Friday, February 19, 2021

एक यात्रा प्राचीन भारत वर्ष के 13 विश्वविद्यालयों की A Visit to 13 Universities of the Year of Ancient India

Ek yatra khajane ki khoje


















                     
                       Nalanda vishwavidyalay
                    नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष



















   नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आप सभी को लेकर चल रहा हूं प्राचीन भारत के 13 प्रमुख विश्वविद्यालयों की  जो अपने वैभव काल में शिक्षा के अति महत्वपूर्ण केंद्र थे , जहां विश्व के सभी क्षेत्रों से विद्यार्थी अध्ययन करने आते थे आज वे सभी विश्वविद्यालय खंडहरों के रूप में विद्यमान हैं।
      

















 दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि हमारे प्राचीन भारत वर्ष में 13 महत्वपूर्ण विश्व विख्यात विश्वविद्यालय मौजूद थे। जिसमें संपूर्ण विश्व से विद्यार्थीगण अध्ययन करने आते थे।परंतु तुर्क एवं मुगल आक्रमणकारियों ने भारत के इस समृद्ध विरासत को पहले तो लूटा फिर सभी विश्वविद्यालयों को आग के हवाले कर दिया। जिससे भारतवर्ष का समृद्ध इतिहास जलकर राख हो गया , परंतु दोस्तों आज भी वे सभी शिक्षा के मंदिर खंडहरों के रूप में अपने सुनहरे अतीत की कहानी को बयां कर रही है। साथ ही साथ दोस्तों आज भी महान यात्री मेगास्थनीज , अलबरूनी एवं ह्वेन सॉन्ग के लिखे ग्रंथों में अति समृद्ध भारत का इतिहास वर्णित है।







 दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि अति प्राचीन वैदिक काल से ही भारतवर्ष में शिक्षा पति को बहुत महत्व दिया गया था।इसलिए दोस्तों प्राचीन काल से ही संपूर्ण भारतवर्ष में गुरुकुल एवं आश्रमों  के रूप में शिक्षा केंद्र खोले जाने लगे थे। दोस्तों प्राचीन वैदिक काल के बाद जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता गया वैसे वैसे भारतवर्ष की शिक्षा पद्धति और भी ज्यादा उन्नति करते गई।दोस्तों आगे चलकर गुरुकुल और आश्रमों से शुरू हुआ शिक्षा का सफर उन्नति करते हुए विश्वविद्यालयों का रूप  धारण कर लिया। दोस्तों पूरे भारतवर्ष में प्राचीन काल में ही 13 बड़े विश्वविद्यालयों एवं शिक्षण केंद्रों की स्थापना की गई थी। 







 दोस्तों आठवीं शताब्दी से लेकर 12 वीं शताब्दी के बीच भारत वर्ष पूरे संसार में शिक्षा का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध केंद्र था। दोस्तों सबसे बड़ी बात यह है कि गणित , ज्योतिष , भूगोल , चिकित्सा विज्ञान यानी आयुर्वेद ,रसायन विज्ञान , व्याकरण और साहित्य के साथ ही अन्य विषयों की शिक्षा देने में भारतीय विश्वविद्यालय का कोई जवाब नहीं था।









 दोस्तों आपको पता ही होगा कि आज के वर्तमान समय में अधिकतर लोग केवल दो ही प्राचीन विश्वविद्यालयों के विषय में जानते हैं प्रथम नालंदा विश्वविद्यालय एवं दूसरा तक्षशिला विश्वविद्यालय को और यदा-कदा विक्रमशिला विश्वविद्यालय को भी।क्योंकि उस जमाने में यह तीनों विश्वविद्यालय बहुत ही प्रसिद्ध के थे ।अतः आज भी लोग इन्हीं विश्वविद्यालय के बारे में जानते हैं लेकिन दोस्तों इन विश्वविद्यालयों के अलावा भी 11 ऐसे विश्वविद्यालय थे जो उस समय विश्व विख्यात शिक्षा के मंदिर थे।

















