Wednesday, January 6, 2021

झारखंड के महत्वपूर्ण वन्य जीव अभयारण्यो की एक यात्रा भारत वर्ष A Visit to Important Wildlife Sanctuaries of Jharkhand India Year

Ek yatra khajane ki khoje

 नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आप लोगों को लेकर चल रहा हूं । भारत वर्ष के एक महत्वपूर्ण राज्य झारखंड मे स्थित वन्य जीव अभयारण्यो की यात्रा पर।
     दोस्तों झारखंड अपने हरे - भरे जंगलों , ऊंचे पहाड़ों , पठारो एवं विश्व के सर्वाधिक घने जंगल सारंडा के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। यानि दोस्तों झारखंड अपने प्राकृतिक  वनस्पतियों की दृष्टि से एक समृद्ध राज्य हैं । दोस्तों यहां के वनों में विभिन्न प्रकार के हिंसक जानवरों का बसेरा है जैसे यहां के वनों में बाघ , भेड़िया ,गौर ,हाथी , तेंदुए ,भालू , एवं जंगली कुत्ते पाएं जाते हैं। दोस्तों झारखंड राज्य में वन्य जीवों के संरक्षण हेतु एक राष्ट्रीय उद्यान और 11 अभयारण्यों को स्थापित किया गया है।
                  
                      प्रवेश द्वार
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        दलमा वन्य प्राणी अभयारण्य🏞️
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 दोस्तों दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण जो कि हाथियों के लिए विश्व प्रसिद्ध है मेरे अपने शहर जमशेदपुर से 10 से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दोस्तों यह अभयारण्य 193 .22  वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।
दोस्तों यह पहाड़ी वन देवी माता दलमा माई के नाम से भी प्रसिद्ध है ।दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण की स्थापना सन् 1978 ई. में की गई थी। दोस्तों यह अभयारण्य विभिन्न प्रकार के जंगली जानवरों से भरा - पड़ा है। आश्चर्यजनक बात यह है दोस्तों कि झारखंड के किसी अन्य शहर यह सौभाग्य प्राप्त नहीं है जहां शहर के एक दम नजदीक हाथियों की चिंघाड़ और तेंदुए की दहाड़ सुनाई देती हैं। दोस्तों इस अभ्यारण्य में  ' एलीफेंट प्रोजेक्ट ' लागूं की गई है । यहां पर 300 से अधिक हाथी पाए जाते हैं । दोस्तों साथ ही साथ दलमा पहाड़ हम जैसे ट्रैकिंग प्रेमियों के लिए स्वर्ग हैं। और न जाने कितने ही रहस्यों से भरा पड़ा है यह दलमा पहाड़ जिसे खोजा जाना अभी बाकी हैं।
                    

        भगवान बिरसा जैविक उद्यान🏞️
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 दोस्तों भगवान बिरसा जैविक उद्यान 26 जनवरी 1994 को रांची जिले में शहर से 17 किलोमीटर दूर उत्तर में रांची पटना मार्ग के किनारे सपही नदी के तट पर ओरमांझी प्रखंड के चकला गांव में झारखंड के दूसरे वन्य - प्राणी उद्यान का उद्घाटन किया गया था। दोस्तों भगवान बिरसा जैविक उद्यान पटना रांची मुख्य मार्ग के दोनों और लगभग 104 हेक्टेयर भू-भाग  में फैला हुआ है। जिसमें से 83 हेक्टेयर भूमि में वन्य प्राणी उद्यान स्थापित किया गया है जबकि से 21 हेक्टेयर भूमि पर वनस्पति उद्यान बनाया गया है। दोस्तों इस उद्यान में भेड़ियों  , गौर तथा जंगली कुत्तों के लिए अध्ययन एवं प्रजनन संस्थान तथा सफारी पार्क खोलने की भी योजना है । इस उद्यान में भी विभिन्न प्रकार के जंगली जानवरों का बसेरा है।

