और वे यहां प्रज्वलित अखंड ज्योति की भभूत अपने साथ ले जाते हैं जिससे उनका वैवाहिक जीवन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के आशीर्वाद से हमेशा मंगलमय बना रहता है।

           दोस्तों वेदों में उल्लेख किया गया है कि यह प्राचीन त्रियुगीनारायण मंदिर त्रेता युग में स्थापित किया गया था।दोस्तों यह भी मान्यता है कि यहीं पर भगवान विष्णु जी ने वामन देवता का अवतार लिया था।
              दोस्तों पौराणिक कथा के अनुसार माना जाता है कि स्वर्ग पर कब्जा करने के लिए राजा बलि ने 100 यज्ञ करने की प्रतिज्ञा की थी। जिसमें से महाप्रतापी राजा बलि ने 99 यज्ञ पूरे कर लिए थे ,  जिससे तीनों लोगों में हाहाकार मच गया था। तब भगवान विष्णु जी ने 100 वे यज्ञ को वामन अवतार लेकर रोक दिया था। दोस्तों इस प्राचीन मंदिर में भगवान विष्णु जी के वामन अवतार की ही पूजा  की जाती है।


        दोस्तों मंदिर का वास्तु कला केदारनाथ मंदिर के समान ही हैं मंदिर शैव और वैष्णव समुदाय दोनों के लिए  पवित्र स्थानों में से एक है।







          धन्यवाद दोस्तों
  माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗

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           English translate
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 Hello friends, I would like to extend my hearty greetings to all of you mountain lepards Mahendra, Friends, today I am taking you on a trip to Uttarakhand Rudraprayag district where we will see a very amazing and supernatural very ancient temple which is said to be  It is here that Lord Shiva Shambhu and Mata Parvati married.



 Triyuginarayan Temple


 Rudraprayag - Uttarakhand


 India









 Hello friends, do you know that there is a holy place present in this Brahmad where Lord Bholenath and Mata Parvati were married in an interview.



 Friends, that holy and supernatural place is present, Dev Bhoomi is situated in the Rudraprayag district of Uttarakhand at an altitude of 1980 meters above sea level in the Himalayan plains. Friends, the ancient Triyuginarayan temple present in the Himalayan plains is that holy and supernatural mythological temple  Where Lord Shiva married Mata Parvati.

 Friends, fire is being ignited inside this ancient temple for centuries, centuries.  Friends mentioned in the mythological texts that Lord Shiva and Goddess Parvati had married this holy fire as a witness.

 That is, if you see friends, the Triyuginarayan temple is the holy auspicious wedding place where the marriage of Lord Shiva and Goddess Parvati took place.

















 (Ignited fire)


 Friends, the fire igniting inside the very ancient Triyugi Narayan Temple is burning for ages, hence the name of this holy place has become Triyugi i.e. the fire which has been burning continuously for three ages.









 Friends, it is believed that Triyuginarayan used to be the capital of ancient Himavat.  It is here that Lord Vishnu followed all the rituals in the marriage of Mata Parvati as the elder brother of Mata Parvati.  Friends, when Lord Brahma ji got married as a priest in the marriage of Lord Shiva and Mother Parvati.

 Also, friends are mentioned in mythological texts that at that time all the sages and all the animals of the universe, birds, animals, ghosts and demons, participated in this marriage ceremony.  Friends, the place where this marriage took place is called Brahma Shila which is located right in front of the temple.

















 (   Holy water tank )


 Friends, it is described in the Puranas that before the marriage, all the gods in the three pools here had taken a bath.  Friends it's all three furrows

 Rudra Kund, Vishnu Kund, Brahma Kund.

 Friends, surprisingly, the water comes from the holy Saraswati Kund in these three kunds.  Friends, it is believed that the holy Saraswati Kund was built from the nose of Lord Vishnu.  And so it is believed that bathing in these three pools gives children happiness.









 It is believed that the devotees who visit this sacred and supernatural place with a sincere heart and carry here with them the blessings of the unbroken Jyoti Jyoti, so that their marital life is always auspicious with the blessings of Lord Bholenath and Mata Parvati.








 Friends, it is mentioned in the Vedas that this ancient Triyuginarayan temple was established in Treta Yuga. Friends also believe that it was here that Lord Vishnu took the incarnation of Vamana deity.

 According to the Friends legend, it is believed that King Bali sacrificed 100 sacrifices to capture heaven.  Out of which the great King Bali had completed 99 yagyas, which caused an outcry among the three people.  Then Lord Vishnu ji stopped the 100th Yajna with the Vamana avatar.  Friends, the Vamana avatar of Lord Vishnu is worshiped in this ancient temple.









 Friends, the architecture of the temple is similar to that of Kedarnath temple. The temple is one of the holy places for both Shaiva and Vaishnav community.












 Thanks guys

      Mountain Leopard            Mahendra 🧗🧗






         












                 Mountain leopard Mahendra 🧗🧗
































Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...