      प्राचीन  नालंदा विश्वविद्यालय
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 दोस्तों नालंदा विश्वविद्यालय प्राचीन भारत वर्ष में उच्च शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण और विश्व विख्यात शिक्षा का केंद्र था।दोस्तों नालंदा विश्वविद्यालय वर्तमान में बिहार के राजधानी पटना शहर से  88.5 किलोमीटर दक्षिण पूर्व और राजगीर से 11.5 किलोमीटर दूर स्थित है दोस्तों इस महान बौद्ध विश्वविद्यालय के भग्नावशेष इसके प्राचीन वैभव का इतिहास आज भी बयां कर रही है।










 दोस्तों सातवीं शताब्दी में भारत की यात्रा पर आए चीनी यात्री ह्वेनसांग और इत्सिंग  के यात्रा विवरणों से इस विश्वविद्यालय के बारे में बहुत सारी जानकारियां प्राप्त होती है।दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस विश्वविद्यालय में 10000 छात्रों को पढ़ाने के लिए 2000 शिक्षक मौजूद थे। दोस्तों इस विश्वविद्यालय का निर्माण गुप्त शासक कुमारगुप्त प्रथम ने 450 - 470 ईसा पूर्व में करवाया था। दोस्तों गुप्त वंश के पतन के बाद भी आने वाले सभी वंश के शासकों ने  इसकी समृद्धि में अपना योगदान जारी रखा था।दोस्तों प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय को महान सम्राट हर्षवर्धन और पाल शासकों का भी संरक्षण प्राप्त हुआ था। दोस्तों भारतवर्ष के विभिन्न क्षेत्रों से ही नहीं बल्कि कोरिया ,जापान , चीन , तिब्बत , इंडोनेशिया  , फारस तथा तुर्की से भी विद्यार्थी यहां शिक्षा प्राप्त करने आते थे।








 दोस्तों प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय 9वीं शताब्दी से 12वीं शताब्दी तक पूरे विश्व में प्रसिद्ध था।दोस्तों सुनियोजित ढंग से और विस्तृत क्षेत्र में बना हुआ प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना था। इसका पूरा परिसर एक विशाल दीवार से घिरा हुआ था जिसमें प्रवेश करने के लिए एक मुख्य दरवाजा बना हुआ था , एवं उत्तर से दक्षिण की ओर मठों की कतार थी और उनके सामने अनेक भव्य स्तूप और मंदिर थे। मंदिरों में भगवान बुद्ध की सुंदर मूर्तियां स्थापित थी। एवं केंद्रीय  विद्यालय में 7 बड़े कक्ष थे और इसके अलावा 300 अन्य कमरे मौजूद थे।









 दोस्तों इन कमरों में शिक्षकगण व्याख्यान  दीया करते थे। दोस्तों अभी तक पुरातत्व विभाग को खुदाई में 13 मठ मिल चुके हैं ।परंतु इससे अधिक मठों की होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। दोस्तों आश्चर्यजनक रूप से मठ 1 से अधिक मंजिल के बने होते थे। कमरों में सोने के लिए पत्थर की चौकियां बनी होती थी एवं दीपक , पुस्तक आदि रखने के लिए प्रत्येक कमरे में एक खास जगह बनी होती थी। दोस्तों प्रत्येक मठ के आंगन में एक कुआं बना होता था। इसी प्रकार दोस्तों माना जाता है कि प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय परिसर में आठ विशाल भवन , 10 मंदिर अनेक प्रार्थना कक्ष एवं अध्ययन कक्ष के अलावा इस परिसर में सुंदर बाग - बगीचे व झीले भी मौजूद थे। दोस्तों ऐतिहासिक स्रोत बताते हैं कि प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय में सैकड़ों विद्यार्थी एवं आचार्यों के अध्ययन के लिए 9 तल का एक विराट पुस्तकालय मौजूद था जिसमें लाखों पुस्तकें थी। परंतु दोस्तों आज खंडहरों के सिवाय और कुछ नहीं बचा है।


     
   
         प्राचीन तक्षशिला विश्वविद्यालय के भग्नावशेष
                  Ancient Takshila vishwavidyalay 



















