Friday, July 2, 2021

एक यात्रा अद्भुत अलौकिक तैरने वाले पत्थरों से बना रामप्पा मंदिर , आज तक इस रहस्य से पर्दा नहीं उठ पाया है कि इन पत्थरों को मंदिर के निर्माण के लिए लाया कहां से गया था।- वारंगल , तेलंगाना राज्य भारत.A visit to the amazing Ramappa temple made of supernatural floating stones, till date the mystery has not been uncovered as to where these stones were brought to build the temple. - Warangal, Telangana State India.

Ek yatra khajane ki khoje
























  नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। दोस्तों आज आप सभी लोगों को लेकर चल रहा हूं प्राचीन रामप्पा मंदिर की यात्रा पर जो तेलंगाना के वारंगल में स्थित है। दोस्त हो या प्राचीन मंदिर अपने अद्भुत बनावट के लिए विश्व प्रसिद्ध है दोस्तों आइए जानते हैं इस मंदिर की इतिहास को।






             रामप्पा मंदिर
 
          वारंगल -  तेलंगाना

                भारतवर्ष

 दोस्तों इस प्राचीन मंदिर का आश्चर्यचकित करने वाला तथ्य यह है कि यह मंदिर तैरने वाले अद्भुत पत्थरों से बना हुआ है। दोस्तों खास बात यह है कि पूरे भारतवर्ष में इस पत्थर के बारे में कहीं कोई जानकारी नहीं मिलती है। दोस्तों आज तक वैज्ञानिकों एवं खुश कर्ताओं को समझ में नहीं आया है कि इन अद्भुत पत्रों को लाया कहां से गया था इस मंदिर के निर्माण के लिए। दोस्तो वैज्ञानिक व पुरातत्व विभाग वाले आज भी शोध कार्य में लगे हुए हैं कि ये पत्थर लाए कहां गए थे  इस अद्भुत मंदिर के निर्माण के लिए।

              दोस्तों माना जाता है कि भारत का यह प्राचीन मंदिर 800 वर्ष पुराना है लेकिन दोस्तों मेरा मानना है कि यह मंदिर कई हजार वर्ष पुराना हो सकता है।

           दोस्तों आपको तो पता ही होगा कि भारतवर्ष में मंदिरों को आस्था का केंद्र माना जाता है। अतः दोस्तों हमारे देश भारत में ऐसे कई मंदिर हैं जो काफी अलौकिक और रहस्यमई है। दोस्तों आज हम आपको ऐसे ही एक प्राचीन मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो तेलंगाना के वारंगल में स्थित है ।दोस्तों माना जाता है कि इस अद्भुत मंदिर को तैरने वाले अद्भुत पत्थरों से बनाया गया है। दोस्तों खास बात यह है कि इस प्रकार के पत्थर ना तो आज तक देखे गए हैं और ना कहीं पाए गए हैं।












🧗  भगवान शिव को समर्पित है मंदिर 🧗

 दोस्तों तेलंगाना के वारंगल में स्थित प्राचीन रामप्पा  मंदिर भगवान शिव को समर्पित है दोस्तों आपको आश्चर्य होगा कि इस मंदिर का नाम इस प्राचीन मंदिर को बनाने वाले शिल्पकार रामप्पा के नाम पर ही रखा गया था।दोस्तों ऐतिहासिक दस्तावेजों से पता चलता है कि 12 वीं सदी में बने इस मंदिर का निर्माण "काकतिया" वंश के महाराजा ने करवाया था।










🧗  प्राकृतिक आपदाएं झेलने के बाद भी मजबूत स्थिति में है मंदिर। 🧗

  दोस्तों आप लोगों को आश्चर्य होगा कि इस दौर में बने भारतवर्ष के ज्यादातर मंदिर अब खंडहरों में बदल चुके हैं।लेकिन दोस्तों लगातार कई प्राकृतिक आपदाएं झेलने के बाद भी इस अलौकिक और प्रसिद्ध रामप्पा  का मंदिर को कोई खास ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है।

 दोस्तों शिवरात्रि के दौरान इस प्राचीन शिवालय मंदिर में भक्तों गणों की काफी भीड़ लगती है।

