Friday, April 15, 2022

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Tuesday, March 15, 2022

एक यात्रा - अलौकिक प्राचीनतम अद्भुत शतरंज की मोहरें - दीमापुर नागालैंड भारतवर्षA Journey - Extraterrestrial Ancient Amazing Chess Pieces - Dimapur Nagaland India.

Ek yatra khajane ki khoje























  नमस्कार दोस्तों माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के यात्रा ब्लॉग में आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन है। दोस्तों मैं आज आप सभी लोगों को लेकर चल रहा हूं भारतवर्ष के एक बहुत ही खूबसूरत राज्य जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य के कारण विश्व प्रसिद्ध है। दोस्तों यही नागालैंड के दीमापुर में मौजूद है अलौकिक और रहस्यमई विशालकाय शतरंज के मोहरे जिनका हम अवलोकन करेंगे।

               नागालैंड

               दीमापुर

               भारतवर्ष







 दोस्तों माना जाता है कि इन विशालकाय शतरंज की मोहरों का सम्बंध महाभारत काल से है जिनका उपयोग महाबली भीम अपने बेटे घटोत्कच के साथ शतरंज खेलने में किया करते थे।

           दोस्तों भारतवर्ष के पूर्वोत्तर में स्थित एक खुबसुरत पहाड़ी राज्य नागालैण्ड का एक शहर दीमापुर जिसको प्राचीन समय में हिडिंबा पुर के नाम से जाना जाता था और यह स्थान उस जमाने में खतरनाक घने जंगलों से घिरा हुआ था। और इन्हीं घने जंगलों में राक्षस राज हिडिंब और उसकी बहन हिडिंबा रहा करतीं थीं।







           दोस्तों उसी समय काल में राक्षसी हिडिंबा ने महाबली भीम से प्रेम विवाह किया था। दोस्तों पांडवों की कुल वधु भीम की पत्नी इस क्षेत्र की राजकुमारी थी।

        दोस्तों इस प्राचीन दीमापुर शहर का एक और अर्थ निकाला जाता है दोस्तों यह तीन शब्दों से मिलकर बना है। ये तीन शब्द है । दी - मा - पुर । दोस्तों कचारी भाषा में इन तीनों शब्दों का अलग अलग अर्थ होता है जैसे "दी " का अर्थ होता है "नदी"  "मां" का अर्थ महान होता है , और "पुर" का अर्थ होता है "शहर"






              दोस्तों दीमापुर में कचारी शासन काल में बने मंदिर, तालाब और प्राचीन किलों को देखा जा सकता है। दोस्तों इनमें राजपुखरी , पदमपुखरी ,बामुन पुखरी और जोरपुखरी आदि प्रमुख हैं। 







        आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यहां बहुतायत में रहने वाली डिमाशा जनजाति स्वयं को राजकुमारी हिडिंबा का वंशज मानती हैं और अनकी पूजा करतीं हैं । दोस्तों इस जनजाति के लोगों से बात करने पर इस बात की प्रमाणिकता मिलती हैं कि इन विशालकाय शतरंज की मोहरों से महाभारत काल में भीम अपने विशालकाय शरीर वाले बेटे घटोत्कच के साथ शतरंज खेला करते थे।
         दोस्तों यहां आज भी राजकुमारी हिडिंबा की रहने का स्थान मौजूद हैं जिसे स्थानीय लोग बाड़ा कहते हैं दोस्तों यही पर राजवाड़ी में स्थित है शतरंज की ऊंची ऊंची गोटियां जो कि पत्थरों से निर्मित है। दोस्तों शतरंज की इन्हीं विशालकाय गोटियों को देखकर पर्यटक आश्चर्यचकित हो जातें हैं।