      प्राचीन तक्षशिला विश्वविद्यालय
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 दोस्तों तक्षशिला विश्वविद्यालय सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय हैं। दोस्तों महान अर्थशास्त्री एवं राजनीतिज्ञ कहे जाने वाले 'चाणक्य' तक्षशिला विश्वविद्यालय के अध्यक्ष रह चुके हैं। प्राचीन शास्त्रों की मानें तो इस विश्वविद्यालय की स्थापना 2700 वर्ष पहले की गई थी। दोस्तों इस विश्वविद्यालय में 10500 विद्यार्थी पढ़ाई करते थे। माना जाता है कि इनमें से कई विद्यार्थी अलग-अलग देशों से संबंध रखते थे।दोस्तों ऐतिहासिक स्रोत बताते हैं कि इस विश्वविद्यालय का अनुशासन बहुत ही कठोर था यदि राजाओं के लड़के भी कोई गलती करते तो उन्हें सजा दी जा सकती थी। दोस्तों तक्षशिला राजनीति और शस्त्र विद्या की अध्ययन का विश्वस्तरीय केंद्र था।








 दोस्तों आयुर्वेद और विधिशास्त्र का इसमें विशेष अध्ययन केंद्र था। दोस्तों कौसल राज प्रसनजीत , मल्ल सरदार बंधुल , लिच्छवी महाली , शल्यक , जीवक और लूटेरा अंगुलिमाल के अलावा चाणक्य और पणिनि जैसे महान व्यक्ति इस विश्वविद्यालय के विद्यार्थी थे। दोस्तों इस विश्वविद्यालय में छोटे-छोटे गुरुकुल मौजूद थे एवं इन्हें गुरुकुल में व्यक्तिगत रूप से विभिन्न विषयों के आचार्य विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करते थे।



 
       
 Ancient Vikramshila vishwavidyalay
              प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय के भग्नावशेष

















           विक्रमशिला विश्वविद्यालय
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  दोस्तों ऐतिहासिक दस्तावेज बताते हैं कि विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना पाल वंश के राजा धर्मपाल ने की थी।दोस्तों आठवीं शताब्दी से 12वी शताब्दी के अंत तक यह विश्वविद्यालय भारतवर्ष के प्रमुख शिक्षा केंद्रों में से एक था। दोस्तों यह विश्वविद्यालय भारत वर्ष के बिहार राज्य के भागलपुर शहर के नजदीक स्थित है ।दोस्तों माना जाता है कि उस समय विक्रमशिला विश्वविद्यालय एवं नालंदा विश्वविद्यालय में कड़ी प्रतिस्पर्धा होती थी। विक्रमशिला विश्वविद्यालय में 1000 विद्यार्थी पर 100 शिक्षक मौजूद थे।दोस्तों विक्रमशिला विश्वविद्यालय तंत्र शास्त्र की पढ़ाई के लिए सबसे ज्यादा प्रचलित था। इस विषय का सबसे मशहूर विद्यार्थी "अतीसा दीपनकरा " था । जो बाद में बौद्ध धर्म अपनाकर तिब्बत में बस गया था।


                       वल्लभी विश्वविद्यालय के भग्नावशेष 
                     Ancient vallabhi vishwavidyalay









               वल्लभी विश्वविद्यालय
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 दोस्तों प्राचीन वल्लभी विश्वविद्यालय सौराष्ट्र गुजरात में स्थित था।दोस्तों छठी शताब्दी से लेकर 12वीं शताब्दी तक लगभग 600 वर्षों तक इसकी प्रसिद्धि चरम पर थी। दोस्तों चाइनीज यात्री 'ईत-सिंग' ने लिखा है कि यह विश्वविद्यालय सातवीं शताब्दी में गुनामति और स्थिरमति नाम की विद्याओं का सबसे प्रमुख केंद्र था।दोस्तों यह विश्वविद्यालय धर्मनिरपेक्ष विषयों के शिक्षा के लिए भी काफी मशहूर था। दोस्तों यही कारण था कि पूरे संसार से इस विश्वविद्यालय में अध्ययन के लिए छात्र आया करते थे।













                Ancient udantpuri Vishwavidyalaya
    




               प्राचीन उदांतपुरी विश्वविद्यालय के भग्नावशेष



















        प्राचीन उदांतपुरी विश्वविद्यालय 
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 दोस्तों उदांत पूरी विश्वविद्यालय मगध यानी वर्तमान में बिहार के गया क्षेत्र में स्थापित किया गया था। इसकी स्थापना भी पाल वंश के शासकों ने की थी।दोस्तों आठवीं शताब्दी से 12वीं शताब्दी तक लगभग 400 सालों तक इसका विकास चरमोउन्नति पर थी। इस विश्वविद्यालय में लगभग 12000 विद्यार्थी अध्ययन करते थे ।