 🧗 काकतीय वंश के राजा ने बनवाया इस अद्भुत और प्राचीन मंदिर को। 🧗
 दोस्तों तेलंगाना के काकतिया  वंश के महाराजा गणपति देवा ने सन 1213 ईसवी में इस मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करवाया था। दोस्तों माना जाता है कि मंदिर के शिल्पकार रामप्पा के काम को देखकर महाराजा गणपति देवा काफी प्रसन्न हुए थे और फिर महाराजा ने इस मंदिर का नाम शिल्पकार रामप्पा के नाम पर ही रख दिया था।












🧗 मंदिर का पूरा निर्माण 40 वर्ष में पूरा हुआ था ।🧗
 दोस्तों रामप्पा  मंदिर बनाने में 40 वर्षों का समय लगा था।दोस्तों अद्भुत रूप से 6 फीट ऊंचे प्लेटफार्म पर बने इस मंदिर की दीवारों पर पवित्र ग्रंथों महाभारत और रामायण के दृश्य उकेरे गए हैं। दोस्तों रामप्पा मंदिर में भगवान शिव के वाहन नंदी की एक मूर्ति स्थापित है। जिसके ऊंचाई 9 फीट है।














 🧗 पुरातात्विक शोध कार्य 🧗

 दोस्तों रामप्पा  मंदिर के न टूटने की बात जब भारतीय पुरातत्व विभाग वालों को पता चली तो उन्होंने इस प्राचीन मंदिर की गहन जांच-पड़ताल की।लेकिन दोस्तों पुरातत्विक वैज्ञानिकों को काफी कोशिश करने के बाद भी मंदिर की मजबूती का कारण पता लगाने में कामयाब नहीं हो पाए।
















🧗 तैरने वाले पत्थरों से बना है यह अद्भुत मंदिर 🧗
 दोस्तों काफी शोध करने के बाद जब पुरातत्व वैज्ञानिकों ने मंदिर के पत्थर को काटा तब पता चला कि या पत्थर वजन में काफी हल्के हैं।दोस्तों जब उन्होंने पत्थर के टुकड़े को पानी में डाला तब वह टुकड़ा पानी में तैरने लगा। दोस्तों पानी में तैरते पत्थर को देखकर रामप्पा का मंदिर की मजबूती का राज पता चल पाया था।


🧗 आज तक पता नहीं चल पाया कि पत्थरों को लाया कहां से गया।🧗
 दोस्तों भारतवर्ष के कई पुराने मंदिर पत्थरों के वजन के कारण समय के साथ खंडहरों में तब्दील हो चुके हैं लेकिन दोस्तों रामप्पा मंदिर के अपने पत्थरों के कम वजन होने के कारण आज भी काफी मजबूत स्थिति में है। लेकिन दोस्तों वैज्ञानिक रामप्पा मंदिर में लगे हल्के पत्थरों के रहस्य के बारे में पता नहीं कर पाए हैं कि इन पत्थरों को लाया कहां से गया था।





 दोस्तों आज के लिए बस इतना ही।

        धन्यवाद दोस्तों

 माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗

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      English translate
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 Hello friends, I am Mountain Leopard Mahendra, warm greetings to all of you.  Friends, today I am taking you all on a visit to the ancient Ramappa temple which is located in Warangal, Telangana.  Friends or ancient temple is world famous for its amazing structure, friends, let's know the history of this temple.







 Ramappa Temple



 Warangal - Telangana


 Bharatvarsh


 Friends, the surprising fact of this ancient temple is that this temple is made of amazing floating stones.  Friends, the special thing is that there is no information about this stone anywhere in the whole of India.  Friends, till date scientists and happy doers have not understood from where these wonderful letters were brought for the construction of this temple.  Friends, scientists and archeology department are still engaged in research work that where were these stones brought, for the construction of this wonderful temple.


 Friends, it is believed that this ancient temple of India is 800 years old, but friends, I believe that this temple can be several thousand years old.