              हालांकि दोस्तों इन विशालकाय मोहरों में से कुछ समय के साथ खंडित हो गए हैं लेकिन कुछ आज भी पूरी तरह से सुरक्षित है बीते हुए इतिहास के पन्नों को लोगों के सामने लाने के लिए ।दोस्तों यहां मौजूद शतरंज एक एक गोटी 50-50 टन का है दोस्तों इन मोहरों का आकार और वजन इतना ज्यादा है कि एक साधारण मनुष्य हिला पाना संभव नहीं है।
            दोस्तों इन विशालकाय प्राचीन शतरंज की मोहरों को देखने विश्व के कोने कोने से पर्यटक आते है। एवं पुरातत्व विभाग वाले यहां शोध कार्य करते रहते हैं।
           दोस्तों पौराणिक ग्रंथ महाभारत के अनुसार पांडवों ने दीमापुर के घने जंगलों में अपने अज्ञातवास के दौरान कई वर्षों तक
गुजारें थे। दोस्तों इन्हीं जंगलों में राक्षस राज हिडिंब अपनी बहन हिडिंबा के साथ रहता था।
           दोस्तों जब राक्षस राज हिडिंब को यह पता चला कि पांडव उसके क्षेत्र में आये हुए हैं तब उसने अपनी बहन को सभी पांडवों को मारकर लाने के लिए भेजा। दोस्तों जब हिडिंबा पांडवों को मारने पहुंची तो उसने वहां देखा कि बलशाली भीम अपने सोये हुए भाइयों और माता की रक्षा कर रहे थे। दोस्तों माना जाता है कि हिडिंबा भीम के सौंदर्य को देखकर उसपर मोहित हो गई और पांडवों को बिना मारें वापस लौट गईं। दोस्तों राक्षस राज को इस बात का पता चला तो वह क्रोधित होकर खुद ही पांडवों मारने पहुंच गया और अंततः भीषण युद्ध में बलशाली भीम के हाथों मारा गया।







         दोस्तों जब पांडव वन से जाने लगे राक्षसी राजकुमारी हिडिंबा ने माता कुंती से कहा कि वो मन ही मन भीम को अपना पति मान चुकी है और भीम के बिना वह प्राण त्याग देंगी। अतः हिडिंबा के प्रेम को देखकर भीम ने हिडिंबा से विवाह कर लिया। दोस्तों आगे चलकर भीम और हिडिंबा को महाबलशाली घटोत्कच नामक पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी।
                    दोस्तों यहां पर पाई गई इन विशालकाय शतरंज की मोहरों से बलशाली भीम ही अपने पुत्र घटोत्कच के साथ शतरंज खेला करते थे।







        धन्यवाद दोस्तों आज के लिए बस इतना ही।


    माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗





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Hello friends, a warm welcome to all of you in the travel blog of Mountain Leopard Mahendra. Friends, today I am walking with all of you people, a very beautiful state of India which is world famous due to its natural beauty. Friends, this is the supernatural and mysterious giant chess pieces present in Dimapur, Nagaland, which we will observe.


 Nagaland


 Dimapur


 Bharatvarsh








 Friends, it is believed that these giant chess pieces are related to Mahabharata period, which Mahabali Bhima used to play chess with his son Ghatotkach.


 Friends, Dimapur, a beautiful hill state located in the northeast of India, a city in Nagaland, which was known as Hidimbapur in ancient times and this place was surrounded by dangerous dense forests at that time. And in these dense forests, the demon Raj Hidimba and his sister Hidimba used to live.







 Friends, at the same time, the demonic Hidimba had a love marriage with Mahabali Bhima. Friends, the wife of Bhima, the family bride of the Pandavas, was the princess of this region.
Friends, another meaning of this ancient Dimapur city is derived, friends, it is made up of three words.  These are three words.  Di-ma-pur.  Friends, in Kachari language, these three words have different meanings, such as "Di" means "river", "mother" means great, and "pur" means "city".



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 Friends, temples, ponds and ancient forts built during the Kachari regime can be seen in Dimapur.  Friends, among them Rajpukhri, Padampukhari, Bamun Pukhri and Jorpukhari etc. are prominent.



 You will be surprised to know that the Dimasha tribe who live here in abundance consider themselves to be the descendants of Princess Hidimba and worship them.  Friends, on talking to the people of this tribe, it is certified that Bhima used to play chess with his giant-bodied son Ghatotkacha during the Mahabharata period with these giant chess pieces.






      Friends, even today there is a place of residence of Princess Hidimba, which is called by the local people as Bada, friends, this is where the high chess pieces are located in the Rajwadi, which is made of stones.  Friends, tourists are surprised to see these giant pieces of chess.








 Although friends, some of these giant pieces have become fragmented over time, but some are still completely safe to bring the pages of past history to the people. Friends, the chess present here is 50-50 tons.  Friends, the size and weight of these seals are so much that it is not possible for an ordinary human to move.

 Friends, tourists come from all corners of the world to see these giant ancient chess pieces.  And the people of the Department of Archeology continue to do research work here.







 Friends, according to the mythological text Mahabharata, the Pandavas spent many years during their exile in the dense forests of Dimapur.

