Wednesday, February 17, 2021

एक यात्रा चौंसठ योगिनी मंदिर की - मुरैना , मध्यप्रदेश भारत वर्ष A Visit to the Sixty-four Yogini Temple - Morena, Madhya Pradesh India

Ek yatra khajane ki khoje





                       विहंगम दृश्य 64 योगिनी मंदिर की
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               Bird's eye view of 64 yogini temple
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  नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आज मैं आप सभी को एक ऐसे मंदिर की यात्रा पर लेकर चल रहा हूं जो हूबहू हमारे देश के संसद भवन की तरह दिखता है। दोस्तों यह मंदिर है चौसठ योगिनी महादेव मंदिर जो तंत्र विद्या को जागृत करने के लिए विश्वविख्यात है तो आइए दोस्तों चलते हैं मंदिर की ओर।







  दोस्तों ऐतिहासिक स्रोत बताते हैं कि हजारों वर्ष पहले ही हमारे पूर्वजों ने संसद की नींव रख दी थी ।दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि हुबहू संसद भवन जैसी आकृति के एक नहीं चार मंदिर हैं जिन्हें हम सभी 64 यगिनी मंदिर के नाम से जानते हैं। 












  चौसठ योगिनी मंदिर का प्रतिरूप है हमारा संसद भवन
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                           चौसठ योगिनी मंदिर
 
                           मुरैना , मध्य प्रदेश


                                 भारतवर्ष 




  दोस्तों भारत में चार चौसठ योगिनी मंदिर मौजूद हैं । जिसमें से दो उड़ीसा राज्य में स्थित है और दो मध्यप्रदेश में मौजूद है।
और इनमें सबसे प्रमुख है । मध्यप्रदेश के मुरैना में स्थित चौंसठ योगिनी मंदिर । दोस्तों यह मंदिर प्राचीन काल में तंत्र मंत्र के लिए काफी प्रसिद्ध था । दोस्तों उस काल में विश्व का एकमात्र तांत्रिक साधना विश्वविद्यालय था जहां पर विश्व के सभी क्षेत्रों से तांत्रिक तंत्र साधना करने आते थे।












 आइए दोस्तों चलते हैं मंदिर की ओर दोस्तों करीब 200 सीढ़ियों को चढ़ने के बाद आप चौसठ योगिनी मंदिर के परिसर में प्रवेश कर पाओगे। क्योंकि यह मंदिर एक छोटी सी पहाड़ी पर बना हुआ है । दोस्तों ऐसा लगता है कि हमारे पूर्वजों ने इस मंदिर का निर्माण काफी समझ कर किया होगा। क्योंकि दोस्तों यह मंदिर एक वृतीय आधार पर बना हुआ है और इसमें 64 कमरों का निर्माण किया गया है और प्रत्येक कमरे में एक एक शिवलिंग स्थापित किया गया है दोस्तों मंदिर के मध्य में एक खुला हुआ मंडप बना हुआ है जिसमें एक विशाल शिव लिंग स्थापित है।




 





दोस्तों ऐतिहासिक स्रोत बताते हैं कि इस मंदिर का निर्माण 1323 ईस्वी में किया गया था लेकिन मेरा मानना है कि यह मंदिर इससे कहीं ज्यादा प्राचीन , अद्भुत और अलौकिक है। दोस्तों आश्चर्य की बात या थी कि प्रत्येक कमरे में शिवलिंग के साथ-साथ देवी योगिनी की मूर्तियां भी थी। लेकिन कुछ मूर्तियों की चोरी हो जाने की वजह से बची हुई मूर्तियों को राजधानी दिल्ली के संग्रहालय में रख दिया गया है।दोस्तों देवी योगिनी की वजह से ही इस मंदिर का नाम चौसठ योगिनी मंदिर पड़ा है।दोस्तों मंदिर 101 खंभों पर टिका हुआ है जिस कारण से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इस मंदिर को प्राचीन ऐतिहासिक स्मारक घोषित कर रखा है।













 दोस्तों सबसे बड़ी बात यह है कि सबसे पहले ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस हमारे पूर्वजों के द्वारा बनाए गए इस अद्भुत निर्माण को देखकर आश्चर्यचकित और अचंभित हुआ था। और बाद में इसी मंदिर को आधार मानकर हमारे देश के संसद भवन का निर्माण करवाया था। दोस्तों मंदिर ना केवल बाहर से संसद भवन से मिलता-जुलता है बल्कि अंदर भी खंभों का वैसा ही ढांचा है।






  दोस्तों आस-पास के गांव में रहने वाले निवासी आज भी मानते हैं कि मंदिर आज भी भगवान शिव की तंत्र साधना के कवच से ढका हुआ है जिस कारण से यहां आज भी रात में रुकने की इजाजत नहीं है दोस्तों शाम होते ही यहां न तो इंसान नजर आते हैं और नहीं पशु पक्षी। दोस्तों तंत्र साधना के लिए मशहूर इस मंदिर में शिव की योगियों को जागृत किया जाता है या था। 














 दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह सभी चौसठ योगिनीया माता आदिशक्ति काली की अवतार हैं। पुराणों के अनुसार माना जाता है कि घोर नामक दैत्य के साथ युद्ध करते हुए मां काली ने यह सभी अवतार धारण किए थे। इन देवियों को 10 महाविद्याओ और सिद्ध विद्याओं में भी गणना की जाती है। ये सभी देवी योगिनीया तंत्र तथा योग विधाओ से संबंध रखती है।








  दोस्तों कभी किसी जमाने में इस मंदिर में तांत्रिक सिद्धियां हासिल करने के लिए देसी विदशी तांत्रिकों का जमावड़ा लगा रहता था लेकिन अब वे सब बीते हुए जमाने की बात है। फिर भी आज कुछ तांत्रिक ,  सिद्धियां प्राप्त करने के लिए यहां पूजा पाठ करते हैं। दोस्तों इस मंदिर को इंकतेश्वर महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। दोस्तों आज हमें अपने इस प्राचीन धरोहर को बचाए रखना हमारा धर्म बनता है।











                    धन्यवाद दोस्तों

                 माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗

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                      English translate
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   Hello friends, I heartily congratulate all of you mountain leopard Mahendra, Friends, today I am taking all of you on a journey to a temple which looks like a Parliament House in our country.  Friends, this temple is Chausath Yogini Mahadev Temple which is world famous for awakening Tantra learning, so let's go towards the temple.









 Friends, historical sources reveal that thousands of years ago our ancestors laid the foundation of the Parliament. Friends, you will be surprised to know that there are not one but four temples of the same shape as the exact Parliament House, which we all know as the 64 Yagini Temple.




 Our Parliament House is a copy of Chausath Yogini Temple

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 Chausath Yogini Temple



 Morena, Madhya Pradesh



 India




 Friends, there are four sixty-four Yogini temples in India.  Of which two are located in the state of Orissa and two are present in Madhya Pradesh.

 And the most prominent of these.  Chausath Yogini Temple located in Morena, Madhya Pradesh.  Friends, this temple was famous for Tantra Mantra in ancient times.  Friends was the only Tantric Sadhana University in the world at that time, where Tantric Tantras from all regions of the world used to come to practice.











 Let's go friends, after climbing about 200 stairs towards the temple, you will be able to enter the premises of the Chausath Yogini temple.  Because this temple is built on a small hill.  Friends, it seems that our ancestors must have built this temple quite understandably.  Because Friends this temple is built on a circular basis and 64 rooms have been built in it and a Shivalinga has been installed in each room. An open pavilion is built in the center of the Friends temple with a huge Shiva Linga installed in it.  .












 Friends historical sources state that this temple was built in 1323 AD but I believe that this temple is much more ancient, wonderful and supernatural than this.  It was surprising to friends that in every room there were Shivling as well as idols of Goddess Yogini.  But due to the theft of some idols, the remaining idols have been kept in the museum in the capital Delhi. It is due to the two Goddess Yogini that this temple is named Chausath Yogini Temple. The two temples rest on 101 pillars.  Due to this reason, the Archaeological Survey of India has declared this temple as an ancient historical monument.













 Friends, the biggest thing is that the first British architect Edwin Lutyens was surprised and astonished to see this amazing construction made by our ancestors.  And later this temple was built on the basis of the Parliament building of our country.  Friends temple is not only similar to the Parliament House from outside but also has the same structure of pillars inside.







 Friends, the residents of the nearby village still believe that the temple is still covered with the armor of Lord Shiva's Tantra Sadhana, due to which it is not allowed to stay here at night even today.  Look no more animal birds.  Shiva yogis are awakened in this temple famous for friends tantra practice.









 Friends, you will be surprised to know that all these fourteen yogini mata are the incarnation of Adishakti Kali.  According to the Puranas, it is believed that Mother Kali had all these incarnations while fighting with a monster called Ghor.  These goddesses are also counted among the 10 Mahavidyas and Siddha Vidyas.  All these Goddesses belong to Yoginiya Tantra and Yoga disciplines.









 Friends, once upon a time there used to be a gathering of desi Vidashi tantrikas in this temple to achieve tantric accomplishments, but now they are all a thing of the past.  Yet today some tantrikas worship here to attain siddhis.  Friends, this temple is also known as Inkateshwar Mahadev Temple.  Friends, today it becomes our religion to preserve this ancient heritage of ours.










                   Thanks guys


     Mountain Leopard Mahendra 🧗🧗





       












             Mountain lappord Mahendra












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