Monday, May 31, 2021

एक यात्रा अद्भुत अलौकिक त्रियुगीनारायण मंदिर उत्तराखंड रुद्रप्रयाग जहां भगवान शिव शंभू की शादी माता पार्वती के संग हुई थी।- रुद्रप्रयाग उत्तराखंड भारत. A Journey to the Wonderful Supernatural Triyugi - Narayan Temple Uttarakhand Rudraprayag where Lord Shiva Shambhu was married to Mata Parvati.- Rudraprayag Uttarakhand India.

Ek yatra khajane ki khoje






























 
 नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं उत्तराखंड रुद्रप्रयाग जिले की यात्रा पर जहां हम देखेंगे एक बहुत ही अद्भुत और अलौकिक अति प्राचीन मंदिर को जिसके बारे में कहा जाता है कि यहीं पर भगवान शिव शंभू और माता पार्वती की शादी संपन्न हुई थी।


          त्रियुगीनारायण मंदिर

          रूद्रप्रयाग - उत्तराखंड

                 भारतवर्ष







 नमस्कार दोस्तों क्या आप जानते हैं कि इस ब्रह्मंड  में विद्यमान हैं वह पवित्र स्थल जहां साक्षात रुप से भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था।
              
           दोस्तों वह पवित्र और अलौकिक स्थल मौजूद है देव भूमि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में दोस्तों यहां हिमालय की वादियों में मौजूद समुद्र तल से 1980 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।दोस्तों हिमालय की वादियों में मौजूद प्राचीन त्रियुगीनारायण मंदिर ही वह पवित्र और अलौकिक पौराणिक मंदिर है जहां भगवान शिव ने माता पार्वती से शादी की थी।
        दोस्तों अद्भुत और अलौकिक रूप से इस प्राचीन मंदिर के अंदर सदियों , सदियों से अग्नि प्रज्वलित हो रही है। दोस्तों पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है कि भगवान शिव और माता पार्वती ने इसी पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर विवाह किया था।
            यानी दोस्तों देखा जाए तो त्रियुगीनारायण  मंदिर ही वह पवित्र शुभ विवाह स्थल है जहां भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था।





















        (  प्रज्वलित अग्नि  )

 दोस्तों अति प्राचीन त्रियुगी नारायण मंदिर के अंदर प्रज्वलित अग्नि युगो युगो से जल रही है इसलिए इस पवित्र स्थल का नाम त्रियुगी हो गया है यानि वह अग्नि जो तीन युगो से लगातार जल रही है।


          दोस्तों माना जाता है कि त्रियुगीनारायण प्राचीन हिमावत की राजधानी हुआ करती थी। यहीं पर भगवान विष्णु जी ने माता पार्वती के विवाह में माता पार्वती के बड़े भाई के रूप में सभी रीति-रिवाजों का पालन किया था। दोस्तों जब कि भगवान ब्रह्मा जी ने भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह में पुरोहित बनकर विवाह संपन्न करवाया था।
                साथ ही दोस्तों पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है कि उस समय इस विवाह समारोह में सभी ऋषिगण एवं ब्रह्मांड के सभी पशु पक्षी , प्राणी , भूत पिचास राक्षस गण ने भाग लिया था।  दोस्तों जहां पर यह विवाह संपन्न हुआ था उस नियत स्थान को ब्रह्म शिला कहा जाता है जो मंदिर के ठीक सामने स्थित है।






















        (   पवित्र जल कुंड )

 दोस्तों पुराणों में वर्णित है कि विवाह से पहले यहां मौजूद तीनों कुंडों में सभी देवताओं ने स्नान किया था। दोस्तों यह तीनों कुंड है
 रूद्र कुंड  ,  विष्णु कुंड ,  ब्रह्मा कुंड ।
             दोस्तों आश्चर्यजनक रूप से इन तीनों कुंडों में जल पवित्र सरस्वती कुंड से आता है। दोस्तों माना जाता है कि पवित्र सरस्वती कुंड का निर्माण भगवान विष्णु जी की नासिका से हुआ था। और इसलिए ऐसी मान्यता है कि इन तीनों कुंडों में स्नान करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।


  






 दोस्तों माना जाता है कि जो श्रद्धालु सच्चे मन से इस पवित्र और अलौकिक स्थान की यात्रा करता है और वे यहां प्रज्वलित अखंड ज्योति की भभूत अपने साथ ले जाते हैं जिससे उनका वैवाहिक जीवन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के आशीर्वाद से हमेशा मंगलमय बना रहता है।