 Were passing.  Friends, in these forests, the demon Raj Hidimb lived with his sister Hidimba
.
Friends, when the demon Raj Hidimb came to know that the Pandavas had come to his area, then he



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Tuesday, February 1, 2022

एक यात्रा पाली के एतिहासिक व प्राचीन शिव मंदिर की जो अपने अद्भुत स्थापत्य कला के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं - पाली जिला - कोरबा छत्तीसगढ़ भारतवर्ष. A visit to the historical and ancient Shiva temple of Pali which is world famous for its wonderful architecture - Pali District - Korba Chhattisgarh India.

Ek yatra khajane ki khoje


















  नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं । छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा जिले में मौजूद पाली के एतिहासिक व प्राचीन शिव मंदिर की यात्रा पर।

          प्राचीन शिव मंदिर

            पाली कस्बा

             छत्तीसगढ़

             भारतवर्ष

















  नमस्कार दोस्तों छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा जिले के पाली क्षेत्र में स्थित है अति प्राचीन अलौकिक शिव मंदिर , जो अपनी अद्भुत, स्थापत्य कला एवं वास्तुशिल्प के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं।

          दोस्तों इस प्राचीन और अद्भुत मंदिर का निर्माण बाणवंशी शाशक विक्रमादित्य महाराज ने वर्ष 870 से 900 ई. के मध्य करवाया था। दोस्तों इस मंदिर का निर्माण  लाल बलुआ पत्थर से किया गया है जो इसे अत्यंत आकर्षक बनाता है।







          दोस्तों  प्राचीन ऐतिहासिक दस्तावेजों से पता चलता है कि 11वीं व 12 वीं शताब्दी के मध्य कल्चुरी शाशक जाजल्यदेव प्रथम ने इस प्राचीन शिव मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था, दोस्तों मंदिर परिसर में उत्खनन के दौरान पुरातत्व विभाग वालों को कुछ प्राचीन सिक्के एवं प्रतिमाएं प्राप्त हुई है जिसे  संग्रहालय में सुरक्षित रख दिया गया है। ।

           दोस्तों छत्तीसगढ़ राज्य में रतन पुर से कोरबा जाने वाले मार्ग में अवस्थित पाली एक छोटा सा कस्बा या फिर कहें तो एक छोटा सा बाजार है । दोस्तों इसी कस्बे के मध्य एक विशाल सरोवर के किनारे पाली का ऐतिहासिक व प्राचीन शिव मंदिर स्थित है। दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर के गर्भगृह में तीन अलौकिक शिवलिंग स्थापित है। साथ ही दोस्तों एक ऊंची स्थान पर बनी यह प्राचीन मंदिर गर्भगृह , अंतराल ,व मंडप में विभक्त है जो इस मंदिर के अद्भुत स्थापत्य कला को जिवंत बनाता है।




















           दोस्तों पूर्वाभिमुख इस प्राचीन मंदिर का मंडप अष्टकोणीय हैं। दोस्तों देखा जाए तो बस्तर के नारायणपाल  के विष्णु मंदिर और पाली के इस शिव मन्दिर में काफी समानता दिखती हैं। दोस्तों जहां नारायणपाल  के विष्णु मंदिर का मंडप चौकोर अष्टकोणीय हैं वहीं पाली के इस मंदिर का मंडप गोलाकार अष्टकोणीय हैं।

         दोस्तों मंडप का शिखर पिरामिड की तरह है और यही अंदर की ओर गोलाकार खंडों में विभक्त है । दोस्तों इसके अंदर की दीवारों पर प्रसिद्ध पौराणिक कथाओं को अलंकृत किया गया है । साथ ही दोस्तों मंडप और गर्भगृह के द्वार पर भी बहुत ही सुंदर चित्रों को अलंकृत किया गया है जो देखने में बेहद खूबसूरत लगती हैं।








      दोस्तों आप देखोगे कि मंदिर की बाहरी दीवारों पर बहुत ही खूबसूरत तरीके से विभिन्न देवी देवताओं , एवं श्रृंगार रस से ओतप्रोत नायक- नायिकाओं तथा विश्व प्रसिद्ध खजुराहो के मंदिरों की तरह कामसूत्र से संबंधित प्रतीमाओ को उकेरा गया है। दोस्तों अपने अद्भुत स्थापत्य शैली के कारण ही यह अतिप्राचीन मंदिर विश्व प्रसिद्ध।

       धन्यवाद दोस्तों आज के लिए बस इतना ही।

       माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗








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             English translat
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  Hello friends, I warmly greet all of you guys, mountain leopard Mahendra, friends, I am taking you on today's journey.  On a visit to the historical and ancient Shiva temple of Pali present in Korba district of Chhattisgarh state.


