Thursday, August 6, 2020

एक यात्रा माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के संग_नालंदा विश्वविद्यालय बिहार भारत वर्ष. A journey with the mountain leopard Mahendra_Nalanda University Bihar India year

Ek yatra khajane ki khoje


नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं। दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं प्राचीन भारत की सबसे महान और विश्वविख्यात महा विश्वविद्यालय नालंदा की यात्रा पर । 🙏🙏



                                 नालंदा विश्वविद्यालय
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                                  नालंदा बिहार
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                                    भारत वर्ष
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                        नालंदा यूनिवर्सिटी - अभी तक के ज्ञात इतिहास की सबसे महान यूनिवर्सिटी ।

आज भले ही भारत शिक्षा के मामले में 191 देशों की लिस्ट में 145वें नम्बर पर हो लेकिन कभी यहीं भारत दुनियाँ के लिए ज्ञान का स्रोत हुआ करता था। आज सैकड़ो छात्रों पर केवल एक अध्यापक उपलब्ध होते हैं वहीं हजारों वर्ष पहले इस विश्वविद्यालय के वैभव के दिनों में इसमें 10,000 से अधिक छात्र और 2,000 शिक्षक शामिल थे यानी कि केवल 5 छात्रों पर एक अध्यापक ..।  नालंदा में आठ अलग-अलग परिसर और 10 मंदिर थे, साथ ही कई अन्य मेडिटेशन हॉल और क्लासरूम थे। यहाँ एक पुस्तकालय 9 मंजिला इमारत में स्थित था, जिसमें 90 लाख पांडुलिपियों सहित लाखों किताबें रखी हुई थीं ।  यूनिवर्सिटी में सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि कोरिया, जापान, चीन, तिब्बत, इंडोनेशिया, ईरान, ग्रीस, मंगोलिया समेत कई दूसरे देशो के स्टूडेंट्स भी पढ़ाई के लिए आते थे। और सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि उस दौर में यहां लिटरेचर, एस्ट्रोलॉजी, साइकोलॉजी, लॉ, एस्ट्रोनॉमी, साइंस, वारफेयर, इतिहास, मैथ्स, आर्किटेक्टर, भाषा विज्ञानं, इकोनॉमिक, मेडिसिन समेत कई विषय पढ़ाएं जाते थे।

इसका पूरा परिसर एक विशाल दीवार से घिरा हुआ था जिसमें प्रवेश के लिए एक मुख्य द्वार था। उत्तर से दक्षिण की ओर मठों की कतार थी । केन्द्रीय विद्यालय में सात बड़े कक्ष थे और इसके अलावा तीन सौ अन्य कमरे थे। इनमें व्याख्यान हुआ करते थे। मठ एक से अधिक मंजिल के होते थे प्रत्येक मठ के आँगन में एक कुआँ बना था। आठ विशाल भवन, दस मंदिर, अनेक प्रार्थना कक्ष तथा अध्ययन कक्ष के अलावा इस परिसर में सुंदर बगीचे तथा झीलें भी थी। इस यूनिवर्सटी में देश विदेश से पढ़ने वाले छात्रों के लिए छात्रावास की सुविधा भी थी ।
यूनिवर्सिटी में प्रवेश परीक्षा इतनी कठिन होती थी की केवल विलक्षण प्रतिभाशाली विद्यार्थी ही प्रवेश पा सकते थे। यहां आज के विश्विद्यालयों की तरह छात्रों का अपना संघ होता था वे स्वयं इसकी व्यवस्था तथा चुनाव करते थे। छात्रों को किसी प्रकार की आर्थिक चिंता न थी। उनके लिए शिक्षा, भोजन, वस्त्र औषधि और उपचार सभी निःशुल्क थे। राज्य की ओर से विश्वविद्यालय को दो सौ गाँव दान में मिले थे, जिनसे प्राप्त आय और अनाज से उसका खर्च चलता था।

लगभग 800 सालों तक अस्तित्व में रहने के बाद इस विश्वविद्यालय को भूखे-नंगे,असभ्य,आदमखोरों की नजर लग गयी । 1193 में, नालंदा विश्वविद्यालय को बख्तियार खिलजी के अधीन तुर्क मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा बर्बाद कर दिया गया । फारसी इतिहासकार मिन्हाज-ए-सिराज ने अपनी किताब तबक़त-ए-नासिरी में लिखा है कि यूनिवर्सिटी को बर्बाद करते वक्त 1000 भिक्षुओं को जिंदा जलाया गया और 1000 भिक्षुओं के सर कलम कर दिए गए । पुस्तकालय को जला दिया गया, तत्कालीन इतिहासकारों ने लिखा है कि पुस्तकालय में किताबें लगभग 6 महीने तक जलती रहीं । और जलते हुए पांडुलिपियों के धुएं ने एक विशाल पर्वत का रूप ले लिया था ।


                           धन्यवाद दोस्तों
                # माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा
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                           English translate
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Hello friends I extend my hearty greetings to all of you mountain leopard Mahendra.  Friends, today I am taking you on a journey to Nalanda, the greatest and world famous Maha University of ancient India.  🙏🙏




 Nalanda University

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 Nalanda Bihar

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 India year

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 Nalanda University - The greatest university in history known to date.
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 Today, even though India is at the 145th place in the list of 191 countries in terms of education, India was once a source of knowledge for the world.  Today, only one teacher is available on hundreds of students, whereas thousands of years ago, during the glory days of this university, it included more than 10,000 students and 2,000 teachers, that is, only one teacher on 5 students ...  Nalanda had eight separate premises and 10 temples, along with several other meditation halls and classrooms.  Here a library was located in a 9-storey building, which housed millions of books including 90 lakh manuscripts.  Not only India but students from Korea, Japan, China, Tibet, Indonesia, Iran, Greece, Mongolia and other countries also came to study in the university.  And the most surprising thing is that at that time many subjects including Literature, Astrology, Psychology, Law, Astronomy, Science, Warfare, History, Maths, Architect, Linguistics, Economic, Medicine were taught here.


 Its entire complex was surrounded by a huge wall with a main entrance to it.  There were rows of monasteries from north to south.  The Kendriya Vidyalaya had seven large rooms and in addition three hundred other rooms.  Lectures were conducted here.  The monastery was of more than one floor, a well was built in the courtyard of each monastery.  Apart from eight huge buildings, ten temples, many prayer halls and study rooms, this complex also had beautiful gardens and lakes.  This university also had hostel facilities for students studying from abroad.

 The entrance examination in the university was so difficult that only the brightest talented students could get admission.  Here, like the universities of today, students had their own union and they used to arrange and elect their own.  The students did not have any kind of financial concern.  Education, food, clothes, medicine and treatment were all free for them.  Two hundred villages were donated to the university by the state, from which the income and food grains were spent.


 After being in existence for nearly 800 years, this university got the eye of hungry-naked, uncivilized, man-eaters.  In 1193, Nalanda University was ruined by the Ottoman Muslim invaders under Bakhtiyar Khilji.  Persian historian Minhaj-e-Siraj, in his book Tabqat-e-Nasiri, wrote that 1000 rulers were burnt alive and 1000 monks were beheaded while ruining the university.  The library was burnt, the then historians wrote that the books in the library kept burning for about 6 months.  And the smoke of the burning manuscripts had taken the form of a huge mountain.



 Thanks guys

 # Mountain Leopard Mahendra

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