ताम्बाखानी गुफा का रहस्य
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🙏🙏नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनन्दन करता हूं। जैसा कि दोस्तों कल आपलोगो ने पढ़ा था कि कैसे हम सभी लोग अपने स्वागत से अभिभूत हो कर अपने संगी संबंधियों से मिल रहे थे । और हम भावुक होते भी क्यो नही सदियों बाद जो मिल रहें थे । और हम सभी हर एक समान को छू छू कर महसूस करने की कोशिश कर रहे थे जैसे हम छोड़कर गये थे । तभी अचानक मेरी नज़र महल के बीचों बीच बनें शादी की मंडप पर जाती हैं और मैं चौंक जाता हूं और पुष्पांजलि जी के हाथों कोशिश पकड़ते हुए दौड़कर उस मंडप के पास पहुंच जाता हूं और उनसे पुछता हुं कि हमारी शादी की मंडप अभी तक जस का तस यहीं पर मौजूद हैं और मैं शादी के मंडप में धड़ाम सा बैठ जाता हूं और सुनहरे अतीत के पन्नों में खो जाता हूं ।
दोस्तों बात उस समय की है जब हम सभी महाराज के साथ राजदरबार में बैठे हुए थे और महाराज की आज्ञानुसार हम सभी भाई दण्डक वन में शिकार पर जाने की योजना बना रहे थे । और महाराज यानी हमारे पिता श्री दिशानिर्देश दे रहे थे । और बता रहे थे कि दण्डक वन कितना ख़तरनाक है क्योंकि उस जंगल में बहुत ही खतरनाक जानवरों और राक्षसों का बसेरा था । और जंगल के बीचों-बीच रहने वाले आदमखोर कबीले वाले बहुत ही खतरनाक थे । और माना जाता है कि राक्षस राज वाणासुर इसी कबीले का निवासी था । जिसने तिनों लोक में हाहाकार मचा के रखा था। यानी एक आम इंसान के लिए इन जंगलों में जाना मौत के मुंह में जाने के बराबर था । और सबसे ख़तरनाक बात थी उन जंगलों में खुनी वर्षा का होना और जो लोग खुनी वर्षा में फस जाते थे उनका पूरा शरीर गलने लगता था। यानी पुरा का पुरा जंगल खतरो से भरा हुआ था । और इन जंगलों में खतरनाक गुफाओं और कंदराओं का जाल बिछा हुआ था । और इन गुफाओं और कंदराओं में जो एक बार फस जाता था वे कभी बाहर नहीं निकल पाते थे और उनकी उन्हीं कंदराओं में भटक भटक के मौत हो जाती थी और नहीं तो उन कंदराओं में रहने वाले खतरनाक और रहस्यमई गुफा मानवों द्वारा जो कि कंदराओं से कभी बाहर नहीं निकलते थे के द्वारा उनका शिकार कर लिया जाता था। । ये न तो जानवर थे और नहीं इंसान । चिपचिपे और हमेशा अंधेरे में रहने वाले गन्दे और आदमखोर जीव। तभी पिता श्री बोलते हैं कि आप लोग तैयार हो न दण्डक वन जाने के लिए या फिर डर गये । महाराज की बातें सुनकर दरवार में मौजूद सभी सभागण ठहाके लगाकर हंसने लगते हैं ।
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Secret of Tambakhani Cave
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Hello friends, I am a mountain leopard Mahendra hearty greetings to all of you. As friends, yesterday you read how all of us were overwhelmed by our welcome and were meeting our fellow relatives. And even though we were emotional, we were meeting after centuries. And all of us were trying to feel like touching each and every one as we left. Suddenly my eyes go to the wedding pavilion in the middle of the palace and I am shocked and rushing to Pushpanjali ji and reach near that pavilion and ask him that our wedding pavilion is still intact It is here that I sit in the wedding pavilion and get lost in the golden past.
