नमस्कार दोस्तों मैं माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा आप सभी लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं दोस्तों आज की यात्रा पर मैं आप सभी लोगों को लेकर चल रहा हूं एक बहुत ही अद्भुत और अकल्पनीय अलौकिक नदी की यात्रा पर जहां मौजूद है हजारों पवित्र शिवलिंग और साथ ही साथ भगवान शिव के शिवगण । जिन्हें नदी में मौजूद पत्थरों पर बनाया गया है।। आइए दोस्तों चलते हैं पवित्र नदी की ओर ।
दोस्तों आपको जानकर आश्चर्य होगा कि कर्नाटक में मौजूद एक छोटा से नगर सिरसी हैं जो अपने एक अद्भुत नदी शलमाला के कारण देश-विदेश में काफी प्रसिद्ध हैं क्योंकि इस नदी में भगवान शिव के प्रतिरूप शिवलिंग हजारों की संख्या में मौजूद हैं । दोस्तों आश्चर्य की बात है कि ये सभी शिवलिंग नदी के बीच में मौजूद चट्टानों पर ही बने हैं । इतना ही नहीं दोस्तों नदी में मौजूद चट्टानों पर शिवलिंगों के साथ साथ नंदी , नागराज आदि भगवान् शिव से संबंधित चिन्हों की भी आकृतियां बनी हुई है । दोस्तों इन शिवलिंगों के हजारों की संख्या में मौजूद होने की वजह से इस स्थान का नाम सहस्रलिंगम भी है ।
दोस्तों कहते हैं कि नदी स्वयं करतीं हैं भगवान शिव को जलाभिषेक , दोस्तों इस कारण से नदी को बहुत ही पवित्र माना जाता है जिसका एक कारण तो यहां भारी संख्या में शिवलिंग का मौजूद होना तो है ही साथ ही साथ चट्टानों के नदी के बीच में होने के कारण नदी स्वयं ही इन शिवलिंगों का जलाभिषेक करतीं हैं जिस कारण से नदी को बहुत ही पवित्र माना जाता है । दोस्तों यही कारण है कि सावन के महीने में दूर दूर से हजारों श्रद्धालु यहां इन शिवलिंगों का दर्शन और पूजा करने के लिए आते हैं।
दोस्तों साहित्यिक दस्तावेजों में वर्णित हैं कि 16 वीं सदी में सदाशिवाराय नाम के एक महा शिव भक्त सम्राट हुआं करते थे । माना जाता है कि वे अपने आराध्य भगवान शिव के लिए कुछ अद्भुत करना चाहते थे इसलिए उन्होंने शलमाला नदी के बीच में भगवान शिव और उनके प्रिय शिव गणों की हजारों आकृतियां निर्मित करवा दी थी।
दोस्तों इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए शिव भक्तो को नवंबर से मार्च के महीने में यहां आना चाहिए , क्योंकि इन दो महीनों में जाना सबसे उत्तम माना जाता है। दोस्तों वैसे तो इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए प्रत्येक दिन यहां अनेकों शिव भक्तो का आना-जाना लगा रहता है लेकिन दोस्तों शिवरात्रि व श्रावणमास के सोमवार को यहां भक्तगण विशेष रूप से आते हैं । दोस्तों स्थानीय लोगों का मानना है कि सहस्र लिंगम के दर्शन मात्र से भक्तों के सभी दुखों का निवारण हो जाता है।
धन्यवाद दोस्तों
माउंटेन लैपर्ड महेंद्रा 🧗🧗
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English translate
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Hello friends I heartily greet all of you mountain leopard Mahendra Friends, on today's journey I am taking all of you on a journey of a very amazing and unimaginable supernatural river where thousands of holy Shivalingas exist as well as God Shiva of Shiva. Which are built on the stones present in the river. Let's go to the holy river, friends.
Friends, you will be surprised to know that Sirsi is a small town present in Karnataka which is quite famous in the country and abroad due to its amazing river Shalmala, because this river has thousands of Shivalingas, replicants of Lord Shiva. Surprising friends, all these are built on the rocks in the middle of the Shivalinga river. Not only this, along with the Shivling on the rocks present in the river friends, the figures of Nandi, Nagaraja etc. related to Lord Shiva also remain. Friends, this place is also named Sahasralingam due to the presence of thousands of these Shivlingas.
Friends say that the river itself performs Lord Shiva's Jalabhishek, friends, because of this reason the river is considered very sacred, one of the reasons is that there is a large number of Shivling present here as well as rocks being in the middle of the river. Due to this, the river itself performs these Shivalingas for water, due to which the river is considered very sacred. Friends, this is the reason that thousands of devotees from far and wide come here to visit and worship these Shivalingas during the month of Sawan.
Friends are mentioned in literary documents that in the 16th century a great Shiva devotee named Sadasivaraya used to be the emperor. It is believed that he wanted to do something amazing for his adorable Lord Shiva, so he had built thousands of figures of Lord Shiva and his beloved Shiva Ganas in the middle of the Shalmala River.
Friends, to see this amazing view, Shiva devotees should come here in the month of November to March, because it is considered best to go in these two months. Friends, to see this amazing view, many Shiva devotees visit here every day, but the devotees especially come here on the Monday of Shivaratri and Shravanmas. Friends local people believe that the mere sight of Sahasra Lingam relieves all the sufferings of the devotees.
Thanks guys
Mountain Leopard Mahendra 🧗🧗