           दोस्तों वेदों में उल्लेख किया गया है कि यह प्राचीन त्रियुगीनारायण मंदिर त्रेता युग में स्थापित किया गया था।दोस्तों यह भी मान्यता है कि यहीं पर भगवान विष्णु जी ने वामन देवता का अवतार लिया था।
              दोस्तों पौराणिक कथा के अनुसार माना जाता है कि स्वर्ग पर कब्जा करने के लिए राजा बलि ने 100 यज्ञ करने की प्रतिज्ञा की थी। जिसमें से महाप्रतापी राजा बलि ने 99 यज्ञ पूरे कर लिए थे ,  जिससे तीनों लोगों में हाहाकार मच गया था। तब भगवान विष्णु जी ने 100 वे यज्ञ को वामन अवतार लेकर रोक दिया था। दोस्तों इस प्राचीन मंदिर में भगवान विष्णु जी के वामन अवतार की ही पूजा  की जाती है।


        दोस्तों मंदिर का वास्तु कला केदारनाथ मंदिर के समान ही हैं मंदिर शैव और वैष्णव समुदाय दोनों के लिए  पवित्र स्थानों में से एक है।







          धन्यवाद दोस्तों
  माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗

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           English translate
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 Hello friends, I would like to extend my hearty greetings to all of you mountain lepards Mahendra, Friends, today I am taking you on a trip to Uttarakhand Rudraprayag district where we will see a very amazing and supernatural very ancient temple which is said to be  It is here that Lord Shiva Shambhu and Mata Parvati married.



 Triyuginarayan Temple


 Rudraprayag - Uttarakhand


 India









 Hello friends, do you know that there is a holy place present in this Brahmad where Lord Bholenath and Mata Parvati were married in an interview.



 Friends, that holy and supernatural place is present, Dev Bhoomi is situated in the Rudraprayag district of Uttarakhand at an altitude of 1980 meters above sea level in the Himalayan plains. Friends, the ancient Triyuginarayan temple present in the Himalayan plains is that holy and supernatural mythological temple  Where Lord Shiva married Mata Parvati.

 Friends, fire is being ignited inside this ancient temple for centuries, centuries.  Friends mentioned in the mythological texts that Lord Shiva and Goddess Parvati had married this holy fire as a witness.

 That is, if you see friends, the Triyuginarayan temple is the holy auspicious wedding place where the marriage of Lord Shiva and Goddess Parvati took place.

















 (Ignited fire)


 Friends, the fire igniting inside the very ancient Triyugi Narayan Temple is burning for ages, hence the name of this holy place has become Triyugi i.e. the fire which has been burning continuously for three ages.









 Friends, it is believed that Triyuginarayan used to be the capital of ancient Himavat.  It is here that Lord Vishnu followed all the rituals in the marriage of Mata Parvati as the elder brother of Mata Parvati.  Friends, when Lord Brahma ji got married as a priest in the marriage of Lord Shiva and Mother Parvati.

 Also, friends are mentioned in mythological texts that at that time all the sages and all the animals of the universe, birds, animals, ghosts and demons, participated in this marriage ceremony.  Friends, the place where this marriage took place is called Brahma Shila which is located right in front of the temple.

















 (   Holy water tank )


 Friends, it is described in the Puranas that before the marriage, all the gods in the three pools here had taken a bath.  Friends it's all three furrows

 Rudra Kund, Vishnu Kund, Brahma Kund.

 Friends, surprisingly, the water comes from the holy Saraswati Kund in these three kunds.  Friends, it is believed that the holy Saraswati Kund was built from the nose of Lord Vishnu.  And so it is believed that bathing in these three pools gives children happiness.









 It is believed that the devotees who visit this sacred and supernatural place with a sincere heart and carry here with them the blessings of the unbroken Jyoti Jyoti, so that their marital life is always auspicious with the blessings of Lord Bholenath and Mata Parvati.








 Friends, it is mentioned in the Vedas that this ancient Triyuginarayan temple was established in Treta Yuga. Friends also believe that it was here that Lord Vishnu took the incarnation of Vamana deity.

 According to the Friends legend, it is believed that King Bali sacrificed 100 sacrifices to capture heaven.  Out of which the great King Bali had completed 99 yagyas, which caused an outcry among the three people.  Then Lord Vishnu ji stopped the 100th Yajna with the Vamana avatar.  Friends, the Vamana avatar of Lord Vishnu is worshiped in this ancient temple.









 Friends, the architecture of the temple is similar to that of Kedarnath temple. The temple is one of the holy places for both Shaiva and Vaishnav community.












 Thanks guys

      Mountain Leopard            Mahendra 🧗🧗






         












                 Mountain leopard Mahendra 🧗🧗
































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