Tuesday, June 28, 2022

एक यात्रा - सहस्त्रवाहू मंदिर उदयपुर राजस्थान भारतवर्षA Journey - Sahastravahu Temple Udaipur Rajasthan India.

Ek yatra khajane ki khoje







 SAHASTRAABAHU 

            TEMPLE

            UDAIPUR

             Rajasthan

        BHARATVERSA






 Namskar Dosto mountain leppard Mahendra 🧗:  The ancient temple is located in "Nagda" the ancient capital of Marwar.

     According to historians, this 1100 year old temple was built by Mewar's king "Manipal" and "Ratanpal"for their Queen mother.

            While another ancient temple was built next to it , which was done for the little Queen.
    That's why this temple is also famous by the name of saas-bahu.







    Rajmata of Mewar royal family dedicated the temple to "Lord Vishnu" and daughter - in - law  to sheshnag.


      Thank you for all.

   Mahendra mountain leppard 🧗🧗


































   Mountain leppard Mahendra 🧗🧗

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Saturday, June 4, 2022

एक यात्रा - बिहार की 2500 वर्ष पुरानी प्राचीन मौर्यकालीन दीवार को को विश्व विरासत स्थल में शामिल करने की चल रही हैं तैयारी। राजगीर बिहार .Ek Yatra - Preparations are underway to include the 2500 year old ancient Mauryan wall of Bihar in the World Heritage Site. Rajgir Bihar

  एक यात्रा 🧗🇮🇳 









  नमस्कार दोस्तों  माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के यात्रा ब्लॉग में आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन है।


      दोस्तों आप सभी को जानकर हर्ष होगा कि विश्व विख्यात प्राचीन नगरी राजगीर में मौजूद मौर्यकालीन साइक्लोपीयन दीवार को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया जा रहा है।






        दोस्तों बिहार सरकार ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को राजगीर में मौजूद 2500 वर्ष से भी अधिक पुरानी साइक्लोपियन दीवार को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में सूचीबद्ध करने  के लिए एक नया प्रस्ताव भेजा है जिसे लगभग स्वीकार कर लिया गया है।

   दोस्तों बिहार राज्य स्थित राजगीर की साइक्लोपियन दीवार पत्थरों की बनी 40 किलोमीटर लंबी दीवार है जिसे तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व बनाया गया था।








  इस प्राचीन दीवार को विश्व विरासत में शामिल करने का अथक प्रयास हो रहा है।

 दोस्तों पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के निदेशक दीपक आनंद ने बताया कि वे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में साइक्लोपियन दीवार को सूचीबद्ध करवाने का कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। दोस्तों उन्होंने साइक्लोपियन दीवार के ऐतिहासिक महत्व और विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए एक नया प्रस्ताव प्रस्तुत किया है।

                दोस्तों पुरातत्व शास्त्रियों ने बताया कि यह प्राचीन दीवार पुरे विश्व में साईक्लोपियन चिनाई के सबसे पुराने उदहारणो में से एक है अतः इस प्राचीन दीवार को विश्व विरासत स्थल में जरूर शामिल किया जाना चाहिए।







   यह प्राचीन दीवार मौर्य साम्राज्य द्वारा बनाया गया था।

 दोस्तों यह प्राचीन दीवार मौर्य साम्राज्य की विरासत है जिसे उस वंश के महान शासकों ने अपनी राजधानी की सुरक्षा के लिए बनवाया था। दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मगध साम्राज्य का उस काल में एक अलग ही वर्चस्व था दोस्तों आज का राजगीर उस समय राजगृह के नाम से जाना जाता था। जो बहुत ही समृद्ध और खुशहाल हुआ करता था। दोस्तों जिस कारण यहां हमेशा आक्रमण का खतरा बना रहता था।


  दोस्तों जिस समय इस प्राचीन दीवार का निर्माण किया गया था उस समय इस क्षेत्र में यानी आज के राजगीर में महाराज बिम्बिसार और उनके पुत्र अजातशत्रु का शासन हुआ करता था।