 Friends, you must know that temples are considered to be the center of faith in India.  So friends, there are many such temples in our country India which are quite supernatural and mysterious.  Friends, today we are going to tell you about one such ancient temple which is located in Warangal, Telangana. Friends, it is believed that this wonderful temple has been built with amazing floating stones.  Friends, the special thing is that this type of stone has neither been seen nor found anywhere.















 🧗The temple is dedicated to Lord Shiva.🧗


 Friends, the ancient Ramappa temple located in Warangal, Telangana is dedicated to Lord Shiva. Friends, you will be surprised that this temple was named after Ramappa, the architect who built this ancient temple. Friends, historical documents show that 12th century  This temple was built by the Maharaja of "Kakatia" dynasty.














🧗 The temple is in a strong position even after facing natural calamities.  🧗


 Friends, you will be surprised that most of the temples of India built in this period have now turned into ruins.


 Friends, during Shivratri, there is a lot of crowd of devotees in this ancient pagoda temple.


 🧗This wonderful and ancient temple was built by the king of Kakatiya dynasty.  🧗

 Friends, Maharaja Ganapati Deva of Kakatiyal dynasty of Telangana started the construction work of this temple in 1213 AD.  Friends, it is believed that Maharaja Ganapati Deva was very pleased to see the work of Ramappa, the architect of the temple, and then the Maharaja named this temple after the craftsman Ramappa.















🧗 The entire construction of the temple was completed in 40 years.🧗

 Friends, it took 40 years to build the Ramappa temple. Friends, wonderfully built on a platform 6 feet high, the walls of this temple are carved with scenes from the holy texts Mahabharata and Ramayana.  Friends, an idol of Nandi, the vehicle of Lord Shiva, is installed in the Ramappa temple.  Whose height is 9 feet.













🧗 Archaeological Research Work🧗


 Friends, when the Archaeological Department of India came to know that the Ramappa temple was not broken, they did a thorough investigation of this ancient temple.  Get it



 🧗This wonderful temple is made of floating stones.🧗

 Friends, after doing a lot of research, when archaeologists cut the stone of the temple, it was found that the stone is very light in weight.  Friends, seeing the stone floating in the water, Ramappa's secret of the strength of the temple was known.





🧗 Till today it is not known from where the stones were brought.🧗

 Friends, many old temples of India have turned into ruins over time due to the weight of the stones, but friends Ramappa temple is still in a very strong position due to the low weight of its stones.  But friends scientists have not been able to find out about the mystery of the light stones in the Ramappa temple, from where these stones were brought.






 Friends, that's all for today.


 thanks guys


 Mountain Leopard Mahendra 🧗🧗

















Friday, June 25, 2021

एक यात्रा भारत के अंतिम गांव माणा की अद्भुत अलौकिक यहीं पर महर्षि व्यास जी ने भगवान गणेश जी की मदद से पवित्र वेद पुराण और महाभारत ग्रंथ की रचना की थी।- ग्राम माणा जिला चमोली उत्तराखंड भारतA Journey to the last village of Mana, the wonderful supernatural being of the last village of India. It is here that Maharishi Vyas ji, with the help of Lord Ganesha, composed the holy Vedas, Puranas and Mahabharata texts. - Village Mana District Chamoli Uttarakhand India.

Ek yatra khajane ki khoje






















  नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं।दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आपको लेकर चल रहा हूं एक ऐसे अद्भुत अलौकिक गांव की यात्रा पर जो भारत का अंतिम गांव है जी हां दोस्तों आपने सही सुना आज की यात्रा पर हम चल रहे हैं भारत के अंतिम गांव माणा की यात्रा पर।जो अपने नैसर्गिक खूबसूरती से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है जहां कभी महर्षि व्यास जी ने भगवान गणेश जी की मदद से पवित्र वेद और पुराण एवं महाभारत ग्रंथ की रचना की थी।








 भारत का आखिरी गांव -माणा

      जिला - चमोली उत्तराखंड

               भारतवर्ष




  दोस्तों भारत का आखिरी गांव माणा बद्रीनाथ धाम से 3 किलोमीटर ऊंचाई पर बसा हुआ है मान समुद्र तल से 19000 फुट की ऊंचाई पर
 अवस्थित है दोस्तों यह गांव भारत और तिब्बत की सीमा से लगा हुआ है दोस्तों माणा गांव अपनी सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ कई अन्य कारणों की वजह से भी मशहूर है।  
                दोस्तों उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित ग्राम माणा बद्रीनाथ से 4 किलोमीटर दूर स्थित है।