             बिरसा मृग विहार 🏞️
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 दोस्तों बिरसा मृग विहार रांची शहर से 35 किलोमीटर की दूरी पर रांची खूंटी मार्ग पर स्थित एक रमणीय स्थल है जहां पर शहर के लोग पिकनिक मनाने जाया करते हैं।दोस्तों बिरसा मृग विहार का सिंधिया नाम 23 मार्च 1981 को हुआ था और उद्घाटन 1 अगस्त 1986 को किया गया था।दोस्तों जैसे ही आप बिरसा मृग विहार के प्रवेश द्वार के अंदर दाखिल होंगे तो आपको एक छोटी सी वाटिका का नजर आएगी जहां पर एक गोलंबर पर बच्चों को खेलने के लिए उनकी मनपसंद खेल साधनों को स्थापित किया गया है। तथा दर्शकों के विश्राम के लिए सुंदर विश्राम स्थल एवं कैंटीन ही बनाए गए हैं। दोस्तों बिरसा मृग विहार 54 एकड़ वन क्षेत्र में फैला हुआ है और यहां पर विभिन्न प्रकार की जीव जंतुओं का बसेरा है।
                   

       जवाहरलाल नेहरू जैविक उद्यान 🏞️
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 दोस्तों बोकारो स्टील सिटी का जवाहरलाल नेहरू जैविक उद्यान 122 एकड़ भूमि में फैला हुआ है तथा इसके विस्तार के लिए 100 एकड़ भूमि के अधिग्रहण के प्रयास चल रहे हैं अब तक पूरे वन क्षेत्र में 30,000 से ज्यादा वृक्ष लगाए जा चुके हैं जिनमें साल , शीशम और सागौन प्रमुख है। दोस्तों 14 जनवरी 1990 को एम आर रामकृष्णन मैं इस जैविक उद्यान का उद्घाटन किया था।दोस्तों इस जेविक उद्यान में देश-विदेश से मंगा कर तरह-तरह के विभिन्न प्रकार के पशु पक्षियों को सुविधा पूर्ण वातावरण में रखा गया है।
               सृष्टि उद्यान 🏞️
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 दोस्तों सृष्टि उद्यान दुमका जिले से 4 किलोमीटर की दूरी पर कुरुआ की तीन पहाड़ियों को सृष्टि उद्यान का नाम दिया गया है यह उद्यान पूरी तरह से प्राकृतिक वातावरण और पहाड़ी पर स्थित है। दोस्तों 80 एकड़ में फैले इस उद्यान में एक पहाड़ी पर बहुत सारे पौधों की किस्में और दूसरी पहाड़ी पर कैक्टस की किस्मों को जबकि तीसरी पहाड़ी पर जड़ी बूटी वाले पौधों को लगाए गए हैं।

   पालकोट वन्य प्राणी अभयारण्य 🏞️
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   दोस्तों झारखंड के एक बहुत ही खूबसूरत सिटी गुमला में एक वन्य प्राणी अभ्यारण की स्थापना की घोषणा 1990 में की गई थी जो 183. 18 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में स्थापित होने वाला अभयारण्य है दोस्तों सरकारी दस्तावेज के अनुसार इस जमीन यानी इस अभ्यारण्य के लिए जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई 30 दिसंबर 1997 को की गई थी जो अब पालकोट वन्य प्राणी अभ्यारण के नाम से मशहूर है।दोस्तों यह बनने प्राणी अभयारण्य गुमला जिले के पूरे पालकोट प्रखंड तथा आंशिक रूप से सिमडेगा तथा रायडीह प्रखंड में  अवस्थित है पालकोट अभ्यारण ने के पूरब में कोयल नदी और पश्चिम में शंख नदी बहती है तथा इन दोनों के बीच अधिसूचित वन भूमि ही मुख्यता अभयारण्य के रूप में स्थित है ।

               जीवाश्म उद्यान 🏞️
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 जैसा कि दोस्तों आप सभी को पता होगा कि साहिबगंज जिले के 37 ऐसे गांव हैं जहां पर मुख्यता संथाल और पहाड़ियां आदिवासी निवास करते हैं और इन्हीं गांवों में करोड़ों साल पुराने जीवाश्म पाए जाते हैं। दोस्तों इन जीवाश्म को उचित संरक्षण और विकास की आवश्यकता है एवं शोधकर्ताओं को लुभाने के लिए यहां पर अनेक सुविधाओं की आवश्यकता है अगर यह सब चीजें यहां पर हो जाए तो जीवाश्म का अध्ययन करने वालों के लिए यह एक अनमोल तोहफा होगा।
        महुआडांड़ भेड़िया अभयारण्य 🏞️
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 दोस्तों यह अभयारण्य डाल्टनगंज से 94 किलोमीटर दूर महुआडांड़ छेछारी  घाटी में स्थित है। दोस्तों इस की स्थापना सन 1976 ईस्वी में तत्कालीन वन संरक्षक श्री एम पी शाही ने की थी ।यह अभ्यारण ने 63 . 26 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और यहां भेड़ियों के प्रजनन केंद्र भी है।