                प्राचीन सोमपुरा विश्वविद्यालय का भग्नावशेष
                   Ancient sompura vishwavidyalay












           सोमपुरा विश्वविद्यालय
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 दोस्तों ऐतिहासिक स्रोतों की मानें तो सोमपुरा विश्वविद्यालय की भी स्थापना पाल वंशी राजाओं ने की थी। दोस्तों इसे सोमपुरा महाविहार के नाम से पुकारा जाता था।दोस्तों माना जाता है कि आठवीं शताब्दी से 12वीं शताब्दी के बीच 400 वर्षों तक यह विश्वविद्यालय विश्व विख्यात था।ऐतिहासिक स्रोत बताते हैं कि यह भव्य विश्वविद्यालय लगभग 27 एकड़ में फैला हुआ था। एवं उस काल में संपूर्ण विश्व में बौद्ध धर्म की शिक्षा देने वाला सबसे प्रमुख केंद्र था।







           पुष्पगिरी विश्वविद्यालय
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 दोस्तों प्राचीन पुष्पगिरी विश्वविद्यालय वर्तमान भारत के उड़ीसा राज्य में स्थित था। इसकी स्थापना तीसरी शताब्दी में कलिंग राजाओं ने की थी।दोस्तों माना जाता है कि अगले 800 वर्षों तक यानी 11 वीं शताब्दी तक इस विश्वविद्यालय का विकास अपने चरम पर था। दोस्तों सबसे बड़ी बात यह थी कि पुष्पगिरी विश्वविद्यालय का परिसर 3 पहाड़ों ललित गिरी , रत्नागिरी और उदयगिरी पर फैला हुआ था।

       दोस्तों माना जाता है कि प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय , तक्षशिला विश्वविद्यालय एवं विक्रमशीला विश्वविद्यालय के बाद यह प्राचीन पुष्पगिरी विश्वविद्यालय ही शिक्षा का सबसे बड़ा एवं प्रमुख केंद्र था। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना महान सम्राट अशोक ने करवाई थी।









             अन्य विश्वविद्यालय
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 दोस्तों माना जाता है कि प्राचीन भारत में इन बड़े विश्वविद्यालयों के अलावे जितने भी अन्य विश्वविद्यालय थे, उनकी भी शिक्षा प्रणाली इन्हीं विश्वविद्यालयों से प्रभावित थी। ऐतिहासिक स्रोतों से पता चलता है कि शिक्षा और शिक्षा केंद्रों की स्थापना को सबसे ज्यादा बढ़ावा पाल वंश के शासकों ने दिया था। परंतु दोस्तों आज हमारे ज्यादातर प्राचीन विश्वविद्यालय अपने खंडहरों के रूप में अपने अस्तित्व को लेकर संघर्ष कर रहे हैं।











          जगददला विश्वविद्यालय
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         पश्चिम बंगाल में स्थित है।

       नागार्जुनकोंडा विश्वविद्यालय
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             आंध्र प्रदेश में स्थित है

             वाराणसी विश्वविद्यालय
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 उत्तर प्रदेश में आठवीं सदी से लेकर आधुनिक काल तक


          कांचीपुरम विश्वविद्यालय
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              तमिल नाडु स्थित है


            मणि खेत विश्वविद्यालय
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               कर्नाटक में स्थित है


           शारदा पीठ विश्वविद्यालय
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 कश्मीर में परंतु अब वर्तमान समय में पाकिस्तान में स्थित है।



               धन्यवाद दोस्तों

          माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗










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              English translate
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  Hello friends, I would like to extend my hearty greetings to all of you mountain lepards Mahendra, Friends, today I am going with you all of the 13 major universities of ancient India which were very important centers of education in their splendor, where all of the world  Students used to come to study from the regions, today they all exist as university ruins.