 अद्भुत रूप से 40 किलोमीटर लंबी थी यह प्राचीन दीवार।

 दोस्तों अध्ययन करने से पता चलता है कि इस प्राचीन दीवार में जो पत्थर लगाईं गई है वो चुना पत्थर है जो उस समय की बेहतरीन वास्तुशिल्प की दास्तां बयां करती हैं हालांकि दोस्तों अब इस प्राचीन दीवार के अवशेष ही रह गए हैं।

    लेकिन दोस्तों अब भी इसे उस काल का बेहतरीन आकृति माना जाता है। दोस्तों यह प्राचीन दीवार उस दौर का प्रतिनिधित्व करता है जब वर्तमान समय की तरह सीमेंट आदि नहीं होता था और बड़े पैमाने पर चूना  पत्थर का उपयोग प्रमुख रूप से होता था।

          दोस्तों उस जमाने में दीवार बनाने में आज के मुकाबले काफी समय लगता था। फिर भी दोस्तों इस प्राचीन दीवार को 4 मीटर ऊंची और 40 किलोमीटर लंबी बनाईं गई थी।







      धन्यवाद दोस्तों आज के लिए बस इतना ही।


   माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗







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      English Translat 

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  A trip🇮🇳🧗
















 Hello friends, a warm welcome to all of you in the travel blog of Mountain Leopard Mahendra.



 Friends, all of you will be happy to know that the Mauryan Cyclopean Wall present in the world famous ancient city of Rajgir is being included in the World Heritage.



 Friends, the Government of Bihar has sent a new proposal to the Archaeological Survey of India to list the more than 2500 years old Cyclopean Wall in Rajgir as a UNESCO World Heritage Site, which has been almost accepted.






 Friends, the Cyclopean Wall of Rajgir located in the state of Bihar is a 40 km long wall made of stone, which was built in the 3rd century BC.







Relentless efforts are being made to include this ancient wall in the world heritage.


 Friends, Director of the Archaeological Survey of India, Deepak Anand told that they will leave no stone unturned to get the Cyclopean Wall listed in the UNESCO World Heritage Site. Friends, he has presented a new proposal, highlighting the historical importance and features of the Cyclopean Wall.







 Friends, archaeologists told that this ancient wall is one of the oldest examples of Cyclopean masonry in the whole world, so this ancient wall must be included in the World Heritage Site.



 This ancient wall was built by the Maurya Empire.


 Friends, this ancient wall is the legacy of the Maurya Empire, which was built by the great rulers of that dynasty to protect their capital.  Friends, you will be surprised to know that Magadha Empire had a different dominance in that period, friends, today's Rajgir was known as Rajgriha at that time.  Who used to be very rich and happy.  Friends, due to which there was always a danger of attack here.







 Friends, at the time when this ancient wall was built, this area i.e. today's Rajgir was ruled by Maharaja Bimbisara and his son Ajatashatru.



 Amazingly, this ancient wall was 40 kilometers long.


 Studying friends shows that the stone that has been installed in this ancient wall is the chosen stone, which tells the tales of the best architecture of that time, although friends, now only the remains of this ancient wall remain.







 But friends, it is still considered the best figure of that period.  Friends, this ancient wall represents the period when there was no cement etc. like the present time and limestone was mainly used on a large scale.



  Friends, in those days it used to take a lot more time than today to build a wall. Still friends, this ancient wall was made 4 meters high and 40 kilometers long.








 Thanks guys that's all for today.



 Mountain Leopard Mahendra 🧗🧗



















Thursday, May 5, 2022

एक यात्रा - होयसलेश्वर मंदिर (हलेबिदु मंदिर) हालेबीदु कर्नाटक भारत A Tour - Hoysaleshwara Temple (Halebidu Temple) Halebidu Karnataka India.