            बेतला नेशनल पार्क 🏞️
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   दोस्तों झारखंड में स्थित बेतला नेशनल पार्क एक राष्ट्रीय पार्क है दोस्तों आप सभी को पता है कि बेतला नेशनल पार्क काफी प्रसिद्ध है यहां पर हाथी , गौर , चीतल , सांभर नीलगाय और शेर देखने को मिल जाते हैं।   दोस्तों बेतला नेशनल पार्क देसी और विदेशी पर्यटको में काफी मशहूर है और यहां प्रत्येक वर्ष देश और विदेश के सैलानी बेतला नेशनल पार्क का भ्रमण करने आते हैं  और आनंदित होते हैं ।
                    पक्षी विहार
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                तिलैया पक्षी विहार 🏞️
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  दोस्तों आपको बता दूं कि तिलैया डैम बरही से जो कि हजारीबाग में पड़ता है से 18 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 2  , 13 और 33 के मिलन स्थल पर स्थित है। दोस्तों साथ ही साथ यह कोडरमा से 19 किलोमीटर और हजारीबाग शहर से 56 किलोमीटर दूर है इस डैम को बराबर नदी के ऊपर बनाया गया है जिसकी ऊंचाई 99 फीट लंबाई 1200 फीट है। दोस्तों इस डैम म देसी विदेशी पक्षियों का जमावड़ा लगा रहता है 

             तेनुघाट पक्षी विहार 🏞️
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 दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि झारखंड राज्य के तेनुघाट डैम एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी का बना हुआ डैम है। यह डैम बोकारो जिले में स्थित है। दोस्तों इसकी लंबाई 7 किलोमीटर लंबी है। और जलजमाव का क्षेत्रफल 100 वर्ग किलोमीटर है।दोस्तों दिसंबर और जनवरी में लाखों की संख्या में यहां पनडुब्बी एक प्रकार कर पानी में रहने वाला पक्षी यहां प्रवास करने आते हैं।। दोस्तों ये विदेशी पक्षियां हजारों किलोमीटर की दूरी तय करके यहां आते हैं। दोस्तों यह पक्षी विहार शोधकर्ताओं के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं हैं। दोस्तों यहां आने के लिए हमें सबसे पहले पेटरवार आना पड़ता है जो बोकारो और रामगढ़ के बीचों-बीच स्थित है जहां से हमे तेनुघाट के लिए छोटी बड़ी मिलती हैं। दोस्तों यहां से तेनुघाट 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दोस्तों गोमियो रेलवे स्टेशन से तेनुघाट 15 किलोमीटर दूर है। दोस्तों तेनुघाट से ही बोकारो  इस्पात कारखाने को जल की आपूर्ति की जाती है। यहां से बोकारो तक 40 किलोमीटर लंबी नहर का निर्माण किया गया है जिसमें 24 घण्टे पानी रहता है । दोस्तों इसी के तट पर तेनुघाट थर्मल पॉवर स्टेशन ललपनिया में स्थित है।।
              
             ईचागढ़ पक्षी विहार 🏞️
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 दोस्तों स्वर्णरेखा परियोजना के डूबे क्षेत्रों में जमशेदपुर के इचागढ़ और नीमड़ी में दर्जनों पेड़ों पर बसेरा लेकर हर साल मई महीने में साइबेरियन पक्षी अंडे देने आते हैं और अपने बच्चों  का लालन पोषण करने , उन्हें उड़ने के काबिल बनाने के बाद यहां से नवंबर महीने में वापस रूस की लंबी यात्रा पर निकल जाते हैं। दोस्तों प्रतिवर्ष यहां लगभग 200 प्रवासी  साइबेरियन क्रेन यहां आते हैं।