 Friends, you will be surprised to know that in our ancient India, 13 important world renowned universities were present.  In which students from all over the world used to come to study. But the Turks and Mughal invaders first looted this rich heritage of India and then set all the universities on fire.  Due to which the rich history of India was burnt to ashes, but friends, even today, they are telling the story of their golden past in the form of temple ruins of education.  At the same time, even today, the texts written by great travelers Megasthenes, Alberuni and Hiuen Song have described the history of very rich India.








 Friends, you will be surprised to know that education husband was given great importance in India since very ancient Vedic times, so friends since ancient times, education centers were started in the form of Gurukuls and Ashrams all over India.  Friends, as the time progressed after the ancient Vedic period, the education system of India continued to grow even more. Friends later took the form of universities, progressing the education which started from Gurukul and Ashrams.  Friends, 13 large universities and educational centers were established all over India in the ancient times itself.








 Friends, India was the largest and famous center of education in the entire world between the eighth century to the 12th century.  Friends, the biggest thing is that the Indian University had no answer in teaching mathematics, astrology, geography, medical science i.e. Ayurveda, chemistry, grammar and literature as well as other subjects.










 Friends, you must be aware that in the present day, most people know about only two ancient universities, first Nalanda University and Taxila University and secondly Vikramshila University also because at that time these three universities are very famous.  So today people still know about these universities, but friends, besides these universities, there were 11 such universities which were temples of world famous education at that time.







 Ancient Nalanda University









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 Friends Nalanda University was the most important and world renowned center of higher education in the ancient India year. Friends Nalanda University is presently located 88.5 km southeast of the capital city of Patna, Bihar and 11.5 km from Rajgir. Friends.  The history of its ancient splendor is told even today.






 Friends, a lot of information about this university comes from the travel details of the Chinese traveler Xuanzang and Etsing who visited India in the seventh century. Friends, you will be surprised to know that there were 2000 teachers present in this university to teach 10,000 students.  Friends, this university was built by the Gupta ruler Kumaragupta I in 450 - 470 BC.  The rulers of all dynasties who continued to come after the fall of the Gupta dynasty continued to contribute to its prosperity. The two ancient Nalanda Universities also received the patronage of the great emperor Harshavardhana and the Pala rulers.  Friends, students used to come here from different regions of India, but also from Korea, Japan, China, Tibet, Indonesia, Persia and Turkey.









 Friends, the ancient Nalanda University was famous all over the world from the 9th century to the 12th century. The ancient Nalanda University, built in a well-planned and elaborate area, was an amazing piece of architecture.  Its entire complex was surrounded by a huge wall with a main door to enter, and there were rows of monasteries from north to south and several grand stupas and temples in front of them.  Beautiful statues of Lord Buddha were installed in the temples.  And the Kendriya Vidyalaya had 7 big rooms and in addition 300 other rooms were present.










 Friends used to give lecture in these rooms.  Friends, the Archaeological Department has so far found 13 monasteries under excavation. But the possibility of having more monasteries is being expressed.  Friends surprisingly, the monasteries were made up of more than 1 floor.  There were stone posts for sleeping in the rooms and a special place was made in each room to keep lamps, books etc.  Friends, a well was made in the courtyard of each monastery.  Similarly, friends are believed that in the ancient Nalanda University campus, in addition to eight huge buildings, 10 temples, many prayer halls and study rooms, beautiful gardens - gardens and lakes were also present in this campus.  Friends, historical sources tell that in the ancient Nalanda University, there was a huge 9-floor library for studying hundreds of students and masters, which contained millions of books.  But friends, there is nothing left but the ruins today.









 Ancient Taxila University

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 Friends Taxila University is the oldest university.  Friends, 'Chanakya', called the great economist and politician, has been the president of Taxila University.  According to ancient scriptures, this university was established 2700 years ago.  Friends, 10500 students studied in this university.  It is believed that many of these students belonged to different countries. Two historical sources suggest that the discipline of this university was very rigid. If the boys of the kings also committed any mistake they could be punished.  Friends Taxila was a world-class center for the study of politics and armaments.









 Friends, there was a special study center for Ayurveda and Jurisprudence.  Apart from friends Kausal Raj Prasanjeet, Malla Sardar Bandul, Lichhavi Mahali, Sahayak, Jeevak and Lootera Angulimal, great people like Chanakya and Panini were students of this university.  Friends, small gurukuls were present in this university and they personally imparted education to the students of various disciplines in the gurukul.