Friends, it is about the time when all of us were sitting in the court with Maharaj and according to Maharaj's knowledge, all of us were planning to go hunting in Dandak forest. And Maharaj i.e. our father Shri was giving directions. And were telling how dangerous the Dandak forest is because that forest had very dangerous animals and demons inhabited. And the man-eating clan living in the middle of the forest was very dangerous. And it is believed that Rakshasa Raj Vansura was a resident of this clan. Who created a ruckus among the three folk. That is, for a common man, going to these forests was equivalent to going to death. And the most dangerous thing was the presence of dry rain in those forests and the whole body of people who used to get caught in the dry rain started melting. That is, the entire forest of Pura was full of dangers. And in these forests there was a network of dangerous caves and tubers. And in these caves and tubers, once they were caught, they could never get out and they would go astray in the same tendons and otherwise they would be dangerous and mysterious cave dwellers living in those tents, They were hunted by not coming out. . These were neither animals nor humans. Gummy and man-eating creatures sticky and always in the dark. That is when Father Shri says that you are ready to go to Dandak forest or you are scared. Hearing Maharaj's words, all the auditoriums present in the court started laughing and laughing
और हम सभी भाई उनकी हंसी सुनकर थोड़ी देर के लिए झेंप जातें और जल्दी ही संभलते हुए खड़े
होकर अपने तलवारों को हाथ में लेकर मैं ज़ोरदार आवाज में बोलता हूं कि मैं जरूर जाउंगा दण्डक वन। शिकार खेलने और अपने आप को साबित करने की हम सभी भी महान योद्धा हैं और जोरदार आवाज में जय मां काली का उदघोष करता हूं । और मेरे भाई भी मेरा साथ देते हैं । तभी महाराज बोलते हैं आप सभी अपना आसन ग्रहण करे और उतावले ना हो । राजकुमार महेंद्र , राजकुमार राम कुमार , राजकुमार टिंकु , राजकुमार संतोष , राजकुमार अजय एवं राजकुमार अखिलेश आप सभी दण्डक वन ज़रूर शिकार खेलने जाइएगा । परंतु वहां जाने से पहले वहां की संपूर्ण जानकारी अपने बड़े पिता श्री , एवं छोटे चाचाओ से लें लिजिए क्योंकि वे लोग दण्डक वन के चपे चपे से वाकिफ हैं और दण्डक वन में रहने वाले कई खतरनाक राक्षसों , जानवरों एवं उन कंदराओं में रहने वाले रहस्यमई जीवों का शिकार किया है वे बहुत ही अनुभवी और चालाक योद्धा हैं । अतः उनका अनुभव आपलोगो को काम देगा । इसलिए सबसे पहले आप सभी लोग उनसे प्रशिक्षण हासिल कर लें । उसके बाद दण्डक वन जाने की तैयारी किजिएगा। और फिर बड़े पापा और आपस में मंत्रणा करने लगते हैं । और सेनापति को आज्ञा देते हैं कि राजकुमारो की प्रशिक्षण की तैयारी की जाए । और इन लोगों को सुबह सुबह प्रशिक्षण के लिए लें जाया जाए। और इसके बाद दरवार में बैठक समाप्त हो जाती हैं और हम सभी लोग अपने अपने कक्ष की ओर प्रस्थान कर जाते हैं । और पिता श्री एवं बड़े पिता श्री और सभी लोग भी अपने अपने कमरों की ओर प्रस्थान कर जाते हैं । हम सभी भाई अपने कमरे में पहुंच कर कल सुबह सुबह के प्रशिक्षण और उसके बाद दण्डक वन के यात्रा के बारे में गुप्तगू करने लगते हैं ।कि तभी माता श्री हमारे कमरे में प्रवेश करती हैं और बोलती हैं कि मैं यह क्या सुन रही हूं कि आप लोग उस खतरनाक दण्डक वन की यात्रा पर जा रहें हों । मुझसे बिना आज्ञा लिए हुए तभी बड़ी मां छोटी मां सभी लोग गुस्से में लाल हुए हमारे कमरे में प्रवेश करती है । और बोलती हैं कि आप लोगों को कौन बोल रहा है उस दण्डक वन की यात्रा पर जाने के लिए । आप लोगों को कहीं भी नहीं जाना है । आपलोग चलिए खाना खाने हम सभी वहीं पर महाराज और इन सभी के पिताजी से से पुछते है कि कैसे आप लोगों को दण्डक वन की यात्रा पर जाने को कह रहे हैं । चलिए दीदी उनलोगो से पुछते हैं कि कैसे हमारी आज्ञा के बिना हमारे बच्चों को शिकार खेलने के लिए दण्डक वन जाने का आदेश निकाल दिया गया है । आज हम सभी मिलकर उनकी खबर लेते हैं । और हम सभी लोग अपनी माताओं के पिछे पिछे खाना खाने के लिए चल पड़ते हैं ।आभी तो बहुत ही मजा आने वाला था।। क्योंकि अभी माता जी और पिता श्री मे नोक झोंक होने वाला था ।
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Taking my swords in my hand, I say in a loud voice that I will definitely go to Dandak forest. All of us are also great warriors to play hunting and prove ourselves, and in loud voice, I proclaim Jai Maa Kali. And my brothers also support me. Only then, Maharaj says that all of you should take up your seat and are not impatient. Rajkumar Mahendra, Rajkumar Ram Kumar, Rajkumar Tinku, Rajkumar Santosh, Rajkumar Ajay and Rajkumar Akhilesh will all go to Dandak Forest for hunting. But before going there, take the complete information from your elder father Shri and younger uncles because they are aware of the pastures of Dandak forest and many dangerous demons, animals and mysterious creatures living in Dandak forest. They are very experienced and clever warriors. Therefore, their experience will work for you. So first of all you all get training from them. After that, prepare to go to Dandak forest. And then the eldest father and they start to consult among themselves. And commands the commander to prepare for training of princes. And these people should be taken for training in the morning. And after this, the meeting ends in the court and we all leave towards our respective rooms. And father Shri and elder father Shri and all the people also depart towards their respective rooms. All of us brothers reach our room and start secretly about morning training and after that visit to Dandak forest. That is when Mata Shree enters our room and says what I am hearing that you People are going on a journey to that dangerous Dandak forest. Without taking permission from me, then the elder mother, the younger mother, all the people enter our room in red with anger. And she says who is speaking to you to go on a journey to the Dandak forest. You people don't have to go anywhere. Come on, you all ask us to ask the chef and father of all these people how you are asking people to go to Dandak forest. Let us ask Didi how people without our permission have been ordered to go to Dandak forest for hunting. Today we all meet and take their news. And all of us start walking behind our mothers to eat food. Now it was going to be very fun. Because right now there was going to be nozzle in my mother and father.
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धन्यवाद दोस्तों आगे कि वृतांत मैं कल सुनाऊंगा क्योंकि कहानी में बहुत ही मजा आने वाला है ।
धन्यवाद दोस्तों
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