               प्रजनन केंद्र
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            मूटा मगर प्रजनन केंद्र 🏞️
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  दोस्तों रांची से 35 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर में ओरमांझी प्रखंड में सिकिदरी से 6 किलोमीटर जाने पर 3 किलोमीटर पैदल चलकर मूटा मगर प्रजनन केंद्र पहुंचा जा सकता है। मूटा के आसपास भेंडा नदी में कुल 15 गहरी खाई या है जिसमें से छह खाइयों में मगर पाए जाते हैं। दोस्तों जब आप यहां ठंड के मौसम में पहुंचोंगे तो आपको नदी के किनारे धूप में बैठे मगर आसानी से देखने को मिल जाएंगे यहां दर्जनों छोटे मोटे और बड़े मगरमच्छ हैं। 

                   धन्यवाद दोस्तों 
               माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗

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                 English translate
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 Hello friends, I am a mountain leopard Mahendra, a warm welcome to all of you guys, I am taking you guys on today's journey.  On a visit to the wildlife sanctuary located in Jharkhand, an important state of India.

 Friends, Jharkhand is world famous for its lush green forests, high mountains, plateaus and Saranda, the world's most dense forest.  That is, friends Jharkhand is a rich state in terms of its natural flora.  Friends, the forests here are inhabited by a variety of predatory animals such as tigers, wolves, gaurs, elephants, leopards, bears, and wild dogs.  Friends, a national park and 11 sanctuaries have been established in the state of Jharkhand for the protection of wildlife.


 Dalma Wildlife Sanctuary🏞️


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 Friends Dalma Wildlife Sanctuary, which is world famous for elephants, is located 10 to 15 kilometers from my own city Jamshedpur.  Friends, this sanctuary is spread over an area of ​​193 .22 sq km.

 Friends, this hill is also known as Forest Goddess Mata Dalma Mai. Dalma Wildlife Sanctuary was established in 1978 AD.  Friends, this sanctuary is filled with different types of wild animals.  The amazing thing is that no other city of Jharkhand has this privilege where elephant chirps and leopard roars are heard near the city.  Friends, 'Elephant Project' has been implemented in this sanctuary.  More than 300 elephants are found here.  Friends as well as Dalma Pahadar are paradise for trekking lovers like us.  And do not know how many mysteries this Dalma mountain is still to be discovered.

                    

 Lord Birsa Biological Park🏞️

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 Friends Lord Birsa Biological Park The second wildlife park of Jharkhand was inaugurated on 26 January 1994 in Chakla village of Ormanjhi block on the banks of Sapahi River along Ranchi Patna Road, 17 km north of the city in Ranchi district.  Friends Lord Birsa Biological Park is spread both on the Patna Ranchi main road and in about 104 hectares of land.  Out of which 83 hectare land has been established Wildlife Park while 21 hectare land has been built botanical garden.  Friends, there are plans to open a study and breeding institute and safari park for wolves, gaur and wild dogs in this park.  The park is also home to a variety of wild animals.


 Birsa Mrig Vihar 🏞️

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 Friends Birsa Mrig Vihar is a delightful site located on Ranchi Khunti Marg, 35 km from the city of Ranchi, where the people of the city go for a picnic. Friends Birsa Mrig Vihar was named Scindia on 23 March 1981 and inaugurated on 1 August 1986.  As soon as you enter inside the entrance of Birsa Mriga Vihar, you will see a small garden where their favorite sports equipment has been installed for children to play on a roundabout.  And beautiful rest places and canteens have been made for the visitors to relax.  Friends Birsa Mrig Vihar is spread over 54 acres of forest area and is home to a wide variety of fauna.

 Jawaharlal Nehru Biological Park🏞️

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 Friends, Jawaharlal Nehru Biological Park of Bokaro Steel City is spread over 122 acres of land and efforts are on to acquire 100 acres of land for its expansion. So far more than 30,000 trees have been planted in the entire forest area including Sal, Sheesham and  Teak is predominant.  Friends, this organic garden was inaugurated on 14 January 1990 in MR Ramakrishnan. Friends, this jovic garden has a variety of different types of animal birds kept in a convenient environment.


 Srishti Garden 🏞️

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 Friends: Srishti Udyan 4 kilometers from Dumka district, three hills of Kurua have been named Srishti Udyan, this garden is completely natural environment and is situated on a hill.  Friends, this garden spread over 80 acres has many varieties of plants on one hill and cactus varieties on the other hill while herb plants are planted on the third hill.