 Vikramshila University

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 Friends, historical documents state that Vikramshila University was founded by King Dharmapala of the Pala dynasty. From the eighth century to the end of the 12th century, the university was one of the major educational centers in India.  Friends, this university is located near the city of Bhagalpur in the state of Bihar, India. The friends are believed to have fierce competition at that time in Vikramshila University and Nalanda University.  Vikramashila University had 100 teachers on 1000 students. Friends, Vikramshila University was the most popular for studying Tantra Shastra.  The most famous student of this subject was "Atisa Deepakara".  Who later settled in Tibet by adopting Buddhism.






 Vallabhi University

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 Friends, the ancient Vallabhi University was located in Saurashtra Gujarat. Its fame peaked for nearly 600 years from the sixth century to the 12th century.  Friends, the Chinese traveler 'Eat-Sing' wrote that this university was the most prominent center of learning in the seventh century by the names of Gunamati and Sthyamati. Friends, it was also famous for the education of secular subjects.  Friends, this was the reason that students used to come to study in this university from all over the world.










 Ancient Udantpuri University

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 Friends Udanta Puri University was established in Magadha i.e. present-day Gaya region of Bihar.  It was also founded by the rulers of the Pala dynasty. Its development was at a peak for nearly 400 years from the eighth century to the 12th century.  There were about 12000 students studying in this university.







 Sompura University

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 Friends, according to historical sources, the Palpura University was also founded by Sompura University.  Friends, it was called as Sompura Mahavihara. Friends believed that the university was world famous for 400 years between the eighth century to the 12th century. Historical sources indicate that this grand university was spread over about 27 acres.  And was the most prominent center for teaching Buddhism in the world at that time.








 Pushpagiri University

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 Friends: The ancient Pushpagiri University was located in the state of Orissa in present-day India.  It was founded in the third century by the Kalinga kings. Friends believe that the development of this university was at its peak for the next 800 years i.e. until the 11th century.  Friends, the biggest thing was that the campus of Pushpagiri University was spread over 3 mountains Lalit Giri, Ratnagiri and Udayagiri.
















 Friends, it is believed that after ancient Nalanda University, Taxila University and Vikramshila University, this ancient Pushpagiri University was the biggest and major center of education.  Some historians believe that this university was established by the great emperor Ashoka.









 Other universities

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 Friends, it is believed that in addition to these big universities in ancient India, all other universities had their education system influenced by these universities.  Historical sources suggest that the establishment of education and education centers was most encouraged by the rulers of the Pala dynasty.  But friends, most of our ancient universities are struggling with their existence as ruins today.





 Jagaddala University

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 Located in West Bengal.


 Nagarjunakonda University

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 Located in Andhra Pradesh


 University of Varanasi

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 In Uttar Pradesh from the eighth century to the modern period



 Kanchipuram University

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 Tamil Nadu is located



 Mani Khet University

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 Located in Karnataka



 Sharda Peeth University

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 Located in Kashmir but now in present day Pakistan.





 Thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra 🧗🧗








































 

Wednesday, February 17, 2021

एक यात्रा चौंसठ योगिनी मंदिर की - मुरैना , मध्यप्रदेश भारत वर्ष A Visit to the Sixty-four Yogini Temple - Morena, Madhya Pradesh India

Ek yatra khajane ki khoje





                       विहंगम दृश्य 64 योगिनी मंदिर की
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               Bird's eye view of 64 yogini temple
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  नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आज मैं आप सभी को एक ऐसे मंदिर की यात्रा पर लेकर चल रहा हूं जो हूबहू हमारे देश के संसद भवन की तरह दिखता है। दोस्तों यह मंदिर है चौसठ योगिनी महादेव मंदिर जो तंत्र विद्या को जागृत करने के लिए विश्वविख्यात है तो आइए दोस्तों चलते हैं मंदिर की ओर।







  दोस्तों ऐतिहासिक स्रोत बताते हैं कि हजारों वर्ष पहले ही हमारे पूर्वजों ने संसद की नींव रख दी थी ।दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि हुबहू संसद भवन जैसी आकृति के एक नहीं चार मंदिर हैं जिन्हें हम सभी 64 यगिनी मंदिर के नाम से जानते हैं। 












