Painting of a wonderful huge bird that used to fly with elephants too. It is estimated that at some point there used to be such huge birds which used to fly away with even a huge animal like elephant.
नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं । एक अद्भुत प्राचीन मंदिर की यात्रा पर जिसे पूरा विश्व मेंढक मंदिर के नाम से जाना जाता है जिसके पीठ पर विराजमान है प्राचीन शिव मंदिर। जो उत्तर प्रदेश के ओयल कस्बा , लखीमपुर- खीरी में मौजूद है।
मेंढक मंदिर
ओयल कस्बा- लखीमपुर-खीरी
उत्तर प्रदेश
भारतवर्ष
दोस्तों भारतवर्ष के उत्तर प्रदेश राज्य के लखीमपुर-खीरी के ओयल कस्बे में बने एक अनोखे प्राचीन मंदिर में भगवान शिव मेंढक के पीठ पर विराजमान हैं।दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि "मांडूक तंत्र" "विद्या" पर आधारित यह अद्भुत शिव मंदिर "मेंढक" मंदिर के नाम से भी विश्व प्रसिद्ध है।दोस्तों आपको जानकर यह भी आश्चर्य होगा कि यह भारत देश का इकलौता मेंढक मंदिर भी है।
दोस्तों इस प्राचीन शिव मंदिर की खास बात यह है कि यहां मौजूद नर्मदेश्वर महादेव का शिवलिंग अपना रंग बदलते रहता है।
दोस्तों अद्भुत रूप से मौजूद बाबा नंदी की मूर्ति खड़ी अवस्था में है जो पूरे भारतवर्ष में कहीं और नहीं देखने को मिलता है।
दोस्तों इतिहासकारों का मानना है कि यह प्राचीन मंदिर राजस्थानी स्थापत्य कला के आधार पर बनाया गया है। जो तांत्रिक "मांडूक" तंत्र पर आधारित है।दोस्तों आश्चर्यजनक रूप से मंदिर की बाहरी दीवारों पर शव साधना करती उत्कीर्ण मूर्तियां इसे तांत्रिक मंदिर ही सिद्ध करती है।
ऐतिहासिकता
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दोस्तों माना जाता है कि चहमान वंश के राजा बख्श सिंह ने इस अद्भुत मंदिर का निर्माण करवाया था। दोस्तों की किंवदंतियां है कि मंदिर की वास्तु परिकल्पना कपिला प्रदेश के एक महान तांत्रिक ने की थी।दोस्तों तंत्र बाद पर आधारित इस प्राचीन मंदिर की वास्तु संरचना अपनी विशेष शैली के कारण भक्त गणों का मन मोह लेती है।
दोस्तों इस प्राचीन मेंढक मंदिर में प्रत्येक वर्ष महाशिवरात्रि के साथ-साथ दीपावली पर भी भक्त एवं श्रद्धालुगण बड़ी संख्या में भगवान शिव के इस अनोखे रूप का दर्शन करने के लिए आते हैं।
दोस्तों यहां के ग्रामीणों का मानना है कि इन अफसरों पर यहां पूजा पाठ करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है एवं निसंतान दंपतियों को संतान की प्राप्ति होती है। भगवान शिव के इस अनोखे शिवलिंग की मात्र दर्शन से।
दोस्तों माना जाता है कि प्राचीन समय में मंदिर के ऊपर मौजूद छत्र भी सूर्य की रोशनी के साथ साथ घूमता था ।लेकिन दोस्तों अब वर्तमान समय में वह क्षतिग्रस्त हो गया है।दोस्तों इस प्राचीन मंदिर में एक अनोखा कुआं भी मौजूद है जिसका पानी हमेशा कुएं के तल पर मौजूद रहता है।
दोस्तों मंदिर के गर्भ गृह में मौजूद शिवलिंग बेहद खूबसूरत है जो संगमरमर के कसीकेदारी से बनी ऊंची शीला पर विराजमान है।
दोस्तों माना जाता है कि इस शिवलिंग को नर्मदा नदी से लाया गया था जिस कारण से यह पवित्र शिवलिंग भगवान नर्मदेश्वर के नाम से प्रसिद्ध है।
दोस्तों आज के लिए बस इतना ही।
धन्यवाद दोस्तों
माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗
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English translate
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Hello friends, I am Mountain Leopard Mahendra, warm greetings to all of you, friends, I am taking you on today's journey. On a visit to a wonderful ancient temple known as the entire world Frog Temple with the ancient Shiva temple on its back. Which is present in Oyal town of Uttar Pradesh, Lakhimpur-Kheeri.
Frog Temple
Oil town - Lakhimpur - Kheri
Uttar Pradesh
Bharatvarsh
Friends, Lord Shiva is seated on the back of a frog in a unique ancient temple built in the Oyal town of Lakhimpur-Khiri in the state of Uttar Pradesh, India. Friends, you will be surprised to know that this wonderful Shiva temple based on the "Vidya" of "Manduk Tantra" "Frog" It is also world famous by the name of the temple. Friends, you will also be surprised to know that it is also the only frog temple in India.
Friends, the special thing about this ancient Shiva temple is that the Shivling of Narmadeshwar Mahadev present here keeps changing its color.
Friends, the idol of Baba Nandi is in a standing position, which is not seen anywhere else in the whole of India.
Friends, historians believe that this ancient temple has been built on the basis of Rajasthani architecture. Which is based on the Tantric "Manduk" Tantra. Friends, surprisingly, the engraved sculptures on the outer walls of the temple doing body meditation prove it to be a Tantric temple.
historicity
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Friends, it is believed that Raja Bakhsh Singh of Chahman dynasty had built this wonderful temple. Friends have legends that the architectural concept of the temple was done by a great tantrik of Kapila region. Friends, the architectural structure of this ancient temple based on the Tantra, attracts the attention of the devotees due to its special style.
Friends, devotees and devotees in large numbers come to this ancient frog temple every year on Mahashivratri as well as on Diwali to see this unique form of Lord Shiva.
Friends, the villagers here believe that worshiping these officers here gives special results and childless couples get children. With the mere sight of this unique Shivling of Lord Shiva.
Friends, it is believed that in ancient times the umbrella above the temple also used to rotate along with the sunlight. But friends, now it has been damaged in the present time. Friends, there is also a unique well in this ancient temple whose water is always well. is present at the bottom.
Friends, the Shivling present in the sanctum sanctorum of the temple is very beautiful, which is seated on a high rock made of marble.
Friends, it is believed that this Shivling was brought from the river Narmada, due to which this holy Shivling is famous as Lord Narmadeshwar.
Friends, that's all for today.
thanks guys
Mountain Leopard Mahendra🧗🧗
Mountain Leopard Mahendra 🧗🧗