 Palkot Wildlife Sanctuary🏞️

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 Friends, the establishment of a wildlife sanctuary in Gumla, a very beautiful city of Jharkhand, was announced in 1990, which is 183. A sanctuary to be established in an area of ​​18 square kilometers, Friends, according to the government documents, this land i.e. land acquisition for this sanctuary  The action was taken on 30 December 1997 which is now popularly known as Palkot Wildlife Sanctuary. Friends, this zoological sanctuary is located in the entire Palkot block of Gumla district and partly in Simdega and Raidih block. Palkot sanctuary has cuckoo in the east  The river and the conch river flows to the west and between these two, the notified forest land is situated as the main sanctuary.

                

 Fossil Park 🏞️

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 As friends all of you will know that there are 37 such villages in the Sahibganj district, where mainly the Santhals and the hills are inhabited by tribals and in these villages fossils are found in crores of years old.  Friends, these fossils need proper conservation and development and many facilities are needed here to entice researchers. If all these things happen here then it will be a precious gift for those studying fossils.


 Mahuadand Wolf Sanctuary🏞️

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 Friends, this sanctuary is located in the Mahuadand Chhechari Valley, 94 km from Daltonganj.  Friends, it was founded in 1976 AD by the then forest conservator Shri MP Shahi. The sanctuary 63.  Spread over an area of ​​26 square kilometers and there are also breeding centers of wolves.

 Betla National Park 🏞️

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 Friends, Betla National Park is a national park located in Jharkhand, Friends, you all know that Betla National Park is very famous here elephant, gaur, chital, sambar nilgai and lion can be seen.  Friends, the Betla National Park is quite popular among domestic and foreign tourists and every year tourists from all over the country and abroad come to visit and enjoy the Betla National Park.


 Bird house🏞️

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 Tilaiya bird sanctuary🏞️

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 Friends, let me tell you that Tilaiya Dam is located at the meeting point of National Highways Nos. 2, 13 and 33, 18 km from Barhi which falls in Hazaribagh.  Friends, at the same time it is 19 km from Koderma and 56 km from Hazaribagh city, this dam has been built on an equal river whose height is 99 feet, 1200 feet in length.  Friends, there is a gathering of native exotic birds in this dam.


 Tenughat Bird Sanctuary🏞️

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 Friends, you will be surprised to know that Tenughat Dam of Jharkhand state is the largest earthen dam in Asia.  This dam is located in Bokaro district.  Friends, its length is 7 kilometers long.  And the area of ​​water logging is 100 square kilometers. In December and January, in millions of friends, the submarine comes here to stay in the water birds.  Friends, these foreign parties travel thousands of kilometers to come here.  Friends, this bird sanctuary is nothing less than a haven for researchers.  To come here friends, first of all we have to come to Petarwar, which is located in the middle of Bokaro and Ramgarh, from where we get small big for Tenughat.  Friends, Tenughat is located 16 kilometers from here.  Tenughat is 15 kilometers from the Friends Gomio railway station.  Friends, water is supplied to Bokaro Steel Plant itself from Tenughat.  A 40 km long canal has been constructed from here to Bokaro, which holds 24 hours of water.  Friends, Tenughat Thermal Power Station is located at Lalapania on the banks of this.



 Echagarh bird sanctuary🏞️

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 Friends settle on dozens of trees in Ichagarh and Neemari in Jamshedpur in the submerged areas of the Swarnarekha Project, every year in May the Siberian birds come to lay eggs and return here in November after nurturing their children, enabling them to fly.  Go on a long trip to Russia.  Friends, about 200 migratory Siberian cranes visit here every year.


 Breeding center

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 Muta Magar Breeding Center 🏞️

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 Friends, Moota Breeding Center can be reached by walking 3 km from Sikidari in Ormanjhi block north of 35 km from Ranchi.  There are a total of 15 deep moats in the Bhenda river around Moota, of which six are found in trenches.  Friends, when you reach here in the cold season, you will be able to sit in the sun on the banks of the river but you can easily see here there are dozens of small, thick and big crocodiles.


 Thanks guys

 Mountain Leopard Mahendra 🧗🧗

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