 Ancient Shiva Temple


 Pali town


 Chhattisgarh


 Bharatvarsh





















 Hello friends, located in the Pali area of ​​​​Korba district of Chhattisgarh state, the ancient supernatural Shiva temple, which is world famous for its wonderful, architectural and architecture.


 Friends, this ancient and wonderful temple was built by the Banavanshi ruler Vikramaditya Maharaj between the year 870 to 900 AD.  Friends, this temple has been built with red sandstone, which makes it very attractive.










 Friends, ancient historical documents show that between the 11th and 12th centuries, the Kalchuri ruler Jajlyadeva I had renovated this ancient Shiva temple, friends, during the excavation in the temple premises, the people of the Archaeological Department got some ancient coins and statues.  has been preserved in the museum.  ,


 Friends, located on the road from Ratanpur to Korba in the state of Chhattisgarh, Pali is a small town or a small market.  Friends, the historical and ancient Shiva temple of Pali is situated on the bank of a huge lake in the middle of this town.  Friends, you will be surprised to know that three supernatural Shivlings are installed in the sanctum sanctorum of this temple dedicated to Lord Shiva.  Also friends, this ancient temple built on a high place is divided into sanctum, antar, and mandap, which makes the wonderful architecture of this temple alive.





















 Friends, the pavilion of this ancient temple facing east is octagonal.  Friends, if seen, there is a lot of similarity between the Vishnu temple of Narayanpal in Bastar and this Shiva temple of Pali.  Friends, while the temple of Vishnu temple of Narayanpal is square octagonal, the pavilion of this temple of Pali is circular octagonal.


 Friends, the spire of the pavilion is like a pyramid and it is divided into circular sections on the inside.  Friends, famous mythology has been embellished on the walls inside it.  Along with this, very beautiful pictures have been embellished at the entrance of the friends pavilion and the sanctum sanctorum, which look very beautiful to see.











 Friends, you will see that on the outer walls of the temple, in a very beautiful way, various gods and goddesses, and the heroes and heroines who are adorned with makeup and the idols related to Kamasutra like the temples of world famous Khajuraho have been engraved.  Friends, this ancient temple is world famous due to its amazing architectural style.


 Thanks guys that's all for today.


 Mountain Leopard Mahendra🧗🧗
















Mountain leopard Mahendra 🧗🧗 Ek yatra 🧗🧗









































Friday, January 28, 2022

एक यात्रा अद्भुत अलौकिक शिकारी देवी मंदिर - हिमाचल प्रदेश मंडी भारतवर्ष A Visit Amazing Supernatural Hunter Devi Temple - Himachal Pradesh Mandi Bharatvarsh.

Ek yatra khajane ki khoje















  नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा के यात्रा ब्लॉग में आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आप लोगों को लेकर चल रहा हूं हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की यात्रा पर जहां हम सभी अलौकिक व चमत्कारी माता शिकारी देवी मंदिर की दर्शन करेंगे। 







     माता की प्राचीन शिकारी देवी मंदिर

      हिमाचल प्रदेश मंडी

             भारतवर्ष













   दोस्तों एक अलौकिक व चमत्कारी मंदिर जहां न टिक पातीं है छत , और नहीं भारी बर्फबारी के बाद भी नहीं टिक पातीं है कभी बर्फ।  दोस्तों जैसा कि आप सभी को पता है कि देश भूमि हिमाचल प्रदेश के कई प्राचीन मंदिर आज भी कई चमत्कारी शक्तियों से भरें पड़े हैं।।  

          दोस्तों इन प्राचीन मंदिरों से जुड़ी रहस्यमई बातें हर एक श्रद्धालु गण को हैरान व मंत्र-मुग्ध कर देती हैं। जिस कारण से प्रत्येक वर्ष  हजारों की संख्या में भक्त गण इन  प्राचीन मंदिरों के दर्शन को आते हैं।