  चौसठ योगिनी मंदिर का प्रतिरूप है हमारा संसद भवन
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                           चौसठ योगिनी मंदिर
 
                           मुरैना , मध्य प्रदेश


                                 भारतवर्ष 




  दोस्तों भारत में चार चौसठ योगिनी मंदिर मौजूद हैं । जिसमें से दो उड़ीसा राज्य में स्थित है और दो मध्यप्रदेश में मौजूद है।
और इनमें सबसे प्रमुख है । मध्यप्रदेश के मुरैना में स्थित चौंसठ योगिनी मंदिर । दोस्तों यह मंदिर प्राचीन काल में तंत्र मंत्र के लिए काफी प्रसिद्ध था । दोस्तों उस काल में विश्व का एकमात्र तांत्रिक साधना विश्वविद्यालय था जहां पर विश्व के सभी क्षेत्रों से तांत्रिक तंत्र साधना करने आते थे।












 आइए दोस्तों चलते हैं मंदिर की ओर दोस्तों करीब 200 सीढ़ियों को चढ़ने के बाद आप चौसठ योगिनी मंदिर के परिसर में प्रवेश कर पाओगे। क्योंकि यह मंदिर एक छोटी सी पहाड़ी पर बना हुआ है । दोस्तों ऐसा लगता है कि हमारे पूर्वजों ने इस मंदिर का निर्माण काफी समझ कर किया होगा। क्योंकि दोस्तों यह मंदिर एक वृतीय आधार पर बना हुआ है और इसमें 64 कमरों का निर्माण किया गया है और प्रत्येक कमरे में एक एक शिवलिंग स्थापित किया गया है दोस्तों मंदिर के मध्य में एक खुला हुआ मंडप बना हुआ है जिसमें एक विशाल शिव लिंग स्थापित है।




 





दोस्तों ऐतिहासिक स्रोत बताते हैं कि इस मंदिर का निर्माण 1323 ईस्वी में किया गया था लेकिन मेरा मानना है कि यह मंदिर इससे कहीं ज्यादा प्राचीन , अद्भुत और अलौकिक है। दोस्तों आश्चर्य की बात या थी कि प्रत्येक कमरे में शिवलिंग के साथ-साथ देवी योगिनी की मूर्तियां भी थी। लेकिन कुछ मूर्तियों की चोरी हो जाने की वजह से बची हुई मूर्तियों को राजधानी दिल्ली के संग्रहालय में रख दिया गया है।दोस्तों देवी योगिनी की वजह से ही इस मंदिर का नाम चौसठ योगिनी मंदिर पड़ा है।दोस्तों मंदिर 101 खंभों पर टिका हुआ है जिस कारण से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इस मंदिर को प्राचीन ऐतिहासिक स्मारक घोषित कर रखा है।













 दोस्तों सबसे बड़ी बात यह है कि सबसे पहले ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस हमारे पूर्वजों के द्वारा बनाए गए इस अद्भुत निर्माण को देखकर आश्चर्यचकित और अचंभित हुआ था। और बाद में इसी मंदिर को आधार मानकर हमारे देश के संसद भवन का निर्माण करवाया था। दोस्तों मंदिर ना केवल बाहर से संसद भवन से मिलता-जुलता है बल्कि अंदर भी खंभों का वैसा ही ढांचा है।






  दोस्तों आस-पास के गांव में रहने वाले निवासी आज भी मानते हैं कि मंदिर आज भी भगवान शिव की तंत्र साधना के कवच से ढका हुआ है जिस कारण से यहां आज भी रात में रुकने की इजाजत नहीं है दोस्तों शाम होते ही यहां न तो इंसान नजर आते हैं और नहीं पशु पक्षी। दोस्तों तंत्र साधना के लिए मशहूर इस मंदिर में शिव की योगियों को जागृत किया जाता है या था। 














 दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह सभी चौसठ योगिनीया माता आदिशक्ति काली की अवतार हैं। पुराणों के अनुसार माना जाता है कि घोर नामक दैत्य के साथ युद्ध करते हुए मां काली ने यह सभी अवतार धारण किए थे। इन देवियों को 10 महाविद्याओ और सिद्ध विद्याओं में भी गणना की जाती है। ये सभी देवी योगिनीया तंत्र तथा योग विधाओ से संबंध रखती है।