  दोस्तों मान्यता है कि इस गांव को मिला हुआ है भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद।
















   दोस्तों मान्यता है कि अगर आप गरीबी से पीछा छुड़ाना चाहते हैंं तो इस पवित्र स्थान पर जरूर आएं।

      दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस गांव का नाता महाभारत काल से भी जुड़ा हुआ है।दोस्तों यहां यह भी कहानी प्रचलित है कि इसी गांव से होते हुए पांडव स्वर्ग को गए थे।















🏔️ दोस्तों क्या आप जानते हैं भारत के आखिरी ग्राम माणा से जुड़ी अद्भुत पांच बातें🏔️

 1.  दोस्तों माणा गांव का पौराणिक नाम मणिभद्र है।
              दोस्तों यही पर अलकनंदा और सरस्वती नदी का संगम होता है।

 2. दोस्तों  आखिरी गांव माणा में ही सरस्वती नदी पर भीम पुल मौजूद है।
               दोस्तों कहां जाता है कि जब महाभारत काल में पांडव स्वर्ग जा रहे थे। तब उन्होंने सरस्वती नदी से आगे जाने के लिए रास्ता मांगा था।लेकिन दोस्तों जब सरस्वती नदी ने रास्ता देने से मना कर दिया। तब दोस्तों भीम ने दो बड़ी-बड़ी शिलाओं को उठाकर इसके ऊपर रख दी थी। जिससे पुल का निर्माण हुआ था।
                      दोस्तों कहते हैं कि इसी पुल से होते हुए पांडव स्वर्ग गए थे दोस्तों आज भी भीम पुल मौजूद है।

 3.  दोस्तों कहां जाता है कि जब भगवान गणेश यहां पवित्र वेद लिख रहे थे ।तो सरस्वती नदी की तेज कल कल ध्वनि पर गणेश जी ने उनसे शोर कम करने के लिए कहा था ।लेकिन दोस्तों सरस्वती जी के नहीं रुकने पर उन्होंने रुष्ट होकर सरस्वती नदी को श्राप दे दिया कि आज के बाद  यहां से आगे किसी को नहीं दिखोगी ।
             और दोस्तों सच में जब आप इस स्थल पर सरस्वती नदी को देखोगे तो आपको समझ में नहीं आएगा कि सरस्वती नदी की तेज धारा आगे जहां कर कहां पर गुम हो जा रही है।

 4. दोस्तों पौराणिक कथाओं से पता चलता है कि माणा स्थित व्यास गुफा में ही महर्षि वेदव्यास ने पवित्र वेद पुराण और महाभारत की रचना की और भगवान गणेश जी उनके लेखक बने थे। दोस्तों ऐसी मान्यता है कि व्यास जी इसी गुफा में रहते थे। दोस्तों वर्तमान में इस गुफा में महर्षि व्यास जी का मंदिर बना हुआ है।

 5.  दोस्तों माणा गांव से 5 किलोमीटर आगे वसुंधरा झरना मौजूद है।दोस्तों अद्भुत रूप से 400 फीट की ऊंचाई से गिरता इस जलप्रपात का पानी अद्भुत रूप से मोतियों की बौछार करता हुआ सा प्रतीत होता है।
                          दोस्तों ऐसा कहा जाता है कि इस झरने की पानी की बूंदे पापियों के शरीर पर नहीं पड़ती है।
















 माता बाला त्रिपुरा सुंदरी की प्राचीन मंदिर
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दोस्तों माणा गांव में काफी पुराने समय से एक मंदिर मौजूद है। यह मंदिर गांव में रहने वाले रावत जाति के लोगों का माना जाता है यह मंदिर माता बाला त्रिपुरा सुंदरी को समर्पित है।