Ek yatra khajane ki khoje











  नमस्कार दोस्तों आज की यात्रा एक ऐसे प्राचीन भारतीय मंदिर की है जो अपने प्राचीनतम वास्तुशिल्प की सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैं जो कि दर्शाता है कि भारतवर्ष के प्राचीन वास्तुकार अपने कार्य में कितने निपुण हुआ करतें थे, और जिन्होंने  अपने पीछे एक ऐसा अद्भुत इतिहास छोड़ा है जो आधुनिक मानवों को सोचने पर मजबूर कर देती हैं।








           दोस्तों भारतवर्ष की इन प्राचीन मंदिरों की इतनी उम्दा और बेहतरीन वास्तुशिल्प संसार में और कहीं देखने को नहीं मिलती हैं।

































































































































  दोस्तों होयसलेश्वर महादेव मंदिर जिसे स्थानीय लोग हालेबिदु मंदिर के रूप में भी संबोधित करते हैं। दोस्तों ऐतिहासिक दस्तावेजों से पता चलता है कि इस मंदिर का निर्माण 12 वीं शताब्दी में किया गया था। जो कि भगवान शिव को समर्पित है।
          





     

       दोस्तों यह भारत के कर्नाटक राज्य के एक छोटे से शहर हालेबिदु में मौजूद हैं जो कि प्राचीन काल में होयसल राज्य की राजधानी हुआ करती थीं।

              दोस्तों भगवान शिव की यह प्राचीन मंदिर एक मानव निर्मित झील के किनारे पर स्थित है दोस्तों माना जाता है कि इस झील का निर्माण होयसल साम्राज्य के  राजा विष्णु वर्धन के द्वारा करवाया गया था और उन्हीं के आदेश से भगवान शिव के इस अद्भुत मंदिर का निर्माण 1121 ई. के आस पास शुरू हुआ था और 1160ई. में पुरा हुआ था।








      लेकिन दोस्तों आगे चलकर दुर्भाग्यवश क्रुर मुस्लिम आक्रमणकारियो द्वारा इस अलौकिक व अद्भुत शिव मंदिर को कइ बार ध्वस्त किया गया था।
               और साथ ही साथ इस प्राचीन शहर हालेबिदु को भी ध्वस्त कर दिया गया था।

     फिर भी दोस्तों सदियों बाद भी यह प्राचीन शिव मंदिर अपने अद्भुत वास्तुशिल्प को धारण किए हुए आज भी शानोशौकत से खड़ी हैं।






             धन्यवाद दोस्तों

 माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗






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      English Translat
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   Hello friends, today's journey is of such an ancient Indian temple which is the best example of its oldest architecture, which shows how skilled the ancient architects of India used to be in their work, and who have left behind such a wonderful history that the modern  Makes people think.


 Friends, such fine and best architecture of these ancient temples of India is not seen anywhere else in the world.









             Friends, Hoysaleshwar Mahadev Temple, which is also addressed by the local people as Halebidu Temple. Friends, historical documents show that this temple was constructed in the 12th century. Which is dedicated to Lord Shiva.




 Friends, it is present in Halebidu, a small town in the state of Karnataka, India, which used to be the capital of the Hoysala kingdom in ancient times.


 Friends, this ancient temple of Lord Shiva is situated on the banks of a man-made lake. Friends, it is believed that this lake was built by King Vishnu Vardhana of the Hoysala Empire and by his orders this wonderful temple of Lord Shiva was built in 1121. It was started around AD and 1160 AD. I was completed.









 But friends, unfortunately, this supernatural and wonderful Shiva temple was demolished many times by the brutal Muslim invaders.

 And at the same time this ancient city of Halebidu was also demolished.


 Nevertheless, friends, even after centuries, this ancient Shiva temple, holding its wonderful architecture, is still standing gracefully.


 thanks guys









 Mountain Leopard Mahendra 🧗🧗🔱🔱























 

Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...