  दोस्तों कभी किसी जमाने में इस मंदिर में तांत्रिक सिद्धियां हासिल करने के लिए देसी विदशी तांत्रिकों का जमावड़ा लगा रहता था लेकिन अब वे सब बीते हुए जमाने की बात है। फिर भी आज कुछ तांत्रिक ,  सिद्धियां प्राप्त करने के लिए यहां पूजा पाठ करते हैं। दोस्तों इस मंदिर को इंकतेश्वर महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। दोस्तों आज हमें अपने इस प्राचीन धरोहर को बचाए रखना हमारा धर्म बनता है।











                    धन्यवाद दोस्तों

                 माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗

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                      English translate
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   Hello friends, I heartily congratulate all of you mountain leopard Mahendra, Friends, today I am taking all of you on a journey to a temple which looks like a Parliament House in our country.  Friends, this temple is Chausath Yogini Mahadev Temple which is world famous for awakening Tantra learning, so let's go towards the temple.









 Friends, historical sources reveal that thousands of years ago our ancestors laid the foundation of the Parliament. Friends, you will be surprised to know that there are not one but four temples of the same shape as the exact Parliament House, which we all know as the 64 Yagini Temple.




 Our Parliament House is a copy of Chausath Yogini Temple

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 Chausath Yogini Temple



 Morena, Madhya Pradesh



 India




 Friends, there are four sixty-four Yogini temples in India.  Of which two are located in the state of Orissa and two are present in Madhya Pradesh.

 And the most prominent of these.  Chausath Yogini Temple located in Morena, Madhya Pradesh.  Friends, this temple was famous for Tantra Mantra in ancient times.  Friends was the only Tantric Sadhana University in the world at that time, where Tantric Tantras from all regions of the world used to come to practice.











 Let's go friends, after climbing about 200 stairs towards the temple, you will be able to enter the premises of the Chausath Yogini temple.  Because this temple is built on a small hill.  Friends, it seems that our ancestors must have built this temple quite understandably.  Because Friends this temple is built on a circular basis and 64 rooms have been built in it and a Shivalinga has been installed in each room. An open pavilion is built in the center of the Friends temple with a huge Shiva Linga installed in it.  .












 Friends historical sources state that this temple was built in 1323 AD but I believe that this temple is much more ancient, wonderful and supernatural than this.  It was surprising to friends that in every room there were Shivling as well as idols of Goddess Yogini.  But due to the theft of some idols, the remaining idols have been kept in the museum in the capital Delhi. It is due to the two Goddess Yogini that this temple is named Chausath Yogini Temple. The two temples rest on 101 pillars.  Due to this reason, the Archaeological Survey of India has declared this temple as an ancient historical monument.













 Friends, the biggest thing is that the first British architect Edwin Lutyens was surprised and astonished to see this amazing construction made by our ancestors.  And later this temple was built on the basis of the Parliament building of our country.  Friends temple is not only similar to the Parliament House from outside but also has the same structure of pillars inside.







 Friends, the residents of the nearby village still believe that the temple is still covered with the armor of Lord Shiva's Tantra Sadhana, due to which it is not allowed to stay here at night even today.  Look no more animal birds.  Shiva yogis are awakened in this temple famous for friends tantra practice.









 Friends, you will be surprised to know that all these fourteen yogini mata are the incarnation of Adishakti Kali.  According to the Puranas, it is believed that Mother Kali had all these incarnations while fighting with a monster called Ghor.  These goddesses are also counted among the 10 Mahavidyas and Siddha Vidyas.  All these Goddesses belong to Yoginiya Tantra and Yoga disciplines.









 Friends, once upon a time there used to be a gathering of desi Vidashi tantrikas in this temple to achieve tantric accomplishments, but now they are all a thing of the past.  Yet today some tantrikas worship here to attain siddhis.  Friends, this temple is also known as Inkateshwar Mahadev Temple.  Friends, today it becomes our religion to preserve this ancient heritage of ours.










                   Thanks guys


     Mountain Leopard Mahendra 🧗🧗





       












             Mountain lappord Mahendra












Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...