 दोस्तों माणा गांव में घूमने जाने का सबसे अच्छा समय मई से अक्टूबर के बीच है। इस दौरान यहां प्रत्येक वर्ष बड़ी संख्या में यात्री आते हैं क्योंकि दोस्तों आमतौर पर इन्हीं दिनों बद्रीनाथ धाम के कपाट भी खुलते हैं। दोस्तों भारत और चीन की सीमा पर स्थित इस गांव में अनोखे नजारे देखने को मिलते हैं। जो आपके मन को मोह लेगा।








          धन्यवाद दोस्तों

 माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗
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     English translate
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 Hello friends, I am Mountain Leopard Mahendra, warm greetings to all of you. Friends, on today's journey, I am taking you on the journey of such a wonderful supernatural village which is the last village of India. Yes, friends, you heard it right.  We are going on the journey of Mana, the last village of India. Which attracts tourists with its natural beauty, where once Maharishi Vyas ji with the help of Lord Ganesha composed the holy Vedas and Puranas and Mahabharata texts.















 India's last village - Mana


 District - Chamoli Uttarakhand


 Bharatvarsh







 Friends, the last village of India, Mana is situated at an altitude of 3 km from Badrinath Dham, at an altitude of 19000 feet above sea level.

 Friends, this village is located on the border of India and Tibet. Friends, Mana village is famous for its cultural heritage as well as many other reasons.

 Friends, village Mana located in Chamoli district of Uttarakhand is located 4 kilometers away from Badrinath.


 Friends, it is believed that this village has got the special blessings of Lord Shiva.














 Friends, it is believed that if you want to get rid of poverty, then definitely come to this holy place.


 Friends, you will be surprised to know that the connection of this village is also associated with Mahabharata period. Friends, the story is also prevalent here that the Pandavas went to heaven through this village.















 ️  Friends, do you know five wonderful things related to Mana, the last village of India.


 1. Friends, the mythological name of Mana village is Manibhadra.

 Friends, this is where the Alaknanda and Saraswati rivers meet.







 2. Friends, in the last village Mana itself, there is a Bhima bridge on the Saraswati river.

 Where does friends go that when the Pandavas were going to heaven during the Mahabharata period.  Then he had asked for a way to go beyond the Saraswati river. But friends, when the Saraswati river refused to give way.  Then friends Bhima picked up two big rocks and placed them on top of it.  From which the bridge was built.

 Friends say that the Pandavas went to heaven through this bridge, friends even today Bhim bridge exists.






 3. Where does friends go that when Lord Ganesha was writing the holy Vedas here. So on the strong sound of river Saraswati yesterday, Ganesh ji asked him to reduce the noise. But friends, Saraswati ji got angry when Saraswati ji did not stop.  Cursed the river that from today onwards no one will be seen from here.

 And friends, really when you see the Saraswati river at this place, then you will not understand that where is the fast stream of Saraswati river going ahead.






 4. Friends Mythology reveals that Maharishi Ved Vyas composed the holy Vedas Purana and Mahabharata in the Vyas cave located in Mana and Lord Ganesha became their author.  Friends, it is believed that Vyas ji used to live in this cave.  Friends, at present there is a temple of Maharishi Vyas ji in this cave.







 5.  Friends, 5 kilometers ahead of Mana village, Vasundhara Waterfall is present. Friends, the water of this waterfall, falling wonderfully from a height of 400 feet, looks like a shower of pearls.

 Friends, it is said that the water drop of this spring does not fall on the body of sinners.














 Ancient Temple of Mata Bala Tripura Sundari

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 Friends, a temple has existed in Mana village for a long time.  This temple is believed to be of Rawat caste people living in the village. This temple is dedicated to Mata Bala Tripura Sundari.









 Friends, the best time to visit Mana village is from May to October.  During this, a large number of travelers come here every year because friends usually open the doors of Badrinath Dham on these days.  Friends, unique views are seen in this village situated on the border of India and China.  which will captivate your mind.








 thanks guys


 Mountain Leopard               Mahendra 🧗🧗



















   Mountain Leopard               
      Mahendra 🧗🧗



















              
         





Ek yatra khajane ki khoje me

एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग

          ( एक यात्रा माउंटेन लेपर्ड महेन्द्रा के संग )                          www.AdventurSport.com सभी फोटो झारखणड़ के...