     दोस्तों इन्हीं प्राचीन मंदिरों में से एक है अति प्राचीन शिकारी देवी की मंदिर। जो  जिला मंडी के "कारसोग " के समीप बर्फ से ढके ऊंचे पहाड़ों पर मौजूद यह अतिप्राचीन माता का मंदिर कई चमत्कारी शक्तियों को अपने अंदर समेटे हुए है। और दोस्तो माता का यह मंदिर  आने वाले अपने सभी  भक्तों के मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं।




















  ⭐ अलौकिक शक्तियों को अपने अंदर समेटे हुए है यह अतिप्राचीन मंदिर ⭐
  









  दोस्तों 2850 मीटर की ऊंचाई पर एक पहाड़ी के चोटी पर स्थित शिकारी देवी मंदिर के उपर आजा तक कोई भी व्यक्ति छत छत नहीं बनवा सका है क्योंकि दोस्तों इस प्राचीन मंदिर में अगर छत लगा भी दी जाए तो वह छत टिक नहीं पातीं है । और दोस्तो आश्चर्य करने वाली बात यह है कि इस पहाड़ी पर प्रत्येक वर्ष बर्फ तो खूब गिरती हैं। लेकिन माता की मूर्ति पर कभी भी बर्फ टिक नहीं पातीं है। साथ ही दोस्तों  आश्चर्य करने वाली बात यह है कि इस प्राचीन मंदिर के उपर से ना तो पक्षी उड़ पाते हैं और नहीं कोई हैलीकॉप्टर या हवाई जहाज इस अलौकिक प्राचीन मंदिर के उपर से गुजर पाते हैं । दोस्तों आपको पता है यह रहस्य आज भी रहस्य बना हुआ हैं।










        दोस्तों प्राचीन लोककथाओं के अनुसार कहा जाता है कि अनादिकाल में  पुजनीय मार्कंडेय ऋषि ने यहां इस स्थल पर कई बरसों तक घोर तपस्या की थी। दोस्तों उनकी घोर तपस्या से प्रसन्न होकर यहां पर मां दुर्गा शक्ति रूप में विराजमान हुईं थीं।





















      दोस्तों कहा जाता है कि महाभारत काल में पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान इस स्थल पर मंदिर का निर्माण किया था। साथ ही घोर तपस्या कर मां दुर्गा को प्रसन्न कर कौरवों के खिलाफ युद्ध में जीत का आशीर्वाद प्राप्त किया था। 
                 धन्यवाद दोस्तों आज के लिए बस इतना ही।

       माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗








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  Hello friends, I warmly welcome all of you to the travel blog of Mountain Leopard Mahendra.  Friends, on today's journey, I am taking you guys on a trip to Mandi district of Himachal Pradesh, where we will see all the supernatural and miraculous Mata Shikari Devi temple.









 Mother's Ancient Shikari Devi Temple


 Himachal Pradesh Mandi


 Bharatvarsh





















 Friends, there is a supernatural and miraculous temple where the roof does not last, and even after heavy snowfall, the snow does not last.  Friends, as you all know that many ancient temples of Himachal Pradesh are still filled with miraculous powers.









 Friends, the mysterious things related to these ancient temples amaze and enchant every devotee.  Due to which thousands of devotees visit these ancient temples every year.









 Friends, one of these ancient temples is the temple of the ancient Shikari Devi.  Situated on the high mountains covered with snow near "Karsog" of Jo district Mandi, this ancient mother's temple has many miraculous powers inside itself.  And friends, this temple of Mata fulfills the wishes of all her devotees who come.



















 This ancient temple has supernatural powers inside itself.



 Friends, no person has been able to build a roof terrace on top of the Shikari Devi temple, situated on the top of a hill at a height of 2850 meters, because friends, even if a roof is installed in this ancient temple, that roof cannot stand.  And the surprising thing is that every year a lot of snow falls on this hill.  But the snow never stays on the idol of the mother.  Also, friends, the surprising thing is that neither birds can fly over this ancient temple nor any helicopter or airplane can pass over this supernatural ancient temple.  Friends, you know this secret remains a mystery even today.










 Friends, according to ancient folklore, it is said that in time immemorial, the revered Markandeya sage had done severe penance here for many years at this place.  Friends, being pleased with their severe penance, Mother Durga was seated here in the form of Shakti.









 Friends, it is said that in the Mahabharata period, the Pandavas built a temple at this site during their exile.  At the same time, after doing severe penance, pleased Maa Durga and received the blessings of victory in the war against the Kauravas.

 Thanks guys that's all for today.


 Mountain Leopard Mahendra🧗🧗















Mountain leopard Mahendra 🧗🧗













































Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...