Ek yatra khajane ki khoje
नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन ले पढ़ लूंगा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता दोस्तों मैं आप लोगों को एक कहानी बताने जा रहा हूं प्राचीन भारत के सबसे महा प्रतापी, महादानी, महा ऋषि दधीचि के संबंध में। हमें जानना चाहिए हमें सुनना चाहिए अपने प्राचीन भारत के महान गाथा को ।ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों इन सब को ना भूलें।
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दधिची ऋषि ने धर्म की रक्षा के लिए अस्थि दान किया था !
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उनकी हड्डियों से तीन धनुष बने-
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१. गांडीव २. पिनाक ३. सारंग
जिसमे से गांडीव #अर्जुन को मिला था जिसके बल पर अर्जुन ने महाभारत का युद्ध जीता !
सारंग से #भगवान_राम ने युद्ध किया था और #रावण के अत्याचारी राज्य को ध्वस्त किया था !
और, #पिनाक था #भगवान_शिव जी के पास जिसे तपस्या के माध्यम से खुश भगवान शिव से रावण ने मांग लिया था !
परन्तु... वह उसका भार लम्बे समय तक नहीं उठा पाने के कारण बीच रास्ते में #जनकपुरी में छोड़ आया था !
इसी पिनाक की नित्य सेवा #सीताजी किया करती थी ! पिनाक का भंजन करके ही भगवान राम ने सीता जी का वरण किया था !
ब्रह्मर्षि दधिची की हड्डियों से ही #एकघ्नी नामक #वज्र भी बना था ... जो भगवान इन्द्र को प्राप्त हुआ था !
इस एकघ्नी वज्र को इन्द्र ने #कर्ण की तपस्या से खुश होकर उन्होंने कर्ण को दे दिया था! इसी एकघ्नी से महाभारत के युद्ध में #भीम का महाप्रतापी पुत्र #घटोत्कच कर्ण के हाथों मारा गया था ! और भी कई अश्त्र-शस्त्रों का निर्माण हुआ था उनकी हड्डियों से !
दधिची के इस अस्थि-दान का एक मात्र संदेश था
'' हे भारतीय वीरो शस्त्र उठाओ और #अन्याय तथा #अत्याचार के विरुद्ध #युद्ध करो !''
धन्यवाद दोस्तों
माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा
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English translate
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Ek yatra khajane ki khoje
Hello friends, I will read the mountain, heartily greetings to all of you guys, I am going to tell you a story in connection with the most majestic, great Mahadani, Maha Rishi Dadhichi of ancient India. We should know, we should listen to the great saga of our ancient India, so that our future generations should not forget all this.
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Dadhichi Rishi donated bone to protect religion!
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Three bows were made from his bones.
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1. Gandeev 2. Pinak 3. Multicolored
From which Gandiv got #Arjuna, on whose strength Arjuna won the war of Mahabharata!
# Bhagwan_Ram had fought with Sarang and demolished the tyrannical kingdom of #Ravana!
And, # Pinak was # near to Lord_Shivji who was sought by Ravana from the happy Lord Shiva through penance!
But ... he could not bear his load for a long time because he had left the middle road in #Janakpuri!
#Sitaji used to do regular service of this Pinak! It was only after breaking Pinaka that Lord Rama killed Sita!
A # Vajra named # Ekghni was also made from the bones of Brahmarshi Dadhichi ... which was received by Lord Indra!
Indra was pleased with the penance of # Karna on this Ekghni Vajra and he gave it to Karna! In the battle of Mahabharata from this Ekghni, #Ghimotkacha, the great son of Bhima, was killed by Karna! Many more weapons were made from their bones!
The only message of this bone donation of Dadhichi was
"O Indian, pick up weapons and fight # # against injustice and # tyranny!"
Thanks guys
Mountain Leopard Mahendra
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